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#किसान ड्रोन प्रोजेक्ट
merikheti · 2 years
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दुनिया को दिशा देने वाली हो भारतीय कृषि – तोमर कृषि मंत्री
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कृषि क्षेत्र में तकनीकों का उपयोग बढ़ाते हुए गांवों में ढांचागत विकास की दिशा में सरकार सतत संलग्नत है। सरकार खेती में रोजगार के अवसर बढाते हुए शिक्षत युवाओं को आकर्षित करना चाहती है ताकि युवाओं का ग्रामीण अंचल से पलायन रोका जा सके। खेती में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पढ़े-लिखे युवा गांवों में ही रहकर कृषि की ओर आकर्षित होंगे। टेक्नालाजी व इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों को होगा, साथ ही कृषि के क्षेत्र को और सुधारने में कामयाबी मिलेगी। यह विचार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of State for Agriculture and Farmer Welfare Narendra Singh Tomar) ने बीते दिनों व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि “जब देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे, यानी आजादी के अमृत काल तक भारतीय कृषि सारी दुनिया को दिशा देने वाली होनी चाहिए। अमृत काल में हिंदुस्तान की कृषि की विश्व प्रशंसा करे, लोग यहां ज्ञान लेने आएं, ऐसा हमारा गौरव हों, विश्व कल्याण की भूमिका निर्वहन करने में भारत समर्थ हो,” ।ये भी पढ़ें: आजादी के अमृत महोत्सव में डबल हुई किसानों की आय, 75000 किसानों का ब्यौरा तैयार – केंद्र
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर – ICAR) द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रंखला की समापन कड़ी में कही। “प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से उद्बोधन में भी कृषि क्षेत्र को पुनः महत्व दिया है, जो इस क्षेत्र में तब्दीली लाने की उनकी मंशा प्रदर्शित करता है। पीएम ने आह्वान किया था कि किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए, कृषि में टेक्नालाजी का उपयोग व छोटे किसानों की ताकत बढ़नी चाहिए, हमारी खेती आत्मनिर्भर कृषि में तब्दील होनी चाहिए, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए, कृषि की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता होनी चाहिए, अनुसंधान बढ़ना चाहिए, किसानों को महंगी फसलों की ओर जाना चाहिए, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिलना चाहिए। पीएम के इस आह्वान पर राज्य सरकारें, किसान भाई-बहन, वैज्ञानिक पूरी ताकत के साथ जुटे हैं और इसमें आईसीएआर (ICAR – Indian Council of Agricultural Research) की भी प्रमुख भूमिका हो रही है। पिछले दिनों में किसानों में एक अलग प्रकार की प्रतिस्पर्धा रही है कि आमदनी कैसे बढ़ाई जाएं, साथ ही पीएम श्री मोदी के आह्वान के बाद कार्पोरेट क्षेत्र को भी लगा कि कृषि में उनका योगदान बढ़ना चाहिए,” उन्होंने कहा।एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के दिशानिर्देशों का पूरा सरकारी दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें
श्री तोमर ने कहा कि “खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ अन्य देशों को भी उपलब्ध करा रहे हैं। यह यात्रा और बढ़े, इसके लिए भारत सरकार प्रयत्नशील है। खेती व किसानों को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाना है। आईसीएआर व कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि के विकास में बहुत अच्छा काम किया है। उनकी कोशिश रही है कि नए बीजों का आविष्कार करें, उन्हें खेतों तक पहुंचाएं, उत्पादकता बढ़े, नई तकनीक विकसित की जाएं और उन्हें किसानों तक पहुंचाया जाएं। जलवायु अनुकूल बीजों की किस्में, फोर्टिफाइड किस्में जारी करना इसमें शामिल हैं। सभी क्षेत्रों में वैज्ञानिकों ने कम समय में अच्छा काम किया, जिसका लाभ देश को मिल रहा है। आईसीएआर बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान हैं, जिसकी भुजाएं देशभर में फैली हुई हैं। कृषि की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संस्थान लगा हुआ है।ये भी पढ़ें: अब होगी ड्रोन से राजस्थान में खेती, किसानों को सरकार की ओर से मिलेगी 4 लाख की सब्सिडी
किसानों की माली हालत सुधारना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए 6,865 करोड़ रुपये के खर्च से दस हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाना शुरू किया गया है। इनमें से लगभग तीन हजार एफपीओ बन भी चुके हैं। इनके माध्यम से छोटे-छोटे किसान एकजुट होंगे, जिससे खेती का रकबा बढ़ेगा और वे मिलकर तकनीक का उपयोग कर सकेंगे, अच्छे बीज थोक में कम दाम पर खरीदकर इनका उपयोग कर सकेंगे, वे आधुनिक खेती की ओर अग्रसर होंगे, जिससे उनकी ताकत बढ़ेगी और छोटे किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का प्रावधान किया है। साथ ही अन्य संबद्ध क्षेत्रों को मिलाकर डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड तय किया गया है। एग्री इंफ्रा फंड (Agri Infra Fund) के अंतर्गत 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट आ चुके हैं, जिनमें से 10 हजार करोड़ रु. के स्वीकृत भी हो गए हैं। सिंचाई के साधनों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, जल सीमित है इसलिए सूक्ष्म सिंचाई पर फोकस है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ आम किसानों तक पहुंचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष 5 हजार करोड़ रु. से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रु. किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस स्कीम में अभी तक लगभग साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रु. से ज्यादा राशि जमा कराई जा चुकी हैं।Source : PIB (Press Information Bureau)Government of Indiaआजादी का अमृत महोत्सव में केंद्रीय कृषि मंत्री के उद्बोधन के साथ संपन्न हुई आईसीएआर की 75 व्याख्यानों की श्रंखला का पूरा सरकारी दस्तावेज पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें
प्रारंभ में आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने स्वागत भाषण दिया। संचालन उप महानिदेशक डा. आर.सी. अग्रवाल ने किया।
Source दुनिया को दिशा देने वाली हो भारतीय कृषि – तोमर कृषि मंत्री
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doonitedin · 3 years
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ड्रोन व CCTV की निगरानी में रहेगी मुजफ्फरनगर में कल होने वाली किसान महापंचायत
ड्रोन व CCTV की निगरानी में रहेगी मुजफ्फरनगर में कल होने वाली किसान महापंचायत
मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को आखिरकार 690 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा तोहफा मिल गया, जिसका इंतज़ार एक अरसे से किया जा रहा था. यहां अब 690 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP Meerut) लगाया जाएगा, जो न सिर्फ कराह रही काली नदी नया जीवन देगा, बल्कि लोगों को नालों की दुर्गंध से भी मुक्ति मिलेगी. मेरठ को ये प्रोजेक्ट नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत मिला है. इससे पहले मेरठ को दिल्ली…
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chaitanyabharatnews · 4 years
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पंचायती राज दिवस पर पीएम मोदी ने सभी सरपंचों से की बात, कहा- 'अब ड्रोन से होगी गांवों की मैपिंग', पढ़ें खास बातें
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के सरपंचों से बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने एकीकृत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल भी लॉन्च किया। इस पोर्टल के जरिए गांव की विकास परियोजनाओं पर नजर रखी जा सकेगी। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि, 'कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को बदल दिया है। इस वायरस से हमारे सामने तमाम मुश्किलें खड़ी की हैं, तो सबक भी दिया है। इस वक्त देशभर के लाखों सरपंच टेक्नालॉजी से जुड़े हुए हैं।' #WATCH PM Modi interacts with Sarpanchs from across the nation via video conferencing https://t.co/K411nnLal4 — ANI (@ANI) April 24, 2020 आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी की ग्राम पंचायतों के साथ की गई खास बातें:- देश को आगे बढ़ाने का काम निरंतर जारी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है। इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है।' बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र, एकजुटता में है पीएम मोदी ने कहा कि, 'आप सभी इस मुश्किल परिस्थिति में भी गांवों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। महात्मा गांधी कहते थे कि मेरे स्वराज की कल्पना का आधार, ग्राम स्वराज ही है। इसलिए ग्राम पंचायतें हमारे लोकतंत्र की एकजुट शुक्ति का केंद्र हैं। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है के बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र, एकजुटता में ही है। इसलिए आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत गांवों की सामुहिक शक्ति से ही है। आप सभी की एकजुटता से ही ये संभव होगा।' अन्नदाता का स्वस्थ रहना बेहद जरुरी उन्होंने किसानों को लेकर कहा कि, 'किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। वो हमारा अन्नदाता है और निस्वार्थ भाव से देशवासियों का पेट पालता है। किसान और पशुपालक साथियों ने लॉकडाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं होने दी। प्रधानमंत्री देश की अलग-अलग ग्राम पंचायतों के सरपंच से कोरोना के खतरे को देखते हुए उठाए गए कदमों की जानकारी ले रहे हैं।' सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग की अपील करते हुए कहा कि, 'कोरोना एक विचित्र वायरस है खुद किसी के घर नहीं जाता है। इसलिए दो गज दूरी का पालन करना जरूरी है। पहले कहते थे कि दिल्ली से एक रुपए भेजने पर गांवों तक 15 पैसे ही पहुंचते थे, लेकिन अब पूरे के पूरे 100 पैसे पहुंच रहे हैं।' Prime Minister interacts with Sarpanchs from across the nation via video conferencing, on the occasion of #PanchayatiRajDiwas. Panchayati Raj Minister Narendra Singh Tomar also present, he says, "The PM will inaugurate 2 programmes today". pic.twitter.com/4om0D4kTeN — ANI (@ANI) April 24, 2020 जीवन की सच्ची शिक्षा परीक्षा संकट के समय होती है सरपंचो से प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आजकल मुझे गांव के प्रधान से भी बात करने का सौभाग्य मिलता है और दुनियाभर के बड़े-बड़े देशों के प्रधान से भी बात करने का मौका मिलता है। कभी-कभी मुझे लगता है कि जीवन की सच्ची शिक्षा की परीक्षा संकट के समय ही होती है। इस कोरोना संकट में देश के गांवों के लोगों ने अपने संस्कारों और परंपराओं की शिक्षा के अद्भुत दर्शन कराए हैं। गांवों से आ रहे अपडेट प्रेरणा देनेवाले हैं।' ई ग्राम स्वराज से पंचायतों में आएगी पारदर्शिता आज लॉन्च हुए ऐप ई-ग्राम स्वराज के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी। ई-ग्राम स्वराज सभी ग्राम पंचायतों के डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ाया गया कदम है। इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी। स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की योजना बनाने में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकेंगे। गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने शुरू परियोजनाएं सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया है, उसी का परिणाम है कि आज गांव गांव तक कम दामों वाले स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं। ये आज जो इतने बड़े स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही हैं, ये सब इसी के कारण संभव हो पाया है। गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए आज सरकार द्वारा दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरु किया गए हैं। एक है ई-ग्राम स्वराज और दूसरे की विशेषता है कि उसके द्वारा हर ग्रामीण के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत। जारी है देश को आगे बढ़ाने का काम इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है। गांवों में किया जा रहा दो गज दूरी के मंत्र का पालन इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है। कोरोना ने सिखाया सबक इस महामारी ने हमें एक नई शिक्षा दी है। कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, सबक दिया है हमें सिखाया है और एक प्रकार से हमें उस रास्ते पर चलने के लिए हमारा दिशा-निर्देश किया है। कोरोना संकट से अपने अनुभवों से हमने पाया है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों को झेल पाना मुश्किल हो जाएगा। राज्य, जिला, ग्राम अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बनें। कोरोना ने बदला काम करने का तरीका कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बदल दिया है। पहले हमें किसी आयोजन के लिए रूबरू होते थे लेकिन आज वही आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करना पड़ रहा है। मैं सम्मान और अवॉर्ड पाने वाले सरपंचों को बधाई देता हूं। इस महामारी ने हमारे लिए अलग-अलग तरह की मुसीबत तो खड़ी की है।   Read the full article
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everythingbychoice · 4 years
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केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए बढ़ाए लॉकडाउन के संदर्भ में देश के जिलों के कमिश्नराें, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा की। गृह मंत्रालय ने देश में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश आगामी 20 अप्रैल से लागू होंगे। उन्होंने बताया कि अब सार्वजनिक स्थानों पर या कार्यालयों में मास्क पहनना जरूरी है। सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर भी जुर्माने व सजा का प्रावधान किया है। गुटखा व तंबाकू पर पाबंदी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आधारित फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, भवन निर्माण कार्य, मनरेगा के काम, सिंचाई प्रोजेक्ट व सड़क निर्माण आदि क्षेत्रों में कड़े नियमों के साथ काम की छूट होगी। उन्होंने कहा कि कॉफी, चाय, रबड़ व काजू आदि की प्रोसेसिंग जारी रहेगी। अगर इन सभी इंडस्ट्री में काम के लिए मंजूरी दी जाती है तो उसमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों को वहीं पर ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था करनी होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थी बच्चों को भोजन मुहैया कराने का कार्य जारी रहेगा। आईजी हरदीप दून ने डीसी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि 20 अप्रैल तक लॉकडाउन की पालना सख्ती से की जाएगी। कैमरों से नजर रखी जा रही है। मौके पर डीसी सुजान सिंह, एसपी शशांक कुमार सावन, एसडीएम कमलप्रीत कौर, नगराधीश सुरेश राविश, सीएमओ राकेश सहल के अलावा अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
लॉकडाउन-2 : सड़कों पर पहले से ज्यादा भीड़
कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू हो गया। बुधवार को सड़कों पर लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली। वहीं खेत-खलिहान में भी किसान परिवार कामकाज करते नजर आए। शहर की सड़कों की भीड़ को कम करने के लिए पुलिस ने आने जाने वाले वाहन चालकों से पूछताछ कर उन्हें वापस घर जाने की अपील की। आज भी जगह-जगह चौक-चौराहों की ड्रोन कैमरे से फोटोग्राफी व वीडियो तैयार कराई गई। डीसी सुजान सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि वे गेहूं की कटाई करने के बाद फसल को अपने पास ही रखें। जिन किसानों को सूचना दी जाएगी, वे ही केवल अपने संबंधित खरीद केंद्रों में 20 अप्रैल से फसल लेकर आएं।
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Union Cabinet Secretary gave instructions to all the officers of the districts, penalty and punishment for spitting without mask and spitting in public place
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merikheti · 2 years
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एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़
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कृषि क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव, मजबूत होगा एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर
नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए एक योजना बनाई है, जिसके तहत 10 हजार करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। इससे कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund) योजना में जारी की गई धनराशि से कृषि क्षेत्र में 13600 प्रोजेक्ट्स पर काम होगा। इसमें किसानों को सब्जियां, फल एवं अन्य कृषि उत्पादों को बेहतर सुविधाएं दीं जाएंगी। इससे ��ेश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं।एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के दिशानिर्देशों का पूरा सरकारी दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें
कृषि यंत्र खरीदने के लिए मिलेंगे एक लाख करोड़
– एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के तहत कृषि यंत्र खरीदने के लिए एक लाख करोड़ दिए जाने का प्रावधान रखा है। इसमें आप पॉलीहाउस, ड्रोन, ग्रेडिंग एवं मशीनरी खरीद सकते हैं, जो कृषि क्षेत्र में बेहतर से बेहतर परिणाम दे सकें।ये भी पढ़ें: अब होगी ड्रोन से राजस्थान में खेती, किसानों को सरकार की ओर से मिलेगी 4 लाख की सब्सिडी
राजस्थान को 747.17 करोड़ रुपए देने की मिली मंजूरी
– एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत, राजस्थान के लिए 747.17 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इसमें कुल 781 प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे। इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसानों, किसान उत्पादक, विपणन सहकारी समितियों, स्वंय सहायता समूह, स्टार्टअप, कृषिउधम को मजबूती मिलना तय है।
योजना में यह कार्य होंगे शामिल
– केन्द्र सरकार की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत वेयर हाउस, पैक हाउस, साईलो, कोल्ड स्टोरेज चेन, लॉजिस्टिक सुविधा, ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर, फल पकाने के कक्ष सहित तमाम कार्यों पर धनराशि को खर्च किया जाएगा। इससे कृषि क्षेत्र को तमाम लाभ फायदे होंगे।ये भी पढ़ें: खाद-बीज के साथ-साथ अब सहकारी समिति बेचेंगी आरओ पानी व पशु आहार
सहकारिता विभाग अपने स्तर से करेगा फंड का उपयोग
– नाबार्ड की पैक्स व लैम्प्स को बहुसेवा केन्द्रों में परिवर्तित करने के लिए सहकारिता विभाग अपने स्तर से फंड उपयोग करेगा। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के सही क्रियान्वयन के लिए सहकारिता विभाग को ही चुना गया है।
Source एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने दिए 10 हजार करोड़
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