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#पंडित_भीमसेन_गुरुराज_जोशी
amitbharatiya01681 · 4 years
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#पंडित_भीमसेन_गुरुराज_जोशी ( जन्म: फरवरी 04, 1922) #शास्त्रीय_संगीत के #हिन्दुस्तानी संगीत शैली के सबसे #प्रमुख_गायकों में से एक है। इन्हें 4 #नवम्बर, 2008 को देश के #सर्वोच्च_नागरिक_सम्मान, #भारत_रत्न_पुरस्कार के लिए चुना गया, जो कि #भारत का #सर्वोच्च_नागरिक सम्मान है। 'इन्हें भारत सरकार द्वारा #कला के क्षेत्र में सन 1985 में #पद्म_भूषण से #सम्मानित किया गया था। #कर्नाटक के #गडक_जिले में 4 फ़रवरी वर्ष 1922 को जन्मे पं॰ #भीमसेन_जोशी को इससे पहले भी #पद्म_विभूषण, #पद्म_भूषण और #पद्मश्री समेत कई #अलंकरण और सम्मान दिए जा चुके हैं। #अमित_भारतीय #हल्का_जींद_हरियाणा #फोन_नंबर_8222822851 (at Jind - Heart of Haryana) https://www.instagram.com/p/B8HddJzJPNx/?igshid=3dkr40mc6y19
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amitbharatiya01681 · 4 years
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#पंडित_भीमसेन_गुरुराज_जोशी ,#शास्त्री_संगीत के #हिन्दुस्तानी_संगीत शैली के सबसे #प्रमुख_गायकों में से एक है। #पंडित_भीमसेन_जोशी को बचपन से ही #संगीत का बहुत शौक था। वह किराना घराने के #संस्थापक_अब्दुल_करीम_खान से बहुत प्रभावित थे। 1933 में वह गुरु की तलाश में घर से निकल पड़े। अगले दो वर्षो तक वह #बीजापुर, #पुणे और #ग्वालियर में रहे। उन्होंने #ग्वालियर के #उस्ताद_हाफिज_अली_खान से भी संगीत की #शिक्षा ली। लेकिन #अब्दुल_करीम_खान के #शिष्य_पंडित_रामभाऊ_कुंडालकर से उन्होने #शास्त्रीय_संगीत की शुरूआती शिक्षा ली। घर वापसी से पहले वह #कलकत्ता और #पंजाब भी गए। इसके पहले सात साल पहले #शहनाई_वादक_उस्ताद_बिस्मिल्ला_खान को #भारत_रत्न से #अलंकृत किया गया था। वर्ष 1937 में #पंडित_भीमसेन_जोशी ने जाने-माने #खयाल_गायक थे। वहाँ उन्होंने #सवाई_गंधर्व से कई वर्षो तक खयाल गायकी की #बारीकियाँ भी सीखीं। उन्हें खयाल_गायन के साथ-साथ ठुमरी और #भजन में भी #महारत हासिल की है। पंडित_भीमसेन_जोशी का देहान्त 25 जनवरी 2011 को हुआ। #अमित_भारतीय #हल्का_जींद_हरियाणा #फोन_नंबर_8222822851 (at Jind - Heart of Haryana) https://www.instagram.com/p/B7rsd9Pp4zB/?igshid=65bzxzr8lv9r
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