उपराज्यपाल के लीगल नोटिस पर आप ने कहा, 'अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो...'
उपराज्यपाल के लीगल नोटिस पर आप ने कहा, ‘अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो…’
Delhi Governor Vs AAP: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आप नेताओं पर उनकी छवि खराब का आरोप लगाते हुए लीगल नोटिस (Legal Notice) भेजा था. अब इस कानूनी नोटिस के जवाब में आम आदमी पार्टी की ओर से भी बयान जारी किया गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो वह सीबीआई (CBI) के…
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एलेक्स एम्ब्रोस ने यौन दुराचार के आरोपों से किया इनकार, एआईएफएफ को भेजा कानूनी नोटिस
एलेक्स एम्ब्रोस ने यौन दुराचार के आरोपों से किया इनकार, एआईएफएफ को भेजा कानूनी नोटिस
भारत अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम के यूरोप दौरे के दौरान कथित “यौन दुराचार” के लिए बर्खास्त पूर्व सहायक कोच एलेक्स एम्ब्रोस ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को “तुच्छ आरोप लगाकर अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करने” के लिए कानूनी नोटिस भेजा है। .
एम्ब्रोस को कुछ दिन पहले भारत की अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम के सहायक कोच के पद से “यौन दुराचार” के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया…
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यूपी में का बा के गाने पर Neha Singh Rathore को पुलिस ने भेजा नोटिस, सिंगर की बढ़ी मुश्किलें
UP News: “यूपी में का बा” गाने वाली लोक गायिका (Neha Singh Rathore) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। यूपी पुलिस ने मंगलवार को नोटिस भेजा है।
यह नोटिस कानपुर के अग्निकांड को मुद्दा बनाने को लेकर हुआ है। इस पर गायिका (Neha Singh Rathore) ने गाना गाया था। पुलिस के अनुसार, गायिका नेहा ने ‘का बा सीजन-2’ वीडियों के माध्यम से समाज में तनाव और वैमनस्य फैलाने का काम किया है।
इस नोटिस में उनसे सात सवाल किए गए हैं, जिनका स्पष्टीकरण तीन दिन में देने के लिए कहा गया है। पुलिस का कहना है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उन पर (Neha Singh Rathore) कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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West Bengal : भारत सेवाश्रम संघ के संत ने सीएम ममता बनर्जी को भेजा कानूनी नोटिस
Kolkata: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला स्थित भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े संत कार्तिक महाराज ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक जनसभा में कार्तिक महाराज का नाम लेते हुए उन पर लोकसभा चु��ाव में भाजपा के लिए काम करने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया था।
सीएम को भेजे कानूनी नोटिस में महाराज ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री के…
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Adityapur journalist loan case : आदित्यपुर के जदयू नेता सत्यप्रकाश उर्फ टियाईं के पैसे नहीं लौटाने के मामले में नया मोड़, कर्जदाता पत्रकार गणेश सरकार ने भेजा कानूनी नोटिस, टियाईं को पैसे लौटाने के लिए दी 15 दिन की मोहलत
गम्हरिया : जदयू के प्रदेश सचिव सत्यप्रकाश उर्फ टियाईं के अपने दोस्त सह वरीय पत्रकार गणेश सरकार से लिये दस लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पत्रकार ने अब वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है. कर्जदाता गम्हरिया निवासी पत्रकार गणेश सरकार ने इस मामले में सत्यप्रकाश उर्फ टियाईं को कानूनी नोटिस भेजते हुए पंद्रह दिनों के अंदर पैसे वापस करने को कहा है. (नीचे भी पढ़ें)
बताते चलें कि सत्यप्रकाश उर्फ टियाईं…
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प्रज्वल रेवन्ना विदेश से कब लौटेंगे? पकड़ने को तैयार है SIT, पता चला है जर्मनी से बेंगलुरु के लिए टिकट बुक
बेंगलुरु: जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। पता चला है कि प्रज्वल रेवन्ना के शुक्रवार को विदेश से लौटने की संभावना है। रेवन्ना के खिलाफ अश्लील वीडियो मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें हिरासत में ले लेगी। सूत्रों ने बताया कि प्रज्वल रेवन्ना ने फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) से बेंगलुरु के लिए टिकट बुक किया है। वह 3 मई की देर शाम केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेंगे। वह 4 मई को एसआईटी अधिकारियों के सामने पेश होने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्हें एयरपोर्ट से हिरासत में लिए जाने की पूरी संभावना है।एसआईटी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारीसूत्रों के मुताबिक, उन्हें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत एसआईटी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 24 घंटे के भीतर अधिकारियों के सामने पेश होना होगा। इस बीच कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने मामले में सिद्दारमैया सरकार की निष्क्रियता के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ऐसे ही गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सबूत, शिकायत की सामग्री, जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। क्या उसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रावधान है, क्या यह एक जमानती अपराध है, जैसे फैक्टरों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।'जांच मनमर्जी नहीं की जा सकती'नोटिस सीआरपीसी धारा 41ए के प्रावधान के तहत जारी किया गया है। आरोपी व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर जांच पैनल के सामने पेश होना होगा। उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो एसआईटी आगे की कार्यवाही शुरू करेगी। जी परमेश्वर ने कहा कि किसी को बचाने का कोई इरादा नहीं है। कानूनी के अनुसार जो किया जाना है, वह किया जाएगा। जांच मनमर्जी नहीं की जा सकती और इसीलिए एसआईटी का गठन किया गया है।प्रज्वल रेवन्ना के विदेश में होने के बारे में बोले परमेश्वर प्रज्वल रेवन्ना के विदेश में होने के बारे में पूछे जाने पर जी परमेश्वर ने कहा कि एसआईटी ने पहले ही नोटिस जारी कर दिया था। प्रज्वल के विदेश में होने की जानकारी मिल रही है। अगर वह पूछताछ में शामिल नहीं होते हैं तो एसआईटी उन्हें देश वापस लाने के लिए कदम उठाएगी। केंद्र सरकार के सहयोग की भी जरूरत पड़ सकती है या फिर एसआईटी टीम उन्हें देश वापस ला सकती है।जेडीएस ने निकाले गए रेवन्ना मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को आरोपी को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जांच के लिए उसके सामने पेश होने को कहा था। प्रज्वल रेवन्ना के पिता जेडी-एस विधायक एचडी रेवन्ना को भी नोटिस जारी किया गया है, जो उनकी नौकरानी की ओर से दायर यौन उत्पीड़न के मामलों में से एक में दूसरे आरोपी हैं। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के बाद, जेडी-एस ने मंगलवार सुबह हासन से मौजूदा पार्टी सांसद और लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना को निलंबित कर दिया था। नोटिस में प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एचडी रेवन्ना दोनों को निर्धारित अवधि के भीतर पुलिस अधीक्षक सीमा लाटकर के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। (इनपुट आईएएनएस) http://dlvr.it/T6Gn7m
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ट्रैफिक जाम होने पर फरीदाबाद के 105 बैंक्वट हॉल, मैरिज गार्डन व वाटिका को पुलिस ने दिए नोटिस
शहर में शादियों के चलते में सड़क पर पार्किंग से लगने वाले जाम को देखते हुए डीसीपी ने तीनों जोन के ट्रैफिक एसएचओ व टीआई को बैंक्वट हॉल, मैरिज गार्डन, वाटिका,फॉर्म हाउस व सामुदायिक केन्द्र इत्यादि के सामने सड़क पर पार्किंग के कारण लगने वाले जाम को देखते हुए 105 संचालकों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए है।
ये नोटिस बैंक्वट हॉल, मैरिज गार्डन, वाटिका,फॉर्म हाउस व सामुदायिक केन्द्र के मालिकों/ मैनेजर को शादी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए है। जिसमें बैंक्वट हॉल और विवाह स्थलों पर बड़ी संख्या में बुकिंग की जाती है। इस संबंध में, प्रतिभागियों के वाहनों की भारी संख्या के कारण शहर में यातायात जाम हो गया। कई बार जाम में एम्बुलेंस भी फंस जाती है। जिसको जाम के कारण रास्ता नहीं मिलता। इन सब परेशानियों को देखते हुए। बैंकट हॉल मालिकों को निम्न प्रबंध करने के आदेश दिए गए है। बैंक्वट हॉल के द्वारा विवाह/पार्टी में भाग लेने वालों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान की व्यवस्था करनी होगी। प्रत्येक बैकट हॉल के प्रवेश/निकास द्वार और परिसर के आसपास वाहनों के यातायात का प्रबंधन करने के लिए निजी सुरक्षा गार्ड। मुख्य सड़क की तरफ जाने वाले रास्ते के गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
https://city24news.in/wp-admin/post.php?post=2051&action=edit
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सुकेश ने मीका सिंह को भेजा कानूनी नोटिस, जैकलीन फर्नांडीज की फोटो पर कमेंट करने के लिए माफी मांगने को कहा – News India Live
जैकलीन फर्नांडीज ने हाल ही में हॉलीवुड एक्टर जीन-क्लाउड वैन डेम के साथ एक फोटो शेयर की थी, जिस पर मीका सिंह ने कमेंट किया था कि आप बहुत हैंडसम लग रहे हैं और सुकेश चंद्रशेखर से भी बेहतर हैं. अब सुकेश की ओर से उनके वकील ने मीका सिंह को नोटिस भेजा है, जिसमें लिखा है कि आपके बयान की वजह से हमारे मुवक्किल के चरित्र पर चर्चा हो रही है, जिससे उनकी चुनौतियां बढ़ रही हैं और उन्हें मीडिया ट्रायल का सामना…
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देश में हर व्यक्ति के अपने कुछ अधिकार होते है, जिनका हनन करना गैर-कानूनी माना जाता है। कई बार देखा जाता है कि कुछ मकान मालिक अपनी मर्जी से कभी ���ी आकर किरायेदारों का किराया बढ़ा देते हैं और न देने पर उनसे घर खाली करने को कहते है, लेकिन आपको बता दें, यह एक तरह का गैर-कानूनी काम है।
कोई भी मकान मालिक अचानक किराया नहीं बढ़ सकता है और यदि रेंट एग्रीमेंट किया गया है, तो ऐसी परीस्थिति में बिल्कुल भी नहीं। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर किराएदारों और मकान मालिक के क्या अधिकार है।
किराएदार के अधिकार-
किराया वसूली-
आदर्श किराया अधिनियम, 2021 (Model Tenancy Act 2021) के तहत कोई भी मकान मालिक अचानक से किराया नहीं बढ़ा सकता, इसके लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले ही किराएदारों को नोटिस देना होगा। साथ ही, रेंट एग्रीमेंट में किराया दर्ज करने से पहले किराएदार और मकान मालिक आपस में तय करते हैं। इसके बाद रेंट एग्रीमेंट में जो किराया दर्ज किया गया है, मकान मालिक उससे ज्याद वसूल नहीं कर सकता है।
एडवांस सिक्यॉरिटी मनी-
कोई भी मकान मालिक अपने किराएदार से दो महीने से ज्यादा का एडवांस नहीं वसूला जा सकता है। इसके साथ ही, जब किराएदार मकान खाली कर देता है तो, एक महीने के अंदर मकान मालिक को यह रकम लौटानी होती है।
किराया समय पर न चुका पाएं-
यदि किसी कारणवश किराएदार अपने मकान का किराया नहीं दे पा रहा है तो, ऐसे में मकान मालिक को कोई अधिकार नहीं है कि वो किराएदार को बिजली और पानी की सुविधा से वंचित कर दें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि बिजला-पानी की सुविधा एक मूलभूत सुविधा है।
बिना अुनमति घर में आने का अधिकार नहीं-
किराए का घर मकान मालिक का होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो किराएदार की मर्जी के बिना घर में घुस जाए। किराएदार की गैर-मौजूदगी में मकान मालिक घर में नहीं घुस सकता है और न ही घर की तलाशी ले सकता है।
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शासन की बिना अनुमति और भूस्वामी स्वीकृति के रातों-रात खोदी जा रही मुरम
शासन की बिना अनुमति और भूस्वामी स्वीकृति के रातों-रात खोदी जा रही मुरम
शासन की बिना अनुमति और भूस्वामी कि बगैर स्वीकृति भगवाँ में सड़क के सोल्डर भरने के नाम पर जेसीबी मशीन के जरिए अवैध उत्खनन किया जा रहा है जिसकी शिकायत भू-स्वामी ने तहसीलदार से की है। हालांकि तहसीलदार ने पीड़ित पक्ष को न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है। बड़ामलहरा राजस्व अनुभाग के घुवारा तहसील निवासी कृपाराम लोधी ने घुवारा तहसीलदार त्रिलोक सिंह पूषाम को दिए शिकायती आवेदन में जिक्र किया है कि उसकी भूमि खसरा नंबर 1514 जो उसकी निजी भूमि है उसमें से घुवारा के किसी शख्स देवांश असाटी द्वारा रात्रि की किसी भी वक्त जेसीबी मशीन के जरिए चोरी से मुरम खोदी जा रही है। जिससे उसकी न सिर्फ भूमि खराब हो रही है बल्कि आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। आवेदक कृपाराम लोधी ने तहसीलदार को दिए आवेदन में हल्का पटवारी से जांच करा कर चोरी छुपे मुरम खोदने वाले शख्स के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की मांग की है। बताया गया है कि उक्त शख्स द्वारा सड़क की शोल्डर भरने का ठेका लिया गया है जिसके लिए अवैध खुदाई के जरिए सड़क के शोल्डर भरने का काम किया जा रहा है। लोगों का आरोप यह भी है कि शोल्डर भी सही ढंग से नहीं भरे जा रहे हैं।
नोटिस जारी किया है-तहसीलदार
"कृपाराम लोधी द्वारा उसकी निजी भूमि से मुरम खोदे जाने का आवेदन दिया गया है। जिसकी मैंने जांच कराई है। जांच सही पाई गई है, कृपाराम की भूमि से मिट्टी खोदी गई है जो गलत है। मैंने देवांश असाटी से नोटिस के जरिए जवाब मांगा है। उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी"
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नासिक (Nashik) कोर्ट मैरिज कैसे करें- Process, Documents, Age, Fees, Protection,Marriage Certificate
Nashik में court marriage करने के लिए आप इस process को फॉलो कर सकते हैं:
Step 1. निकटतम Marriage Registration office या court में जाएँ और court marriage के लिए application form प्राप्त करें।
Step 2. फॉर्म को accurate details के साथ भरें और सभी आवश्यक documents जैसे age proof, address proof, photographs आदि attach करें।
Step 3. भरे हुए application फॉर्म को आवश्यक documents के साथ Marriage Registration office में जमा करें।
Step 4. फॉर्म जमा करने के बाद, आपको documents के verification का इंतज़ार करना होगा। इस प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 30 दिन लगते हैं।
Step 5. निर्दिष्ट तिथि पर, दोनों पक्षों और उनके witnesses को रजिस्ट्रार के समक्ष उपस्थित होना होगा और विवाह को संपन्न करना होगा।
Step 6. विवाह संपन्न होने के बाद, रजिस्ट्रार marriage certificate जारी करता है।
Nashik में same day court marriage करना संभव नहीं है क्योकि intended marriage की सूचना प्रस्तुत करने और विवाह के समापन के बीच 30 दिनों की अनिवार्य नोटिस अवधि है। इस अवधि के दौरान, marriage registrar द्वारा intended marriage की सूचना publish की जाती है, और विवाह के लिए कोई objection raise किया जा सकता है।
Note: शादी की age 18 साल लड़की और 21 साल लड़के की है। यादी आप Nashik से court marriage करते हैं तो भविष्य में होने वाले विवाद या कानूनी मुद्दों में जोड़ो को legal protection दी जाती है।
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ध्यान दें कहीं आपको income Tax से नोटिस ना आ जाए बैंक अकाउंट मे रखे इतना पैसा
बैंक अकाउंट मे कितना पैसा रखे ताकि इनकम टैक्स का नोटिस नहीं आये, ध्यान दें कहीं आपको income Tax से नोटिस ना आ जाए बैंक अकाउंट मे रखे इतना पैसा
दोस्तों हम मे से कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहता है जिससे हमें इनकम टैक्स से ऐसा कोई नोटिस आये जिससे हमारी प्रॉपर्टी को खतरा हो और यह खतरा हमें ऐसी स्थिती मे होता है जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा हमारे ऊपर पड़ता है। इसी वजह से हर एक आदमी के मन मे यह प्रश्न जरूर खड़कता है की हम अपने बैंक अकाउंट कितना पैसा तक जमा कर सकते है ताकि इनकम टैक्स से हमें किसी भी प्रकार का नोटिस ना आये।
तो दोस्तों आप अपने बैंक आकउंट मे कितना पैसा रख सकते है यह कुछ हद तक आपके बैंक खाते पर भी निर्भर करता है। आप अपने बैंक अकाउंट मे कितना पैसा रख सकते है यह पता होने से पहले आपको इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए की अकाउंट होते कितने प्रकार के है तो हम आपको यह बता दे की अकाउंट के अंदर दो प्रकार के अकाउंट ओपन है पहला है सेविंग्स अकाउंट (बचत खाता) और दूसरा है करेंट अकाउंट (चालू खाता)। सामान्य रूप से हम जो अकाउंट खुलवाते है वह सेविंग्स अकाउंट और बिज़नेस और बड़े लेन-देन के लिए जो अकाउंट खुलवाते है वह है करेंट अकाउंट चलिए आंगे हम पहले जान लेते है दोनों अकाउंट के बारे मे।
सेविंग्स अकाउंट(बचत खाता)
सेविंग्स अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिसमे लोगों को पैसो की बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाता है मतलब की इस अकाउंट मे पैसा रखने पर बैंक हमारी जमा राशि पर हमें ब्याज देता है जिसे हम सेविंग्स अकाउंट या बचत खाते के रूप मे जानते है।
करेंट अकाउंट(चालू खाता)
करेंट अकाउंट या चालू खाता हम ऐसे खाते को कहते है जिसमे हमें हमारी बैंक मे जमा राशि पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं मिलता है और समय-समय पर हमें इसके ATM की नयी पिने भी बनानी पडती है। जिसे हम करेंट अकाउंट या चालू खाता कहते है।
तो दोस्तों अब हम जान लेते है की सेविंग्स अकाउंट और करेंट अकाउंट मे कितना पैसा रखे ताकि हमें इनकम टैक्स का नोटिस ना आये तो चलिए शुरू करते है।
सेविंग्स अकाउंट मे कितना पैसा रख सकते है
तो दोस्तों सबसे पहले हम जान लेते है सेविंग्स अकाउंट के बारे मे क्योंकि अधिकतर लोगों के खाते सेविंग्स अकाउंट मे ही खुले होते है। तो जानकारी के लिए हम आपको बता दे की सेविंग्स अकाउंट ने पैसे जमा करने की तो कोई लिमिट नहीं होती है आप जितना चाहे उतना पैसा अपने बैंक मे जमा कर सकते है।
लेकिन हम आपको बता से की सेविंग्स अकाउंट मे पैसा जमा करने की एक ऐसी लिमिट जरूर होती है जिसके बाद आपको इनकम टैक्स से नोटिस आने लगता है। सेविंग्स अकाउंट मे एक वित्तीय वर्ष मे कोई भी व्यक्ति एक सेविंग्स अकाउंट मे 10 लाख या 10 लाख से अधिक पैसा जमा करता है तो फिर ऐसी स्थिति मे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है।
एक और जरुरी सूचना हम आपको बता दे की अगर आप 10 लाख से अधिक लेन-देन एक वर्ष मे कर लेते है तो इसके बाद आपको जो नोटिस इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से भेजा जायेगा उसमे आपसे यह जानकारी ली जायेगी की आपकी इस कमाई का जरिया क्या है आपने किस काम के द्वारा इतना पैसा अपने बैंक अकाउंट मे जमा किया है। अगर आप यह जानकारी देने मे अशमर्थ रहते है तो ऐसी स्थिती मे कोर्ट के द्वारा आप पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
सेविंग्स अकाउंट के लिए एक और मुख्य बात इसके लिए लागू होती है की अगर अपने एक से अधिक सेविंग्स अकाउंट खुलवाए हुए है तो आप अलग अलग अकाउंट मे यह राशि बड़ा नहीं सकते है कहने का मतलब है की आपके सभी अकाउंट मे अगर 10 लाख की लिमिट ख़त्म होती है तब आप इनकम टैक्स के नोटिस के दायरे मे आ जाते है। अब आपको यह तो समझ आ गया होगा की सेविंग्स अकाउंट मे 10 लाख या उससे अधिक पैसे रखने पर आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ जायेगा।
करेंट अकाउंट मे कितना पैसा जमा कर सकते है
तो पहले तो हमने आपको बता दिया की सेविंग्स अकाउंट मे कितने पैसे जमा करने तक पर आपको इनकम टैक्स का नोटिस नहीं आएगा अब जान लेते है की करेंट अकाउंट मे हम अधिकतम कितने पैसे रखे ताकि इनकम टैक्स का नोटिस या छापा हमारे ऊपर ना पड़े।
income Tax नोटिस
तो दोस्तों हम आपको बता दे की जिस तरह की पैसे जमा करने की लिमिट सरकार ने सेविंग्स अकाउंट के लिए लगाई है ठीक उसी प्रकार करेंट अकाउंट के लिए भी कुछ इसी प्रकार के नियम होते है बस इसमें पैसो की मात्रा मे थोड़ा बहुत फेरबदल होता है। अगर हम बात कर करेंट अकाउंट की तो आप एक वित्त वर्ष मे करेंट अकाउंट मे 50 लाख रूपये तक की राशि जमा कर सकते है। अगर इससे अधिक की राशि आप अपने बैंक अकाउंट मे रखते है तो जिस तरह के नियम सेविंग्स अकाउंट के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बनाये हुए है ठीक उसी प्रकार के नियम इन्हे भी लगे हुए है
तो दोस्तों अब आपको यह पोस्ट पूरा पढ़ने के बाद यह बात जरुर पता चल गयी होंगी की आप अपने बैंक अकाउंट मे अधिकतम कितना पैसा रख सकते है की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आपको नोटिस ना आये। एक और जरुरी खबर हम आपको बता दे की आप चाहे कितना भी पैसा अपने अपने बैंक अकाउंट मे जमा कर ले लेकिन अगर आपने जिस भी बैंक मे अपने पैसे जमा किये हुए है और अगर वह बैंक आंगे चल कर डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है तो 5 लाख रूपये तक की सुरक्षा की गारंटी सरकार लेती है।
सारांश
तो दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम के माध्यम से जाना की आप अपने बैंक अकाउंट में कितना पैसा तक जमा कर सकते है जिससे इनकम टैक्स का नोटिस आपको ना आये, तो आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी यह हमें कमेंट करके जरूर बताये।
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पानीपत (Panipat) कोर्ट मैरिज कैसे करें- Process, Documents, Age, Fees, Protection & Certificate
Step 1. ��ानीपत के Marriage Registration Department की official website पर जाएं और marriage registration form डाउनलोड करें। Step 2. Accurate details के साथ फॉर्म भरें और सभी जरूरी documents जैसे age proof, address proof, photographs,आदि attach करें। Step 3. एक बार फॉर्म पूरा हो जाने के बाद, इसे जरूरी fee के साथ निकटतम marriage registration office या court में जमा करें। Step 4. फॉर्म जमा करने के बाद, documents के verification के लिए आपको कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा। Step 5. court marriage के दिन, आपको अपने साथ witnesses लाने होंगे और रजिस्ट्रार के सामने पेश होना होगा। Step 6. रजिस्ट्रार documents verify करेगा और दोनों पक्षों और witnesses से कुछ सवाल पूछेगा। Step 7. वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रार marriage certificate जारी करेगा। Panipat में same day court marriage करना संभव नहीं है क्योकि intended marriage की सूचना प्रस्तुत करने और विवाह के समापन के बीच 30 दिनों की अनिवार्य नोटिस अवधि है। इस अवधि के दौरान, marriage registrar द्वारा intended marriage की सूचना publish की जाती है, और विवाह के लिए कोई objection raise किया जा सकता है। Note: शादी की age 18 साल लड़की और 21 साल लड़के की है। यादी आप Haryana से court marriage करते हैं तो भविष्य में होने वाले विवाद या कानूनी मुद्दों में जोड़ो को legal protection दी जाती है।
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रायपुर । दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका
माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुये अनर्गल बयाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षड़यंत्र रचा जाता है।
उक्त बातें एआईसीसी की महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा Kumari Selja ने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने के पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा सामने रखा।
उन्होंने कहा राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी? इसका एकमात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे।
पहला : क्या अडानी की शेल कंपनियों में ₹20,000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं ? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है? ये किसकी शेल कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है?
दूसरा : प्रधानमंत्री मोदी का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर $1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था, के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था।
मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी - भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है।
जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर JPC (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है। राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को राहुल ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें।
इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ़ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो।
दूसरा घटनाक्रम : 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी चुनावी भाषण देते हैं। 16 अप्रैल 2019 बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई। 7 मार्च 2022 शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात उच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की; हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। 7 फरवरी 2023 राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया।
16 फरवरी 2023 शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में स्टे के अपने अनुरोध को वापस ले लिया। 27 फरवरी 2023 निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू। 23 मार्च 2023 ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई। 24 मार्च 2023 लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हम न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया।
यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाही और असहिष्णु सरकार चल रही है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है। सबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने “विदेशी ताकतों“
से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है ! अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये “भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।“
दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा! जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए “भारत जोड़ो यात्रा“ में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है?
तीसरा - सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर- भाजपा ने गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए “बिजली की गति“ से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था! भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है ?
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है। सबसे पहले, राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है - उन्होंने ऐसा नहीं है कि “सारे मोदी चोर हैं“ ! उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है। और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? तीसरा, कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है।
आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आजतक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था - लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई।
महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेज़ों ने सजा दी। अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए श्री राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी।
यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर यह देश की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता है। जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते है उनकी आवाज दबा सकते है तब आम आदमी की क्या बिसात? यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरुआत है क��ंग्रेस इससे डरने वाली नहीं। हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चौक-चौराहे को संसद बनायेंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे?
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम, मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा उपस्थित थे।
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इमरान से लेकर बिलावल भुट्टो तक, पाकिस्तान के नेता एक सामान्य शब्द का उपयोग करते हैं जब ट्रेडिंग बार्ब - आतंकवादी | When exchanging jabs, Pakistani leaders Imran and Bilawal Bhutto frequently refer to one other as terrorists;
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष
पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अपने निराधार आरोपों के जरिए जरदारी परिवार को धमकियां देने के लिए खान की आलोचना की।
नई दिल्ली: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान द्वारा आसिफ अली जरदारी पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाने वाली टिप्पणी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं तलाश रही है। सरकार ने भी खान के आवासों के बाहर सुरक्षा हटाकर जवाब दिया है।
हम इमरान के हालिया मानहानिकारक और खतरनाक आरोपों पर कानूनी प्रतिक्रिया तलाश रहे हैं। अतीत में उसने मेरे पिता को धमकी दी थी कि वह 'अपनी बंदूक के निशाने पर' है। पीपीपी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा, उनके और उनके सहयोगियों का इतिहास आतंकवादियों के हमदर्द और मददगार दोनों के रूप में अच्छी तरह से प्रलेखित है।
लाहौर में अपने जमान पार्क निवास से खान के भाषण को शुक्रवार को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि आसिफ जरदारी द्वारा दो असफल प्रयासों के बाद उनकी हत्या करने के लिए एक नई योजना बनाई जा रही थी।
'अब उन्होंने एक प्लान सी बनाया है और इसके पीछे आसिफ जरदारी हैं। उसके पास भ्रष्टाचार का बहुत पैसा है, जिसे उसने सिंध सरकार से लूटा और चुनावों पर खर्च किया। उसने एक आतंकवादी संगठन को पैसा दिया है और शक्तिशाली एजेंसियों के लोग उसकी मदद कर रहे हैं, 'इमरान ने आरोप लगाया।
आसिफ जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो ने शनिवार को कहा कि उनके पिता के खिलाफ खान के आरोपों से उनके परिवार के खिलाफ खतरा बढ़ गया है।
'आतंकवादी संगठनों द्वारा मुझे और मेरी पार्टी को नाम लेकर सीधे धमकी देने के बाद, इमरान ने अब मेरे पिता, पूर्व राष्ट्रपति एजेड के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। ये बयान मेरे पिता, मेरे परिवार और मेरे हिस्से के लिए खतरा बढ़ाते हैं। भुट्टो ने एक ट्वीट में कहा, हम अपने इतिहास को देखते हुए उन्हें गंभीरता से लेते हैं। नवंबर 2022 में वजीराबाद हमले का जिक्र करते हुए जहां खान को दाहिने पैर में गोली लगी थी, खान ने कहा कि तब धर्म के नाम पर उन्हें खत्म करने के लिए एक 'प्लान बी' बनाया गया था। खान ने दावा किया, 'राष्ट्र को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनकी हत्या के प्रयास के पीछे कौन था ताकि ऐसा करने के बाद वे अपने जीवन का आनंद नहीं ले सकें।'
इससे पहले शुक्रवार को अवामी मुस्लिम लीग (एएमएल) के प्रमुख शेख रशीद अहमद ने आसिफ जरदारी के खिलाफ खान के आरोप को दोहराया।
सुरक्षा हटाई गई
खान के दावों के बीच, उनके लाहौर बानी गाला आवास पर तैनात कम से कम 250 पुलिसकर्मियों की अतिरिक्त सुरक्षा वापस ले ली गई।
इस बीच, पंजाब के गृह विभाग ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को लाहौर के ज़मान पार्क में पूर्व प्रधान मंत्री के घर से प्रांत की पुलिस को वापस लेने के लिए एक पत्र भी लिखा, जियो न्यूज ने बताया।
वापस लिए गए सुरक्षा कवर पर प्रतिक्रिया देते हुए, पीटीआई नेता शिबली फ़राज़ ने एक ट्वीट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा 'उनका अधिकार है' और अगर इमरान को कुछ होता है, तो आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह जिम्मेदार होंगे।
शनिवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पीपीपी नेताओं फरहतुल्ला बाबर, नय्यर बुखारी और कमर जमां कैरा ने भी इमरान के आरोपों की आलोचना की।
पीपीपी नेताओं ने कहा कि पूर्व पीएम ने 'अपना दिमाग खो दिया है' और पार्टी कानूनी नोटिस जारी कर मांग करेगी कि खान अपने आरोपों को रद्द करें, एआरवी न्यूज ने बताया।
बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख द्वारा लगाए गए आरोप इस बार काफी गंभीर हैं और इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।....
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jharkhand jsca - जेएससीए में अमिताभ चौधरी की प्रतिमा लगाने का बेटे ने किया विरोध, सचिव को कानूनी नोटिस भेज आपत्ति जताई
रांची: झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएसन (जेएससीए) स्टेडियम, धुर्वा में जेएससीए प्रबंधन की ओर से पूर्व अध्यक्ष स्व अमिताभ चौधरी की प्रतिमा लगाने के निर्णय पर विवाद शुरू हो गया है. जेएससीए के पूर्व प्रमुख और पुलिस अधिकारी रहे अमिताभ चौधरी के बेटे अभिषेक चौधरी समेत परिवार के लोगों ने भी प्रतिमा लगाने जाने के फैसले पर आपत्ति जतायी है. अमिताभ चौधरी की स्वर्ण जड़ित प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को उनके परिवार…
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