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freejobalert1 · 8 months
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Home Science Assistant Professor Recruitment 2023
Home Science Assistant Professor Recruitment 2023 : राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा कॉलेज होम साइंस असिस्टेंट प्रोफेसर के 39 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आरपीएससी होम साइंस असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन 6 सितंबर से 5 अक्टूबर 2023 तक कर सकते हैं। Home Science Assistant Professor Recruitment 2023 के लिए अभ्यर्थियों का चयन प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम…
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rudrjobdesk · 2 years
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UPHESC : यूपी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नई भर्ती में हिन्दी के 80 पद, यहां देखें सब्जेक्ट वाइज वैकेंसी
UPHESC : यूपी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नई भर्ती में हिन्दी के 80 पद, यहां देखें सब्जेक्ट वाइज वैकेंसी
UPHESC UP Assistant Professor Recruitment 2022: उत्तर प्रदेश के 321 अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 917 पदों के लिए जल्द विज्ञापन जारी होने जा रहा है।इसमें सबसे अधिक मौका हिन्दी से तैयारी करने वालों को मिलेगा। क्योंकि उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजी 37 विषयों की रिक्त पदों की सूचना में सर्वाधिक 80 पद हिन्दी के हैं। बीएड के…
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helputrust · 2 months
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लखनऊ, 20.02.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ हायर स्टडीज महाविद्यालय, फैजाबाद रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 118 छात्राओं ने "मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी" मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ हायर स्टडीज महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयंतिका यादव, डॉ. शिवानी कालरा, डॉ अभिलाष त्रिवेदी एवं रेड ब्रिगेड से यासमीन बानो ने दीप प्रज्वलित किया ।
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती है, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध है । महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है, लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है । आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है । महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है । आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता बढ़ चुकी है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी । आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखिए, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं । फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय है । हमें उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा । आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सकें तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सकें ।"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो एवं रूबी खान ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत किया और उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से कैसे बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया ।
कार्यशाला की समाप्ति के बाद छात्राओ ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, "हमें हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस “आत्मरक्षा प्रशिक्षण” कार्यशाला” में आकर बहुत अच्छा लग रहा है | हमें अंदर से एक आत्मविश्वास आ गया है और अब हम यह निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि अगर भविष्य में हमें किसी अप्रिय घटना का सामना करना पड़ा तो हम इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर को लागू करके अपने आपको बचा पाएंगे |"
कार्यशाला में गोयल इंस्टिट्यूट ऑफ हायर स्टडीज महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संतोष पाण्डेय, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयंतिका यादव, डॉ. शिवानी कालरा, डॉ अभिलाष त्रिवेदी, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, रूबी खान तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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helputrust-harsh · 6 days
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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helpukiranagarwal · 6 days
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
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डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
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धरोहर सेमिनार: हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | Dharohar Seminar: Our Heritage, Our Responsibility
लखनऊ, 15.09.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) तथा समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर" के अंतर्गत सेमिनार विषयक "हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व" का आयोजन राधा कमल मुखर्जी सभागार, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय में किया गया |
सेमिनार में सम्मानित वक्तागण के रूप में पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह, साहित्यकार, डॉ रवि भट्ट, इतिहासविद, प्रो विभूति राय, डीन, विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती मीनू खरे, निदेशक, आकाशवाणी तथा प्रो श्री अनूप कुमार भरतिया, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सहभागिता की | सेमिनार का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्वलन से हुआ | सभी विद्वान वक्ताओं का ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति (जनसंपर्क) की सदस्य तथा सेमिनार की निवेदक वंदना त्रिभुवन सिंह द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मान किया गया |
डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, धरोहर शब्द का अर्थ है विरासत जो कि हमें हमारे पूर्वजों से उपहार में मिली है | दुनिया भर में अनेक इमारतें हैं जिन्हें  देखकर यकीन नहीं होता कि उन्हें इंसान ने बनाया है | इमारत के साथ-साथ हमारी भाषा, धर्म, संस्कृति, साहित्य सभी कुछ हमारी विरासत है, हमारा उपहार है और यह हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम इसको सहेज कर रखें, संभाल कर रखें | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के सभी क्षेत्रों मे कार्य कर रहा है | ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धर्मार्थ, साँस्कृतिक, जागरूकता व अनेक प्रकार के कार्यक्रम कराए जाते हैं | आप सभी से अनुरोध है कि ट्रस्ट को उसके जन सेवा कार्यों मे अपना सहयोग प्रदान करें तथा यह संकल्प लें कि अपनी धरोहर, अपनी विरासत को संभाल कर रखेंगे एवं भारत का नाम विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करेंगे |
प्रोफेसर अनूप कुमार भरतिया ने भारत देश की धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समय के अनुसार हर एक चीज परिवर्तित होती जाती है और उसकी प्रकृति में भी परिवर्तन होता जाता है | हमें हमारी संस्कृति, विश्वास और परंपराओं को पूरी तरह से आत्मसात करना चाहिए | पहले के समय में लोगों में सहयोग की भावना होती थी अगर कहीं शादी होती थी तो पूरा गांव शादी की तैयारी में जुट जाता था | लेकिन आज यह संस्कृति समाप्त हो चुकी है आज सारा काम घर वाले नहीं बाहर वाले करते हैं और इसी वजह से लोगों के बीच आत्मीयता कम हो गई है | हमें अपनी उसी आत्मीयता के साथ अपनी धरोहर का अपनी विरासत का संरक्षण करना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए | 
प्रोफेसर विभूति राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय का इतिहास बताते हुए कहा कि, लखनऊ विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है और करीब 20 वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रयास किया, जिसके खिलाफ सभी शिक्षकों को लेकर हम लोगों ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ अनशन किया, प्रोटेस्ट मार्च निकाला और कुछ ऐतिहासिक ऐसे पत्र आदि मिल गए जिसके अनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम बदला नहीं जा सका |
डॉ रवि भट्ट ने भारतीय इतिहास, संवाद, संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, धरोहर दो प्रकार की होती है, एक मूर्त और एक अमूर्त | मूर्त धरोहर वह धरोहर है जिसे हम छू सकते हैं, देख सकते हैं जैसे हमारी इमारतें लेकिन अमूर्त धरोहर को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं जैसे हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य आदि | मेरा ऐसा मानना है कि हमें मूर्त धरोहर के साथ-साथ अमूर्त धरोहर को सहेज कर रखना चाहिए क्योंकि अमूर्त धरोहर जैसे अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य, इतिहास के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा करके हम आने वाली पीढ़ियों को जागरूक कर सकते हैं |
पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु सिंह ने बताया कि किसी भी देश की धरोहर के आधार पर किसी भी राष्ट्र के महत्व का मूल्यांकन होता है ।मूर्त धरोहर में स्थापत्य कलाएं मूर्तियां चित्र आदि हैं और अमूर्त में जिन्हें देखा नहीं जा सकता वह धरोहर है। पूर्वजों से प्राप्त संस्कार, साहित्य, संगीत, कला संस्कृति के रूप में हम सुरक्षित इसे पाते हैं । इन सब का संरक्षण और भावी पीढ़ियों में इनका प्रसार करना हम सभी का दायित्व है ।
डॉ जानिसार आलम, असिस्टेंट प्रोफेसर, उर्दू विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सेमिनार में अपना पेपर प्रस्तुतीकरण किया |
छात्र-छात्राओं ने विद्वान वक्ताओं से भारतीय धरोहर एवं विरासत के बारे में कई प्रश्न पूछे जिसका उत्तर पाकर उनके चेहरे खुशी से खिल उठे | प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया |
सेमिनार में डॉ शिखा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, स्वयंसेवकों व मीडिया कर्मियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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biharsarkarinaukri · 24 days
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तमिलनाडु में आई 4000 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नई बहाली - TN TRB Recruitment 2024
Tamil Nadu Teachers Recruitment Board: सरकारी कला एवं विज्ञान महाविद्यालयों तथा सरकारी शिक्षा महाविद्यालयों के लिए तमिलनाडु कॉलेजिएट शैक्षिक सेवा में रिक्त पदों पर Assistant Professors की नई बहाली निकाली गई है. कुल रिक्त पदों की संख्या 4000 है. सभी पात्र एवं इच्छुक उम्मीदवार दिनांक 28/03/2024 से अंतिम तिथि 29/04/2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यदि आप भी इस पद पर आवेदन करने की इच्छा रखते हैं तो…
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premiumgyan · 1 month
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राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024: Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024
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Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024: राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह भर्ती अलवर के राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया और सीधा लिंक नीचे दिया गया है। उम्मीदवार राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के लिए 13 मार्च से 12 अप्रैल, 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 के लिए पात्रता, आयु सीमा, आवेदन शुल्क और अन्य सभी जानकारी नीचे दी गई है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना जरूर देख लें। Notification for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में 25 पदों के लिए 2024 भर्ती के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। 2024 में एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भर्ती अभियान चलाया जाएगा। राजा ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन 13 मार्च 2024 से शुरू हो गए हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 12 अप्रैल 2024 निर्धारित है। उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना में राजा ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Overview Recruitment Organisation Raj Rishi Bhartrihari Matsya University, Alwar पोस्ट का नाम  एसोसिएट प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर विज्ञापन संख्या 01/2024 रिक्त पदो की संख्या 25 वेतनमान पोस्ट के अनुसार भिन्न होता है नौकरी का स्थान अलवर वर्ग राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय रिक्ति 2024 आवेदन करने का तरीका ऑनलाइन आवेदन करने अंतिम तिथि  12 अप्रैल 2024 आधिकारिक वेबसाइट recruitment.univindia.org Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Vacancy Details राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में 25 पदों के लिए 2024 भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के 10 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 15 पद शामिल हैं। विभाग डाक रिक्ति Political Science Associate Professor 2 Assistant Professor 3 History Associate Professor 2 Assistant Professor 3 English Associate Professor 2 Assistant Professor 3 Geography Associate Professor 2 Assistant Professor 3 Maths Associate Professor 2 Assistant Professor 3 कुल 25 Read Also - Rajasthan Women Supervisor Recruitment 2024 राजस्थान महिला सुपरवाइजर भर्ती 2024 का नोटिफिकेशन जारी (premiumgyan.com) RPSC Assistant Prosecution Officer Recruitment 2024 राजस्थान सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती 2024 - Rajasthan University Time Table 2024: Download Now राजस्थान विश्वविद्यालय का 2024 का टाइमटेबल अभी डाउनलोड करें यहां से (premiumgyan.com) - DSSSB Peon Recruitment 2024 notification released for the posts of Process Server and Chowkidar. (premiumgyan.com) - Rajasthan Junior Instructor Recruitment 2024: 679 पदों पर भर्ती (premiumgyan.com) - RSMSSB Sanganak Answer Key 2024 Here. अभी डाउनलोड करें (premiumgyan.com) Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Important Dates आयोजन तारीख राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 Start  Appling 13 मार्च 2024 राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 Last Date 12 अप्रैल 2024 राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 Exam Date जल्द ही अपडेट किया जाएगा Application Fee for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 राज ऋषि भर्तृहरि विश्वविद्यालय में 2024 प्रवेश के लिए, आवेदन शुल्क सामान्य और ओबीसी श्रेणियों के लिए ₹1000 और एससी और एसटी श्रेणियों के लिए ₹800 निर्धारित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पीडब्ल्यूडी पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क ₹500 है। आवेदक आसानी से शुल्क का भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं। वर्ग फीस General / EWS class रु. 1000/- OBC and MBC रु. 800/- SC/ST/PWD रु. 500/- Type of Payment Online Qualification for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024  राज ऋषि भर्तृहरि यूनिवर्सिटी भर्ती 2024 में पदों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग रखी गई है। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न पदों के लिए भर्ती की जाती है, और प्रत्येक पद के लिए अलग-अलग योग्यताएं होती हैं। आम तौर पर, निम्नलिखित योग्यताएं आवश्यक होती हैं: शैक्षिक योग्यता: न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना है। कुछ पदों के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर या पीएचडी डिग्री आवश्यक हो सकती है। आयु सीमा: अधिकांश पदों के लिए आयु सीमा 18 से 40 वर्ष के बीच होती है। कुछ पदों के लिए आयु सीमा भिन्न हो सकती है। अनुभव: कुछ पदों के लिए संबंधित क्षेत्र में अनुभव आवश्यक हो सकता है। कौशल: कंप्यूटर ज्ञान और भाषा कौशल जैसे कुछ कौशल आवश्यक हो सकते हैं। विशिष्ट पदों के लिए योग्यता जानने के लिए, आपको विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और विज्ञापन डाउनलोड करना होगा। यहां कुछ सामान्य पदों और उनकी योग्यताओं की सूची दी गई है: पद शैक्षिक योग्यता आयु सीमा अनुभव प्रोफेसर पीएचडी 45 वर्ष 10 वर्ष एसोसिएट प्रोफेसर पीएचडी 40 वर्ष 5 वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर पीएचडी 35 वर्ष 2 वर्ष लेक्चरर एम.फिल 30 वर्ष - प्रशासनिक अधिकारी स्नातक 40 वर्ष 5 वर्ष तकनीकी सहायक 12वीं कक्षा 30 वर्ष 2 वर्ष विशिष्ट योग्यता जानने के लिए, आपको विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और विज्ञापन डाउनलोड करना होगा। Raj Rishi Bhartrihari Matsya Vishwavidyalaya Recruitment 2024 Selection Process राज ऋषि भर्तृहरि विश्वविद्यालय 2024 भर्ती प्रक्रिया में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार आयोजित करेगा। साक्षात्कार में 100 अंकों का वेटेज होगा। इसके बाद, दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया और एक चिकित्सा परीक्षा होगी। Raj Rishi Bhartrihari Matsya Vishwavidyalaya Recruitment 2024 Salary/Pay Level डाक वेतनमान Associate Professor Level 13A, 131400-217100 (GP-9000) Assistant Professor Level 10, 57700-182400 (GP-6000) Required Documents for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती 2024 के लिए उम्मीदवारों के पास निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। आवश्यक दस्तावेज (विज्ञापित पदों के अनुसार परिवर्तन के अधीन): आवेदन पत्र: एक विधिवत भरा और हस्ताक्षरित ऑनलाइन आवेदन पत्र (संभवतः विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध)। शैक्षणिक दस्तावेज: ��भी शैक्षणिक योग्यताओं (10वीं, 12वीं, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी आदि, जैसा कि पद के लिए आवश्यक हो) के लिए मार्कशीट और प्रमाणपत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियां। आयु प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि जैसे वैध दस्तावेज की स्व-सत्यापित प्रति। अनुभव प्रमाण पत्र: यदि लागू हो, तो पिछले नियोक्ताओं से अनुभव प्रमाणपत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियां। - अभ्यर्थी का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जाति प्रमाण पत्र: यदि लागू हो, तो निर्धारित प्रारूप में अपने जाति प्रमाणपत्र की स्व-सत्यापित प्रति (एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस आदि)। अन्य प्रासंगिक दस्तावेज: हालिया पासपोर्ट साइज फोटो। फोटो पहचान प्रमाण (यदि पहले से आवेदन पत्र में जमा नहीं किया गया है)। विज्ञापन में विशेष रूप से उल्लिखित कोई अन्य दस्तावेज (उदाहरण के लिए, शोध प्रकाशन, पुरस्कार आदि)। How to Apply for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 यदि आप 2024 में राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भर्ती के लिए आवेदन करने में रुचि रखते हैं, तो आप ऐसा ऑनलाइन कर सकते हैं। अपना आवेदन ऑनलाइन कैसे जमा करें, इसके बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका नीचे दी गई है। भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बस उल्लिखित निर्देशों का पालन करें। - पहले Raj Rishi Bhartrihari Matsya University की ऑफिशियल वेबसाइट खोलें। - इसके बाद आपको होम पेज पर भर्ती सेक्शन पर क्लिक करना होगा। - फिर Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 पर क्लिक करना होगा। - इसके बाद, Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 के ऑफिशल नोटिफिकेशन को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। - फिर अभ्यर्थी को ऑनलाइन अप्लाई पर क्लिक करना होगा। - इसके बाद, उम्मीदवारों को आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारी सही-सही भरनी चाहिए। - फिर अपनी आवश्यक जानकारी, चित्र और सिग्नेचर अपलोड करें। - अभ्यर्थी को इसके बाद अपनी कैटेगरी के अनुसार आवेदन शुल्क भुगतान करना होगा। - आवेदन भरने के बाद इसे अंतिम सबमिट कर देना चाहिए। - अंत में, आपको आवेदन पत्र का एक प्रिंट आउट निकालकर सुरक्षित रखना चाहिए। Important Links for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Start Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 13 March 2024 Last Date Online Application form 12 April 2024 Apply Online Click Here Official Notification Click Here Official Website Click Here Join WhatsApp Group Click Here Join Telegram Click Here Join Facebook Page Click Here FAQs for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Q. What is the official website of Raj Rishi admit card 2024? A. The official website for the Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 Q. What are the requirements for Rrbmu? A. The requirements for Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Recruitment 2024 include filling out an online application form, submitting necessary documents, and meeting the eligibility criteria for the desired position. For more information on specific requirements, candidates can refer to the official notification or visit the official website. Q. What is the full name of Matsya University? A. The full name of Matsya University is (RRBMUA) Raj Rishi Bhartrihari Matsya University Alwar.   Q. How can I check my Matsya University Result? A. To check your Matsya University Result, you can visit the official website of Raj Rishi Bhartrihari Matsya University or log into your student portal. From there, you can access your result by entering your roll number or other required details.  You can also check the result through SMS by sending a text message with your roll number to the designated number provided by the university. It is important to regularly check for updates and announcements regarding result declaration on the official website.   Q. Who is the vice chancellor of Matsya University? A. The current Vice Chancellor of Raj Rishi Bhartrihari Matsya University is Prof. (Dr.) Suresh Kumar Sharma. He has been appointed as the VC since April 2019 and has a vast experience in the field of education and administration.   Q. What are the courses offered by Matsya University? A. Matsya University offers a wide range of undergraduate, postgraduate and diploma courses in various fields such as arts, science, commerce, law, education, management and computer applications. Some popular courses include B.A., B.Sc., B.Com., M.A., M.Sc., MBA, LLB and B.Ed. The university also offers research programs leading to Ph.D. degrees in different disciplines.   Q. Where is Matsya located in India? A. Matsya University is located in the city of Alwar, which is situated in the state of Rajasthan in India. It is a vibrant and historical city known for its rich cultural heritage, delicious cuisine and famous monuments such as the Bhangarh Fort and Siliserh Lake Palace. The university campus is spread over 72 acres of land and has all the necessary facilities to provide students with a comfortable learning environment.   Q. Who can apply for admission at Matsya University? A. Matsya University accepts applications from Indian as well as international students who have completed their secondary education (10+2) or equivalent from a recognized board. The eligibility criteria may vary for each course, so it is important to check the official website or prospectus for specific requirements   Q. Is Matsya University UGC approved? A. Yes, Matsya University is recognized by the University Grants Commission (UGC) and is a government-funded institution. This ensures that the degrees and certificates offered by the university hold value and are recognized by other educational institutions and employers. The university also follows UGC guidelines for curriculum design, examination process, and other academic activities to maintain high standards of education. Q. Who is the VC of Alagappa University? A. As of 2021, the Vice-Chancellor of Alagappa University is Dr. N. Rajendran. He has been in this position since July 2019 and has made significant contributions to the university's growth and development. Prior to this, he served as the Director of Distance Education at Alagappa University for over seven years. With his vast experience in higher education, he aims to make Alagappa University a global center of excellence in teaching, research, and innovation. Q. What is the admission process for Delhi Technological University? A. The admission process for Delhi Technological University (DTU) varies depending on the course you are applying for. For undergraduate courses, students are admitted through Joint Entrance Examination (JEE) Main scores, while for postgraduate courses, the admissions are based on Graduate Aptitude Test in Engineering (GATE) scores or through Common Admission Test (CAT) scores. Read the full article
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digitalvishaljain · 2 months
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यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स
क्या आप कॉलेज और यूनिवर्सिटी में रिसर्च एसोसिएट या असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहते हैं? यदि हां, तो यूजीसी नेट की तैयारी आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है। परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले, आपको परीक्षा की मूल बातें समझने की जरूरत है। यहाँ यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स के बारे में बताया गया है |
यूजीसी नेट परीक्षा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के पद के लिए प्रवेश परीक्षा है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित करती है।
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n7india · 2 months
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झारखंड के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर्स की नियुक्ति के लिए नेट की तर्ज पर जेट परीक्षा, कैबिनेट ने लगाई मुहर
Ranchi: झारखंड में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए यूजीसी नेट की तर्ज पर राज्य स्तरीय व्याख्याता पात्रता परीक्षा आयोजित की जाएगी। झारखंड एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेट) के स्कोर के आधार पर पीएचडी कोर्स में भी दाखिला मिल सकेगा। इससे संबंधित नियमावली पर सोमवार को झारखंड सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी। राज्य में व्याख्याताओं के हजारों पद रिक्त हैं और इनके लिए नियमावली तय…
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freejobalert1 · 9 months
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Rajasthan Assistant Professor Recruitment 2023
Rajasthan Assistant Professor Recruitment 2023 : राजस्थान असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2023 का नोटिफिकेशन ऑफिशल वेबसाइट पर जारी कर दिया है। यह भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा कॉलेज शिक्षा विभाग के सहायक आचार्य के लिए 48 विषयों के लिए निकाली गई है। आरपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2023 के तहत कुल 1913 पदों पर भर्ती की जाएगी। आरपीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 जून 2023…
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rudrjobdesk · 2 years
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ESIC Recruitment 2022: असिस्टेंट प्रोफेसर के 491 पदों पर भर्ती, 18 जुलाई तक करें आवेदन
ESIC Recruitment 2022: असिस्टेंट प्रोफेसर के 491 पदों पर भर्ती, 18 जुलाई तक करें आवेदन
ESIC Recruitment 2022: कर्मचारी राज्य बीमा निगम, ईएसआईसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 491 पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक उम्मीदवार ऑफलाइन मोड से 18 जुलाई तक अपना आवेदन भेज सकते हैं। ये भर्ती ESIC PGIMSR और ESIC मेडिकल कॉलेजों के लिए की जाएगी।  इन विभागों के लिए होगी भर्ती एनाटॉमी, एनेस्थिसियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, कम्युनिटी मेडिसिन, डेन्टिस्ट्री, डर्मेटोलॉजी, इमरजेंसी मेडिसिन, फोरेंसिक मेडिसिन एंड…
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helputrust · 3 months
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लखनऊ, 02.02.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में वासुदेव मेमोरियल गर्ल्स डिग्री कॉलेज, विमल नगर, लखनऊ में आत्मरक्षा  कार्यशाला" आयोजित की गई जिसमें 32 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा वासुदेव मेमोरियल गर्ल्स डिग्री कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कावेरी पॉल, श्रीमती रेखा मौर्य एवं रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के श्री अजय पटेल ने दीप प्रज्वलन किया |
कार्यशाला ��ें रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए  गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी मेंजी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेद��ाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव दिया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में वासुदेव मेमोरियल गर्ल्स डिग्री कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कावेरी पॉल, श्रीमती रेखा मौर्य, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, सुष्मिता भारती तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति  रही l
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abhinews1 · 3 months
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के.डी डेंटल कॉलेज में बेसिक लाइफ सपोर्ट पर दिया प्रशिक्षण
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के.डी डेंटल कॉलेज में बेसिक लाइफ सपोर्ट पर दिया प्रशिक्षण
मथुरा। इंसान की भागमभाग भरी जिन्दगी और नित्यप्रति हो रही स्वास्थ्य परेशानियों को देखते हुए आज के समय में बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) यानी जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान होना सभी के लिए बहुत जरूरी है। चिकित्सा क्षेत्र का पेशेवर ही नहीं एक बीएलएस प्रशिक्षण प्राप्त आम आदमी भी आपातकालीन स्थिति में किसी के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। यह बातें मंगलवार को के.डी डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा में आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण शिविर में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को बताईं। के.डी. डेंटल कॉलेज सभागार में आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण शिविर में आगरा और मथुरा के चिकित्सकों तथा छात्र-छात्राओं, स्टाफ सदस्यों को सम्बोधित करते हुए अतिथि वक्ता डॉ. ए.एम. अग्रवाल (एसोसिएट प्रोफेसर एवं एचओडी, एनेस्थीसिया विभाग, आरडीएमसी, बांदा) ने कहा कि बीएलएस प्रशिक्षण सशक्तीकरण और आत्मविश्वास की भावना पैदा करता है। यह आत्मविश्वास आपके आस-पास के अन्य लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। आपात स्थिति में मूकदर्शक बने रहने के बजाय हमें पीड़ित की हर तरह से मदद करनी चाहिए तथा उसे चिकित्सालय पहुंचाना चाहिए। विशेषज्ञ निश्चेतना डॉ. राजेश मीना ( प्रोफेसर एवं प्रभारी कौशल केंद्र, नोडल अधिकारी, एनईएलएस, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी) ने कहा कि बीएलएस बुनियादी चिकित्सा सहायता है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है। डॉ. कविता मीना, (एसोसिएट प्रोफेसर, एनेस्थीसिया विभाग, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी), डॉ. सोमेश त्रिपाठी (असिस्टेंट प्रोफेसर, सर्जरी विभाग, आरडीएमसी, बांदा) तथा डॉ. प्रिया दीक्षित (सहायक प्रोफेसर, एनेस्थीसिया विभाग, आरडीएमसी, बांदा) आदि ने सभी पंजीकृत प्रतिनिधियों के साथ लाइव डेमो के माध्यम से बुनियादी जीवन समर्थन के महत्व पर प्रकाश डाला तथा चर्चा की। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने के.डी. डेंटल कॉलेज के जन जागरूकता तथा जीवन रक्षक ���ार्यक्रम की प्रशंसा की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को कभी नजरअंदाज न करें। उसे तुरंत बीएलएस की सुविधा दें तथा एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल पहुंचाएं। आपका थोड़ा सा समय उसकी जिन्दगी बचा सकता है। अतिथि वक्ताओं ने बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के लिए अध्यक्ष डॉ. मनेश लाहौरी, (प्राचार्य, केडी डेंटल कॉलेज), आयोजन सचिव डॉ. विनय मोहन (प्रोफेसर एवं एचओडी, ओएमआर विभाग) और वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. सोनल गुप्ता (प्रोफेसर एवं एचओडी, पेडोडोंटिक्स विभाग) आदि के प्रयासों की सराहना की। प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक आयोजनों का उद्देश्य व्यक्तियों को गंभीर परिस्थितियों में महत्वपूर्ण जीवन-रक्षक कौशल के साथ सशक्त बनाना है। ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. विनय मोहन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को बुनियादी होने के बावजूद कौशल के साथ जागरूक और अद्यतन करने में मदद करते हैं जो उनमें से प्रत्येक को आपात स्थिति में पहला प्रतिक्रियाकर्ता बनने के लिए सशक्त बनाता है। व्याख्यान के बाद अतिथि वक्ताओं के मार्गदर्शन में पंजीकृत प्रतिनिधियों के लिए व्यावहारिक सत्र का आयोजन किया गया। उसके बाद प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का संचालन बाल चिकित्सा एवं निवारक दंत चिकित्सा विभाग की पीजी छात्राओं डॉ. आशिमा और डॉ. रिया ने किया।
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tinesnews · 3 months
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