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#कोविड वैक्सीन से डॉक्टर की मौत
krazyshoppy · 2 years
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कोविशील्ड वैक्सीन से महिला डॉक्टर की मौत, बॉम्बे HC ने केंद्र को भेजा नोटिस
कोविशील्ड वैक्सीन से महिला डॉक्टर की मौत, बॉम्बे HC ने केंद्र को भेजा नोटिस
Covishield Vaccine Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) से कथित तौर पर एक महिला डॉक्टर की मौत के मामले में (Lady Doctor Death Case) भारत सरकार (GOI) समेत अन्य लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. कोर्ट की ओर से भारत सरकार के अलावा, महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt), केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW), पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), दिल्ली…
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newswave-kota · 4 months
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जीवन शैली को संतुलित कर हार्ट अटैक से बचें- डॉ.साकेत
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न्यूजवेव @कोटा सर्दी के मौसम में तापमान में गिरावट के साथ ही युवा उम्र के लोगों में आकस्मिक हार्ट अटैक की घटनायें तेजी से बढ़ रही है। जिसमें युवा चिकित्सक एवं नियमित व्यायाम करने वालों की भी हार्ट अटैक से मौत हो जाने से नागरिकों में डर पैदा हो गया है। कोटा में 40 वर्षीय कोचिंग शिक्षक सौरभ सक्सेना की गुरूवार को बाइक पर भी अचानक अटैक आ जाने से मौत हो गई है। एसएमएस अस्पताल, जयपुर के 48 वर्षीय चिकित्सक डॉ.नितिन पांडे की हार्ट अटैक से मौत हो जाने से चिकित्सक वर्ग भी चिंतित है।
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वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने बताया कि इन घटनाओं को कोविड या वैक्सीन से जोडना भ्रांति है। नागरिकों को अचानक हार्ट अटैक से बचाव के लिए अपनी जीवन शैली को संतुलित करना होगा। उन्होंने सलाह दी कि इसके लिये हम अपनी गलतियों में कुछ सुधार करें - उम्र के साथ व्यायाम में करें बदलाव  - उम्र बढने के साथ स्पोर्ट्स की तीव्रता और निरंतरता में कुछ बदलाव जरूरी है। आप कितने भी फिट हों, शरीर के सब अंगों की जैविक उम्र होती है। क्षमता के विपरीत व्यायाम नहीं करें। कई लोग 50 की उम्र के बाद भी मैराथन रनर या स्पोर्ट्स की प्रतिस्पर्धा के लिए तत्पर हो जाते हैं। जबकि उनकी शारीरिक प्रणाली इसके अनुकूल नहीं होती है। लक्षणों की उपेक्षा नहीं करें - बैचेनी, दर्द या सास लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से मदद लें। साथियों के साथ खेल या व्यायाम जारी नहीं रखें। ये कुछ मिनट जीवन रक्षक हो सकते हैं। एक तिहाई लोगों में यह बीमारी मूक होती है और लक्षण उत्पन्न नहीं होते। अपने स्ट्रेस फैक्टर्स को अवश्य पहचान लें। अपना लेवल याद रखें - उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि का लेवल हमें पता होनी चाहिए। कभी-कभी डॉक्टर भी लिपोप्रोटीन (ए) या होमोसिस्टीन जैसे नए जोखिम वाले कारकों के लिए जांच की उपेक्षा करते हैं। इनसे टीएमटी या कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग की जा सकती है। फिटनेस के लिये संयम बरतें- स्पोर्ट्स से सेहत को फायदे मिलते है लेकिन कई लोग रनिंग या जिम को अनावश्यक पीड़ा बना लेते हैं। कुछ लोग स्पोर्ट्स या रनिंग जल्दी कर काम पर जाने की तैयारी में होते हैं। यह मानसिक बेचैनी घातक हो सकती है। नींद की कमी से न केवल फिटनेस बिगड़ती है अपितु शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स भी ज्यादा निकलते हैं। आहार में करें बदलाव - सुबह की सैर के बाद कचौरी व जलेबी के लिये भीड़ उमडती है। अपने भोजन में शुगर और वसा की मात्रा को संतुलित रखना होगा। 28-30 की उम्र के बाद वजन बड रहा है तो वह अनावश्यक विस्सरल वसा है, जो गंभीर बीमारी का कारण है। Read the full article
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its-axplore · 3 years
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पटना के विभिन्न इलाकों में मंगलवार को कोरोना के 131 नए मरीज मिले हैं। पीएमसीएच में मंगलवार को 1222 सैंपल की जांच हुई, जिसमें 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव ��ई। इसमें पीएमसीएच के तीन डॉक्टर डॉ. देवेंद्र प्रसाद, डॉ. समीर सिन्हा और डॉ. प्रशांत कुमार भी शामिल हैं। यह जानकारी प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 49739 हो गई है।
कोरोना के 47665 मरीज ठीक हुए हैं। पटना में अभी कोरोना के 1687 एक्टिव केस हैं। पीएमसीएच में सैंपल की जांच हुई। इसमें सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोविड अस्पताल में 32 मरीज भर्ती हैं। ठीक होने पर दो मरीजों को छुट्टी दी गई है। एम्स में 10 नए मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें छह पटना के हैं।
स्वस्थ होने पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश समेत चार मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पटना के तीन समेत छह मरीजों की मौत हुई, जिनमें चार महिलाएं थीं। इधर, पटना एम्स में अबतक 1215 लोगों ने लिया कोरोना ट्रॉयल वैक्सीन लिया है। विधायक संजय चौरसिया ने भी मंगलवार को ट्रायल वैक्सीन लिया।
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20 patients infected, including three doctors of PMCH, six died in AIIMS; 131 new patients of Corona in Patna
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mastereeester · 3 years
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121 नए कोरोना मरीज मिले, चार मरीजों की हुई मौत, 156 और लोगों को लगाया वैक्सीन [Source: Dainik Bhaskar]
121 नए कोरोना मरीज मिले, चार मरीजों की हुई मौत, 156 और लोगों को लगाया वैक्सीन [Source: Dainik Bhaskar]
पटना के विभिन्न इलाकों में सोमवार को कोरोना 121 नए मरीज मिले हैं। जिले में कोरोना संक्रमित��ं की संख्या बढ़कर 48316 हो गई है। कोरोना के 45966 मरीज ठीक हुए हैं। पटना में अब भी कोरोना के 1973 एक्टिव केस हैं। पीएमसीएच में 1197 सैंपल की जांच हुई। इसमें 11 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसमें एक डॉक्टर समेत सात मरीज संक्रमित मिले हैं। कोविड अस्पताल में 34 मरीज भर्ती हैं। पटना एम्स में सोमवार से…
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pinkbonkweaselkid · 3 years
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अमेरिका में लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड 1.40 लाख केस, फ्रांस में लॉकडाउन 2 हफ्ते बढ़ेगा
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दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार सुबह 5.30 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 98 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां गुरुवार को एक ही दिन में एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। वहीं, फ्रांस में लॉकडाउन से कम होते मामलों के बाद सरकार इसे दो हफ्ते बढ़ाने पर विचार कर रही है।
अमेरिका में फिर रिकॉर्ड अमेरिका में लगातार दूसरे दिन एक लाख 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। गुरुवार को यहां एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को एक लाख 35 हजार मामले सामने आए थे। कुल मिलाकर एक हफ्ते में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, कोरोनावायरस टास्क फोर्स में शामिल और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा है कि अमेरिका में किसी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। डॉक्टर फौसी ने कहा- अगर हम मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तो लॉकडाउन जैसे सख्त उपायों की जरूरत नहीं होगी। फौसी ने माना कि अमेरिका में मामले बहुत ज्यादा हैं, लेकिन उम्मीद जताई कि वैक्सीन भी जल्द आने वाली है। उनके मुताबिक, अप्रैल और मई तक हालात काबू में होंगे।
225 रुपए में लगेगा कोरोना का टीका, वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी के साथ किया करार
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शिकागो में गुरुवार को एक स्टैच्यू के सामने से गुजरती महिला। अमेरिका में गुरुवार को फिर एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए। गुरुवार को यहां कुल एक लाख 40 हजार मामले सामने आए।
इटली में अप्रेल के बाद सबसे ज्यादा मौतें इटली में संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। गुरुवार को यहां 636 संक्रमितों की ���ौत हो गई। यह 6 अप्रैल के बाद एक दिन में होने वाली सबसे ज्यादा मौतें हैं। इसके अलावा एक ही दिन में यहां 5 हजार नए मामले सामने आए। पहली लहर यानी नवंबर के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित शहर लोम्बार्डी में हालात फिर खतरनाक होने लगे हैं। यहां के अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। हालांकि, इटली सरकार ने साफ कर दिया है कि वो लॉकडाउन नहीं करेगी।
कोरोना देश में : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता का बड़ा फैसला, अगले साल बगैर परीक्षा दिए पास हो जाएंगे 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स
वैक्सीन से खत्म होगी महामारी जर्मन कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन ने कहा है कि कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- इस महामारी ने पूरी दुनिया को बंधक बना लिया है। हमें उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद दुनिया आजाद होगी। क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द और बहुत बेहतर नतीजे सामने आएंगे। बायोएनटेक और फाइजर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिन रोगियों में लक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, उनके लिए तो यह बहुत इफेक्टिव होगी। हम बस इतना जानते हैं कि इस वैक्सीन से वायरस खत्म हो जाएगा।
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फोटो जर्मन कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन की है। गुरुवार को एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
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फ्रांस के पेरिस शहर में गुरुवार को एक गंभीर मरीज को हेलिकॉप्टर से हॉस्पिटल लाया गया। फ्रांस सरकार ने देश में लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने का फैसला किया है।
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shaileshg · 3 years
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दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार सुबह 5.30 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 98 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां गुरुवार को एक ही दिन में एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। वहीं, फ्रांस में लॉकडाउन से कम होते मामलों के बाद सरकार इसे दो हफ्ते बढ़ाने पर विचार कर रही है।
अमेरिका मे�� फिर रिकॉर्ड अमेरिका में लगातार दूसरे दिन एक लाख 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। गुरुवार को यहां एक लाख 40 हजार मामले सामने आए। इसके एक दिन पहले यानी बुधवार को एक लाख 35 हजार मामले सामने आए थे। कुल मिलाकर एक हफ्ते में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, कोरोनावायरस टास्क फोर्स में शामिल और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार डॉक्टर एंथोनी फौसी ने कहा है कि अमेरिका में किसी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। डॉक्टर फौसी ने कहा- अगर हम मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तो लॉकडाउन जैसे सख्त उपायों की जरूरत नहीं होगी। फौसी ने माना कि अमेरिका में मामले बहुत ज्यादा हैं, लेकिन उम्मीद जताई कि वैक्सीन भी जल्द आने वाली है। उनके मुताबिक, अप्रैल और मई तक हालात काबू में होंगे।
225 रुपए में लगेगा कोरोना का टीका, वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी के साथ किया करार
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शिकागो में गुरुवार को एक स्टैच्यू के सामने से गुजरती महिला। अमेरिका में गुरुवार को फिर एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए। गुरुवार को यहां कुल एक लाख 40 हजार मामले सामने आए।
इटली में अप्रेल के बाद सबसे ज्यादा मौतें इटली में संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। गुरुवार को यहां 636 संक्रमितों की मौत हो गई। यह 6 अप्रैल के बाद एक दिन में होने वाली सबसे ज्यादा मौतें हैं। इसके अलावा एक ही दिन में यहां 5 हजार नए मामले सामने आए। पहली लहर यानी नवंबर के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित शहर लोम्बार्डी में हालात फिर खतरनाक होने लगे हैं। यहां के अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। हालांकि, इटली सरकार ने साफ कर दिया है कि वो लॉकडाउन नहीं करेगी।
कोरोना देश में : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता का बड़ा फैसला, अगले साल बगैर परीक्षा दिए पास हो जाएंगे 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स
वैक्सीन से खत्म होगी महामारी जर्मन कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन ने कहा है कि कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- इस महामारी ने पूरी दुनिया को बंधक बना लिया है। हमें उम्मीद है कि वैक्सीन आने के बाद दुनिया आजाद होगी। क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द और बहुत बेहतर नतीजे सामने आएंगे। बायोएनटेक और फाइजर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिन रोगियों में लक्षण साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, उनके लिए तो यह बहुत इफेक्टिव होगी। हम बस इतना जानते हैं कि इस वैक्सीन से वायरस खत्म हो जाएगा।
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फोटो जर्मन कंपनी बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव उगुर सेहिन की है। गुरुवार को एक इंटरव्यू में सेहिन ने कहा- कोविड-19 का वैक्सीन आने के बाद महामारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
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फ्रांस के पेरिस शहर में गुरुवार को एक गंभीर मरीज को हेलिकॉप्टर से हॉस्पिटल लाया गया। फ्रांस सरकार ने देश में लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने का फैसला किया है।
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ivxtimes · 3 years
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विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, वैक्सीन के जरिए हर साल 20 से 30 लाख मौतें टाली जा सकती हैं। दुनियाभर में 1.87 करोड़ बच्चों को बेसिक वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। इस साल वैक्सीन और भी ज्यादा चर्चा में है क्योंकि कोरोना को खत्म करने के लिए अभी भी देश में वैक्सीन ट्रायल फेज में है।
मुम्बई के जसलोक हॉस्पिटल मेंं इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज के हेेड डॉ. सुनील जैन कहते हैं, वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलने के बावजूद बहुत से लोग टीका नहीं लगवाते हैं। उन्हें भ्रम रहता है कि वैक्सीन लगवाने पर इसके साइडइफेक्ट दिखेंगे, जबकि सभी में ऐसे मामले सामने नहीं आते। कोरोनाकाल में भी दूसरी बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीन को टालें नहीं। खुद को भी और बच्चों को भी इन्हें समय पर लगवाएं ताकि कोरोनाकाल में दूसरी बीमारियों का खतरा टाला जा सके।
आज वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे है। इस दिन का लक्ष्य लोगों में वैक्सीन से जुड़ी भ्रांतियां खत्म करना और उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित करना है। इस मौके पर डॉ. सुनील जैन बता रहे हैं, वैक्सीन के साइड इफेक्ट को कैसे समझें और इसे लगवाना कितना जरूरी है..
वैक्सीन लगने पर कौन से साइड इफेक्ट दिख सकते हैं? डॉ. सुनील ने बताया, जिस तरह बीमारियों का इलाज करने पर कुछ साइड इफेक्ट दिख सकते हैं उसी तरह वैक्सीन के साथ भी ऐसा हो सकता है। लेकिन ऐसा बमुश्किल ही होता है। साइड इफेक्ट होने पर जिस हिस्से में वैक्सीन लगी है वहां दिक्कत हो सकती है। कुछ मामलों बुखार भी होता है।
कोई भी वैक्सीन लोगों तक तभी पहुंचती है जब साइंटिस्ट, डॉक्टर्स की जांच में सुरक्षित और असरदार साबित होती है। वैक्सीन से बीमारी का खतरा कतई नहीं होता। अगर वैक्सीन नहीं लगती है तो संक्रमित मरीज से स्वस्थ इंसान में बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
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10 बातें : वैक्सीन क्यों जरूरी है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए 1. बच्चों में इम्युनिटी कम होती है, इसलिए मीजेंल्स, मम्प्स और काली खांसी भी बड़ा खतरा है। वैक्सीन रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम के काम करने की क्षमता को बढ़ाती है। इसलिए इसे बिल्कुल न टालें। 2. बच्चों को वैक्सीन समय पर लगना जरूरी है ताकि पोलियो, बहरेपन, ब्रेन डैमेज और मौत का खतरा कम किया जा सके। साथ ही इनकी वजह से दूसरे अंगों पर पड़ने वाले असर को रोका जा सके। 3. पिछले कुछ सालों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के कारण ऐसी बीमारियों के मामलों में कमी आई है लेकिन किसी भी महामारी को तभी रोका जा सकता है जब पेरेंट्स अपने बच्चों को शुरुआती उम्र से टीका लगवाएं। 4. वैक्सीन लगवाएं तो एक्सपायरी डेट जरूर देख लें या एक्सपर्ट से इस बारे में एक बार बात जरूर करें ताकि कॉम्प्लीकेशंस का खतरा कम किया जा सके। 5. बच्चा अगर लम्बी बीमारी से जूझ रहा है तो टीका लगवाने से पहले डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं। टीका लगने के बाद अगर बुखार और सर्दी की शिकायत होती है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। 6. कई बार वैक्सीन मिस होने पर लोगों में कंफ्यूजन रहता है कि अगले टीके लगवाएं या नहीं। लेकिन डॉक्टरी सलाह से टीके पूरे लगवाएं टालें नहीं। 7. हर देश अपनी जनसंख्या और वहां मौजूद बीमारी के हिसाब से बच्चों के लिए वैक्सीन प्लान बनाता है, जो टीके भारत में लगाए जाते हैं ज़रूरी नहीं कि वो दूसरे देशों में भी दिए जाते हों। 8. समय पर टीका लगाना ज़रूरी है लेकिन फिलहाल कोरोना वायरस का भी डर है, इसलिए ऐसी जगह पर टीका लगवा सकते हैं जो सुरक्षित हो और जहां पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा हो। 9. बच्चे को टीका लगवाने जाएं तो घर के बुजुर्ग को साथ लेकर न जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि बुजुर्ग इंसान कोरोना के रिस्क जोन में हैं। 10. टीका लगवाने से पहले डॉक्टर से समय ले लें ताकि हॉस्पिटल या क्लीनिक में ज्यादातर देर रुकना न पड़े। खुद मास्क पहनें और बच्चे को मास्क की जगह शील्ड पहनाएं।
नई हेल्थ इमरजेंसी का सामना करना पड़ सकता है यूनिसेफ की हालिया रिपोर्ट कहती है, कोविड-19 के कारण पूरे दक्षिण एशिया में करीब 40.5 लाख बच्चों को रेग्युलर लगने वाला टीका नहीं लग पाया है। कोरोना से पहले भी ऐसी स्थितियां थीं लेकिन अब और चिंताजनक हो गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बच्चों को समय से टीका या वैक्सीन नहीं दिया गया तो दक्षिण एशिया में हेल्थ इमरजेंसी का सामना करना पड़ सकता है।
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World Immunization Day know why vaccine is important in covid19 pandemic
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raghav-shivang · 3 years
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विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, वैक्सीन के जरिए हर साल 20 से 30 लाख मौतें टाली जा सकती हैं। दुनियाभर में 1.87 करोड़ बच्चों को बेसिक वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। इस साल वैक्सीन और भी ज्यादा चर्चा में है क्योंकि कोरोना को खत्म करने के लिए अभी भी देश में वैक्सीन ट्रायल फेज में है।
मुम्बई के जसलोक हॉस्पिटल मेंं इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज के हेेड डॉ. सुनील जैन कहते हैं, वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलने के बावजूद बहुत से लोग टीका नहीं लगवाते हैं। उन्हें भ्रम रहता है कि वैक्सीन लगवाने पर इसके साइडइफेक्ट दिखेंगे, जबकि सभी में ऐसे मामले सामने नहीं आते। कोरोनाकाल में भी दूसरी बीमारियों से बचने के लिए वैक्सीन को टालें नहीं। खुद को भी और बच्चों को भी इन्हें समय पर लगवाएं ताकि कोरोनाकाल में दूसरी बीमारियों का खतरा टाला जा सके।
आज वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन डे है। इस दिन का लक्ष्य लोगों में वैक्सीन से जुड़ी भ्रांतियां खत्म करना और उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित करना है। इस मौके पर डॉ. सुनील जैन बता रहे हैं, वैक्सीन के साइड इफेक्ट को कैसे समझें और इसे लगवाना कितना जरूरी है..
वैक्सीन लगने पर कौन से साइड इफेक्ट दिख सकते हैं? डॉ. सुनील ने बताया, जिस तरह बीमारियों का इलाज करने पर कुछ साइड इफेक्ट दिख सकते हैं उसी तरह वैक्सीन के साथ भी ऐसा हो सकता है। लेकिन ऐसा बमुश्किल ही होता है। साइड इफेक्ट होने पर जिस हिस्से में वैक्सीन लगी है वहां दिक्कत हो सकती है। कुछ मामलों बुखार भी होता है।
कोई भी वैक्सीन लोगों तक तभी पहुंचती है जब साइंटिस्ट, डॉक्टर्स की जांच में सुरक्षित और असरदार साबित होती है। वैक्सीन से बीमारी का खतरा कतई नहीं होता। अगर वैक्सीन नहीं लगती है तो संक्रमित मरीज से स्वस्थ इंसान में बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
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10 बातें : वैक्सीन क्यों जरूरी है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए 1. बच्चों में इम्युनिटी कम होती है, इसलिए मीजेंल्स, मम्प्स और काली खांसी भी बड़ा खतरा है। वैक्सीन रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम के काम करने की क्षमता को बढ़ाती है। इसलिए इसे बिल्कुल न टालें। 2. बच्चों को वैक्सीन समय पर लगना जरूरी है ताकि पोलियो, बहरेपन, ब्रेन डैमेज और मौत का खतरा कम किया जा सके। साथ ही इनकी वजह से दूसरे अंगों पर पड़ने वाले असर को रोका जा सके। 3. पिछले कुछ सालों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के कारण ऐसी बीमारियों के मामलों में कमी आई है लेकिन किसी भी महामारी को तभी रोका जा सकता है जब पेरेंट्स अपने बच्चों को शुरुआती उम्र से टीका लगवाएं। 4. वैक्सीन लगवाएं तो एक्सपायरी डेट जरूर देख लें या एक्सपर्ट से इस बारे में एक बार बात जरूर करें ताकि कॉम्प्लीकेशंस का खतरा कम किया जा सके। 5. बच्चा अगर लम्बी बीमारी से जूझ रहा है तो टीका लगवाने से पहले डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं। टीका लगने के बाद अगर बुखार और सर्दी की शिकायत होती है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। 6. कई बार वैक्सीन मिस होने पर लोगों में कंफ्यूजन रहता है कि अगले टीके लगवाएं या नहीं। लेकिन डॉक्टरी सलाह से टीके पूरे लगवाएं टालें नहीं। 7. हर देश अपनी जनसंख्या और वहां मौजूद बीमारी के हिसाब से बच्चों के लिए वैक्सीन प्लान बनाता है, जो टीके भारत में लगाए जाते हैं ज़रूरी नहीं कि वो दूसरे देशों में भी दिए जाते हों। 8. समय पर टीका लगाना ज़रूरी है लेकिन फिलहाल कोरोना वायरस का भी डर है, इसलिए ऐसी जगह पर टीका लगवा सकते हैं जो सुरक्षित हो और जहां पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा हो। 9. बच्चे को टीका लगवाने जाएं तो घर के बुजुर्ग को साथ लेकर न जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि बुजुर्ग इंसान कोरोना के रिस्क जोन में हैं। 10. टीका लगवाने से पहले डॉक्टर से समय ले लें ताकि हॉस्पिटल या क्लीनिक में ज्यादातर देर रुकना न पड़े। खुद मास्क पहनें और बच्चे को मास्क की जगह शील्ड पहनाएं।
नई हेल्थ इमरजेंसी का सामना करना पड़ सकता है यूनिसेफ की हालिया रिपोर्ट कहती है, कोविड-19 के कारण पूरे दक्षिण एशिया में करीब 40.5 लाख बच्चों को रेग्युलर लगने वाला टीका नहीं लग पाया है। कोरोना से पहले भी ऐसी स्थितियां थीं लेकिन अब और चिंताजनक हो गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बच्चों को समय से टीका या वैक्सीन नहीं दिया गया तो दक्षिण एशिया में हेल्थ इमरजेंसी का सामना करना पड़ सकता है।
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World Immunization Day know why vaccine is important in covid19 pandemic
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kisansatta · 4 years
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US ELECTION 2020 : उपराष्ट्रपति के उम्मीदवारों की प्रसिडेंटिअल डिबेट हुई खत्म
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नई दिल्ली : अमेरिका में 03 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के पहले होने वाली प्रेसिडेंटियल डिबेट कल संपन्न हुई जिसमे उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़े उम्मीदवारों के बीच डिबेट खत्म हो चुकी है। डिबेट में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से माइक पेंस और डेमोक्रेटिक की तरफ से कमला हैरिस आमने-सामने थे। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने इस दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पर जमकर हमला बोला। कमला हैरिस ने कोरोना वायरस के मामले में ट्रंप सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि कोई भी अमेरिकी सरकार इस तरह के मामलों में कभी इतनी बुरी तरह नाकाम नहीं रही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस महामारी की प्रकृति के बारे में सूचित किया गया था कि यह बहुत ही घातक है। इसके बावजूद आज भी उनके पास इससे निपटने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। जबकि जो बिडेन के पास योजना है।
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  भारतीय वायु सेना को 88वीं वर्षगाँठ की शुभकामनाये
कोरोना से निपटने मे फेल रही ट्रंप सरकार !
कमला हैरिस ने ट्रंप पर हमला बोलते हुए कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमलै हैरिस ने ट्रंप प्रशासन को को अमेरिका के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता के रूप में कोरोना महामारी से निपटने के रूप में वर्णित किया। उन्होंने उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर एक तेज हमले के साथ उपराष्ट्रपति पद की की बहस की शुरुआत की।
कैलिफोर्निया की 55 वर्षीय सीनेटर कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिकियों ने इस प्रशासन की अक्षमता के कारण बहुत बलिदान किया है उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र किया जिससे 2 लाख लोगों की अमेरिका में मौत हो चुकी है और इसने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।
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  मोदी ने लांच किया कोरोना अभियान, पढ़ें पूरी खबर
वहीं पेंस ने ट्रंप प्रशासन की कोविड-19 प्रतिक्रिया का बचाव किया और कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों में राष्ट्रपति के कदमों ने लोगों की जानें बचाई हैं। उपराष्ट्रपति पेंस ने कहा कि जब आप कहते हैं कि पिछले आठ महीनों में अमेरिकी लोगों ने जो काम किया है, उसका कोई फायदा नहीं हुआ, तो यह अमेरिकी लोगों द्वारा किए गए बलिदानों के प्रति असंतोष है।
कोरोना वैक्सीन पर भिड़े
वैक्सीन से जुड़े सवाल पर कमला ने कहा- वैक्सीन आ जाए और राष्ट्रपति ट्रंप इसे लगवाने को कहें तो भी मैं नहीं लगवाऊंगी। हां, अगर डॉक्टर कहते हैं कि वैक्सीन लगवाई जा सकती है तो मैं सबसे पहले ऐसा करूंगी, लेकिन ट्रम्प की बात पर भरोसा नहीं कर सकती। माइक पेंस ने कमला हैरिस पर पलटवार करते हुए कोरोना की वैक्सीन को लेकर जनता के विश्वास को कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे डोनाल्ड ट्रम्प की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठेंगे।
12 फीट की दूरी
इस बहस के दौरान माइक पेंस उनसे 12 फीट दूर बैठे। पहले यह 7 फीट ही तय की गई थी। वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान दोनों कैंडिडेट्स के सामने प्रोटेक्शन ग्लासेस यानी शीशे लगाए गए थे। पेन्स ने पहले ग्लासेस लगाने का विरोध किया था। बाद में इसके लिए तैयार हो गए।
रिपब्लिकन पार्टी के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार माइक पेंस ने कहा कि अमेरिका ने उन देशों की तुलना में सीओ 2 को कम कर दिया है जो अभी भी पेरिस जलवायु समझौते में हैं। हमने इसे नवाचार और प्राकृतिक गैस के माध्यम से किया है। बिडेन और हैरिस हमें वापस पेरिस जलवायु समझौते में डाल देंगे, वे नई हरी डील लगाएंगे जो अमेरिकी ऊर्जा को कुचल देगी।
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abhay121996-blog · 3 years
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जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन से लकवे का खतरा, अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था ने दी चेतावनी Divya Sandesh
#Divyasandesh
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन से लकवे का खतरा, अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था ने दी चेतावनी
नई दिल्ली कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर अब तक ��बसे बड़ी चेतावनी जारी की गई है। अमेरिका की नियामक संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने यह चेतावनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की वैक्सीन के लिए जारी किया है। उसने कहा है कि जेएंडजे की कोविड-19 रोधी टीके से लकवे का खतरा हो सकता है। जेएंडजे का टीका लेने वाले लोगों की पर्ची में यह चेतावनी लिखी जा रही है। अगर उन्हें इस प्रकार का कोई लक्षण दिखता है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाने को कहा जा रहा है।
J&J का खतरनाक साइड इफेक्ट एफडीए ने जॉनसन एंड जॉनसन के कोविड-19 रोधी टीके को दुर्लभ एवं संभावित खतरनाक तंत्रिका संबंधी रोग (Neurological Disease) के जोखिम से संबद्ध होने की एक नई चेतावनी जारी की है। हालांकि उसने कहा कि वह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि जेएंडजे का टीका इस तरह की समस्या पैदा करता है। एफडीए ने नई चेतावनी की घोषणा करते हुए बताया कि प्रतिरोधक प्रणाली (Immune System) से संबंधित बीमारी गिलेन-बर्रे सिंड्रोम मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी लकवे का भी कारण बन सकती है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने जेएंडजे के टीके की खुराक लेने वालों पर इसका बहुत मामूली असर पड़ने का जोखिम होने की बात कही है।
100 लोगों में साइड इफेक्ट की स्टडी एफडीए के मुताबिक, उसने रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के साथ जेएंडजे टीके की पहली डोज ले चुके करीब 100 लोगों में बीमारी पनपने की खबरों की समीक्षा की। इनमें से तकरीबन सभी को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी और एक व्यक्ति की मौत हो गई। सीडीसी के अनुसार, गिलेन-बर्रे सिंड्रोम तब होता है तब शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve Cells) पर हमला करने लगता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी पक्षाघात (लकवे) की स्थिति पैदा हो जाती है जो आम तौर पर अस्थायी होता है। हर साल करीब 3,000 से 6,000 लोगों में यह बीमारी होती है।
जेएंडजे ने दी यह प्रतिक्रिया जेएंडजे ने एक बयान में कहा कि वह एफडीए एवं विश्व के अन्य स्वास्थ्य नियामकों के साथ इस रिपोर्ट पर चर्चा कर रही है। सीडीसी ने कहा कि वह अगली बैठक में अपनी समिति को बाहरी टीका विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर समीक्षा कराने के लिए कहेगा। वहीं, अमेरिका की सरकार ने कहा है कि देश में अधिकतर फाइजर और मॉडर्ना के टीकों का इस्तेमाल हुआ है जिसकी 32 करोड़ से अधिक खुराक दिए से जाने के बाद बीमारी का कोई खतरा सामने नहीं आया है।
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gkt49 · 4 years
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24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार मरीज बढ़े, 81 हजार ठीक भी हुए; डीजीसीआई ने नए मरीजों पर वैक्सीन का ट्रायल रोका; देश में अब तक 46.57 लाख केस देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। अब तक 46 लाख 57 हजार 379 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। शुक्रवार को 24 घंटे में रिकॉर्ड 97 हजार 654 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक दिन में मिले संक्रमितों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इसके पहले गुरुवार को 96 हजार 760 नए मरीज मिले थे। इस बीच, राहत की बात है कि मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी तेज होने लगी है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 81 हजार 455 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। एक दिन में ठीक होने वालों की ये सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले 8 सितंबर को 74 हजार 607 लोग ठीक हुए थे। इसी के साथ ठीक होने वालों की संख्या अब 36 लाख 21 हजार 438 हो गई है। संक्रमण के चलते अब तक 77 हजार 506 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 1202 मरीजों की मौत शुक्रवार हो हुई थी। अभी 9 लाख 57 हजार 787 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है। ये मरीज या तो होम आइसोलेशन में हैं या फिर अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें करीब 9 हजार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। नए मरीज पर ट्रायल नहीं कर सकेगा सीरम इंस्टीट्यूट ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने कोरोना वैक्सीन के फेज-2 और 3 के ट्रायल में किसी नए मरीज की भर्ती पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को डीजीसीआई ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया। अगले आदेश तक ट्रायल के लिए किसी नए मरीज की भर्ती न की जाए। इस नोटिस के जवाब में सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि जब तक वैक्सीन की सुरक्षा की स्थिति साफ नहीं होती है, तब तक किसी नए मरीज पर ट्रायल नहीं किया जाएगा। फोटो दिल्ली के कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन की है। यहां ट्रेन को सैनिटाइज करता सफाईकर्मी। दिल्ली में अब तक 2.09 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।कोरोना अपडेट्स पंजाब सरकार ने नीट 2020 को देखते हुए 13 सितंबर को लॉकडाउन में छूट का ऐलान किया है। हालांकि, इस दौरान गैर-जरूरी दुकानें बंद रखने का आदेश है।केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अगाड़ी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। मुंबई की मेयर किशोरी किशोर पेडनेकर भी संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''मैंने अपना कोविड-19 टेस्ट कराया और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर मैं होम क्वारैंटाइन में हूं। मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मैं अपील करती हूं कि वो या तो अपना टेस्ट करवा लें या फिर होम आइसोलेशन में चले जाएं।''इलाहाबाद हाईकोर्ट में 14 और 15 सितंबर को कोई भी ज्यूडिशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव काम नहीं होंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया। इन दो दिनों में पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा।कोरोना के मरीजों से एंबुलेंस सर्विस के लिए ज्यादा शुल्क मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने सभी राज्यों को एंबुलेंस सर्विस के लिए उचित शुल्क तय करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी राज्य महामारी से निपटने के लिए केंद्र की ओर से जारी की गई एडवाइजरी से बंधे हुए हैं और सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस उपलब्ध कराए जाएं।देश में मृत्युदर घट रही है। पिछले आठ दिन में यह 1.70% से घटकर 1.67% पर आ गई है। लेकिन पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, केरल और असम की बढ़ती मृत्युदर ने चिंता में डाल दिया है। दूसरी तरफ, सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, उप्र, तेलंगाना जैसे राज्यों में यह दर तेजी से कम हो रही है। पांच राज्यों का हाल 1.
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its-axplore · 3 years
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स्वस्थ हाे चुके कोरोना मरीजाें काे हाेने वाली अन्य परेशानी के इलाज के लिए आईजीआईएमएस ने पोस्ट कोविड क्लिनिकल बोर्ड की व्यवस्था की है। इस क्लिनिकल बोर्ड में सभी विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहेंगे। यह सुविधा हर शनिवार को मिलेगी। मरीज इस क्लिनिकल बोर्ड के ओपीडी (रूम नंबर एएक्स-31) में आएगा और उसकी समस्याओं का समाधान विशेषज्ञ चिकित्सक करेंगे।
मरीज को एक ही जगह पर सभी विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होंगे। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल के मुताबिक पोस्ट कोविड मरीजाें की सभी समस्याओं के एक ही जगह समाधान के लिए इसकी व्यवस्था की गई है। इसमें मेडिसिन, पल्मो मेडिसिन, न्यूरो मेडिसिन, कार्डियोलॉजी और मनोरोग विभाग के चिकित्सक मौजूद रहेंगे। पोस्ट कोविड मरीज में अमूमन कमजोरी, खांसी, दम फूलना, भूख नहीं लगना, चक्कर आना और मनोवैज्ञानिक दबाव वाली प्रवृत्ति आती है।
ट्रांसप्लांट मरीजों के लिए ओपीडी इसके अलावा विभिन्न अंगों का ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों के लिए अलग ओपीडी की व्यवस्था की गई है। ट्रांसप्लांट के मरीज को किसी तरह की परेशानी हो तो वे आकर इस ओपीडी में इलाज करा सकेंगे। खासकर लिवर, किडनी और कोर्निया ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए यह व्यवस्था की गई है। लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों को यह सुविधा हर शनिवार को मिलेगी। वहीं कोर्निया ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए यह सुविधा बुधवार और शनिवार को मिलेगी। किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को सुविधा बुधवार और शनिवार काे मिलेगी।
पटना में मिले 237 काेराेना मरीज
पटना जिले में शुक्रवार को 237 काेराेना मरीज मिले हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 49149 हो गई है। इनमें 46766 मरीज ठीक हाे चुके हैं। अभी 2003 एक्टिव केस हैं। पीएमसीएच में 1158 सैंपल की जांच में पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एम्स में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। शुक्रवार को ऑक्सीजन हटा दिया गया। यह जानकारी कोरोना को नोडल अफसर डॉ. संजीव कुमार ने दी।
एम्स में नौ नए मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें पांच पटना के हैं। स्वस्थ होने पर पटना के डॉ. सच्चिदानंद कुमार समेत आठ मरीजों को छुट्टी दी गई। वहीं तीन मरीजों की मौत हाे गई। मृतकाें में गया के रमेश प्रसाद, अरवल के श्याम गुप्ता और यूपी के रंधीर कुमार सिंह शामिल हैं। एम्स में अभी 130 मरीज भर्ती हैं। पटना एम्स में शुक्रवार काे कोरोना की ट्रायल वैक्सीन लेने के लिए तीन लोग ��ी आए।
विदेश से आए और चार लोगों की हुई पहचान विदेश से आए और चार लोगों की पहचान हुई हैं। इनमें दो लोग जांच करा चुके थे, जबकि दो का सैंपल लिया गया है। इनमें एक बच्चा भी शामिल है। सिविल सर्जन डॉ. वीभा कुमारी सिंह ने बताया कि विदेश से आए 93 लोगों में 44 का पहले ही सैंपल लिया जा चुका है। सिविल सर्जन के मुताबिक अभी किसी सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। उन्होंने बताया कि 19 लोगों से संपर्क नहीं हो पाया था। उसी में चार लोगों की पहचान हुई है। विदेश से आए 25 लोग पटना से बाहर हैं।
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Doctors of all departments will sit in a place to see corona patients who are healthy
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news-on · 4 years
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दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा एक करोड़ पर पहुंच गया है। इनमें 54 लाख 14 हजार 646 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 98 हजार 952 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस बीच, मिस्र मेंसंक्रमण के लगातार बढ़ने के बावजूद सरकार ने कोरोनावायरस के प्रतिबंध हटा दिए हैं। यहां शनिवार से कैफे, क्लब, जिम, धार्मिक स्थल खोल दिए गए हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने कहा कि कैफे 25 प्रतिशत क्षमता के साथ ही खोले जाएंगे और धार्मिक स्थलों पर साप्ताहिक प्रेयर नहीं होगी। यहां पर संक्रमण के 62 हजार 755 मामले आ चुके हैं।
देश
कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए अमेरिका 25,73,727 1,27,845 10,70,367 ब्राजील 12,80,335 56,121 6,97,526 रूस 6,27,646 8,969 3,93,352 भारत 5,28,136 16,096 3,09,829 ब्रिटेन 310,250 43,514 उपलब्ध नहीं स्पेन 2,94,985 28,338 उपलब्ध नहीं पेरू 2,72,364 8,939 1,59,806 चिली 2,67,766 5,347 2,28,055 इटली 2,40,136 34,716 1,88,584 ईरान 2,20,180 10,364 1,80,661
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
*ये आंकड़ेhttps://www.worldometers.info/coronavirus/से लिए गए हैं।
अपडेट्स
सर्बिया के रक्षामंत्री अलेक्जेंडर वुलिन कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले रक्षा मंत्रालय के सचिव कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनके संपर्क में आने के बाद रक्षा मंत्री भी वायरस की चपेट में आ गए।
अब तक4 लाख 98 हजार से ज्यादा मौतें
चीन : स्थानीय मामले बढ़े यहां शुक्रवार को कुल 21 नए मामलों की जानकारी दी गई है। खास बात ये है कि ये सभी मामले स्थानीय हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में स्थानीय मामलों का बढ़ना इस बात की तरफ इशारा है कि यहां संक्रमण पर काबू पाने के दावे पूरी तरह सही नहीं हैं। 21 में 17 मामले राजधानी बीजिंग के हैं। हालांकि, इस दौरान किसी मौत की जानकारी सामने नहीं आई।
बीजिंग की एक लेक के किनारे मौजूद लोग। चीन में शुक्रवार को 21 नए मामले सामने आए। इनमें से 17 बीजिंग के हैं। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि होलसेल मार्केट दोबारा खोलने पर विचार नहीं किया गया है।
ब्राजील : एक दिन में फिर सबसे ज्यादा केस ब्राजील में शुक्रवार को 46 हजार 860 मामले सामने आए। इसी दौरान 990 लोगों की मौत हो गई। जायर बोल्सोनोरो की सरकार पर डब्ल्यूएचओ का दबाव बढ़ रहा है। सरकार ने मास्क तो जरूरी किया लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के उपाय नहीं किए। इस बीच, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ब्राजील ने जल्द ही संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है।
ब्राजील में शुक्रवार को करीब 47 हजार नए संक्रमित सामने आए। फोटो मनाउस शहर के कब्रिस्तान का है। यहां एक महिला कोविड-19 से मारे गए रिश्तेदार की कब्र पर फूल चढ़ाने पहुंची।
फिलिस्तीन : 207 नए मामले फिलिस्तीन में शनिवार को 207 नए मामले सामने आए। यहां अब कुल मामले 1795 हो गए। हेल्थ मिनिस्टर माई अल कैला ने एक बयान में कहा- पांच मार्च के बाद एक दिन में सामने आया संक्रमितों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि हेब्रोन जिले में सबसे ज्यादा मामले हैं। अब तक कुल 620 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, पांच की मौत हो चुकी है।
अमेरिका : 16 राज्य ज्यादा प्रभावित अमेरिका में शुक्रवार को 40 हजार 870 नए मामले सामने आए। देश के 50 में 16 राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। फ्लोरिडा और टेनेसी में संक्रमण की रफ्तार बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है। कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथोनी फौसी ने माना है कि कुछ राज्यों में संक्रमण पर काबू पाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
टेनेसी के स्प्रिंगफील्ड में शुक्रवार को एक मरीज का टेस्ट करने के पहले डॉक्टर। अमेरिका के 16 राज्यों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है। इनमें भी फ्लोरिडा और टेनेसी आगे हैं।
सऊदी अरब : तेजी से बढ़ा संक्रमण सऊदी अरब में संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। सीएनएन के मुताबिक, पिछले महीने दी गई ढील के बाद राजधानी रियाद और उसके पास के इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला है। यहां बाद में फिर पाबंदियां लगाई गईं लेकिन, तब तक नुकसान हो चुका था। पिछले 24 घंटों में 3,938 नए मामले सामने आए। कुल संख्या 1 लाख 74 हजार 577 हो गई। इसी दौरान 46 लोगों की मौत हुई। मरने वालों का कुल आंकड़ा 1474 हो गया।
ईयू : तीन देशों के यात्रियों पर रोक लगाने की तैयारी यूरोपीय यूनियन यानी ईयू महामारी को देखते हुए अमेरिका, ब्राजील और रूस से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा सकता है। इस बारे में आखिरी फैसला 1 जुलाई को लिया जा सकता है। एक डिप्लोमैट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में संक्रमण काबू में आ रहा है लेकिन, अमेरिका, ब्राजील और रूस में यह तेजी से फैल रहा है। शुक्रवार को एक मीटिंग में फैसला किया गया है कि 18 देशों से आने वाले पैसेंजर्स पर कोई रोक नहीं होगी। चीन से लोग आ सकेंगे लेकिन, उनकी पूरी जांच की जाएगी।
ईयू के डिप्लोमैट्स की शुक्रवार को एक मीटिंग हुई। इसमें कुछ देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध के बारे में विचार किया गया। माना जा रहा है कि 1 जुलाई से अमेरिका, रूस और ब्राजील से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा दी जाएगी। (फाइल)
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मिस्र की राजधानी काइरो में एक लैब में कोरोनावायरस की दवा ‘फेविपिरावीर’ टेबलेट्स दिखाता मेडिकल कर्मी। मिस्र में ईवा फार्मा कंपनी इस दवा को बनाती है। यह एक एंटीवायरल ड्रग है।
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Go to Source दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ के पार; 54 लाख से ज्यादा ठीक हुए, 4.98 लाख लोगों की जान गई दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा एक करोड़ पर पहुंच गया है। इनमें 54 लाख 14 हजार 646 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 98 हजार 952 लोगों की मौत हो चुकी है।
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pinkbonkweaselkid · 4 years
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लंदन समेत ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में फिर लग सकता है लॉकडाउन, चीन ने लोगों को असुरक्षित वैक्सीन लगाए; दुनिया में 3.33 करोड़ केस
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दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.33 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 46 लाख 33 हजार 646 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन सरकार तमाम विरोध के बावजूद उत्तरी हिस्से और लंदन में फिर लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहले ही कह चुके हैं कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है।
ब्रिटेन : लंदन में लगेगा लॉकडाउन बोरिस जॉनसन सरकार नॉदर्न ब्रिटेन और लंदन में फिर सख्त लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर तेज हो रही है और इससे वही हालात पैदा होने का खतरा है जो मई और जून में सामने आए थे।
लॉकडाउन के दौरान सभी पब, बार और रेस्टोरेंट्स पूरी तरह बंद रखे जाएंगे। लोगों के सार्वजनिक स्थलों पर मिलने पर भी रोक लगाई जाएगी। हालांकि, इस दौरान स्कूल और कुछ दुकानों को खोलने की मंजूरी दी जाएगी। जहां तक संभव हो सकेगा, वहां तक लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा। माना जा रहा है कि यह लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए होगा। लेकिन, जरूरत होने पर इसे बढ़ाया भी जा सकेगा। रूस : मॉस्को में 16 की मौत रूस में संक्रमण की दूसरी लहर घातक साबित होने लगी है। अकेले मॉस्को शहर में रविवार को 16 लोगों की मौत हो गई। अब यहां मरने वालों का आंकड़ा 5180 हो गई हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा- हमने नए मामलों पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। लेकिन, गंभीर मरीजों की मौत हुई। शनिवार को 18 ��े बाद रविवार को 16 मरीजों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर काफी उम्रदराज थे और पहले से कुछ बीमारियों से जूझ रहे थे।
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मॉस्को की एक सड़क से गुजरते टूरिस्ट। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, मॉस्को में दो दिन में 31 लोगों की मौत संक्रमण के चलते हुई। (फाइल)
चीन : गंभीर आरोप दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च और ट्रायल जारी हैं। लेकिन, चीन ने अपने नागरिकों को असुरक्षित वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये वैक्सीन असुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि इनका सफल ट्रायल के सबूत सामने नहीं आ सके हैं। यह वैक्सीन एक सरकारी कंपनी की है। इसे सरकारी अफसरी, कंपनी के स्टाफ, टीचर्स और उन लोगों को लगाया जा रहा है जो विदेश जाने वाले हैं।
मर्डोक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर किम मुलहोलेन्ड ने कहा- इस तरह की अनप्रूवन वैक्सीन बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। मुझे इस बात की आशंका है कि कंपनी के कर्मचारियों को वैक्सीन इसलिए लगाई गई होगी क्योंकि वे इससे इनकार भी नहीं कर सकते थे।
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चीन की राजधानी बीजिंग में रविवार को ऑटो शो वेन्यू के बाहर से गुजरते लोग। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में लोगों को असुरक्षित वैक्सीन लगाए जा रहे हैं।
पेरू : सावधानी बरतें लोग संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर लैटिन अमेरिकी देश पेरू ने सख्त रवैया अपनाया है। यहां राष्ट्रीय आपातकाल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रेसिडेंट मार्टिन विजकारा ने कहा- इस बात की संभावना है कि यह इमरजेंसी साल के आखिर तक बनी रहे। फिलहाल, हम इसे 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं। पेरू की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- हम जानते हैं कि लोगों को कुछ प्रतिबंधों से काफी परेशान होना पड़ रहा है। लेकिन, कोविड-19 से बचने का फिलहाल यही उपाय है कि हम हर सावधानी बरतें। मास्क और सैनिटाइजेशन का खास ध्यान रखें।
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रविवार को लंदन के एक सुपरमार्केट में मौजूद महिला। द टाइम्स के मुताबिक, बोरिस जॉनसन सरकार जल्द ही लंदन समेत देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाने जा रही है। दो हफ्ते के इस लॉकडाउन में बार और रेस्टोरेंट्स पूरी तरह बंद रहेंगे। 
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shaileshg · 4 years
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दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.77 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 83 लाख से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10.81 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।
चीन किंगडाओ शहर की पूरी 90 लाख आबादी का टेस्ट करने की योजना बना रहा है। ये टेस्ट महज 5 दिन में कर लिए जाएंगे। हाल ही में किंगडाओ में वायरस के माइनर आउटब्रेक की बात सामने आई थी। रविवार को क्विंगडाओ में संक्रमण के 6 नए मामले सामने आए थे।
इसके बाद से अब तक करीब 1 लाख 40 हजार लोगों की टेस्टिंग की भी जा चुकी है। चीन ने तीन दिन के अंदर इस शहर के पांच जिलों के सभी लोगों की टेस्टिंग की योजना बनाई है। फिलहाल चीन में संक्रमण कंट्रोल में है। देश में अब तक 85 हजार 578 मामले सामने आए हैं और 4634 मौतें हुई हैं।
ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी सीएसआईआरओ ने कोरोनावायरस को लेकर नए दावे किए हैं। एजेंसी ने अपनी रिसर्च में पाया है कि कोरोनावायरस नोट, कांच और स्टील की सतह पर 28 दिनों तक जिंदा रह सकता है। अन्य मुलायम सतह वाली चीजों जैसे कि प्लास्टिक और मोबाइल फोन स्क्रीन पर भी यह लंबे समय तक टिका रह सकता है। यह स्टडी वायरोलॉजी जर्नल में पब्लिश की गई है।
मैक्सिको: वैक्सीन के लिए 1166 करोड़ रु. का एडवांस दिया
मैक्सिको ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की मदद से चलाई जा रही कोवैक्स स्कीम के तहत कोरोना वैक्सीन खरीदने का ऐलान किया है। इसके लिए इसने 159.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1166 करोड़) रु. की एडवांस रकम जमा की है। मैक्सिको के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। बीते 24 घंटे में देश में संक्रमण के 3175 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख 17 हजार 503 हो गया है। अब तक यहां 83 हजार 781 मौतें हुई हैं।
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मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी के एक लैब में वैक्सीन से जुड़े रिसर्च में जुटी एक एक्सपर्ट। अब तक मैक्सिको में 8 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। - फाइल फोटो
इजराइल: संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख के करीब
इजराइल में बीते 24 घंटे में 618 नए मामले सामने आए। अब यहां संक्रमितों का आंकड़ा 2 लाख 90 हजार 493 हो गई है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। अब तक यहां 2 लाख 28 हजार 658 लोग स्वस्थ्य हुए हैं और 1980 मौतें हुई हैं। रविवार को इजराइल के तेल अवीव यूनिवर्सिटी (टीएयू) ने कहा कि वह कोविड-19 के इलाज के लिए एक एंटीबॉडी कॉकटेल विकसित कर रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि एंटीबॉडीज प्राकृतिक हैं और खून में स्थिर रहते हैं, इसलिए एक इंजेक्शन कोविड-19 से कई हफ्तों या यहां तक कि कई महीनों तक बचा सकता है।
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इजराइल की राजधानी येरूशलम में कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन करते स्थानीय लोग।- फाइल फोटो
साउथ कोरिया: सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में राहत
साउथ कोरिया में संक्रमण के मामले कम होने के बाद सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में राहत दी गई है। यहां नाइटक्लब, बार और रेस्टोरेंट दोबारा खोलने की इजाजत दे दी गई है। स्टेडियम की कैपेसिटी से 30% दर्शकों के साथ खेल आयोजनों की इजाजत होगी। प्रधानमंत्री चुंग से-क्यून ने रविवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हम देश भर में सोशल डिस्टेंसिंग में राहत देंगे, लेकिन, खतरे को नजरअंदाज नहीं करेंगे। डोर टू डोर बिजनेस, धार्मिक आयोजनों पर पाबंदियां जारी रहेंगी।
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साउथ कोरिया की राजधानी सियोल की लैब में एक युवक का स्वैब सैंपल लेती मेडिकल स्टाफ।
फ्रांस: 24 घंटे में रिकॉर्ड 26 हजार 896 मामले फ्रांस में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 26 हजार 896 मामले सामने आए हैं। इससे पहले सबसे ज्यादा संक्रमित बीते शुक्रवार को मिले थे। अब देश में संक्रमितों का आंकड़ा 7 लाख 18 हजार 873 हो गया है। फ्रांस में बीते कुछ हफ्तों में नए मामले बढ़े हैं। बीते एक हफ्ते से यहां हर दिन 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अब तक देश में 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यहां राजधानी पेरिस और उसके आसपास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सरकार ने पेरिस समेत कई इलाकों में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है।
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फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक अस्पताल में संक्रमित मरीज के इलाज में जुटे डॉक्टर।
नेपाल: संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख के पार नेपाल में बीते 24 घंटे में 5,008 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख 5 हजार 684 हो गया है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुछ हफ्तों से द��श में संक्रमण बढ़ा है। यहां पर बीते 4 हफ्ते में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई है। राजधानी काठमांडू सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश के संक्रमण के कुल मामलों में से करीब एक तिहाई काठमांडू में सामने आए हैं। संक्रमण से अब तक यहां 614 लोगों की जान गई है। शनिवार को नेपाल के सिविल एविएशन मंत्री योगेश भट्टराई संक्रमित मिले थे।
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नेपाल की राजधानी काठमांडू के एक क्रीमैटोरियम के बाहर सैनिटाइजेशन में जुटे पीपीई किट पहने नेपाली आर्मी के सैनिक।
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चीन के जियांग्सु राज्य के एक प्रोडक्शन प्लांट में कोरोनावायरस टेस्टिंग किट की जांच में जुटी कंपनी की दो महिला कर्मचारी।- फाइल फोटो
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chaitanyabharatnews · 4 years
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कोरोना को काबू करने में लग सकते हैं 4 से 5 साल : WHO
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चैतन्य भारत न्यूज कोरोना महामारी दुनियाभर में तबाही मचा रही है। इस वायरस ने दुनियाभर में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग इसका शिकार हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक का कोरोना को लेकर कहना है कि, कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने में चार से पांच साल का समय लग सकता है। हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि एक प्रभावी ठीके से इस वायरस का अंत हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, 'मैं कहना चाहती हूं कि चार से पांच सालों के अंदर हम इसे नियंत्रित कर पाएंगे।' उन्होंने आगे कहा कि, 'प्रभावशाली कारकों में यह देखना होगा कि क्या वायरस मैच्योर (परिपक्व) होता है। इसके अलावा रोकथाम और वैक्सीन विकास के उपाय करने होंगे। इसका टीका बनाना सबसे बेहतरीन उपाय है लेकिन इसकी सुरक्षा, प्रभाव, उत्पादन और समान वितरण को लेकर बहुत सारे किंतु, परंतु हैं।' वहीं डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन सेवा कार्यक्रमों के प्रमुख डॉक्टर माइक रायन से जब इस बारे में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि, 'कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी।' हालांकि उन्होंने बिना पर्याप्त सर्विलांस उपायों के लॉकडाउन के नियमों में छूट देने को लेकर चेतावनी दी। डॉक्टर माइक रायन ने कहा कि, 'हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि लॉकडाउन हटने के बाद लोगों की मौत में इजाफा न हो। हमारे सामने एक नया वायरस है जो लोगों के अदंर पहली बार प्रवेश कर रहा है और इसलिए यह अनुमान लगाना बहुत कठिन है कि हम कब उस पर हावी हो पाएंगे। यह वायरस कभी भी जाने वाला नहीं है।' डॉक्टर माइक ने कहा कि एचआईवी कहीं नहीं गया। हम इस वायरस के साथ रह रहे हैं और हमने इसके लिए थेरेपी और इसके बचाव के उपाय ढूंढे और अब लोग पहले की तरह इससे डरते नहीं हैं। हम अब एचआईवी मरीजों को स्वस्थ और लंबी जिंदगी दे पा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह बता सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी। Read the full article
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