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#ईयर
hindie24bollywood · 1 year
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अथिया और राहुल ने दुबई में न्यू ईयर सेलिब्रेट किया
अथिया और राहुल ने दुबई में न्यू ईयर सेलिब्रेट किया
अथिया शेट्टी केएल राहुल: बॉलीवुड एक्ट्रेस अथिया शेट्टी और केएल राहुल ने दुबई में साथ में न्यू ईयर सेलिब्रेट किया। दोनों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। दोस्तों द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में अथिया और राहुल को पार्टी में एक-दूसरे को गले लगाते देखा जा सकता है। क्रिकेटर केएल राहुल ने श्रीलंका के खिलाफ आगामी मैचों के लिए दिसंबर में भारतीय क्रिकेट प्रबंधन बोर्ड (बीसीसीआई) से…
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एमएस धोनी ने बेटी-पत्नी के साथ ऐसे मनाया न्यू ईयर, देखें VIDEO
एमएस धोनी ने बेटी-पत्नी के साथ ऐसे मनाया न्यू ईयर, देखें VIDEO
एमएस धोनी न्यू ईयर सेलिब्रेशन: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पत्नी साक्षी और बेटी के साथ दुबई में न्यू ईयर सेलिब्रेट किया। माही का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी बेटी जीवा के साथ एन्जॉय करते नजर आ रहे हैं. परिवार के साथ मस्ती करती माही बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी अपने परिवार के साथ न्यू ईयर सेलिब्रेट करने के लिए दुबई पहुंचे हैं। साक्षी ने धोनी और बेटी…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए मिली पहली सैलरी को याद करती हैं आलिया भट्ट
स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए मिली पहली सैलरी को याद करती हैं आलिया भट्ट
बहुत कम उम्र में अपना करियर शुरू करने के बाद, आलिया भट्ट ने गंगूबाई काठियावाड़ी, राज़ी, गली बॉय और हाईवे सहित कुछ अद्भुत फिल्में दी हैं। आलिया ने करण जौहर के निर्देशन में बनी 2012 की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसने वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​को भी पेश किया। अब ‘ब्रह्मास्त्र’ का प्रमोशन करते हुए एक्ट्रेस ने अपनी पहली तनख्वाह को याद किया है. आलिया ने कहा कि उन्हें…
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मनीषा कल्याण, सुनील छेत्री एआईएफएफ फुटबॉलर्स ऑफ द ईयर के लिए नामांकित
मनीषा कल्याण, सुनील छेत्री एआईएफएफ फुटबॉलर्स ऑफ द ईयर के लिए नामांकित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मनीषा कल्याण और सुनील छेत्री को एआईएफएफ महिला और पुरुष फुटबॉलर ऑफ द ईयर 2021-22 के रूप में नामित किया गया है। दो दिग्गजों को उनके संबंधित राष्ट्रीय टीम के कोच थॉमस डेननरबी और इगोर स्टिमैक द्वारा नामित किया गया है। मनीषा ने पिछले सीज़न के लिए वर्ष की महिला उभरती फुटबॉलर का पुरस्कार जीता, जबकि सुनील ने 7 बार पुरस्कार जीता है। पिछली बार 2018-19 में जीता था। महिला राष्ट्रीय…
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nityamguru · 4 months
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नए साल में हनुमान पूजा
#newyear #puja #nayasaal
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mwsnewshindi · 1 year
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एनईपी 2020 द्वारा संचालित, 2022 में आईआईटी द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन और बहु-विषयक पाठ्यक्रमों पर एक नज़र
एनईपी 2020 द्वारा संचालित, 2022 में आईआईटी द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन और बहु-विषयक पाठ्यक्रमों पर एक नज़र
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) ने जब जुलाई 2020 में संसद में पेश किया गया तो बहुत चर्चा हुई। स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव और कांग्रेस सांसद शशि थरूर जैसे कई विपक्षी नेताओं ने इसके कार्यान्वयन, प्रभावशीलता और समावेशिता के बारे में चिंता जताई। हालाँकि, रेखा के दो साल बाद, तालिकाओं ने पलटना शुरू कर दिया है और कई राज्य शैक्षिक निकाय और संस्थान अब नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए आगे बढ़…
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trendingwatch · 2 years
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स्टूडेंट ऑफ द ईयर के 10 साल: आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​और वरुण धवन के लिए करण जौहर का नोट
स्टूडेंट ऑफ द ईयर के 10 साल: आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​और वरुण धवन के लिए करण जौहर का नोट
करण जौहर के वीडियो से अभी भी। (शिष्टाचार: karanjohar) नई दिल्ली: स्टूडेंट ऑफ द ईयर बुधवार को 10 साल पूरे हो गए और खास मौके पर फिल्म के निर्देशक Karan Johar एक व्यापक सोशल मीडिया पोस्ट में अपना दिल बहलाया। इस फिल्म में आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​और वरुण धवन ने अपने बॉलीवुड डेब्यू में अभिनय किया। करण जौहर ने अपने नोट में लिखा: “SOTY मैंने एक “हॉलिडे फिल्म” बनाते हुए शुरुआत की… एक ऐसी फिल्म…
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kv1nsbvizag · 2 years
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हरमनप्रीत सिंह बने FIH प्लेयर ऑफ द ईयर
हरमनप्रीत सिंह बने FIH प्लेयर ऑफ द ईयर
हरमनप्रीत सिंह लगातार वर्षों में प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार (पुरुष वर्ग) जीतने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए हैं हरमनप्रीत सिंह लगातार वर्षों में प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार (पुरुष वर्ग) जीतने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए हैं भारत के डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह को शुक्रवार को लगातार दूसरी बार पुरुष वर्ग में एफआईएच प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया। 26 वर्षीय खिलाड़ी लगातार वर्षों में प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार (पुरुष वर्ग)…
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merikheti · 2 years
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IYoM: भारत की पहल पर सुपर फूड बनकर खेत-बाजार-थाली में लौटा बाजरा-ज्वार
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भारत की पहल से यूएन में हुआ पारित
दो साल में 146% बढ़ी बाजरा की मांग
कुकीज, चिप्स का बढ़ रहा बाजार
“अयं बन्धुरयं नेति गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥”
महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध महा कल्याण की भावना से परिपूर्ण यह महावाक्य भारतीय संसद भवन में भी सुषोभित है।
इसका अर्थ है कि, यह अपना बन्धु है और यह अपना नहीं है, इस तरह का हिसाब छोटे चित्त वाले करते हैं। उदार हृदय वालों के लिए तो (सम्पूर्ण) धरती ही कुटुंब है।
”धरती ही परिवार है।” सनातन धर्म के मूल संस्कार एवं इस महान विचारधारा के प्रसार के तहत भारत ने अंतर राष्ट्रीय स्तर पर अन्न के प्रति भारतीय मनीषियों द्वारा प्रदत्त सम्मान के प्रति भी दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है।
”धरती मेरा कुटुंब है, प्राकृतिक कृषि से उदर पोषण कृषक का दायित्व है।”, इन विचारों से भले ही दुनिया पहली बार परिचित हो रही हो, लेकिन भारत में यह पंक्तियां, महज विचार न होकर सनातनी परंपरा का अनिवार्य अंग हैं। भारत में कृषि का चलन बहुत पुराना है।
हालांकि अंग्रेजी नाम वाली पैक्ड फूड डाइट (Packed Food Diet) के बढ़ते चलने के कारण युवा वर्ग अब इन यूनिवर्सल थॉट्स (सार्वभौमिक विचार) से दूर भी होता जा रहा है।
कोदू, कुटकी, जौ, ज्वार, बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज की पहचान को आज की पीढ़ी, हिंदी के अंकों, अक्षरों की तरह भुलाती जा रही है। संभव है, कुछ दिन में कॉर्न, सीड्स जैसे नामों के आगे मक्का, बीज जैसे नाम भी विस्मृत हो जाएं!
भारत सरकार की पहल
प्रकृति प्रदत्त अनाज की किस्मों में निहित जीवन मूल्यों की ओर ध्यान आकृष्ट कराने, भारत सरकार ने साल 2018 को ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाने का निर्णय लेकर, देसी अनाज की किस्मों की ओर दुनिया का ध्यान आकृष्ट कराया।
ईयर ऑफ मिलेट्स के तहत सरकारी स्तर पर मोटे अनाज की किस्मों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने तमाम प्रोत्साहन योजनाएं संचालित की गईं।
अब IYoM
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को, अनाज की बिसरा दी गईं किस्मों की ओर लौटकर, प्राकृतिक खेती से दोबारा जुड़ने का भारत का यह तरीका पसंद आया, तो वर्ष 2023 को अंतर राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स – आईवायओएम (International Year of Millets – IYoM) अर्थात अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYoM) 2023 योजना का सरकारी दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें
नैचुरल फार्मिंग (Natural Farming) या प्राकृतिक खेती के दौर में ज्वार, बाजरा, कोदू, कुटकी जैसे मोटे अनाज अब मिलेट्स (MILLET) के रूप में सुपर फूड बनकर धीरे-धीरे फिर से चलन में लौट रहे हैं।
क्या आप इक्षु, उर्वास के बारे में जानते हैं। इक्षु अर्थात गन्ना एवं उर्वास यानी ककड़ी, वे नाम हैं जो मिलेट्स (बाजरा, ज्वार) की तरह समय के साथ नाम के रूप में अपनी पहचान बदल चुके हैं।
इस बदलाव की वजह क्या है ?
आखिर क्या वजह है कि दुनिया को अब मोटा अनाज पसंद आने लगा है, करते हैं इस बात की पड़ताल।
मोटे अनाज (मिलेट्स/MILLETS) के धरती, प्रकृति और मानव स्वास्थ्य से जुड़े फायदों पर अनुसंधान करने वाले भारत के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय एवं कृषि केंद्रों के शोध अंतर राष्ट्रीय स्तर पर विचार का विषय हैं।
इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट्स (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics) भी मिलेट्स की उपयोगिता पर रिसर्च करने में व्यस्त हैं।
भारत की ही तरह विश्व के तमाम कृषि अनुसंधान केंद्रों का भी यही मानना है कि, बाजरा, ज्वार, पसई का चावल जैसे मोटे अनाज अब वक्त की जरूरत बन चुके हैं। इनके मुताबिक अनाज की इन किस्मों को खाद्य उपयोग के चलन में लाने के लिए अंतर राष्ट्रीय स्तर पर IYoM जैसे साझा सहयोग की जरूरत है। मतलब मोटे अनाज की किस्मों की न केवल व्यापक स्तर पर खेती की जरूरत है, बल्कि उपजे अनाज के लिए विस्तृत बाजार नेटवर्क भी अपरिहार्य है।
कृषि प्रधान देश भारत के नेतृत्व में आयोजित यूएन के IYoM 2023 मिशन के तहत लोगों को मोटे अनाज के लाभों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस तारतम्य के तहत हाल ही में भारत में मिलेट्स पाक उत्सव आयोजित किया गया। इसमें मोटे अनाज से बनने वाले व्यंजनों एवं उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को जागरूक कर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।ये भी पढ़ें: IYoM: मिलेट्स (MILLETS) यानी बाजरा को अब गरीब का भोजन नहीं, सुपर फूड कहिये
मिलेट्स फूड मेले में लोगों की मौजूदगी ने साबित किया कि, लोग मोटे अनाज के आहार के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। इससे पता चलता है कि, मिलेट्स फिर चलन में लौट रहे हैं। मोटे अनाज की फसलों के लिए इसे एक सार्थक संकेत कहा जा सकता है।
मोटे अनाज की कृषि उपयोगिता
मोटा अनाज या बाजरा (मिलेट्स/MILLETS) आम तौर पर किसी भी किस्म की गुणवत्ता वाली मिट्टी में पनप सकता है। इसके लिए किसी खास किस्म की खाद, या रसायन आदि की भी जरूरत नहीं होती। तुलनात्मक रूप से इन फसलों को कीटनाशक की भी आवश्यकता नहीं है।
इसलिए स्मार्ट फूड
मोटा अनाज तेजी से चलन में लौट रहा है। इसमें खेत, जमीन, पर्यावरण के साथ ही मानव स्वास्थ्य से जुड़े लाभ ही लाभ समाहित हैं। ये अनाज धरती, किसान और इंसान के लिए लाभकारी होने के कारण इन्हें सुपर फूड कहा जा रहा है।
और अधिक खासियतों की यदि बात करें, तो मोटे अनाज को उपजाने के लिए किसान को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती। यह अन्न किस्में तेज तापमान में भी अपना वजूद कायम रखने में सक्षम हैं।
मिलेट्स फार्मिंग किसानों के लिए इसलिए भी अच्छी है, क्योंकि दूसरी फसलों के मुकाबले इनकी खेती आसान है। इसके अलवा कीट पतंगों का भी मोटे अनाज की फसल पर कम असर होता है। कीट जनित रोगों से भी ये बचे रहते हैं।
मोटे अनाज (मिलेट्स/MILLETS) मानव के स्वास्थ्य के लिए काफी सेहतकारी हैं। मिलेट्स में पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद रहता है।
अनुसंधान के मुताबिक, बाजरे से मधुमेह यानी शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) लेवल में भी इससे सुधार होता है। कैल्शियम, जिंक और आयरन की कमी को भी बाजरा दूर करता है।ये भी पढ़ें: ऐसे मिले धान का ज्ञान, समझें गन्ना-बाजरा का माजरा, चखें दमदार मक्का का छक्का
स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी मोटे अनाज को आहार में शामिल करने की सलाह लोगों को दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में डायबिटीज के लगभग 8 करोड़ मरीज हैं।
देश में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इनमें से आधे से अधिक गंभीर रूप से कुपोषित श्रेणी में आते हैँ। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कुपोषण से मुक्ति के लिए मिलेट्स रिवोल्यूशन (Millets Revolution) की दरकार जता चुके हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार पौष्टिक आहार और अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए भारत को बाजरा क्रांति (Millets Revolution) पर काम करने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो भारत के लिए मिलेट्स रिवोल्यूशन इसलिए कठिन नहीं है, क्योंकि मक्के की रोटी, बाजरे के टिक्कड़, खीर आदि के रूप में मोटा अनाज पीढ़ियों से भारतीय थाली का अनिवार्य हिस्सा रहा है।
एक तरह से जौ और बाजरा को मानव जाति के इतिहास में खाद्योपयोग में आने वाला प्राथमिक अन्न कहा जा सकता है। सिंधु घाटी की सभ्यता संबंधी अनुसंधानों में बाजरा की खेती के प्रमाण प्राप्त हुए हैं। भारत के 21 राज्यों में मोटे अनाज की खेती की जाती है।
ये मोटे अनाज राज्यों में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार अपना स्थान रखते हैं। राज्यों में मोटे अनाजों (मिलेट्स/MILLETS) को उनकी उपयोगिता एवं जरूरत के हिसाब से उपजाया जाता है। गौरतलब है कि मोटे अनाज प्रकारों से जुड़ी अपनी-अपनी मान्यताएं भी हैं।
भारत में बाजरा पैदावार
भारत प्रतिवर्ष 1.4 करोड़ टन बाजरे की पैदावार करता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजरा उत्पादक देश माना जाता है। हालांकि बीते 50 सालों में इससे जुड़ी कृषि उत्पादक भूमि घटकर कम होती गई है। यह भूमि 3.8 करोड़ हेक्टेयर से घटकर मात्र 1.3 करोड़ हेक्टेयर के आसपास रह गई है।
1960 के दशक में उत्पन्न बाजरा की तुलना में आज बाजरा की पैदावार कम हो गई है। तब भारत खाद्य सहायता पर निर्भर था। भारत को उस समय देशवासियों के पोषण के लिए अनाज का आयात करना पड़ता था।ये भी पढ़ें: बाजरा देगा कम लागत में अच्छी आय
क्यों पिछड़ा सुपर फूड
खाद्य मामलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने एवं कुपोषण पर लगाम कसने के लिए भारत में हरित क्रांति हुई। इसके परिणाम स्वरूप 60 के दशक के उपरांत भारत में गेहूं एवं चावल की अधिक पैदावार वाली किस्मों को खेत में अधिक स्थान मिलता गया।
भारत में 1960 और 2015 के बीच गेहूं का उत्पादन तीन गुना से भी अधिक हुआ। चावल के उत्पादन में इस दौरान 8 सौ फीसद वृद्धि हुई। गेहूं, चावल का दायरा जहां इस कालखंड में बढ़ता गया वहीं बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाज की पैदावार का क्षेत्रफल सिमटता गया।
गेहूं अनाज को प्रोत्साहन देने के चक्कर में बाजरा और उसके जैसे दूसरे पारंपरिक ताकतवर मोटे अनाज की अन्य किस्मों की उपेक्षा हुई। नतीजतन मिलेट्स की पैदावार कम होती गई।
दरअसल बाजरा और मोटे अनाज को पकाना सभी को नहीं आता एवं उसको खाद्य उपयोगी बनाने के लिए भी काफी समय लगता है। इस कारण दशकों से इनका बेहद कम उपयोग किया जा रहा है। बाजार ने भी मोटे अनाज की उपेक्षा की है।
समझ आई उपयोगिता
प्राकृतिक अनाज आहार के प्रति जागरूक होती आज की पीढ़ी को अब समय के साथ-साथ मोटे अनाज की उपयोगिता समझ आ रही है।
भुलाई गई अनाज की इन किस्मों को चलन में वापस लाने के लिए चावल और गेहूं की फसलों की ही तरह सरकारों को खास ध्यान देना होगा।
भारतीय कृषि वैज्ञानिक ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाजों की किस्मों पर व्यापक शोध कर रहे हैं। इनके द्वारा दिए गए सुझावों से किसानों को लाभ भी मिल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो सालों के दौरान बाजरा की मांग में उल्लेखनीय रूप से 146 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
बाजरा में बाजरा
बाजार में अब बाजरा जैसे मोटे अनाज से बने तमाम प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। मिलेट का आटा, कुकीज, चिप्स आदि पैक्ड आइटम्स की खुदरा बाजार, सुपर मार्केट एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खासी डिमांड है।ये भी पढ़ें: बाजरे की खेती (Bajra Farming information in hindi)
पीडीएस प्रोसेस
भारत में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम – पीडीएस (Public Distribution Service – PDS) यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से हितग्राहियों को 1 रुपया प्रति किलो की दर से बाजरा प्रदान किया जा रहा है।
कुछ राज्यों में मोटे अनाज से बने व्यजनों को दोपहर आहार (मिड डे मील – Mid Day Meal Scheme) योजना के तहत परोसा जा रहा है।
मतलब सरकार और बाजार को बाजरे की मार्केट वैल्यू पता लगने पर इसकी हैसियत लगातार बढ़ती जा रही है। गरीब का भोजन बताकर किनारे कर दिया गया बाजरा जैसा ताकतवर अनाज, सुपर फूड मिलेट्स (MILLETS) के रूप में फिर नई पहचान बना रहा है।
Source IYoM: भारत की पहल पर सुपर फूड बनकर खेत-बाजार-थाली में लौटा बाजरा-ज्वार
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hindie24bollywood · 1 year
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न्यासा देवगन का न्यू ईयर सेलिब्रेशन दुबई में
न्यासा देवगन का न्यू ईयर सेलिब्रेशन दुबई में
न्यासा देवगन वीडियो: न्यासा देवगन बॉलीवुड इंडस्ट्री की मशहूर स्टार किड्स में से एक हैं। काजोल और अजय देवगन की लाडली पर्दे से दूर रहने के बाद भी चर्चा में बनी रहती है। न्यासा अपनी लाइफ को भरपूर एंजॉय करती हैं, जिसका सबूत उनकी वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो से साफ हो जाता है। न्यासा फिलहाल न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए दुबई में हैं। वहां से उनकी कुछ खूबसूरत तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखकर…
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BBL 2022: फिंच ने न्यूज ईयर के पहले दिन जड़ा खूबसूरत छक्का, टूट जाएगा आपका दिल
BBL 2022: फिंच ने न्यूज ईयर के पहले दिन जड़ा खूबसूरत छक्का, टूट जाएगा आपका दिल
बीबीएल 2022: बिग बैश लीग 2022-23 के 24वें मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एरोन फिंच ने शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने मेलबर्न रेनेगेड्स टीम के लिए खेलते हुए पर्थ स्कॉचर्स के खिलाफ 48 गेंदों में 65 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने नए साल के पहले दिन ही एक खूबसूरत छक्का लगाया. इस छक्के में फिंच ने कमाल की टाइमिंग दिखाई और गेंद को बाउंड्री के पार भेज दिया. एरोन फिंच के इस छक्के में इतनी बेहतरीन…
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rudrjobdesk · 2 years
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New Year 2022: नए साल के जश्न को बनाना है खास तो दक्षिण भारत के इन हिल स्‍टेशन्‍स को बनाएं डेस्टिनेशन
New Year 2022: नए साल के जश्न को बनाना है खास तो दक्षिण भारत के इन हिल स्‍टेशन्‍स को बनाएं डेस्टिनेशन
मुन्नार (Munnar) केरल (Kerala) के इडुक्‍की जिले में स्थित है. इस हिल स्टेशन की पहचान है यहां के विस्तृत भू-भाग में फैली चाय की खेती, औपनिवेशिक बंगले, छोटी नदियां, झरनें और ठंडे मौसम. ट्रैकिंग और माउंटेन बाइकिंग के लिए यह एक आदर्श स्थल है. Image : canva Source link
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krazyshoppy · 2 years
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सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए यहां इंटर्नशिप का मिला मौका, 15000 तक मिलेगा स्टाइपेंड
सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए यहां इंटर्नशिप का मिला मौका, 15000 तक मिलेगा स्टाइपेंड
NHAI Internship 2022 : सिविल इंजीनियरिंग के ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन फाइनल ईयर के छात्रों के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) में इंटर्नशिप करने का मौका है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए छह महीनें का इटर्नशिप ऑफर किया जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में इंटर्नशिप के लिए ऑनलाइन आवेदन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा…
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mwsnewshindi · 1 year
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संयुक्त अरब अमीरात में नए साल की पूर्व संध्या 2023: यहां दुबई के बुर्ज खलीफा LIVE में आतिशबाजी देखें
संयुक्त अरब अमीरात में नए साल की पूर्व संध्या 2023: यहां दुबई के बुर्ज खलीफा LIVE में आतिशबाजी देखें
की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए केवल कुछ ही घंटे शेष हैं नया साल 2023 उत्सव, द संयुक्त अरब अमीरात प्राधिकरण जहां के अनुसार सुरक्षा, सुरक्षा और पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं दुबई पुलिस, कुल 10,597 कर्मी, 5,800 सुरक्षा गार्ड, 1,420 स्वयंसेवक, 3,651 गश्ती और वाहन और 45 समुद्री नौकाएँ, 30 स्थानों पर तैनात हैं जो समारोह और आतिशबाजी की मेजबानी करेंगे। चूंकि सभी की निगाहें डाउनटाउन दुबई पर उसके शानदार…
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trendingwatch · 2 years
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CNN News18 इंडियन ऑफ द ईयर 2022: ज़ोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस विन 'स्टार्ट-अप' अवार्ड
CNN News18 इंडियन ऑफ द ईयर 2022: ज़ोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस विन ‘स्टार्ट-अप’ अवार्ड
भारतीय बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी जोहो कॉरपोरेशन के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस को बुधवार को ‘स्टार्ट-अप’ श्रेणी के लिए सीएनएन-न्यूज18 इंडियन ऑफ द ईयर 2022 पुरस्कार के विजेता के रूप में घोषित किया गया। दिल्ली में आयोजित समारोह में जोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू को पुरस्कार प्रदान करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें बेहतरीन उद्यमियों में से एक बताया। भारत कभी उत्पादन…
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sol941sblog · 1 year
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É hora de receber o Ano Novo
com alegria e esperança no coração.
De deixar o ruim no passado,
e abraçar o futuro com otimismo.
Bonito fim de semana e Feliz Ano novo para todos nós.
Happy Weekend and Happy New Year
Buen fin de semana y feliz año nuevo
हैप्पी वीकेंड और हैप्पी न्यू ईयर
عطلة نهاية أسبوع لطيفة وسنة جديدة سعيدة
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