*** *जिंदगी* ***
अपनों के लिए करते करते,
अपनों को वक्त ना दे पाने से,
अक्सर रूठ जाती है जिंदगी....
ढूंढते रहे खुशियां पैसों में,
एक बच्चे की मुस्कुराहट में,
अक्सर मुस्कुरा जाती है जिंदगी....
वक्त बचाने की कोशिश में,
इस दौड़ को जीतने की कोशिश में,
अक्सर रुक जाती है जिंदगी....
हमारा पहलु तुम्हारा पहलु लड़ने में,
तीसरा पहलू के सच से,
अकसर अनजान रह जाती है जिंदगी....
यह तालमेल बिठाने की कोशिश में,
तामझाम करने की कोशिश में,
अक्सर खो जाती है जिंदगी....
कभी दो लफ्जों की बातों में,
कभी जागती हुई रातों में,
अक्सर सो जाती है जिंदगी....
कभी आशुँ कभी मुस्कुराहट,
खामोश होठों को कर आंखों से,
अक्सर कह जाती है जिंदगी...
जिंदगी को समझने की कोशिश में,
जिंदगी को सुलझाने की कोशिश में,
अक्सर निकल जाती है जिंदगी....
इन्ही असफलताओं के भवंर में,
सफलताओं की कोशिश में लगी,
यही तो कहलाती है जिंदगी...
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by vidushi malpani
khandwa mp ❤
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****आकाश****
कितना सुंदर दिख रहा है आकाश,
कहीं लाल है तो कहीं पीला....
कहीं पर काला उजला,
कहीं पर मटमेला नीला....
अपने अंदर समाये चांद की चांदनी को,
सूर्य के ताप और गर्मी को....
अनंत ऊंचाइयों को,
बादलों की नरमी को....
तारों की झिलमिलाहटों को,
सफेद काले बादलों के अम्बारों को....
नक्षत्रों और ग्रहों को,
सृष्टि के नियमों को.....
तेरी शुन्यता में ब्रह्मांड की संपूर्णता,
तेरे ऊंचाइयों से सजती धरती की सुंदरता...
देखो पक्षियों के झुडों को,
आकाश को सजाते बादल की अठखेलियां को....
अनंत दूरी तक सभी दिशाओं में,
खूबसूरती बिखेरता आकाश...
चंचलता समाहित किए हुए सदा से स्थिर,
निर्भय निश्चल अडिग आकाश....
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हम दोनों चले जा रहे हैं,
एक अनजाने रास्ते पर....
दूर-दूर तक कोहरा है,
गुमराह हैं हम उस उलझे हुए रास्ते पर....
मैं और मेरी जिंदगी बड़ी जा रही है,
लिखने को एक नई कहानी....
इस कोहरे को हटाने के प्रयास में,
जीने को अपनी कहानी....
वृक्षों से दोस्ती करते,
चिड़ियों संग गाते....
बिना रुके,
बस चलते जाते....
हम दोनों ही जानना चाहते हैं.....
मुसाफिर कौन है?
क्यों है यह सफर?
जाना कहां है?
रास्ता सही कौन सा?
अनजानी मंजिल की तलाश में....
अपने सवालों के बवंडर में फंसे,
जवाबों की खोज में....
हम दोनों चले जा रहे हैं,
एक अनजाने रास्ते पर....
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by vidushi malpani
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