परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
ईसाइयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ किसने रखा पूर्ण परमात्मा ने ईसा जी की मृत्यु के पश्चात ईसा जी का रुप धारण करके प्रकट होकर ईसाइयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा नहीं तो ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए व ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति नहीं करता नास्तिक हो जाते ।
ईसाई धर्म में भी लाभ - हानि देने वाले तीन देवता " पवित्र ईसाई तथा मुसलमान धर्मों के अनुयाईयों को कर्माधार से लाभ - हानि करने वाले भी ( श्री ब्रह्मा , विष्णु तथा शिव ) तीन ही देवता " हजरत आदम तथा उसकी पत्नी हव्वा तथा अन्य प्राणियों व सर्व ब्रह्मण्डों की उत्पत्ति करके कुर्बान व बाईबल बोलने वाले प्रभु को सौंप गया । बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ से भी सिद्ध होता है कि परमात्मा मनुष्य जैसा है । क्योंकि प्रभु ने मनुष्य को अपने जैसा बनाया तथा सात दिन के बाद का वर्णन कुर्बान शरीफ व बाईबल ज्ञान दाता ( काल / ज्योति निरंजन ) की लीला का है । पवित्र बाईबल में लिखा है कि ' फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा , मनुष्य भले - बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है । इसलिए अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वंक्ष का फल भी तोड़ कर खा ले और सदा जीवित रहे । परमेश्वर ने उसे अदन के उद्यान से निकाल दिया । उपरोक्त विवरण से यह भी सिद्ध होता है कि जो आदम का प्रभु है ऐसा कोई और भी है तथा साकार है । इसीलिए तो कहा है कि मनुष्य जीवन फल को खाकर हम में से एक के समान हो गया है । क्योंकि बाईबल के उत्पत्ति ग्रन्थ में ही लिखा है कि आदम ने भले - बुरे के ज्ञान वाला फल तोड़ कर खा लिया तो उसे पता चला वह नंगा है । यहोवा परमेश्वर टहलते हुए आ गया । उसने आदम को पुकारा तू कहाँ है ? तब आदम ने कहा मैं तेरी आवाज सुनकर छुप गया हूँ , क्योंकि मैं नंगा हूँ । फिर परमेश्वर ने आदम तथा उसकी पत्नी हव्वा के वस्त्र बनवाए । विचार करें उपरोक्त विवरण स्वयं सिद्ध कर रहा है कि पूर्ण परमात्मा भी सशरीर मनुष्य जैसे आकार का है तथा अन्य प्रभु भी मनुष्य जैसे आकार के हैं , जिसे पवित्र ईसाई तथा मुसलमान धर्म निराकार मानता है तथा प्रभु एक से अधिक भी हैं । - संत रामपाल जी महाराज अवश्य पढ़ें ' ज्ञान गंगा ' Get Free Books +917496801825
संत रामपाल जी महाराज द्वारा स्पष्टीकरण : मंडल 10 सूक्त 161,169 मंत्र 2 यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32 में स्पष्ट है कि यदि रोगी की जीवन शक्ति नष्ट हो गई हो और रोगी मृत्यु के निकट पहुंच गया भी परमात्मा उसका रोग ठीक करके सौ वर्ष की आयु करता है । आज यही संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गयी सतभक्ति से हो रही है ।
= 1 गलत धारणा मंत्र शिव जी का मंत्र है । प्रमाणित तथ्य पवित्र गीता जी अध्याय 11 के श्लोक नंबर 32 में गीता ज्ञान दाता कहता है कि मैं काल हूँ और पवित्र गीता जी अध्याय 8 श्लोक 13 और अध्याय 10 श्लोक 25 में काल कहता है कि मेरा सिर्फ एक ॐ मंत्र है । इसलिए साबित होता है कि ॐ मंत्र भगवान शिव का मंत्र समझकर जाप करने से कोई लाभ नहीं होता ।
संत रामपाल जी महाराज कौन है ? गरीब , सतगुरु के लक्षण कहूं , मधूरे बैन विनोद । चार वेद षट शास्त्र , कह अठारा बोध ।। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं , जो चार वेद , छह शास्त्रों के साथ साथ सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथों के ज्ञाता अर्थात सदग्रंथों में छूपे हुए गूढ़ रहस्यों को जानने वाले हैं । और शास्त्रों के आधार से ही प्रमाणित सतभक्ति विधि तथा ज्ञान बताने वाले परम संत हैं ।
तत्वदर्शी संत गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत की शरण में जाने तथा कुरान सूरह अल फुरकान 25 की आयत 59 में जिस बाख़बर ( इल्मवाले ) से ज्ञान समझने के लिये बताया गया है वह तत्वदर्शी / बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ही हैं ।
8 सितंबर 1951 को भारत की पावन धरती पर अवतरित हुए एक ऐसे संत का अवतरण हुआ जिन्होंने हम जीवों के उद्धार के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। सतज्ञान के प्रचार के लिए उन्होंने अपनी जान हथेली पर रख दी, नौकरी, घर परिवार सब कुछ त्याग दिया। ऐसे महान संत, जो परमार्थ के लिए अपना सर्वस्व वार दें, इस धरा पर यदा कदा ही प्रकट होते हैं। हम बात कर रहे हैं जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जिन्हे परमार्थ के मार्ग पर कदम रखने के बाद अनेकों संघर्षों का सामना करना पड़ा पर उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
गुरु पद प्राप्त करने के बाद संत रामपाल जी महाराज ने सत्संग व पाठ करना शुरू किया। लेकिन धीरे धीरे गुरु पद की जिम्मेदारियां इतनी बढ़ गई कि संत रामपाल जी महाराज को अपनी नौकरी से त्याग पत्र देना पड़ा।
जब संत रामपाल जी महाराज ने नौकरी छोड़ी तब वह नौकरी ही उनके परिवार के निर्वाह का एकमात्र साधन थी पर अपने सतगुरु के आदेश का पालन करने के लिए और परमात्मा के बच्चों के उद्धार के लिए उन्होंने नौकरी त्याग दी। उन्होंने अपने परिवार तथा बच्चों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया और परमात्मा के लिए अपना जीवन समर्पण कर दिया।
संत रामपाल जी महाराज ने समाज का कल्याण करने के लिए गांव गांव जाकर तत्वज्ञान का प्रचार किया
घर त्याग देने के बाद संत रामपाल जी कभी मुड़कर घर वापस नहीं गए। उन्होंने अपने कुछ भक्तों के सहयोग से गाँव गाँव, नगर नगर जाकर सतज्ञान का प्रचार किया। सर्व धर्मों के शास्त्रों का अध्ययन किया और उनमें से परमात्मा का सच्चा ज्ञान निकालकर भक्त समाज के सामने रख दिया। दिन रात सत्संग किये, पुस्तकें लिखी। 20-20 घंटे लगातार काम किया। समाज में व्यापत कुरीतियों तथा नकली संतो द्वारा फैलाये गए गलत ज्ञान पर दृढ़ लोगों ने परम संत और उनके द्वारा दिये गए ज्ञान का बहुत विरोध किया पर सतगुरु जी द्वारा दिया गया परमेश्वर कबीर साहेब का ज्ञान ऐसा था जैसे तोप का गोला हो जिसके आगे कोई टिक नही सका।
कबीर - और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोप का करता चले मैदान।।
संत रामपाल जी के अद्वितीय ज्ञान और अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति से हारे हुए सब संत और महंत उनकी जान के दुश्मन बन गए। और संत रामपाल जी को धमकी भरे फ़ोन और पत्र आने लगे।
कुछ आर्य समाजी तत्वों ने बाकि संतों महंतों के साथ मिल कर संत रामपाल जी को जान से मारने व उनका प्रचार प्रसार बंद करवाने का निर्णय लिया। और संत रामपाल जी महाराज पर झूठे आरोप लगवाकर उन्हें जेल में डलवा दिया।
बिना किसी जुर्म के 22 महीने जेल में रहने के बाद फिर उन्होंने अपना ज्ञान प्रचार शुरू किया l उसके बाद
फिर सन 2014 में बरवाला कांड जैसी घटना करवा कर तब से आज तक संत रामपाल जी महाराज जेल में हैं।
इस पृथ्वी पर सिर्फ संत रामपाल जी ही पूर्ण संत हैं फिर चाहे वे जेल में ही क्यों न हों। परमार्थ के लिए, हम जीवों के उद्धार के लिए ही उनको जेल जाना पड़ा है। इस तत्वज्ञान के प्रचार के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया है, उसे समझकर संत जी से नाम उपदेश लेना हमारा परम कर्तव्य बनता है क्योंकि मोक्ष प्राप्त करना ही इस मानव जीवन का प्रथम कर्तव्य है। उनके त्याग और बलिदान को हमें व्यर्थ नहीं होने देना है क्योंकि 72 साल पहले हमारे लिए ही वे इस पृथ्वी पर वे अवतरित हुए हैं।
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दहेज मुक्त समाज की नींव दहेज मुक्त व सादगी से विवाह करने का जो तरीका संत रामपाल जी महाराज समाज को दिया है इससे लाखों रुपए की बचत हो��ी है । तथा मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है । आज उनके लाखों अनुयायी सादगी पूर्ण विवाह करके समाज में मिसाल कायम कर रहे है । यदि इसी तरह से सभी विवाह करें तो दहेज स्मी दानव जड से समाप्त हो जाएगा तथा बेटियां सुखी रहेंगी ।#महान_परोपकारी_संतरामपालजी
6 Days Left For Avataran Diwas
सम्पूर्ण विश्व पर संत रामपाल जी महाराज का सबसे बड़ा उपकार संत रामपाल जी महाराज का संपूर्ण विश्व पर सबसे बड़ा उपकार यह है कि उन्होंने हम सभी को अपने निज घर सतलोक से परिचित करवाया । वरना आज तक बाकि नकली संतों ने हमें स्वर्ग से ऊपर की कोई जानकारी नहीं दी थी ।
संत रामपाल जी महाराज युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान कर रहे हैं । समाज में हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे । कोई किसी को ठगे नहीं कबीर परमेश्वर जी की वाणी है कबीर , आप ठगाईये , और न ठगिये कोय । आप ठगाये सुख होत है , और ठगे दुःख होय ॥ संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी इसका अनुकरण करते हैं ।
ॐ नाम काल का है ओम् ( ॐ ) यह मन्त्र ब्रह्म का जाप है । ब्रह्मलोक तक की साधना का है । ॐ से मोक्ष नहीं मिल सकता । संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से संबंधित जानकारी के लिए Whatsapp पर हमें मैसेज करें । + 917496801825
कबीर परमात्मा से बड़ा जीवन रक्षक कोई नहीं है । प्रत्येक बहन - बेटी को सच्चे परमात्मा को पहचान कर उनकी शरण ग्रहण करनी चाहिए क्योंकि परमात्मा से जोड़ा गया बंधन अटूट होता है । पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा FREE निःशुल्क पायें | अपना नाम , पूरा पता भेजें +917496801825
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