लखनऊ, 16.04.2024 । माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज, बादशाहनगर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमे 38 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी ज़िम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना ।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज की शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर ने दीप प्रज्वलित किया ।
आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. ममता किरण राव ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “हम 21वीं शताब्दी के भारतीय होने पर गर्व करते हैं लेकिन आज भी हम एक बेटा पैदा होने पर खुशी का जश्न मनाते हैं और यदि एक बेटी का जन्म हो जाये तो शान्त हो जाते हैं | लड़के के लिये इतना ज्यादा प्यार कि लड़कों के जन्म की चाह में हम प्राचीन काल से ही लड़कियों को जन्म के समय या जन्म से पहले ही मारते आ रहे हैं, यदि सौभाग्य से वो नहीं मारी जाती तो हम जीवनभर उनके साथ भेदभाव के अनेक तरीके ढूँढ लेते हैं । हमारे समाज में महिलाओं को लैंगिक असमानता का सामना आज भी करना पड़ रहा है । समाज, संस्कृति और पारिवारिक परंपराओं के कारण महिलाओं को पुरुषों से बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता जिसके फल स्वरूप महिलाएं कुंठित हो जाती हैं और पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी अपने करियर पर अधिक ध्यान नहीं दे पाती इसलिए आज के समय में महिलाओं को आत्मसुरक्षा के साथ-साथ आजादी की ओर बढ़ने के लिए अपने मन को मजबूत करना और आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी है ।”
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. ममता किरण राव एवं शिक्षिकाओं श्रीमती प्रमिला भारती, श्रीमती किरण कनौजिया, श्रीमती स्वप्निल श्रीवास्तव, श्रीमती श्वेता सिन्हा, श्रीमती मीना वर्मा, श्रीमती भावना जोशी, श्रीमती सुधा त्रिपाठी, श्रीमती गीता सिंह, श्रीमती मोहिनी शुक्ला, श्रीमती रेनू मिश्रा, श्रीमती मधुमिता लोहानी, श्रीमती भावना मौर्या, श्रीमती भावना तिवारी, श्रीमती अर्चना द्विवेदी, श्रीमती प्रतिभा पांडे, श्रीमती अपर्णा तिवारी, श्रीमती शैफाली जैन, श्रीमती नीलांशी शर्मा, श्रीमती इंद्रा मैथिल, श्रीमती वंदना दीक्षित, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
🔸️जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज और उनके उद्देश्य🔸️
संत रामपाल जी महाराज कौन हैं?
गरीब, सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद।
चार वेद, षट शास्त्र कह, कह अठारा बोध।।
संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं, गीता जी में वर्णित तत्वदर्शी संत हैं, विभिन्न भविष्यवक्ताओं द्वारा बताये जगत के तारणहार हैं जो चार वेद, छह शास्त्रों के साथ-साथ सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथों के ज्ञाता अर्थात सदग्रंथों में छूपे हूए गूढ़ रहस्यों को जानने वाले हैं। और शास्त्रों के आधार से ही प्रमाणित सतभक्ति विधि तथा ज्ञान बताने वाले परम संत हैं। संत रामपाल जी महाराज वो सच्चे सतगुरु हैं जिन्होंने विश्व के समस्त धर्मगुरुओं को शास्त्रार्थ में पराजित किया तथा सदग्रंथों का वास्तविक ज्ञान सरल भाषा में समस्त मानव समाज को बताया।
संत रामपाल जी महाराज विश्व के एकमात्र आध्यात्मिक गुरु हैं जिनको सत्संग करने तथा नाम दीक्षा देने का अधिकार है। (एक समय में पूरे विश्व में एक ही पूर्ण गुरु होता है।) इनके अतिरिक्त किसी भी धर्मगुरु या कथावाचक को सत्संग का अधिकार नहीं है।
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत की शरण में जाने तथा क़ुरान सूरह अल फुरकान 25 की आयत 59 में जिस बाख़बर (इल्मवाले) से ज्ञान समझने के लिये बताया गया है वह तत्वदर्शी/बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
संत रामपाल जी महाराज पृथ्वी पर एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जिन्होंने हमें मानव जीवन का मूल उद्देश्य बताया और उसकी प्राप्ति का सही तरीका बताया जिससे मानव समाज अभी तक अनजान था।
संत रामपाल जी महाराज विश्व में एकमात्र ऐसे गुरु हैं जिन्होंने वास्तविक प्रभु की पहचान बताई है तथा उसकी भक्ति विधि बताई है। देवी–देवताओं की भक्ति करने के बावजूद दुखी जनता को सुखी किया हैं। भूत-प्रेत आदि से पीड़ित व्यक्तियों को नया जीवन दिया है।
विश्व कल्याण के लिए ��ंत रामपाल जी महाराज के उद्देश्य क्या हैं ?
संत रामपाल जी महाराज जी वह तत्वदर्शी संत हैं जिनके वचनों में अद्भुत शक्ति है तभी तो उनके करोड़ों अनुयाई यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों में भी तत्वज्ञान का ऐसा अद्भुत प्रभाव देखने को मिलता है, जो नशे, जाति-पाति, धर्म, मज़हब से परे, चोरी, बेईमानी, रिश्वत आदि से दूर होकर एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा और विश्व में अमन, चैन, आपसी प्रेम फिर से कायम होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया और देखते ही देखते उन्होंने अपने तत्वज्ञान से करोड़ों लोगों को नशा मुक्त, दहेज मुक्त, चोरी, बेईमानी, रिश्वत मुक्त बनाकर एक स्वच्छ समाज की बुनियाद रखी।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य जनकल्याण है। वह जनता को सुखी करना चाहते हैं तथा सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त कर एक स्वच्छ समाज तथा राष्ट्र का निर्माण करना चाहते है।
संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक पूर्ण परमेश्वर कबीर जी की पूजा करें और अपने मूल निवास सतलोक में वापस लौटकर पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की शरण ग्रहण करें। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की उपासना की चाह रखने वाला व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, वर्ण, जाति, वर्ग समुदाय का क्यों नहीं हो, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकता है।
आज नशे के कारण लाखों लोगों के जीवन और लाखों घर बर्बाद हो चुके हैं और आज भी बर्बाद हो रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है समाज में नशा करने वाले व्यक्तियों का नशा छुड़वा कर देश को नशा मुक्त बनाना।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है - जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा तथा एक बार पुनः शांति स्थापित होगी। कलयुग में एक बार फिर सतयुग जैसा माहौल होगा और धरती स्वर्ग समान बन जाएगी।
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Best Sexologist in Patna, Bihar for Wet Dream Treatment | Dr. Sunil Dubey
आज का यह टॉपिक उन युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो कि आजकल युवा पीढ़ी में काफी देखने को मिल रही है। जैसा कि हमने पिछले टॉपिक में धात सिंड्रोम के बारे में महत्वपूर्ण विषय प्रकाशित किया था, लेकिन आज के विषय में हम स्वप्नदोष (रात्रि स्राव) की समस्या का खुलासा करने जा रहे हैं। यह एक प्रकार का स्खलन है जो सोते समय तीव्र नेत्र गति के दौरान बिना किसी यौन गतिविधि या क्रिया किये बिना हो जाता है। इस स्वप्नदोष का समय या तो सुबह जल्दी या देर रात में होता है।
अगर इस स्खलन की अनुभूति की बात करे तो दुबे क्लिनिक ने तक़रीबन सौ से ज्यादा गुप्त रोगियों से उनके उपचार के समय इसके बारे में जानकारी ली। अधिकांश लोगो यही मानना था कि उन्हें यौन स्वप्न आता है और वो इस स्वप्न के दौरान ही वे लोग खुद को स्खलित कर लेते है। स्खलन होने के समय ही, वे लोग नींद से जग जाते है।
नाइट डिस्चार्ज (स्वप्नदोष) क्या है?
जैसा कि स्वप्नदोष नाम से ही पता चलता है, यह स्वप्न के दौरान होने वाला स्खलन से संबंधित है। यह एक प्रकार का सामान्य यौन विकार है जो अधिकतर युवाओं में प्रायः देखा जाता है। इस स्थिति में, युवा व्यक्ति को नींद के दौरान एक सहज संभोग सुख का सहज अनुभूति होता है जिसमें एक पुरुष के लिए स्खलन, या एक महिला के लिए संभोग सुख के दौरान योनि स्राव शामिल होता है।
इस स्वप्नदोष में पुरुष या महिला को किसी भी प्रकार की यौन क्रिया करने की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि, यह रात के समय या भोर के समय में यौन सपनों के दौरान अनायास ही घटित होता है। इसीलिए इसे गीला स्वप्न, रात्रि उत्सर्जन और निद्रा चरमसुख के नाम से भी जाना जाता है।
नाइट डिस्चार्ज (स्वप्नदोष) के कारण:
भारत के सबसे अनुभवी व पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट का कहना है कि आमतौर पर इस नाइट डिस्चार्ज के कई कारण होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक तनाव है तो उसे यह समस्या हो सकती है। कमजोर शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति और अत्यधिक वजन भी एक कारण है। जो लोग अत्यधिक शराब पीते और धूम्रपान करते हैं उन्हें भी इस समस्या से पीड़ित होना पड़ सकता हैं। यह समस्या ऐसे व्यक्तियों में भी देखी जाती है जो शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते है।
रात्रि उत्सर्जन (स्वप्नदोष) के कारण:
स्वप्नदोष के कारणों के बारे में हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे कहते हैं- दरअसल, युवावस्था में रात्रि उत्सर्जन या रात्रि स्राव के कई कारण होते हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण
यौन लत की आदत
यौन हार्मोन परिवर्तन
यौन क्रिया में निष्क्रियता
न्यूरोपैथी क्षति व नुकसान
अनजाने में उत्तेजना होना
वीर्य का रिसाव होना
मूत्राशय का भरा होना
प्रोस्टेट ग्रंथि का जमाव
अधूरा किया गया हस्तमैथुन
यह स्राव या स्खलन सोते समय ही क्यों होता है?
कामुक सपने और स्पष्ट यौन सामग्री रात के दौरान अनैच्छिक स्खलन का कारण बन सकती है। यह पुरुष यौन समस्या व यौन हस्तक्षेप के कारण शरीर में वीर्य के अत्यधिक संचय को बाहर निकाल देती है। यह मानव मनोविज्ञान है कि रात के समय में अवचेतन मन पर ध्यान केंद्रित करने का सबसे अच्छा समय है जो इस विशिष्ट समय के दौरान प्रतिबिंबित होता है। यही कारण है को यह स्वप्नदोष का समय मध्य रात्रि या उषाकाल में होता है जब व्यक्ति गहरी निंद्रा में होता है।
रात्रिकालीन डिस्चार्ज अच्छा है या बुरा?
प्रकृतिनुसार, यह बिल्कुल भी बुरा नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को महीने में एक या दो बार इस स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो यह सामान्य बात है और उसे इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह बुरा तब होता है जब कोई व्यक्ति सप्ताह में कई बार इस स्थिति का सामना करता है। इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है जैसे कि स्वप्नदोष से पीड़ित व्यक्ति किसी काम को करने में जल्दी थक जाता है और अपने जीवन में अधिक थकान महसूस करता है। यह घटना व्यक्ति पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डालती है जो कि भविष्य में उसे कामेक्षा की कमी व अन्य यौन रोग की ओर ले जाती है।
कुछ मामलों में, यह भी देखा गया है कि इस गुप्त रोग के कारण शारीरिक समस्याएं जैसे कि प्रसवकालीन मांसपेशियों या तंत्रिकाओं कमजोर हो जाती है व रोगी को बार-बार रात्रि स्राव का कारण बन जाती है।
युवावस्था में गीले सपने किस उम्र में शुरू होते हैं?
लड़कों में यौवन व लड़कियों में मासिक धर्म की शुरुआत जैसी घटना अचानक से शुरू नहीं होता है। यह आमतौर पर किशोरावस्था में 13 से 17 वर्ष की उम्र के बीच में शुरू होता है। किशोरावस्था की औसत आयु लगभग चौदह वर्ष होती है और यह गीला स्वप्न इसी उम्र में शुरू हो सकता है।
डॉक्टर डॉ. सुनील दुबे जो कि वर्तमान समय में, बिहार के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है का कहना है कि नाइट डिस्चार्ज के कारण लगभग 150-200 कैलोरी कम हो जाती है। कुछ स्थितियों में, इस समस्या के कारण पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाएं और वीर्य लगातार पतला हो जाए। इस प्रकार के गुप्त रोगियों को अपने इलाज में देर नहीं करनी चाहिए और उन्हें अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए व इलाज करवाना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को रात्रि स्त्राव यौन विकार का सामना करना पड़े तो क्या करें:
दरअसल, आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार और अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की सलाह मरीजों की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक उपचारों पर आधारित होता है जिससे इस दवा से रोगी को कोई दुष्प्रभाव होने की संभावना नहीं होती है। वह ��पनी यौन समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर मरीज़ों की काउंसलिंग करता है और उनके सभी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोषों को दूर करता है।
आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान- दुबे क्लिनिक के बारे में:
दुबे क्लिनिक बिहार का पहला और भारत का सबसे विश्वसनीय आयुर्वेदा और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है। यह आयुर्वेदिक चिकित्सालय दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा और पटना-04 पर स्थित है। यह क्लिनिक सभी गुणवत्ता उद्देश्यों के लिए प्रमाणित और अनुमोदित है। आयुर्वेदिक दवाओं की स्व-विनिर्माण इकाई हमेशा गुणवत्ता, शुद्धता और प्राकृतिक दवा तैयार करती है।
डॉ. सुनील दुबे विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो इस क्लिनिक में प्रतिदिन अभ्यास करते हैं। भारत के हर कोने से गुप्त व यौन रोगी फोन पर इस क्लिनिक से संपर्क करते हैं। बहुत सारे सुदूर प्रदेश में स्थित यौन रोगी पटना आकर दुबे क्लिनिक में अपना इलाज करवाते है।
वर्तमान समय में, वह भारत में अत्यधिक मांग वाले विश्वसनीय सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जहां सभी उम्र के गुप्त व यौन रोगी एक बार उनसे यौन परामर्श लेना चाहते हैं।
शुभकामना सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट व भारत गौरव से सम्मानित सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04
गोधरा कांड पर नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू के कारण SP से निकाले गए थे शाहिद, अब जयंत से दूरियां, इनसाइड स्टोरी
अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में सभी की नजरें मुस्लिम वोटरों पर गड़ी हुई हैं। यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मुसलमानों की ठीकठाक आबादी है। अकेले यूपी में 20 फीसदी के करीब मुसलमान वोटर हैं। साथ ही 29 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जिन पर मुस्लिम वोटर जीत-हार की निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। इसी क्रम में NDA का हिस्सा बनते ही एक बड़े मुस्लिम नेता ने राष्ट्रीय लोकदल का साथ छोड़ दिया है। RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं खामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता हूं। मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी से भी आहत हूं। इसके साथ ही उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत मामले में जांच की मांग की थी। गुजरात के गोधराकांड के बाद तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने पर सपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।
आज हमला देश के संवैधानिक ढांचों पर है- शाहिद सिद्दीकी
शाहिद सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने RLD मुखिया जयंत चौधरी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से अपना त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश के संवैधानिक ढांचों और लोकतंत्र के ऊपर हमला है। ऐसे में किसी का चुप रहना पाप है। शाहिद ने कहा कि बीजेपी नेताओं से अपील करता हूं कि उन्हें अटल जी के रास्ते को अपनाना चाहिए और राजधर्म निभाने की बात करनी चाहिए। आज जिस तरीके से मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। नेताओं के 15-15 साल पुराने मुकदमे निकाले जा रहे हैं। चुनाव के ठीक समय ऐसा होना ये राजधर्म नहीं है।
बीजेपी नेताओं से ये की अपील
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता जो अटल जी और बीजेपी की नीति में विश्वास करते हैं, उन्हें भी इसका विरोध करना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों के लीडरों से अपील है कि भारत का लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण है। सत्ता आती जाती रहती है। इमरजेंसी का हमने विरोध किया था। हमने जेल काटी थी। ये इसलिए नहीं किया कि हम इंदिरा गांधी या कांग्रेस के विरोधी थे। हम देश के हित में खड़े होना चाहते थे। आज भी हम देश के हित में खड़े होना चाहते हैं। सवाल इस समय बीजेपी, आरएलडी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का नहीं है। सवाल हिंदुस्तान और लोकतंत्र का है। पूरी दुनिया में हमारी पहचान हमारे लोकतंत्र की वजह से है। इस पहचान और इज्जत को आगे बढ़ाना है।
मुख्तार अंसारी की मौत पर कही थी ये बात
मऊ से 5 बार के विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर भी आरएलडी के उपाध्यक्ष रहे शाहिद सिद्दीकी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। शाहिद ने इस मामले में जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी महान स्वतंत्रता सेनानी और महात्मा गांधी के सहयोगी डॉ. एम.ए. अंसारी के परिवार से आते हैं। स्थानीय माफिया द्वारा उनके परिवार पर किए गए हमलों के कारण वो (मुख्तार अंसारी) आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गए थे। उनकी मौत की पूरी जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है।
मायावती के खिलाफ बोलने पर बसपा ने किया था निष्कासित
पूर्व राज्यसभा सांसद शहीद सिद्दीकी राष्ट्रीय लोकदल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। शाहिद पत्रकार होने के साथ ही नई दिल्ली से प्रकाशित उर्दू साप्ताहिक पत्रिका के मुख्य संपादक भी हैं। शाहिद सिद्दीकी का जन्म 1951 में पत्रकारों और लेखकों के परिवार में हुआ था। उनके पिता मौलाना अब्दुल वहीद सिद्दीकी एक पत्रकार और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे। शाहिद सिद्दीकी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 1997-99 तक कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख रह चुके हैं। बाद में शाहिद सपा में शामिल हो गए थे। 2002 से 2008 तक सपा में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वो राज्यसभा सांसद रहे चुके हैं। जुलाई 2008 में बसपा में शामिल हो गए थे, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बोलने के कारण उन्हें 2009 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
गोधरा कांड के बाद पीएम मोदी का इंटरव्यू करने पर सपा ने किया था निष्कासित
पेशे से पत्रकार शाहिद सिद्दीकी को गोधरा कांड के बाद अल्पसंख्यक विरोधी दंगों पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार लेने के लिए उन्हें जुलाई 2012 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उस इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि अगर मैं दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दो। कवर-पेज साक्षात्कार छह पृष्ठों का था और इसमें गुजरात में मुसलमानों की स्थिति, गोधरा के बाद के दंगे और अन्य संवेदनशील मुद्दे शामिल थे। सिद्दीकी ने उन्हें अस्वीकार करने के समाजवादी पार्टी के रुख को महज एक मजाक करार देते हुए कहा था कि मैं मुलायम सिंह यादव सहित समाजवादी पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में पार्टी में… http://dlvr.it/T4yBNz
वो टूटी फूटी झोफड़ी नहीं है ,हमारे माँ बाबु जी मेहनत से बनाया हुआ महल है ,मिट्ठी का बना है तो क्या हुआ ,उनमे आज भी जान है ,विगत 50 सालों से अडिग खड़ा है ,दीवारों में मजबूत जान है ,आगे भी यही मजबूती बरकरार रहेगी ,मेरे माँ बाप की मेहनत पसीना लगा है | बात हो रही है मेरे गाँव की घर की, माँ बाप की अंतिम निशानी है |
आज हम लोग गाँव गए थे ,हाल में हुयी बारिश ने घर को थोड़ा बिगाड़ दिया है ,जब घर में रहेंगे तो वो भी सुधार जायेगा | हालाकि हम लोग गाँव की तरक्की के हिसाब से 100 से पीछे है ,जैसे भारत अमेरिका से 50 साल पीछे है .पीछे तो है अब आगे आने के लिए बहुत बहुत ज्यादा मेहनत ,लगन ,निरंतरता होनी चाहिए |
आज बुधवार है ,आज ऑफिस बंद था वर्ना आज ऑफिस जाता ,बुधवार week में एक बार आता है ,काश अनेक बार आता तो कितना बढ़िया रहता ,छुट्टी and छुट्टी .....विसे भी रियल एस्टेट वालो के लिए छुट्टी कोई मायने नहीं रहता है ,उनका का तो काम होता है डेली क्लाइंट के साथ busy रहना ,न जाने कब कौन सा क्लाइंट उसे visit के लिए बुलाकर ले जाये | sales का फंदा यही है कि आप ज्यादा से ज्यदा मार्केट में visit करते रहे ,जब आज ज्यदा से ज्यदा लोगो के सम्पर्क में आते है तो आपका sales में बहुत ज्यादा इजाफा होता है |
अज शेयर मार्केट में loss का ग्राफ देखने को मिला है ,विगत कुछ दिन से ऐसा ही हो रहा है ,बीच में बढ़िया चल रहा था ,लोग सभा चुनाव अभी नजदीक है जिसके कारण शेयर मार्केट में मंदी हो सकती है ,हमारे राज्य में 19 अप्रैल से चुनाव है ,तीन चरण में चुनाव होगा जी ........
Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
भारत के दोस्त रूस ने दुनिया के सबसे बड़े खतरे का इलाज निकाल लिया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर वो काम कर रहा है और वो उसके बेहद करीब पहुँच चुका है।
Cancer Vaccine का ऐलान किसी और ने नहीं बल्कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किया है कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वो इसके अंतिम चरण में है।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि हम कैंसर की वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्युनो मॉड्यूलट्री दवाओं के निर्माण के बहुत करीब है।
मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन लोगों के इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल हो सकेगी ,पुतिन ने ये नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाएंगी।
कैंसर का इलाज अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है, कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही है। ब्रिटेन की सरकार भी कैंसर के वैक्सीन के ट्रायल पर सालों से काम कर रही है।
पिछले साल ब्रिटिश सरकार ने पर्सनलाइज्ड कैंसर के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल शुरू की थी और 2030 तक 10,000 मरीजों तक पहुंचने का टारगेट रखा है।
Cancer Vaccine : Russia ने खोजा लिया कैंसर का इलाज
ब्रिटेन जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल कर रहा है। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स कंपनी मॉडर्न और मार्क एंड कंपनी भी कैंसर की वैक्सीन बना रही है,
जो कैंसर की मिडिल स्टेज में इस्तेमाल हो सकती है। मसलन रिसर्च के दौरान पता चला की 3 साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर की दोबारा होने या इससे मौत होने की संभावनाआधी हो गई।
फिलहाल दुनिया के सामने कैंसर एक बहुत बड़ा खतरा हैं। WHO के मुताबिक वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमायरस के खिलाफ़ छः लाइसल���ंड वैक्सीन मौजूद हैं जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी के खिलाफ़ भी टीके हैं जो लिवर कैंसर का कारण बनते हैं।
आपको बता दें कि रूस जो ऐलान किया है उसके बाद पूरी दुनिया में सनसनी मची हुई है और सबसे पहले तब रूस ने कोविड 19 के दौरान स्पुतनिक भी वैक्सीन बनाई थी
,अब ये कहा जा रहा है की अगर ये वाकई में कैंसर के इलाज के रूस बेहद करीब है तो रूस ने वो बनाया है जिसकी जरूरत दुनिया को सबसे ज्यादा है ।
कैंसर दुनिया के सामने एक बड़ा खतरा है और दुनिया भर में होने वाली मौतों में कैंसर एक बड़ी वजह है।
WHO की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के आंकड़े बताते हैं की साल 2022 में लगभग 2,00,00,000 कैंसर के नए मामले सामने आए और कैंसर की वजह से 97,00,000 लोगों की मौत हुई है।
अकेले भारत में 14,13,316 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात अधिक है। देश में 1,92,000 नए मामलों के साथ स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है ।
आकड़े बताते हैं कि प्रत्येक 5 में एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर हो जाता है , लगभग 9 में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की मौत हो जाती है ।
इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कैंसर कितनी खतरनांक बीमारी है , फिलहाल रूस ने Cancer Vaccine को खोजने का ऐलान किया है अब देखना है कि कितना कारगर हो पाता है ।
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राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को झटका, प्रियंका हुईं बीमार, अब नहीं हो सकेंगी शामिल
Lucknow: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जिसकी वजह से वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगी।
प्रियंका ने अपने एक्स अकाउंट पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को शुभकामनाएं दी।
इसके अलावा उन्हें यह आश्वासन भी दिया कि जैसे ही उनकी तबीयत में सुधार आएगा, तो वो यात्रा में…
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (त्रयोदशी तिथि भौम प्रदोष व्रत)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा*
ये नारा नही सिंहनाद था, आजाद हिंद फौज के संस्थापक और _*भारत*_ को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले *नेताजी सुभाषचंद्र बोस* की जन्मजयंती पर शत शत नमन
*🇮🇳जय हिंद🇮🇳*
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-23-जनवरी-2024
वार :-----मंगलवार
तिथि :---13त्रयोदशी:-20:39
माह:------पौषमास
पक्ष:------शुक्लपक्ष
नक्षत्र:----आर्द्रा:-30:27
योग:-----ऐन्द्र:-08:04
करण:----कोलव:-08:13
चन्द्रमा:----मिथुन
सूर्योदय:-----07:30
सूर्यास्त:------18:09
दिशा शूल------ उत्तर
निवारण उपाय:-- धनिया का सेवन
ऋतु:------शिशिर ऋतु
गुंलिक काल:-12:50से 14:10
राहू काल:-15:30से16:50
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:-----पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-10:10से11:30तक
लाभ:-11:30से12:50तक
अमृत:-12:50से14:10तक
शुभ:-15:30से16:50तक
🌓चोघङिया रात🌗
लाभ:-19:50से21:30तक
शुभ:-23:10से00:50तक
अमृत:-00:50से02:30तक
चंचल:-02:30से04:10तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का 306वाँ दिन, भोम प्रदोष व्रत , नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जयंती , यमघण्टयोग 07:26 से 30:27तक, रवियोग 30:27 तक,
🙏🙏टिप्स 🙏🙏 शाम होने से पूर्व सूखे कपड़े यदि खुली जगह में सूख रहे हैं तो उन्हें समेटले।
*सुविचार*
धीरज सारे आनंदों और शक्तियों का मूल है।
👍🏻राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*बालों के लिए अदरक के अनुप्रयोग :*
1. अदरक का प्रयोग आप अपने बालों को लंबा करने के लिए भी कर सकते हैं, यह कमाल का असर करता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम बालों के विकास में बेहद मददगार साबित होते हैं।
2. बालों को न केवल लंबा करने, बल्कि इन्हें झड़ने से रोकने में भी अदरक बेहद फायदेमंद है। इसके लिए अदरक को कद्दूकस करने के बाद इसे जैतून के तेल या फिर नारियल तेल में मिलाकर लगाएं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
नए उपक्रम प्रारंभ करने का मन बन सकता है। पार्टनरों तथा भाइयों से सहयोग मिलेगा। लाभ होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। यात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूसरों के कार्य में दखल न दें। योजना फलीभूत होगी। कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। वरिष्ठ जन का मार्गदर्शन तथा सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़ी चिंता से मुक्ति मिलेगी। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। तीर्थाटन तथा संत दर्शन का लाभ मिल सकता है। अध्यात्म में रुचि रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
वरिष्ठजनों की सलाह मानें तथा विवेक से कार्य करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। पुरानी व्याधि बाधा का कारण बन सकती है। कार्य में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। धनहानि के योग हैं।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कार्यस्थल पर मनोनुकूल परिवर्तन संभव है। आय बनी रहेगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। चिंता रह सकती है। जोखिम न उठाएं। आर्थिक उन्नति के लिए बनाई गई योजना फलीभूत होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सौभाग्य वृद्धि होगी। यात्रा में सावधानी आवश्यक है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। परिवार में कोई शुभ कार्य हो सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थाटन का मन बनेगा। राजकीय बाधा दूर होगी।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
विवाद को बढ़ावा न दें। अकारण क्रोध रहेगा। जोखिम व जमानत के का कार्य टालें। अपेक्षित कार्यों में विलंब से चिड़चिड़ापन रहेगा। व्यवसाय में ध्यान दें। लाभ होगा। जल्दबाजी से बचें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यस्तता रहेगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पार्टनरों से मनोनुकूल सहयोग मिलेगा। राजभय रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। यात्रा लाभदायक रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
थकान महसूस होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विरोधियों का पराभव होगा। नए लोगों से मिलना होगा। कार्य आसानी से संपन्न होंगे। पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
किसी अपने का व्यवहार दिल को ठेस पहुंचा सकता है। नकारात्मकता रहेगी। विरोध होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। शांति बनाए रखें। बुरी सूचना प्राप्त हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। थकान महसूस होगी। परिवारजनों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। लापरवाही से हानि होगी। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह में वृद्धि होगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कार्य में निरंतरता बनी रहेगी। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। किसी प्रसिद्ध व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। बाहर जाने का कार्यक्रम बनेगा। विवाद न करें। घर में अतिथियों का आगमन होगा। उन पर व्यय होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। नौकरी में अधिकार बढ़ सकत�� हैं। समय अनुकूल है। लाभ में वृद्धि होगी। कार्य की बेहतरी रहेगी। कोई बड़ा कार्य मनोनुकूल बनेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं।
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दहेज मुक्त भारत
दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है लेकिन अब बेटी बोझ नहीं क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत मना रहे हैं संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में शादी करके खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु ��ारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा #संतरामपालजी #महाराज #जी
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
🔸️जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज और उनके उद्देश्य🔸️
संत रामपाल जी महाराज कौन हैं?
गरीब, सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद।
चार वेद, षट शास्त्र कह, कह अठारा बोध।।
संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं, गीता जी में वर्णित तत्वदर्शी संत हैं, विभिन्न भविष्यवक्ताओं द्वारा बताये जगत के तारणहार हैं जो चार वेद, छह शास्त्रों के साथ-साथ सभी धर्मों के पवित्र सदग्रंथों के ज्ञाता अर्थात सदग्रंथों में छूपे हूए गूढ़ रहस्यों को जानने वाले हैं। और शास्त्रों के आधार से ही प्रमाणित सतभक्ति विधि तथा ज्ञान बताने वाले परम संत हैं। संत रामपाल जी महाराज वो सच्चे सतगुरु हैं जिन्होंने विश्व के समस्त धर्मगुरुओं को शास्त्रार्थ में पराजित किया तथा सदग्रंथों का वास्तविक ज्ञान सरल भाषा में समस्त मानव समाज को बताया।
संत रामपाल जी महाराज विश्व के एकमात्र आध्यात्मिक गुरु हैं जिनको सत्संग करने तथा नाम दीक्षा देने का अधिकार है। (एक समय में पूरे विश्व में एक ही पूर्ण गुरु होता है।) इनके अतिरिक्त किसी भी धर्मगुरु या कथावाचक को सत्संग का अधिकार नहीं है।
गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत की शरण में जाने तथा क़ुरान सूरह अल फुरकान 25 की आयत 59 में जिस बाख़बर (इल्मवाले) से ज्ञान समझने के लिये बताया गया है वह तत्वदर्शी/बाख़बर संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
संत रामपाल जी महाराज पृथ्वी पर एकमात्र तत्वदर्शी संत हैं जिन्होंने हमें मानव जीवन का मूल उद्देश्य बताया और उसकी प्राप्ति का सही तरीका बताया जिससे मानव समाज अभी तक अनजान था।
संत रामपाल जी महाराज विश्व में एकमात्र ऐसे गुरु हैं जिन्होंने वास्तविक प्रभु की पहचान बताई है तथा उसकी भक्ति विधि बताई है। देवी–देवताओं की भक्ति करने के बावजूद दुखी जनता को सुखी किया हैं। भूत-प्रेत आदि से पीड़ित व्यक्तियों को नया जीवन दिया है।
विश्व कल्याण के लिए संत रामपाल जी महाराज के उद्देश्य क्या हैं ?
संत रामपाल जी महाराज जी वह तत्वदर्शी संत हैं जिनके वचनों में अद्भुत शक्ति है तभी तो उनके करोड़ों अनुयाई यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों में भी तत्वज्ञान का ऐसा अद्भुत प्रभाव देखने को मिलता है, जो नशे, जाति-पाति, धर्म, मज़हब से परे, चोरी, बेईमानी, रिश्वत आदि से दूर होकर एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा और विश्व में अमन, चैन, आपसी प्रेम फिर से कायम होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया और देखते ही देखते उन्होंने अपने तत्वज्ञान से करोड़ों लोगों को नशा मुक्त, दहेज मुक्त, चोरी, बेईमानी, रिश्वत मुक्त बनाकर एक स्वच्छ समाज की बुनियाद रखी।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य जनकल्याण है। वह जनता को सुखी करना चाहते हैं तथा सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त कर एक स्वच्छ समाज तथा राष्ट्र का निर्माण करना चाहते है।
संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक पूर्ण परमेश्वर कबीर जी की पूजा करें और अपने मूल निवास सतलोक में वापस लौटकर पूर्ण ब्रह्म कबीर परमेश्वर की शरण ग्रहण करें। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की उपासना की चाह रखने वाला व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, वर्ण, जाति, वर्ग समुदाय का क्यों नहीं हो, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ले सकता है।
आज नशे के कारण लाखों लोगों के जीवन और लाखों घर बर्बाद हो चुके हैं और आज भी बर्बाद हो रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है समाज में नशा करने वाले व्यक्तियों का नशा छुड़वा कर देश को नशा मुक्त बनाना।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है - जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
संत रामपाल जी महाराज के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा तथा एक बार पुनः शांति स्थापित होगी। कलयुग में एक बार फिर सतयुग जैसा माहौल होगा और धरती स्वर्ग समान बन जाएगी।
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Raju met Best Sexologist in Patna Clinic with his maternal uncle- Dr. Sunil Dubey
नमस्कार दोस्तों!
आपसे मिलकर एक बार फिर से अच्छा लगा...
कृपया, यह चित्रण एक रात्रि स्खलन यौन रोगी की वास्तविक घटना पर आधारित है। अधिकांश युवाओं में यह एक आम यौन विकार है। यह कहानी दुबे क्लिनिक जो कि बिहार का पहला आयुर्वेदिक व सेक्सोलॉजी क्लिनिक है के माध्यम प्रकाशित किया जा रहा है जिससे युवा यौन रोगियों की समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सके।
रात्रि डिस्चार्ज यौन रोगी की एक लघु कहानी:
राजू 20 साल का जवान लड़का था। वह अपने परिवार के साथ बिहार राज्य में रहता था। वह एक कॉलेज का छात्र था जिसकी उम्र तक़रीबन 20 हो रही होगी। दरअसल, वह एक अच्छा इंसान भी था जो लोगो कि मदद करने में विश्वास रखता था साथ ही उसके व्यवहार से कोई भी प्रभावित आसानी से हो सकता था। इधर कुछ कुछ दिनों से वह रात में होने वाले उत्सर्जन से पीड़ित था, जिसे गीले सपने भी कहा जाता है। वह नींद के दौरान ही स्खलित हो जाता है। पहले तो उसने समझा कि यह सामान्य बात है और उसने इस घटना पर ध्यान नहीं दिया।
रात्रि उत्सर्जन यौन रोग के शुरुआती चरण में उसे यह समस्या महीने में दो या तीन बार होती थी। दरअसल, यह युवाओं के बीच में यह आम बात है। महीने में रात्रिकालीन उत्सर्जन की संख्या एक या दो बार हो जाना सामान्य बात है। उसके जीवन में इधर कुछ दिनों से रात्रिकालीन उत्सर्जन की यह संख्या सप्ताह में दो से तीन बार होने लगी। अब इस रात डिस्चार्ज होने के बाद वह उदास रहने लगा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे और न करे।
उसने अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं की। रात में अत्यधिक उत्सर्जन के कारण उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी। संयोग से, एक दिन उसके मामा उसके घर आये। सभी खुश थे लेकिन राजू खुश नहीं था क्योंकि जगह कम होने के कारण उन दोनों को एक ही कमरे में सोना पड़ता। गेस्ट रूम ही राजू का कमरा था। उसे डर था कि कहीं उसकी गुप्त समस्या का पता उनको न चल जाये। वह मन ही मन डरा हुआ था।
रात हुई और सभी लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में जूट गए। राजू और उसके मामा भी सोने की तयारी में थे। राजू मन ही मन डरा-सा प्रतीत दिख रहा था। वह किसी भी तरह आज रात नहीं सोना चाहता था। उसे नींद कब आ गयी पता भी नहीं चला।
जिस बात का उसे डर था वही हुआ, उस रात भी उसे नाइट डिस्चार्ज हो गया। दरअसल, यह यौन समस्या यौन रोगी को या तो सुबह जल्दी या देर रात को होती है। उनके साथ यह घटना सुबह-सुबह घटी जब उनके मामा उनके पास बैठे हुए थे।
उसने देखा कि उसके मामा जगे हुए है और पास में ही बैठे हुए है। उसकी पैंट स्वप्नदोष के कारण भीग गई थी और उसे उसी स्थिति में मामा ने देख लिया था। चूकि गर्मी के दिन थे, अतः रजाई का कोई मतलब ही नहीं था।
उसे सब समझ आ गया की मामा ने सबकुछ देख लिया, लेकिन वह उनसे कुछ बोल नहीं पाया। राजू अपनी हरकत से डर गया और वह भागकर वॉशरूम गया और अपनी ड्रेस बदली। उसके मामा ने उसे बुलाया और एक कप चाय लाने को कहा। उन्होंने उनके आदेश का पालन किया और चाय लाकर दी। इसके बाद वह कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगा।
कॉलेज से लौटकर घर आया तो उसके लगा कि मामा चले गए होंगे, लेकिन वो आज भी रुके हुए थे। उसे लगा कि मामा ने माँ को सब कुछ बता दिया होगा, लेकिन सब कुछ सामान्य था। उसके मामा ने किसी से कुछ भी बात शेयर नहीं की थी। रात हुयी और कल की भांति सभी लोग सोने चले गए।
यह दूसरी रात थी जब वह अपने चाचा के साथ सो रहा था। कल वाली घटना उसके साथ पुनः घटी और यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण था जब उसके मामा ने पुनः उसकी इस अवस्था को नोटिस किया। आज उसने अपने मामा से इस घटना के बारे में सब कुछ कहने का निश्चय किया। उसने पहले तो चाय दी फिर वह अपना एक-एक प्वाइंट उन्हें बता दिया। उन्होंने उसे समझाया कि उसे नाइट डिस्चार्ज की समस्या है और उसे सेक्सुअल मेडिसिन काउंसलर से मिलना चाहिए। राजू ने उसे बताया कि पिछले कुछ महीनों से इस स्थिति का सामना कर रहा है।
भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे से एक मुलाकात:
राजू के मामा को पटना के सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे के बारे में पता था। उन्हों��े उसे कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमलोग दुबे क्लिनिक आज चलेंगे और तुम्हारा इलाज करवाएंगे। उन्होंने खुद इस क्लिनिक से फोन पर अपॉइंटमेंट लिए और समय पर दोनों लोग क्लिनिक पहुंच गए।
आधे घंटे का यौन रोग पर परामर्श के बाद, डॉ. सुनील दुबे ने राजू का मेडिकल चेकअप व मनोवैज्ञानिक जाँच करने के बाद दवा दिया। वह भारत के सबसे सफल आयुर्वेदाचार्य है जिन्होंने तक़रीबन चार लाख मरीजों को सफल इलाज किया है। उन्होंने उन दोनों को गुप्त रोग एवं स्वप्नदोष के बारे में विस्तार से बताया। इसके क्या लक्षण और कारण है इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने राजू को यह भी समझाया कि किसी भी प्रकार का रोग चाहे व गुप्त रोग हो या अन्य कोई भी, हमेशा अपने से बड़ो से इस पर विचार - विमर्श करे। आज के समय में एक मिलियन लोग प्रतिदिन गुप्त रोग का शिकार हो रहे है। यौन शिक्षा के आभाव में, केवल कुछ ही लोग अपने इस यौन रोग का इलाज समय पर करवाते है।
राजू के डॉ सुनील सर की बातो को गंभीरता से सुना एवं उनके सभी सुझाव को फॉलो करने का विश्वास दिलाया। उनसे नियमानुसार दवा का सेवन किया और कुछ समय के बाद उसे यह गुप्त रोग हमेशा के लिए दूर हो गया।
शुभकामना सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
हॉलैण्ड के भविष्यदृष्टा "श्री गेरार्ड क्राइसे" के अनुसार
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।
20 वीं सदी के अन्त से पहले या 21 वीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर युद्ध के कारण कई देशों का अस्तित्व ही मिट जावेगा। परन्तु भारत का एक महापुरूष सम्पूर्ण विश्व को मानवता के एक सूत्र में बांध देगा व हिंसा, फूट-दुराचार, कपट आदि संसार से सदा के लिए मिटा देगा।