भारत में देसी व्यंजन विदेशी नाम पर महंगे बिकते हैं!
यह विदेशी नाम का ही तो कमाल है कि ‘रस’ को ‘जूस’ कहकर महंगा बेचा जाता है.मगर, इसकी प्रेरणा भी तो हमसे ही मिलती है जब हम माली, शिक्षक और वैद्य के बजाय गार्डनर, टीचर और डॉक्टर कहलाना पसंद करते हैं.विदेशी कीड़ा हमारी रगों में समाया हुआ है.
देसी व्यंजन विदेशी नाम (स्रोत)
स्वादिष्ट पकवान या व्यंजन बनाना एक कला है.इसीलिए, भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला या पाक शास्त्र कहा गया है.भारतीय भोजन सभी…
मोतिहारी के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति कोणार्क फेस्टिवल में बनी आकर्षण का केंद्र
मोतिहारी के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र की कलाकृति कोणार्क फेस्टिवल में बनी आकर्षण का केंद्र
मोतिहारी। अंतरराष्ट्रीय रेतकला उत्सव कोणार्क में मोतिहारी जिले के सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कुमार की कलाकृति आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।मधुरेन्द्र ने बिहार की विरासत बोधगया और पटना के गोलघर को रेत पर उकेर कर बिहार के हैरिटेज को बचाने का संदेश भी दिया है।जो इस उत्सव में पहुंचे पर्यटकों का मन मोह रहा है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय कोणार्क फेस्टिवल अंतर्गत पर्यटन विभाग ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित…
Apple iOS 16 को डुअल-सिम iPhones के लिए संदेश फ़िल्टर मिलेगा
Apple iOS 16 को डुअल-सिम iPhones के लिए संदेश फ़िल्टर मिलेगा
Apple अपने iPhone पर दो सिम का उपयोग करने वाले लोगों के लिए iOS 16 पर एक संदेश फ़िल्टर जोड़ रहा है। नई सुविधा उपयोगकर्ता द्वारा प्राप्त संदेशों को सिम के आधार पर दो अलग-अलग श्रेणियों में फ़िल्टर करेगी, जिस पर एसएमएस या आईमैसेज आ रहा है। तकनीकी दिग्गज कथित तौर पर iOS 16 पर iMessage के लिए संपादन सुविधा को बेहतर बनाने का भी प्रयास कर रहे हैं। चूंकि संपादन सुविधा पिछले iOS संस्करणों पर उपलब्ध नहीं…
गरीब, एक राम कहते राम है, जिनके दिल हैं एक। बाहिर भीतर रमि रह्या, पूर्ण ब्रह्म अलेख।।
जिन साधकों का दिल परमात्मा में रम (लीन हो) गया, वे एक परमात्मा का नाम जाप करके राम हो जाते हैं यानि आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करके देव के समान पद प्राप्त कर लेते हैं यानि देवताओं जितनी आध्यात्मिक शक्ति वाले हो जाते हैं। परमात्मा शरीर के कमलों में तथा बाहर सब जगह विद्यमान है।
संत रामपाल जी महाराज विश्व के एकमात्र सतगुरु हैं जिनको सत्संग करने तथा नाम दीक्षा देने का अधिकार है। (एक समय में पूर्ण गुरु पूरे विश्व में एक ही होता है।) इनके अतिरिक्त किसी भी धर्मगुरु या कथावाचक को सत्संग का अधिकार नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान का डंका सारे विश्व में बज रहा है। समाज सुधार और मानव कल्याण के अद्भुत काम करने वाले ऐसे महान संत की महिमा के चर्चे घर-घर में हो रहे हैं। उन्हीं परम संत रामपाल जी महाराज का 8 सितंबर को अवतरण दिवस है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान द्वारा समझाया है कि यदि आज हम किसी से रिश्वत लेते हैं तो अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारना पड़ेगा। व इस जन्म में भी कष्ट पर कष्ट सहन करने पड़ेंगे।
इस कारण उनके ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस कुरीति से तौबा कर ली है।
समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्याएं, छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को भी समाज से दूर कर रहे हैं।
जहां आज़ दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है, या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।
समाज में फैली कुरीतियों और पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करके स्वच्छ समाज का निर्माण करने वाले महान संत रामपाल जी महाराज जी ही है ।
प्रेत बाधाओं से पीड़ित लोग जहां जगह-जगह लुट पिट कर भी समस्याओं से ग्रस्त रहते थे, वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने ऐसी सतभक्ति दी कि सिर्फ नाम का जाप करने से सदा के लिए ऐसी प्रेत बाधा दूर हो जाती है।
नशा मुक्त समाज का निर्माण अपने आध्यात्मिक ज्ञान से संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं ।
एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई लेना देना बकाया नहीं है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो सकता है।
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फर्क समझा जाता रहा है। इसी सोच का शिकार होकर कुछ लोग कन्या भूर्ण हत्या जैसा भयंकर अपराध भी कर बैठते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने ये लिंग भेद स्थाई रूप से समाप्त किया है व उनके शिष्य लड़के व लड़की में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
अश्लील फ़िल्मों से समाज में बढ़ती अश्लीलता, छोटे कपड़ों का चलन आम हो गया है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी उनके बताए सतमार्ग पर चलकर फिल्में, सिरियल, अश्लील गाने आदि पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं। जो कि समाज सुधार की अद्भुत पहल है।
जिस संत के आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों लोग सामाजिक बुराइयों को छोड़ शास्त्रानुकूल सतभक्ति कर रहे हैं। 8 सितंबर को उन परम संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण दिवस है।
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हिंगोली : अष्टविनायक बाल गणेश मंडळाचा आकर्षक देखाव्यातून ‘जनजागृतीपर संदेश’
हिंगोली : अष्टविनायक बाल गणेश मंडळाचा आकर्षक देखाव्यातून ‘जनजागृतीपर संदेश’
हिंगोली : अष्टविनायक बाल गणेश मंडळाचा आकर्षक देखाव्यातून ‘जनजागृतीपर संदेश’
हिंगोली (प्रतिनिधी) : सेनगांव तालुक्यातील आजेगांव येथील अष्टविनायक बाल गणेश मंडळाने मागील 17 वर्षाची परंपरा कायम ठेवत यावर्षीही विविध जनजागृतीपर कार्यक्रमाच्या माध्यमातून व आकर्षक देखाव्यातून जिल्ह्यात एक नावलौकिक प्राप्त केले आहे. आजेगांव येथील कुंभार गल्लीत अनेक वर्षाची पारंपरिक पद्धत जपत कोरोना संक्रमण काळाचे दोन…