माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और यह हिंदू धर्म का एक पवित्र स्थान है ।
मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव को आपके साथ साझा करने जा रहा हूं और आशा करता हूं कि यह आपकी पवित्र स्थान पर अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद करेगा।
माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू एवं कश्मीर में हिमालय के त्रिकुट पहाड़ियों में स्थित है। माता वैष्णो देवी भवन के नजदीक में सबसे नज़दीकी शहर कटरा है और जम्मू और कश्मीर राज्य के रियासी जिले के अंतर्गत आते हैं।
आप को कटरा होकर ही माता वैष्णो देवी के दरबार जाना पड़ेगा ! यह शहर माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेस कैंप माना जाता है !
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Maa Vaishno Devi Chalisa: गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम,पढ़ें मां वैष्णो देवी की चालीसाMaa Vaishno Devi Chalisa: माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा सबसे पवित्र लेकिन कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक है। ऐसे में अगर आप किसी कारणवश वैष्णो देवी के धाम नहीं जा पा रहे हैं
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( #Muktibodh_part224 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part225
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 430-431
◆ धर्मदास जी को कबीर परमेश्वर जी ने धामों की रचना की जानकारी दी :-
”पवित्र तीर्थ तथा धाम की जानकारी“
किसी साधक ऋषि जी ने किसी स्थान या जलाशय पर बैठ कर साधना की या अपनी आध्यात्मिक शक्ति का प्रदर्शन किया। वह अपनी भक्ति कमाई करके साथ ले गया तथा अपने ईष्ट लोक को प्राप्त हुआ। उस साधना स्थल का बाद में तीर्थ या धाम नाम पड़ा। अब कोई उस स्थान को देखने जाए कि यहां कोई साधक रहा करता था। उसने बहुतों का कल्याण किया। अब न तो वहाँ संत जी है, जो उपदेश दे। वह तो अपनी कमाई करके चला गया।
विचार करें :- कृपया तीर्थ व धाम को हमाम दस्ता जानें। (एक डेढ़ फुट का लोहे का गोल पात्र लगभग नौ इंच परिधि का उखल जैसा होता है तथा डेढ़ फुट लम्बा तथा दो इन्च परिधि का गोल लोहे का डंडा-सा मूसल जैसा होता है जो सामग्री व दवाईंयां आदि कूटने के काम आता है, उसे हमाम दस्ता कहते हैं।) एक व्यक्ति अपने पड़ौसी का हमाम दस्ता मांग कर लाया। उसने हवन की सामग्री कूटी तथा मांज धोयकर लौटा दिया। जिस कमरे में हमाम दस्ता रखा था उस कमरे में सुगंध आने लगी। घर के सदस्यों ने देखा कि यह सुगन्ध कहां से आ रही है तो पता चला कि हमाम दस्ते से आ रही है। वे समझ गए कि पड़ौसी ले गया था, उसने कोई सुगंध युक्त वस्तु कूटी है। कुछ दिन बाद वह सुगंध भी आनी बंद हो गई।
इसी प्रकार तीर्थ व धाम को एक हमाम दस्ता जानों। जैसे सामग्री कूटने वाले ने
अपनी सर्व वस्तु पोंछ कर रख ली। खाली हमाम दस्ता लौटा दिया। अब कोई उस हमोम दस्ते को सूंघकर ही कृत्यार्थ माने तो नादानी है। उसको भी सामग्री लानी पड़ेगी, तब पूर्ण लाभ होगा।
ठीक इसी प्रकार किसी धाम व तीर्थ पर रहने वाला पवित्र आत्मा तो राम नाम की सामग्री कूट कर झाड़-पौंछ कर अपनी सर्व कमाई को साथ ले गया। बाद में अनजान श्रद्धालु, उस स्थान पर जाने मात्रा से कल्याण समझें तो उनके मार्ग दर्शकों (गुरुओं) की
शास्त्रा विधि रहित बताई साधना का ही परिणाम है। उस महान आत्मा सन्त की तरह प्रभु साधना करने से ही कल्याण सम्भव है। उसके लिए तत्त्वदर्शी संत की खोज करके उससे
उपदेश लेकर आजीवन भक्ति करके मोक्ष प्राप्त करना चाहिए। शास्त्र विधि अनुकूल सत साधना मुझ दास के पास उपलब्ध है कृपया निःशुल्क प्राप्त करें।
”श्री अमरनाथ धाम की स्थापना कैसे हुई?“
भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को एकांत स्थान पर उपेदश दिया था जिस कारण से माता पार्वती जी इतनी मुक्त हो गई कि जब तक प्रभु शिव जी (तमोगुण) की मृत्यु नहीं होगी, तब तक उमा जी की भी मृत्यु नहीं होगी। सात ब्रह्मा जी (रजोगुण) की मृत्यु के
उपरान्त भगवान विष्णु (सतोगुण) की मृत्यु होगी। सात विष्णु जी की मृत्यु के पश्चात् शिवजी की मृत्यु होगी। तब माता पार्वती जी भी मृत्यु को प्राप्त होगी, पूर्ण मोक्ष नहीं हुआ। फिर भी
जितना लाभ पार्वती जी को हुआ वह भी अधिकारी से उपदेश मंत्रा ले कर हुआ। बाद में श्रद्धालुओं ने उस स्थान की याद बनाए रखने के लिए उसको सुरक्षित रखा तथा दर्शक जाने लगे।
जैसे यह दास (सन्त रामपाल) स्थान-स्थान पर जा कर सत्संग करता है। वहाँ पर खीर व हलवा भी बनाया जाता है। जो भक्तात्मा उपदेश प्राप्त कर लेता है, उसका कल्याण् हो जाता है। सत्संग समापन के उपरान्त सर्व टैंट आदि उखाड़ कर दूसरे स्थान पर सत्संग के लिए चले गये, पूर्व स्थान पर केवल मिट्टी या ईंटों की बनाई भट्ठी व चूल्हे शेष छोड़ दिए। फिर कोई उसी शहर के व्यक्ति से कहे कि आओ आपको वह स्थान दिखा कर लाता
हूँ, जहां संत रामपाल दास जी का सत्संग हुआ था, खीर बनाई थी। बाद में उन भट्ठियों को देखने जाने वाले को न तो खीर मिले, न ही सत्संग के अमृत वचन सुनने को मिले, न ही उपदेश प्राप्त हो सकता जिससे कल्याण हो सके। उसके लिए संत ही खोजना पड़ेगा, जहां सत्संग चल रहा हो, वहाँ पर सर्व कार्य सिद्ध होंगे। ठीक इसी प्रकार तीर्थों व धामों पर जाना तो उस यादगार स्थान रूपी भट्ठी को देखना मात्रा ही है। यह पवित्र गीता जी में
वर्णित न होने से शास्त्र विरूद्ध हुई। जिससे कोई लाभ नहीं।(प्रमाण पवित्र गीता अध्याय 16 मंत्र 23-,24)
तत्वज्ञानहीन सन्तों व महंतों तथा आचार्यों द्वारा भ्रमित श्रद्धालु तीर्थों व धामों पर आत्म कल्याणार्थ जाते हैं। श्री अमरनाथ जी की यात्रा पर गए श्रद्धालु तीन-चार बार बर्फानी
तुफान में दब कर मृत्यु को प्राप्त हुए। प्रत्येक बार मरने वालों की संख्या हजारों होती थी।
विचारणीय विषय है कि यदि श्री अमरनाथ जी के दर्शन व पूजा लाभदायक होती तो क्या भगवान शिव उन श्रद्धालुओं की रक्षा नहीं करते? अर्थात् प्रभु शिव जी भी शास्त्रा विरूद्ध
साधना से अप्रसन्न हैं।
‘‘वैष्णो देवी के मन्दिर की स्थापना कैसे हुई?’’
जब सती जी (उमा देवी) अपने पिता राजा दक्ष के हवन कुण्ड में छलांग लगाने से जलकर मृत्यु को प्राप्त हुई। भगवान शिव जी उसकी अस्थियों के कंकाल को मोहवश सती जी (पार्वती जी) जान कर दस हजार वर्ष तक कंधे पर लिए पागलों की तरह घूमते रहे।
भगवान विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से सती जी के कंकाल को छिन्न-भिन्न कर दिया। जहां धड़ गिरा वहाँ पर उसको जमीन में गाढ़ दिया गया। इस धार्मिक घटना की याद बनाए रखने के लिए उसके ऊपर एक मन्दिर जैसी यादगार बना दी कि कहीं आने वाले समय
में कोई यह न कह दे कि पुराण में गलत लिखा है। उस मन्दिर में एक स्त्री का चित्र रख दिया उसे वैष्णो देवी कहने लगे। उसकी देख-रेख व श्रद्धालु दर्शकों को उस स्थान की कहानी बताने के लिए एक नेक व्यक्ति नियुक्त किया गया। उसको अन्य धार्मिक व्यक्ति कुछ वेतन देते थे। बाद में उसके वंशजों ने उस पर भेंट (दान) लेना प्रारम्भ कर दिया तथा कहने लगे कि एक व्यक्ति का व्यापार ठप्प हो गया था, माता के सौ रूपये संकल्प किए, एक नारियल चढ़ाया। वह बहुत धनवान हो गया। एक निःसन्तान दम्पति था, उसने माता के दो सौ रूपए, एक साड़ी, एक सोने का गले का हार चढ़ाने का संकल्प किया। उसको पुत्रा प्राप्त हो गया।
इस प्रकार भोली आत्माएँ इन दन्त कथाओं पर आधारित होकर अपनी पवित्र गीता जी तथा पवित्र वेदों को भूल गए, जिसमें वह सर्व साधनाएं शास्त्र विधि रहित लिखी हैं। जिसके कारण न कोई सुख होता है, न कोई कार्य सिद्ध होता है, न ही परम गति अर्थात मुक्ति होती है। (प्रमाण पवित्र गीता अध्याय 16 मंत्र 23-24)। इसी प्रकार जहां देवी की आँखे गिरी वहाँ नैना देवी का मन्दिर व जहां जिह्ना गिरी वहाँ श्री ज्वाला जी के मन्दिर तथा
जहां धड़ गिरा वहाँ वैष्णो देवी के मन्दिर की स्थापना हुई।
(अब आगे अगले भाग में)
क्रमशः_______________
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपन��� जीवन सफल बनाएं।
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Jamshedpur rural kalash yatra : भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ उल्दा वैष्णो देवी मंदिर का स्थापना दिवस समारोह, 9 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान को लेकर तीन हजार महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
गालूडीह : गालूडीह थाना क्षेत्र के उल्दा में राष्ट्रीय उच्च पथ 33 के किनारे स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में तृतीय स्थापना दिवस पर शनिवार को 9 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान आरंभ हुआ. इस अवसर पर आंचलिक मैदान से करीब तीन हजार महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली, जो एनएच से गुजरते हुए मंदिर परिसर पहुंचकर पूरी हुई. इस दौरान एनएच 33 पर लंबी कतार लगी रही, यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयघोष…
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वैष्णो देवी यात्रा मेरे अपने निजी अनुभव के साथ – Vaishno Devi Yatra travel Guide Blog in Hindi
वैष्णो देवी मंदिर के बारे में - About Vaishno devi yatra in Hindi
“Vaishno devi yatra” वैष्णो देवी मंदिर त्रिकुटा पहाड़ियों की गोद में जम्मू और कश्मीर के पास कटरा में स्थित है। जम्मू से कटरा की दूरी 43 किलोमीटर की है। वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा कटरा से शुरू होती है। कटरा को माता वैष्णो देवी का बेस कैंप भी कहा जाता है। श्री माता वैष्णो देवी जी को सबसे पवित्र तीर्थों में से एक माना जाता है।
Mata Vaishno devi yatra के लिए हर साल लाखों तीर्थयात्री आते हैं और अब यह संख्या एक करोड़ को भी पार कर गई है। यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। और यहां पहुंचने के लिए आपको कटरा से 12 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा, अंबे और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है।
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जम्मू-कश्मीर: कटरा में वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करते अमित शाह
जम्मू-कश्मीर: कटरा में वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करते अमित शाह
Image by: Times of India
जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार सुबह कटरा में श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की.
गृह मंत्री सांझीछत हेलीपैड के जरिए कटरा मंदिर पहुंचे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के जरिए उनका पीछा किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री नियुक्त होने के बाद शाह की पवित्र गुफा मंदिर में यह पहली यात्रा है। उनका जाना निरंतर नवरात्रि उत्सव के 9वें दिन के साथ मेल खाता है। शाह बाद में राजौरी में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं, जो वैष्णो देवी मंदिर से लगभग डेढ़ घंटे की दूरी पर है।
मंत्री इसी तरह सुधार पहल जारी करेंगे और ��सके अलावा जम्मू में कन्वेंशन सेंटर में विविध पहलों के लिए आधारशिला रखेंगे। शाह इसके बाद राजौरी में एक जनसभा करेंगे और जम्मू के रघुनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।
वह कश्मीर घाटी जाने से पहले यहां विभिन्न विकासात्मक पहलों पर भी गौर कर सकते हैं। बाद में शाम को गृह मंत्री क्षेत्र के भीतर सुरक्षा की स्थिति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सम्मेलनों को शामिल करेंगे।
बुधवार (5 अक्टूबर) को शाह श्रीनगर के राजभवन में होने वाली एक बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। कल सुबह 10 बजे शुरू होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक में एलजी मनोज सिन्हा, सेना, अर्धसैनिक बलों, देश पुलिस और नागरिक प्रबंधन के शीर्ष अधिकारी हिस्सा लेंगे।
मंत्री बाद में यहां बारामूला में सुबह करीब साढ़े 11 बजे जनसभा को संबोधित करेंगे और सभा को संबोधित करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश के अपने दौरे के समापन से पहले शाह दोपहर करीब साढ़े तीन बजे श्रीनगर में विभिन्न विकास कार्यों के लिए शिलान्यास भी करेंगे।
उन समूहों के कल्याण के लिए चलने के लिए मोदी सरकार की ओर से शाह को सम्मानित करने के लिए बकरवाल और गुर्जरों जैसे समूहों के माध्यम से आयोजित होने में सक्षम होने के लिए घाटी में उनके दौरे के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों को किसी न किसी स्तर पर लेने के लिए निर्धारित किया गया था। .
मोदी सरकार ने हाल ही में चौंकाने वाला कदम उठाते हुए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित किया है। अली 2008 में भाजपा में शामिल हुए और गुर्जर जनजाति से हैं। कई सांगठनिक सम्मेलन चल रहे हैं, जिसमें देश के केंद्र संगठन की सभा और पार्टी के सांसदों और विधायकों की सभा भी शामिल है। अगस्त 2019 में मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से अमित शाह की जम्मू-कश्मीर की यह दूसरी यात्रा है।
इस बीच, शाह ने सोमवार को गुर्जर-बकरवाल, राजपूत, पहाड़ी और जम्मू सिख समुदाय सहित अद्वितीय समूहों के लोगों से मुलाकात की।
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पीएम मोदी कल गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे
पीएम मोदी कल गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे
बजे नरेंद्र मोदी गांधीनगर राजधानी-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत एक्सप्रेस कल यानी 30 सितंबर 2022 को हरी झंडी दिखाकर रवाना होगी। यह नई दिल्ली-वाराणसी नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बाद देश में चलने वाली तीसरी वंदे भारत ट्रेन होगी। इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कम कैलोरी वाले बाजरा से भरपूर क्षेत्रीय मेनू का आनंद ले सकेंगे।
यह में बना है भारत ट्रेन…
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मां वैष्णो धाम के लिए पैदल यात्री रवाना
मां वैष्णो धाम के लिए पैदल यात्री रवाना
मां वैष्णो धाम के लिए पैदल यात्री रवाना हुए बीकानेर। http://bikanerdailynews.com रामपुरा बस्ती से नवरात्रा के प्रथम शारदीय नवरात्र उपलक्ष्य में मां वैष्णो धाम जयपुर रोड स्थित देवी माता वैष्णो धाम के लिए पूर्व पार्षद दीपक अरोड़ा पैदल यात्रा पर रवाना हुए ।
इस अवसर पर पूर्व नगर विकास न्यास अध्यक्ष हाजी मकसूद अहमद, वरिष्ठ भाजपा नेता गुमान सिंह राजपुरोहित, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलीम भाटी, समाजसेवी…
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माता वैष्णो देवी तीर्थ स्थल यात्रा
भारत में दूसरा सबसे अधिक देखी जाने वाला हिंदू मंदिर तीर्थ स्थल माता वैष्णो देवी की गुफा कटरा जम्मू और कश्मीर त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है दुनियाभर में हिंदू वक्त इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर जाते हैं जहां माता वैष्णो देवी माता वैष्णो देवी को उनकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहा जाता है इस धार्मिक स्थल को सबसे महत्वपूर्ण शक्तिपीठ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां देवी शक्ति की खोपड़ी की थी।
माता वैष्णो देवी गुफा में देवी साडे 5 फीट लंबी चट्टान के रूप में है जिसके तीन सीरिया पिंडी है माता वैष्णो देवी तीर्थ स्थल यात्रा पर भक्त चुनरी लाल रंग का कपड़ा साड़ी सूखे मेवे चांदी सोना जोधपुर आदि की माता को प्रसाद चढ़ाते हैं।
https://tourhindiguide.blogspot.com/2022/08/blog-post_17.html
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Mata Vaishno Devi 2022: वैष्णो देवी दर्शन के लिए अब नहीं बनवानी होगी पर्ची, जानिए कैसे होंगे माता के दर्शन
Mata Vaishno Devi 2022: वैष्णो देवी दर्शन के लिए अब नहीं बनवानी होगी पर्ची, जानिए कैसे होंगे माता के दर्शन
Mata Vaishno Devi: आइए जानते हैं RFID क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करना है साथ ही जानिए इस नए सर्विस से क्या मिलेगा फायदा।
HIGHLIGHTS
अब माता के दर्शन के लिए यात्रियों को पर्ची की जगह RFID कार्ड दिया जाएगा।RFID कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा।यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु को इस कार्ड को वापस करना होगा।
Mata Vaishno Devi: वैष्णो देवी दर्शन के लिए अब नहीं बनवानी…
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श्री नैना देवी मंदिर दर्शन नैना देवी माता की कथा
श्री नैना देवी मंदिर दर्शन नैना देवी माता की कथा
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित एक भव्य मंदिर है। यह देवी के 51 शक्ति पीठों में शामिल है।
वर्तमान मे उत्तर भारत की नौ देवी यात्रा मे नैना देवी का छटवां दर्शन होता है वैष्णो देवी से शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा मे माँ चामुण्डा देवी, माँ वज्रेश्वरी देवी, माँ ज्वाला देवी, माँ चिंतपुरणी देवी, माँ नैना देवी, माँ मनसा देवी, माँ…
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माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है और यह हिंदू धर्म का एक पवित्र स्थान है ।
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Jamshedpur rural - गालूडीह वैष्णो देवी धाम मंदिर में महिलाओं ने द्वितीय स्थापना दिवस को लेकर की बैठक, गालूडीह आंचलिक मैदान से मंदिर तक निकलेगी भव्य कलश यात्रा
गालूडीह : गालूडीह के उलदा में स्थित माता वैष्णो देवी धाम मंदिर परिसर में शनिवार को माता वैष्णो देवी धाम महिला समिति की महिलाओं ने द्वितीय स्थापना दिवस को लेकर बैठक की. महिलाओं ने स्थापना दिवस पर होने वाली विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की. महिलाओं ने बताया कि स्थापना दिवस पर गालूडीह आंचलिक मैदान से मंदिर तक भव्य कलश यात्रा निकलेगी, जिसमें हजारों महिलाएं शामिल होंगी. इसके गांव-गांव…
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Vaishno devi: नवरात्र में माता के दरबार में अब तक की सबसे अधिक भीड़
Vaishno devi: नवरात्र में माता के दरबार में अब तक की सबसे अधिक भीड़
गोविंद चौहान, जम्मूनवरात्रों पर वैष्णो माता के दरबार में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। शनिवार और रविवार का दिन सबसे अधिक भीड़ वाला रहा। जब माता के भवन में दर्शन के लिए भक्तों की लाइन काफी लंबी लगी थी। नवरात्रों को देखते हुए भवन में भक्तों के स्वागत के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं। पूरे ट्रैक से लेकर भवन को फूलों से सजाया गया है। सुरक्षा को लेकर भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिससे की भक्तों…
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जल्द शुरू होगी मां वैष्णो देवी की यात्रा, देशभर में धार्मिक स्थलों के खुलने पर भक्तों ने जताई उम्मीद
जल्द शुरू होगी मां वैष्णो देवी की यात्रा, देशभर में धार्मिक स्थलों के खुलने पर भक्तों ने जताई उम्मीद
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स्थानीय लोगों ने राहत की सांस लेते हुए उम्मीद जताई है कि माता वैष्णो देवी यात्रा शुरू होने के बाद देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से वीरान पड़े कटरा के शिविर में फिर से रौनक लौट आएगी.
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जल्द शुरू होगी मां वैष्णो देवी की यात्रा, देशभर में धार्मिक स्थलों के खुलने पर भक्तों ने जताई उम्मीद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस लेते हुए उम्मीद जताई है कि माता वैष्णो देवी यात्रा शुरू होने के बाद देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से वीरान पड़े कटरा के शिविर में फिर से रौनक लौट आएगी. Source link
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