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#ब्रज राज उत्सव
abhinews1 · 3 months
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संस्कृति विश्वविद्यालय में ब्रज साहित्योत्सव 21 को
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संस्कृति विश्वविद्यालय में ब्रज साहित्योत्सव 21 को
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ब्रज के साहित्य और संस्कृति को अनेकानेक लोगों तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, संस्कृति विश्वविद्यालय एवं गाथा द्वारा ब्रज साहित्योत्सव का आयोजन 21 फरवरी को हो रहा है। इस उत्सव में प्रसिद्ध विद्वानों, कलाकारों और कवियों का समागम होने जा रहा है। संस्कृति विवि के जनसंपर्क अधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार किशन चतुर्वेदी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस एक दीवसीय लिटरेचर फेस्टिवल में बॉलीवुड, राजनीति और साहित्य की प्रसिद्ध हस्तियां, लेखक एवं वक्ता उपस्थित होंगे जो पैनल चर्चा, पुस्तक वाचन, लाइव प्रदर्शन, कवि सम्मेलन, संगीत, थिएटर और सिनेमा आदि साहित्यिक कार्यक्रमों में आपका मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन करेंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी की उपस्थिति रहेगी। अगले सत्रों में ब्रज साहित्य और बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता अन्नू कपूर की खास प्रस्तुति, मिर्जापुर, दिल्ली क्राइम जैसी वेब सिरीज और फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता, संवाद लेखक राजेश तैलंग की पुस्तक पर चर्चा, पद्मश्री अशोक चक्रधर के साथ एक विशेष सत्र, युवाओं के बीच में अत्यंत लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवि एवं शायर(अजहर इक़बाल, राजीव राज, सुरेश अवस्थी, श्याम सुंदर अकिंचन, शशिकांत यादव एवं भावना तिवारी) कवि सम्मेलन में अपनी प्रस्तुति देंगे। ब्रजोत्सव में विश्वप्रसिद्ध सितार एवं सरोद वादक असित गोस्वामी और अमित गोस्वामी की प्रस्तुति के बाद कुणाल ओम तावरी, निधि प्रभु, विनती सिंह और चित्रांशु श्रीवास्तव उनके समूह के सदस्यों द्वारा फ्लेमिगो और कत्थक का फ्यूजन इस लिटरेचर फेस्टिवल का विशेष आकर्षण होगा। इस मौके पर ब्रज साहित्योत्सव में संस्कृति विवि के कुलाधिपति द्वारा ब्रज की विभूतियों को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
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चुनाव पूर्व कैराना दौरे पर योगी ने 'तालिबानी' मानसिकता पर हमला किया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
चुनाव पूर्व कैराना दौरे पर योगी ने ‘तालिबानी’ मानसिकता पर हमला किया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सोमवार को शामली और रामपुर में कैराना का दौरा विधानसभा चुनाव से पहले अशांत पश्चिम यूपी क्षेत्र में राजनीतिक गतिरोध को बढ़ाने के लिए अपने भगवा शुभंकर को सामने रखने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति को चिह्नित करता है। . 2013 के मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों के बाद भाजपा ने हिंदू पलायन के मुद्दे को तेज कर दिया था, जबकि रामपुर समाजवादी पार्टी…
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ivxtimes · 4 years
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चैत्र पूर्णिमा Image Source : TWITTER/NISHTUNISHAA
चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा बुधवार, 8 अप्रैल को पड़ रही हैं। पूर्णिमा तिथि चित्रा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही चैत्र माह की पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं।  चैत्र पूर्णिमा को चैत्र पूनम, मधु पूर्णम जैसे नामों से भी जाना जाता है।  इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व है । इससे व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है और वह खूब आगे बढ़ता है। आज पूरा दिन पूरी रात पर करके अगले दिन की भोर 3 बजकर 3 मिनट तक राज योग रहेगा | इस योग में किये गये सभी कार्य शुभ फल देते हैं | विशेषकर कि इस दौरान धार्मिक कार्यों से ��ाभ मिलता है | आज पूरा दिन पूरी रात पार करके अगले दिन की भोर 3 बजकर 3 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा। जानें चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: अप्रैल 7 12 बजकर 2 मिनट से पूर्णिमा तिथि: 8 अप्रैल सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगी |
हनुमान जयंती 2020: शनि के प्रकोप से इस तरह बचे थे वीर बजरंगी, जानिए कथा
चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्य कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद भगवान की पूजन करें। भगवान इन्द्र और महालक्ष्मी जी की पूजा करते हुए घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ध पुष्प का इस्तेमाल जरूर करें। ब्राह्माणों को खीर का भोजन करवाएं और साथ ही उन्हें दान दक्षिणा देकर विदा करें। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। इस दिन पूरी रात जागकर जो भगवान का ध्यान करते हैं उन्हें धन-संपत्ति प्राप्ति होती है। रात के वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाए।
चैत्र पूर्णिमा महत्व चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था। इस रास उत्सव को महारास के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस महारास में हजारों गोपियां शामिल होती थीं और उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण रातभर नृत्य करते थे। इसी दिन श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ भी हुआ था।
चैत्र पूर्णिमा को पड़ रही है हनुमान जयंती आचार्य  इंदु प्रकाश के अनुसार वैसाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जायेगी | बुधवार को हनुमान जयंती भी है। इस  दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानि श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था । वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है । पौराणिक ग्रन्थों में दोनों का ही जिक्र मिलता है । लेकिन वास्तव में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है ।
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