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#लहसुन गर्म पानी के साथ
ragbuveer · 3 months
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (पंचमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🇬🇧 सादर नमस्कार,
न भारतीयो नव संवत्सरोयं
तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् ।
यतो धरित्री निखिलैव माता
तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।।
*यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नही है, तथापि सबके लिये कल्याणप्रद हो; क्योंकि सम्पूर्ण धरती सबकी माता ही है !!!!!*
आपको एवम आपके परिवार को *कैलेंडर वर्ष 2024* में पदार्पण की मंगलकामनायें !! यह वर्ष आपके लिये आनन्द, आरोग्य, उत्साह, ऐश्वर्यप्रदायक हो !! 🕉🕉🚩🚩🇮🇳🇮🇳 हमारा भारतीय नव संवत्सर *चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदानुसार 9 अप्रैल 2024 को प्रारम्भ होगा* जो कि संवत्सर 2081 है।🕉🕉🚩🚩
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-01-जनवरी-2024
वार:-------सोमवार
तिथी:----05पंचमी:-14:29
माह:------पौषमास
पक्ष:------कृष्णपक्ष
नक्षत्र:----मघा:-08:36
योग :-----आयुष्मान:-28:36
करण:-----तैतिल:-14:29
चन्द्रमा:------सिंह
सूर्योदय:-----07:29
सूर्यास्त:------17:53
दिशा शूल-------पूर्व
निवारण उपाय:---दर्पण देखकर यात्रा करें
ऋतु:--------शिशिर ऋतु
गुलिक काल:---13:51से 15:11
राहू काल:----08:30से 09:50
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
.युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
अमृत:-07:29से08:47तक
शुभ:-10:05से11:23तक
चंचल:-13:53से15:13तक
लाभ:-15:13से16:33तक
अमृत:-16:33से17:53तक
🌗चोघङिया रात🌓
चंचल:-17:53से19:34तक
लाभ:-22:53से00:33तक
शुभ:-02:23से04:05तक
अमृत:-04:05से05:47तक
चंचल:-05:47से07:29तक
आज के विशेष योग
वर्ष का284वा दिन, ईस्वी सन् 2024 प्रारंभ, कुमारयोग 07:26 से 08:36 तक,
👉वास्तु टिप्स👈 मलमास में पिले रगं के वस्त्र दान करे।
*सुविचार*
इन्सान कर्म करने में तो अपनी मनमानी कर सकता है मगर फल भोगने में नही..👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*दमा रोग के आसान उपचार :*
1. 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्‍थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम भोजन के बाद लेने से अस्‍थमा नष्ट हो जाता है। अस्‍थमा से बचाव के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें। इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।
3. शहद को अस्‍थमा में काफी लाभदायक माना जाता है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्‍थमा की परेशानी पैदा करता है। अस्‍थमा का अटैक आने पर शहद को सूंघने से भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से अस्‍थमा में निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
4. शरीर की भीतरी एलर्जी को दुरुस्‍त करने में मेथी काफी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम सेवन करें। आपको निश्‍चित लाभ होगा। अस्‍थमा के मरीज मेथी का यूं भी सेवन कर सकते हैं।
5. अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है उतना ही लाभदायक भी होता है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है। और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ भय रहेगा। धनार्जन होगा। कष्ट संभव है।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। धनलाभ होगा। विवाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
फालतू खर्च होगा। शत्रु परास्त होंगे। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम न लें। सत्संग का लाभ मिलेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
संतान की चिंता रहेगी। बकाया वसूली होगी। बेचैनी रहेगी। यात्रा से लाभ होगा। उन्नति होगी। जल्दबाजी न करें। घर में शुभ कार्य का आयोजन होगा।
👩🏻‍🏫 *राशि फलादेश कन्या :-*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्य नरम रहेगा। शत्रु भय रहेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। धनार्जन होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। यात्रा से लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
मकान व भूमि संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। रोग व चोट से बचें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। श‍त्रु परास्त होंगे। लाभ होगा। मान-सम्मान मिलेगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद न करें। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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smhindinews · 7 months
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घरेलू उपाय: लकवा बीमारी घरेलू उपाय क्या है? What is paralysis disease
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इस बीमारी में शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं, तो वहीं अधिकतर बांए पैर या बाएं हाथ काम नहीं करता है. इस बीमारी का दिमाग तक पहुंचना भी बहुत हानिकारक होता है. इसकी वजह से शरीर के अंगों में टेढ़ापन आ जाता है, साथ ही कुछ याद रखने की शक्ति भी खत्म हो जाती है. यह बीमारी इंसान को असहाय बना देती है, जिससे वह हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है. आजकल इस बीमारी का इलाज कई तरह के तकनीक द्वारा किया जा रहा है. मगर आज हम आपको आयुर्वेद की मदद से लकवा के प्रभाव को कम करने का तरीका बताने जा रहे हैं.
करेला है फायदेमंद-
लकवा रोगी को करेले की सब्जी या करेले का रस रोजाना देना चाहिए. इससे लकवा से प्रभावित अंगों में जल्दी सुधार ���ोता है. ध्यान दें कि इसका सेवन रोजाना करना है.
गर्म पानी और तुलसी-
सबसे पहले पानी में तुलसी के पत्तों को डालकर उबा लें और इसका भाप लकवा ग्रस्ति अंगों को दें. इससे जल्द ही बीमारी ठीक हो सकती है.
काली मिर्च और घी का लेप- 
आयुर्वेद में बताया गया है कि अगर काली मिर्च और घी के लेप से लकवाग्रसित अंगों की मालिश की जाए, तो इससे जल्द ही फायदा मिल सकता है.
प्याज का सेवन-
अगर लकवा की बीमारी को जल्द ठीक करना है, तो प्याज का सेवन करते रहना चाहिए. या फिर प्याज का रस पीना चाहिए. इससे लकवा रोगी ठीक हो सकता है.
दूध और छुहारा-
लकवा रोगी को रोजाना दूध में छुहारे भिगोकर देते रहना चाहिए. इससे लकवा ठीक होने लगता है. इन दोनों का मिश्रण रोगी के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.
उड़द दाल और सोंठ का पानी-
अगर आपको लकवा की बीमारी का इलाज घरेलू उपचार से करना चाहते है, तो उड़द दाल और सोंठ के पानी को हल्की आंच पर गर्म करें. यह मिश्रण रोगी को रोजाना पिलाएं. इससे काफी राहत मिलती है.
लहसुन और मक्खन का सेवन- 
अगर लकवा रोगी को लहसुन को पीसकर उसमें मक्खन मिलाकर दिया जाए, तो इससे यह बीमारी जल्द ठीक हो सकती है.
इन रसों का सेवन- 
आप लकवा रोगी को नाशपाती, सेब और अंगूर का रस बराबर मात्रा में एक ग्लिास में मिला दें. रोजाना इसका सेवन करने से जल्द ही फायदा मिलता है
तुलसी और दही का मिश्रण-
लकवा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों को  दही और सेंधा नमक के साथ अच्छी तरह मिला लें. इसका लेप लकवा वाले अंगों पर लगाने से राहत मिलती है.
News Source: SM Hindi News
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drarvindkuma · 1 year
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👉टाइफाइड की समस्या को जड़ से खत्म कर देंगे ये घरेलू नुस्खे, ज़रूर करें ट्राई... 👉लहसुन एंटी बायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ तासीर में गर्म होता है। इसके लिए घी में 6-7 लहसुन कली फ्राई कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करे। लौंग भी टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। टाइफाइड के लक्षण बुखार आना भूख कम लगना सिर दर्द की समस्या अधिक ठंड महसूस होना अधिक कमजोरी होना दस्त की समस्या छाती में जलन कब्ज की समस्या 👉टाइफाइड से निजात पाने के घरेलू उपाय *तुलसी* तुलसी और सूरजमुखी के रस को निकाल कर पीने से आपको लाभ मिलेगा। इसके अलावा एक पैन में पानी और थोड़ी तुलसी की पत्तियां डालकर उबाल लें। दिन में 3-4 बार ऐसे ही पिएं। *सेब का रस* सेब का रस टाइफाइड की समस्या से आसानी से निजात दिला सकता है। इसके लिए सेब के जूस में अदरक का रस मिलाकर पिएं। इससे आपको टाइफाइड के बुखार से निजात मिलेगा। *लहसुन* लहसुन एंटी बायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ तासीर में गर्म होता है। इसके लिए घी में 6-7 लहसुन कली फ्राई कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करे। *लौंग* लौंग भी टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आठ कप पानी में 6-7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसका सेवन दिनभर करे। इससे टाइफाइड के कारण आई कमजोरी से भी छुटकारा मिलेगा। *शहद* शहद में एंटीवायरल, एंटीबैक्टिया, एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं। गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर इसका सेवन करे। इससे आपको राहत मिलेगी। 👉अधिक जानकारी या डॉक्टर से फ्री सलाह के लिए कॉल या WhatsApp करें, Dr. Arvind K- 9911987787 (at Military Hospital, Dehradun) https://www.instagram.com/p/Cp0axJpyAtQ/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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raginisinghjnp10 · 1 year
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healthy foods to keep you warm this winter lunch
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healthy foods to keep you warm this winter lunch 
क्यों खाते हैं सर्दियों में गरिष्ठ भोजन आइए जानते
 हैं?https://raginisingh18.blogspot.com/
हमारे यहां हार में उर्जा प्रदान करने वाले प्रमुख तत्व है। कार्बोहाइड्रेट्स और वसा। इन तत्वों को हम प्राप्त कर सकते हैं अन्य दालो, गुड़ चीनी ,में वे तेल और घी आदि में । सर्दियों में घी व चिकनाई युक्त आहार सूखे मेवे आदि खाए जाते हैं। क्योंकि इनमें कैलोरी ज्यादा होती है यह चीजें हमें अधिक शक्ति देती हैं जिससे शरीर का तापमान बड़ा रहता है और गर्माहट महसूस होती रहती है।
कितना खाए घी चिकनाई
ज्यादा तली भुनी चीजें खाने से शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है शरीर के हिसाब से अगर हम ज्यादा कैलोरी लेते हैं जैसे शरीर को 1200 कैलोरी चाहिए और तली हुई चीजें खाकर कलर इसको अट्ठारह सौ से 2000 तक बढ़ा लिया तो अतिरिक्त 600 से 800 कैलोरी इस्तेमाल में ना आकर हमारे शरीर में वसा के रूप में जमा हो जाती है।
इससे वजन बढ़ जाता है उसे घटाने के लिए डबल एक्सरसाइज करनी पड़ती है इसके अलावा दिल के या छाई राइट के डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा तला भुना खाना नुकसानदेह हो सकता है।
शरीर को जितनी जरूरत है उतना ही खाना खाए उसमे ही अगर खाने की क्वालिटी बदल दे जैसे कम तेल इस्तेमाल करें गर्म खाना है तो सब्जियों का सूप वगैरह ले सकते हैं इनसे शरीर को गर्माहट तो मिलेगी ही साथ ही उतनी कैलोरी भी नहीं आएगी।
बढ़ते बच्चे यह सब चीजें ले सकते हैं क्योंकि वह लोग खेलते कुदते हैं और इसी उम्र में उनका शारीरिक मानसिक विकास होता है इसीलिए उन्हें ज्यादा शक्ति की जरूरत होती है लेकिन बड़ी उम्र में लोगों को यह चीजें कम मात्रा में हफ्ते में एक या किसी छुट्टी वाले दिन ही लेनी चाहिए कभी-कभी लेंगे तो कैलोरी इतनी ज्यादा नहीं बढ़ेगी।
मुगलई मसाला गोभी
सामाग्री
दो छोटी-छोटी फूलगोभी
मध्यम आकार के दो प्याज
एक बड़ा चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट
एक छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
एक बड़ा चम्मच धनिया पाउडर
चुटकी भर हल्दी पाउडर
एक छोटा चम्मच गरम मसाला
5 धागे केसर
एक एक बड़ा चम्मच काजू और बादाम
एक बड़ा चम्मच दूध
4 बड़े चम्मच रिफाइंड आयल
आधा छोटा चम्मच मेथी दाना
नमक स्वादानुसार 
बनाने की विधिफूल गोभी को अच्छी तरह साफ करें एक भगोड़े में पानी उबालें जिसमें गोभी भी डूब जाएं जब पानी उबलने लगे तो उसमें चुटकी भर नमक और एक बड़ा चम्मच दूध डाल दे इसमें गोभी डालकर 3 मिनट तक उबालें पानी से गोभी निकालकर हल्के हल्के हाथों से कपड़े से पूछ ले अब एक कड़ाही में तेल गर्म करें उसमें उलट-पुलट कर गोभी तलने गोभी का रंग बहुत अधिक बदलना नहीं चाहिए।प्याज और बादाम को अलग-अलग पीस लें बादाम को गर्म करें यानी गर्म पानी में दो-तीन मिनट तक उबालें फिर छिलका उसका उतारकर उसका पेस्ट बना ले दही का भी पेस्ट बना लें केसर को गर्म तवे पर डालें थोड़ी देर सूखा ही हाथ से मसल लें। जिस कढ़ाई में गोली चली थी उसी में बच्चे तेल में मेथी दाने का तड़का लगाकर ब्याज व अदरक लहसुन का पेस्ट बने जब मसाला तेल छोड़ने लगे तो उसमें सभी बच्चे मसाले केसर पाउडर व दही वाला पेस्ट आदि डाल दें 1 मिनट सारे मसाले को मिला है फिर उसमें गोभी भी डाल दें कढ़ाई का ढक्कन लगा दे बहुत दिन याद पर गोभी को पकाएं जब मसाला तेल छोड़ दे और गोभी पक जाए तो तले हुए बादाम काजू में सजाकर सर्विग डिश में में निकालें ऊपर से हरी धनिया डालकर सर्व करें।
पनीर, पालक, मेथी रोटी।
 सामग्री( material 
एक कप आटा
 एक छोटा चम्मच तेल 
आधा कप बारीक कटिंग मेथी और पालक के पत्ते 
एक बड़ा चम्मच ताजा दही
 आधा चम्मच लाल मिर्च
 चौथाई चम्मच अमचूर 
चुटकी भर हींग 
आधा छोटा चम्मच चीनी 
नमक स्वाद अनुसार
सजावट के लिए
आधा कप बारीक कटिंग मेथी पालक के पत्ते
एक बड़ा चम्मच कद्दूकस किया पनीर
बनाने की विधि
सभी सामग्री को मिलाकर आटा गूथ लें आवश्यक हो तो थोड़ी दही और मिला दे इस आटे को बराबर बराबर भागों में बांट कर पराठा बनाकर दोनों तरफ से सीख ले सर्व करते समय हर रोटी पर थोड़ा पालक मेथी के पत्ते डालकर बुराक दे और थोड़ी देर के लिए सेके। फिर गरमा गरम चटनी के साथ सर्व करें।
मक्के की खिचड़ी
सामग्री
6 ताजे भुट्टे सिर्फ दाने कद्दूकस किए हुए
 एक छोटा चम्मच चीनी 
नमक स्वाद अनुसार
 आधा नींबू का रस 
2 बड़े चम्मच बारीक कटा धनिया
 तड़का के लिए दो बड़े चम्मच घी
 एक छोटा चम्मच राई 
एक छोटा चम्मच जीरा 
चौथाई चम्मच हींग
 2 हरी मिर्च बारीक कटी हुई
बनाने की विधि
एक पैन में तेल गर्म करें राई जीरा हींग और हरी मिर्च डालें जब ताने चटकने लगे तो कद्दूकस किया हुआ मक्का 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। इतना डाले कि भुट्टा उसमें डूब जाए। नमक और चीनी डालें ढककर मक्के को गलने तक पकाएं। एचडी गाड़ी लगे तो थोड़ा और पानी डाल दें। स्वादानुसार नमक और नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाएं धनिया की पत्ती से सजाकर। लहसुन मिर्चा धनिया की चटनी के साथ गरमागरम खाए।
कैरेट वाल्स इन रबडी
सामग्री
500 ग्राम लाल पीली का गाजर
डेढ़ सौ ग्राम बारीक सूजी 
200 ग्राम खोया 
50 ग्राम नारियल पाउडर
 200 ग्राम चीनी
 एक छोटा चम्मच पिस्ता
 10 से 12 कटे बादाम
 चौथाई चम्मच इलायची पाउडर 
और चांदी की वर्क
रबड़ी के लिए सामग्री
1 लीटर फुल क्रीम दूध 
6 बड़े चम्मच मिल्क पाउडर
 3 बड़े चम्मच चीनी
 केवड़े में भीग 6  7 केसर के धागे
 एक छोटा चम्मच बारीक कटा पिस्ता
विधि बनाने की
गाजर को धोकर मोटा मोटा कद्दूकस कर लें अब एक कड़ाही में घी गर्म करके उसमें गाजर को खूब अच्छी तरह भूनें जब तक गाजर का पानी ना सुख जाए उसमें चीनी डाल दे चीनी पिघल जाए और गाजर अच्छी तरह से लिपट जाए तो कढ़ाई को नीचे उतार दे सुजीतथा मावे को हाथ से अच्छी तरह मिलाएं फिर एक सपरेटर में डालकर सूजी मावे के मिश्रण को 10 मिनट प्रेशर कुकर की भाप में पकाएं ।ठंडा होने पर उसमें गाजर का मिश्रण नारियल और इलायची पाउडर मिलाकर लड्डू बना ले। लगभग 30-35 लड्डू बनेंगे उन पर बादाम पिस्ता की कटे हुए टुकड़े चिपकाए को ऐसे भी किया जा सकता है लड्डू किया जा सकता है और रबड़ी के साथ भी।
रबड़ी के लिए दूध वाले 15 मिनट मध्य मार्ग पर दूध पकाए फिर मिल्क पाउडर को थोड़े से दूध में घोलकर उबलते हुए दूध में डाल दें केसर को 10 मिनट के बड़े के पानी में भिगो दें इसको भी उबलते दूध में डाल दें जब दूध रबड़ी की तरह गाढ़ा हो जाए तो उसमें चीनी व कटा हुआ मेवा डालकर 5 मिनट तक और पकाए रबड़ी को ठंडा करें और ठंडा होने के बाद इसे फ्रिज में रख दे बढ़िया स्वीट डिश तैयार है।
मटन दो प्याजा
सामग्री
500 ग्राम मटन
 500 ग्राम मध्यम आकार के प्याज 
आधा कप सरसों का तेल या घी
 चार कप दही 
दो छोटे चम्मच नमक
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onlinedeshiupchaar · 2 years
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Weight Loss Tips:- वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindi
मोटापा किसी के लिए भी परेशानी और शर्मिंदगी का सबब बन जाता है। कोई भी नहीं चाहता की उसका थुलथुल ढीला, भारी भरकम शरीर हो। यह आपके पूरी पर्सनालिटी की रौनक को खत्म कर देता है । ज्यादा मोटापा सिर्फ सुंदरता ही कम नहीं करता बल्कि शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। एक अच्छी पर्सनैलिटी की पहचान स्वस्थ शरीर से होती है।
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बिज़ी लाइफस्टाइल के चलते, आजकल सभी अपनी फिटनेस का ख़ास ख़्याल नहीं रख पाते। पर आप अपने काम में तभी परफेक्ट हो पाएंगे, जब आपका स्वास्थ्य अच्छा और आप फिट होंगे। ऐसे में लोग वजन घटाने करने के लिए घंटो जिम में पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं, कई बार दवाइयां भी लेते हैं. जबकि
मोटापा कम
करने के लिए इतना कुछ करने की जरुरत नहीं होती है. अपने पेट को कम करने के लिए सबसे जरुरी है की आप सही डाइट चार्ट फॉलो करें।
सब्ज़ियों का सूप
डाइट चार्ट में इस बात का ख्याल रखा गया है कि आपको जरूरी
विटामिन्स
और
मिनरल्स
मिलते रहें। वैसे जरूरी नहीं कि हर शख्स पर यह पूरी तरह से लागू होगा। हालाँकि, आप इसमें थोड़ा फेरबदल भी कर सकते हैं।जब आप वजन कम करना शुरू करते हैं तो शुरू में आमतौर पर सभी लोगों का वजन दो चार किलो कम हो जाता है, मगर बाद में फैट कम नहीं होत��। इसलिए हर बार आपको अपना
डाइट चार्ट
पहले के मुकाबले ज्यादा हार्ड बनाना होता है।
वजन घटाने
के लिए इस डाइट चार्ट को आप आजमाकर देखें फर्क जरूर पड़ेगा।
वैसे तो हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। इसके लिए बेहतर होगा बीएमआर निकाला जाए जो यह बताएगा कि शरीर को कम से कम कितनी कैलोरी की आवश्यकता है।
शरीर का वजन कम करने के लिए कम कैलोरी लेनी चाहिए और इसके लिए बैलेंस्ड डाइट चार्ट बनाया जाना जरूरी होता है। दिमाग सुचारू रूप से कम करे और शरीर थके नहीं, इन बातों को ध्यान में रखते हुए 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचरित हो जाती है जो कि फैट के रूप में नहीं जमती।
तीन मुख्य भोजन, जैसे नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
बाकी बचे 300 कैलोरी में स्नेक्स तथा अन्य चीजों को रखें।
बेवरेज के तौर पर ग्रीन टी अपनाएं। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक है।
जो भी खाना खाएं, सभी गेहूं से बना हो या ब्राउन चावल हो। मैदा या सफेद चावल न खाएं।
वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट - Diet Chart For Weight Loss in Hindiआपको नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने को ऐसे डिवाइड करें।
सुबह उठते ही : पानी पिएं, हो सके तो कम से कम दो गिलास और ज्यादा से ज्यादा एक लीटर। पानी हल्का गुनगुना होगा तो अच्छी बात है वरना जैसा आपको ठीक लगे।
अगर हो सके तो कुंज्जल करें : यह एक यौगिग क्रिया है जिसे वमन धौती भी कहा जाता है। इसमें तकरीबन दो लीटर हल्का गर्म पानी पीकर उल्टी की जाती है। अगर बीपी की प्रॉबलम नहीं है तो पानी में हल्का नमक भी मिला लें। यह वैसे तो बहुत आसान है मगर बेहतर होगा शुरू में आप किसी जानकार के सामने यह करें उसके बाद आप खुद कर सकती हैं।
नाश्ता : ओट्स बनायें मगर ये इंस्टेंट ओट्स न हों। सादे ओट्स का पैकेट लाएं और उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, जरा सी मंगरैल उर्फ कलौंजी डालें, बाकी नमक वगैरा तो डालना ही है। इसमें मौसम के हिसाब से सब्जियां डाल सकती हैं। हो सके तो ब्रोकली जरूर डालें या कॉर्नफ्लेक्स और डबल टोंड दूध या अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो तीन या चार उबले अंडे का सफेद हिस्सा। चाहें तो बिना चीनी वाली नींबू की शिकंजी। शिकंजी पहले पियें बाद में अंडे खाएं या कभी कभी आप नाश्ते में दही के साथ उबला आलू भी ले सकती हैं। इसमें हरा धनिया भी डाल लिया करें।
ब्रंच : पांच से दस बादाम, साथ में कॉफी या ग्रीन टी या अदरक, तुलसी, दालचीनी, इलाइची वगैरा की चाय बस इसमें चीनी की बजाए शुगर फ्री हो।
लंच: एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल, मल्टी ग्रेन आंटे की एक या दो रोटी।
शाम की चाय-शाय: कोई वेज सूप या भुने चने के साथ चाय या कॉफी या ग्रीन टी। चाहें तो स्प्राउट भी ले सकती हैं।
रात का खाना एक कटोरा वेज सूप, एक कटोरा सलाद, या एक बड़ा कटोरा पपीता या एक कटोरा भरकर सब्जियां इसमें लहसुन, प्याज जरूर हो या नॉन वेजेटेरियन हैं तो तीन एग व्हाइट या 150 ग्राम चिकन ब्रेस्ट, या दो लेग पीस।
जरूरी नहीं है कि आप इन्हीं चीजों का सेवन करें। जरूरी ये है कि आप कैलोरी की सही मात्रा लें। इसके साथ ही तरल पदार्थों का अधिक सेवन और व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा।
मोटापे से बचने के लिए क्या खाएं और कैसे खाएं? – Weight Loss Foods in Hindi
मोटापे से खुद को बचाने के लिए निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं और मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं:
सलाद खाएं
लो कैलोरी फूड लें
मोटे अनाज शामिल करें
चबाकर खांए
शहद और नींबू
डेयरी उत्पाद, जैसे – दही व मक्खन आदि।
नट्स जैसे – मूंगफली व बादाम आदि।
खट्टे फल
सूप पींए
पालक
सेब
दाल
दलिया
अंडा
विनेगर
एवोकैडो
मोटापा से बचने के लिए क्या ना खाएं? – Foods to Avoid in Weight Loss in Hindi
मोटापे से बचने के लिए, आपको नीचे बताई गईं चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए :
ज़्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – मिठाई व खीर ।
ज़्यादा चीनी वाले पेय, जैसे – कोल्ड ड्रिंक व शर्बत।
ज़्यादा तेल वाले खाद्य पदार्थ, जैसे – फ़्रेंच फ्राई व चिप्स।
वजन घटाने वाले कुछ व्यायाम और योगासन – Some Exercise and Yoga for Weight Loss in Hindi
वज़न घटाने के लिए हमारे डाइट चार्ट को अप��ाने के साथ-साथ आपको नीचे बताए गए
एक्सरसाइज
को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए:
सुबह-शाम टहलें।
रस्सी फांदने का अभ्यास करें।
स्विमिंग करें।
साइकल का प्रयोग करें।
ज़ुम्बा या डांस क्लास से भी वज़न घटा सकते हैं।
व्यायाम के अलावा योगासन से भी वज़न घटाया जा सकता है, योगासन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें: वजन घटाने के लिए योगासन निम्नलिखित है:
चक्रासन
भुजंगासन
वीर भद्रासन
नवासना
सूर्य नमस्कार
वजन घटाने के लिए कुछ और उपाय – Other Tips for Weight Loss in Hindi
समय पर नास्ता करें - नाश्ता पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्णडाइट होता है। बतादें कि, सुबह का नाश्ता हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म प्रक्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
डिप्रेशन से बचें - मोटापे का एक कारण डिप्रेशन भी हो सकता है, इससे बचने के लिए आपको टहलना या घूमना भी चाहिए। ऐसे काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है।
पूरी नींद लें - शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि नींद पूरी ना होने से वज़न बढ़ सकता है, क्योंकि नींद की कमी से शरीर की इंसुलीन संवेदनशीलता और ग्लूकोज़ सहिष्णुता में कमी आती है। इससे शरीर में लेप्टिन का स्तर घटता है, और हमारी भूख बढ़ती है।
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी – Diet Food Recipes for Weight Loss in Hindi
वजन घटाने के लिए डाइट रेसिपी का इस्तेमाल करके आप अपने मोटापा को कम कर सकते हैं और कई तरह की बिमारियों से बच सकते हैं। यहां हम आपको कुछ आसान रेसिपी के बारे में बता रहें हैं जो निम्नलिखित है:-
1.फलों का सलाद - सामग्री जैसे - आधा पपीता, एक केला, आधे से थोड़ा कम तरबूज़, एक सेब, पांच से छह अंगूर, नींबू, चुटकी भर नमक, चुटकी भर काली मिर्च
कैसे बनाएं
बाउल में सारे फलों के छोटे-छोटे टुकड़े करें। अंत में इन टुकड़ों के साथ अंगूर, नींबू के रस, चुटकी भर नमक और काली मिर्च को भी मिला लें। अब आपके फलों का सलाद तैयार है। सर्व करें।
2.सब्ज़ियों का सूप - सामग्री जैसे - एक पत्तागोभी का थोड़ा-सा भाग, आधा या एक गाजर, पांच बीन्स, नींबू, चुटकी भर काली मिर्च, नमक, थोड़ी-सी अजवाइन या उसके डंठल, एक चुकंदर
कैसे बनाएं
पत्तागोभी, चुकंदर और गाजर के लंबे-लंबे टुकड़े काटें फिर,अजवाइन के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटें। उसके बाद बीन्स को भी छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर एक पतीले में पानी उबालें और सारी सब्ज़ियों को उसमें डालें। सब्ज़ियों को थोड़ी देर तक पकने दें और फिर उन्हें पानी के साथ कटोरे में निकाल लें। लास्ट में कटोरे में नींबू का रस, नमक और काली मिर्च डालें और अच्छी तरह से सब्ज़ियों को मिला लें।
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itzcasnova · 2 years
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बाल सफेद होना, गिरना, गंजापन :: (1). नीम की निंबोली का तेल को रात में बालों में लगाकर सुबह धोलें। एक सप्ताह तक इस तेल को बालों में प्रतिदिन 2 बाल मालिश करें।
(2). नारियल के तेल में निंबोली उबालकर ठंडा करके सप्ताह में दो बार मालिश करें।
(3). कुसुम के बीजों का चूर्ण और बबूल की छाल का चूर्ण, दोनों समान मात्रा में लेकर तवे पर भून कर राख जैसा मिश्रण तैयार करके नारियल या मोगरा के तेल के साथ मिलाकार सिर पर मालिश करने से बालों की वृद्दि होगी और गंजापन दूर होगा।
(4). इंद्रायण नामक पौधे की जडों को गौ-मूत्र में कुचलकर सिर पर लगाने से गंजापन नहीं होता और बालों की जडों भी मजबूत हो जाती हैं।
(5). बालों की बेहतर सेहत और घने बनाने के लिए शंखपुष्पी के ताजे पौधों को सुखा कर बने चूर्ण को नारियल तेल में डालकर मध्यम आँच पर 20-25 मिनिट तक गर्म करके ठंडा होने पर छानकर बालों में लगाने से यह जडों को मजबूती प्रदान कर घना काला करता है।
(6). बालों पर नारियल का ताजा पानी लगाकर हल्की-हल्की मालिश करने से बालों का रूखापन दूर होता है और इनके झडने का सिलसिला कम हो जाता है। ताजे हरे नारियल की मलाई से बालों पर हल्का हल्का रगडकर मालिश करने से भी लाभ मिलता है।
(7). गंजेपन का इलाज :: जटामांसी 5 ग्राम, भृंगराज 5 ग्राम, बकरी का दूध 100 मि.ली.।
BALDNESS गंजापन :: अनुवांशिक कारणों के अलावा विकार, किसी विष का सेवन कर लेने, उपदंश, दाद, एक्जिमा आदि के कारण गंजापन हो जाता है। (1). नमक का अधिक सेवन करने से गंजापन आ जाता है। पिसा हुआ नमक व काली मिर्च एक-एक चम्मच नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं। कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं और बाल घने भी होना शुरू हो जाते हैं। (2). अगर बालों का गुच्छा किसी स्थान से उड़ जाए तो गंजे के स्थान पर नींबू रगड़ते रहने से बाल दुबारा आने लगते हैं। जहाँ से बाल उड़ जाएँ तो प्याज का रस रगड़ते रहने से बाल आने लगते हैं। बालों में नीम का तेल लगाने से भी राहत मिलती है। (3). बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएँ। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएँ। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी। (4). लहसुन का खाने में अधिक प्रयोग करें। उड़द की दाल उबाल कर पीस लें। इसका सोते समय सिर पर गंजेपन की जगह लेप करें। हरे धनिए का लेप करने से भी बाल आने लगते हैं। केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीस लें और लगाएँ, इससे लाभ होता है।अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन
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vilaspatelvlogs · 3 years
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दिन में एक बार जरूर खाएं गुनगुने पानी के साथ लहसुन की 2 कलियां, दूर होंगी कई परेशानियां
दिन में एक बार जरूर खाएं गुनगुने पानी के साथ लहसुन की 2 कलियां, दूर होंगी कई परेशानियां
हमारी किचन में ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जो हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदमेंद होती हैं. पर हममें से ज्यादातर को इन सबके बारे में पता नहीं होता है. अगर पता भी होता है तो वो आधा-अधूरा ही होता है जोकि कम फायदेमंद होता है. आज हम आपको ऐसी ही साधारण सी घरेलू चीज के बारे में बताएंगे जो सभी के घर में मौजूद होती है.हम बात कर रहे हैं सब्जियों में इस्तेमाल होने वाले लहसुन की. आप इसको कई तरह से खा सकते…
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onlyhindinewstoday · 4 years
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Health Benefits Of Garlic With Hot Water - इस एक चीज के साथ करें लहसुन का सेवन, होगा जबरदस्त फायदा
Health Benefits Of Garlic With Hot Water – इस एक चीज के साथ करें लहसुन का सेवन, होगा जबरदस्त फायदा
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, Updated Tue, 14 Jul 2020 04:26 PM IST
लहसुन एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। सदियों से इसका इस्तेमाल औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जा रहा है। इसे कच्चा भी खा सकते हैं। वैसे लहसुन का अधिकतर इस्तेमाल रसोई में ही होता है। चाहे सब्जी बनानी हो या दाल, उसमें यह अनिवार्य रूप से डाला ही जाता है। ऐसा सिर्फ…
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vaidicphysics · 3 years
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वर्तमान संक्रामक रोग में एक प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक का परामर्श
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वर्तमान संक्रामण से बचाव व उपचार के विषय में मेरी सर्वपल्ली राधाकृष्णन् आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. महेश जी शर्मा से व्यापक वार्ता हुई। मैं उन्हें पिछले लगभग 7-8 वर्ष से जानता हूँ। वे उस विश्वविद्यालय से योग्यतम, कर्मठ व ईमानदार चिकित्सक हैं, ऐसा मेरा मत है। उन्होंने मुझे वर्तमान संक्रामक रोग के विषय में चर्चा में बताया कि आयुर्वेद में चिकित्सा रोगी की प्रकृति तथा ऋतु के अनुसार की जाती है। रोगी की प्रकृति रोगी को देखकर ही जानी जाती है। ग्रीष्म ऋतु में गर्म औषधियों का सेवन उचित नहीं है। साधारण रूप से ग्रीष्म ऋतु में निम्नानुसार चिकित्सा करनी चाहिए-
🔘 बचाव के लिए
सितोपलादि चूर्ण           -   1.5 ग्राम
गोदन्ती भस्म                -   250 मिली ग्राम
शुभ्रा (फिटकरी) भस्म    -   30 मिली ग्राम
गिलोय चूर्ण                   -   500 मिली ग्राम
मुलैठी चूर्ण                   -    500 मिली ग्राम
यह वयस्क व्यक्ति के लिए खुराक है - खाली पेट गुनगुने पानी अथवा शहद से दिन में दो बार लें।
🔘 नमक, हल्दी गर्म पानी के साथ प्रतिदिन गरारे करें।
🔘 नाक में प्रतिदिन 4-4 बूंद पंचगव्य घृत अथवा देशी गाय का घृत अथवा सरसों वा नारियल तेल दोनों नथुनों में डालें। मुख में आने पर थूकते रहें, कफ निकल जायेगा। इन्हें डालने के पश्चात् एक से डेढ़ घण्टे जल न पीयें। यदि प्यास हो, तो गर्म जल लें।
🔘 फल व शाक बाजार में उपलद्ब्रध के अनुसार नहीं, बल्कि ऋतु के अनुसार ताजा ही प्रयोग करें। कोई भी फल बाजार में आते ही खरीदने से बचें।
🔘 प्रतिदिन व्यायाम, प्राणायाम (खुली हवा में) अवश्य करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
🔘 घर में प्रतिदिन गोघृत से हवन करें अथवा गोघृत, तमालपत्र, लहसुन, गुग्गुल, अजवाईन व कपूर का धूप करें। (यह धूप का योग विराल देसाई, बड़ोदरा के अनुसार है।)
🔘 पानी भरपूर पीयें। फ्रिज का पानी नहीं पीयें। थोड़े भी लक्षण दिखने पर मटके का पानी भी नहीं लें। दही नहीं लें। स्वस्थ व्यञ्चित काला नमक व भूना हुआ जीरा व पुदीना डालकर गाय की ताजा छाछ ले सकते हैं।   🔘 चिकित्सा के लिए 1.
सितोपलादि चूर्ण          -   1.5 ग्रा.
गोदन्ती भस्म               -   250 मि.ग्रा.
मुक्ता भस्म                -    30 मि.ग्रा.
अकीक पिष्टी              -    250 मि.ग्रा.
महालक्ष्मी विलास रस  -    30 मि.ग्रा.
गिलोय सत्व                -    250 मि.ग्रा.
2. अगस्त्य हरितकी 1-2 चम्मच गर्म पानी के साथ, दिन में दो बार।
यह मात्रा व्यस्क के  लिए एक खुराक है। शुरुआती दिनों में सांस की तकलीफ, गले में खराश। शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होती है, तो सांस की तकलीफ और हृदय संबंधी गड़बड़ी होती है। स्वाद की असामान्यता 🔘 आक्रामक लक्षण और संकेत
योगेन्द्र रस - 60 मिली ग्राम। उपर्युञ्चत दवाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। यह बहुत उपयोगी और प्रभावी है।
🔘 ज्वर की स्थिति में
संजीवनी वटी - 250 मिलीग्राम। हल्के गर्म पानी के साथ (2 तुलसी पत्र और 1 लीटर पानी में 1 लीटर उबला हुआ पानी जब 250 मिलीलीटर बन जाता है) और महा सुदर्शन घन वटी 2 हल्के गर्म दूध के साथ दिन में दो बार। शाम को ज्वर बढने की स्थिति में 14 दिनों के लिए। उपर्युक्त योगों के साथ।
तीव्र ज्वर की स्थिति और अन्य गम्भीर लक्षणों में योग्य आयुर्वेद चिकित्सक का परामर्श तुरन्त लें। मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड का परीक्षण भी उनके परामर्श पर करा सकते हैं।
उपर्युक्त चिकित्सा काल में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी का सेवन बहुत आवश्यक है। तरल आहार और सन्तुलित भोजन करें। अधिक तेल, मसालेदार, मिर्च, अचार, दही, छाछ और इससे बने हुए पदार्थ, बेसन, प्रोसेस्ड फूड, टोमेटो फूलगोभी, भिन्डी, फलियाँ का प्रयोग नहीं करें।
नोट: आप यह चिकित्सा किसी सुयोग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में करें, तभी अच्छा रहेगा, ऐसा मेरा आपको परामर्श है। हाँ, बचाव हेतु उपाय आप स्वयं कर सकते हैं।
-आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक #vaidicphysics #AcharyaAgnivrat
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ranjeetkrpandey · 3 years
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*W H O की तरफ से गाइड लाइन आई है । हमें लगता है वर्तमान समय में जहां भी अच्छी जानकारी मिले उसे पढ़ना चाहिए और दूसरो तक भेजनी भी चाहिए।*
*फेसमास्क सम्बन्धी जानकारी।*
मास्क का उपयोग सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए। यदि आप इसे लंबे समय तक पहनते हैं:
*1.* रक्त में ऑक्सीजन कम हो जाती है।
*2.* मस्तिष्क को ऑक्सीजन कम मिलता है।
*3.* आप कमजोर महसूस करने लगते हैं।
*4.* मृत्यु तक ले जा सकता है।
*सलाह*
*A*- जब आप अकेले हों तो इसे हटा दें।
*B* - इसे घर पर इस्तेमाल न करें।
*C* - केवल इसका उपयोग भीड़ वाली जगह पर करें और जब एक या अधिक व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में हो।
*D* -अपने आप को सबसे अधिक बार अलग करते हुए इसका उपयोग कम करें।
*E-* AC का इस्तेमाल कम से कम करे।
*सुरक्षित रहें!!!*
*दवाएं जो आइसोलेशन अस्पतालों में ली जाती हैं*
*1.* विटामिन सी -1000
*2.* विटामिन ई (ई)
*3.* सुबह 1 0 से 11बजे के धुप मे 15-20 मिनट धूप में बैठे।
*4.* हम आराम करते हैं / कम से कम 7-8 घंटे सोते हैं
*5.* हम रोजाना 2.5 लीटर पानी पीते हैं
*6.* सभी भोजन गर्म (ठंडा नहीं) होना चाहिए।
और यह सब हम अस्पताल में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए करते हैं
ध्यान दें कि कोरोनावायरस का पीएच 5.5 से 8.5 तक भिन्न होता है
इसलिए, वायरस को खत्म करने के लिए हमें बस इतना करना है कि वायरस की अम्लता के स्तर से अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
जैसे कि :
*हरा नींबू* - 9.9 पीएच
*पीला नींबू* - 8.2 पीएच
*एवोकैडो* - 15.6 पीएच
*लहसुन* - 13.2 पीएच
*आम* - 8.7 पीएच
*कीनू* - 8.5 पीएच
*अनानास* - 12.7 पीएच
*वॉटरक्रेस* - 22.7 पीएच
*संतरे* - 9.2 पीएच
कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं?
*1.* सूखा गला
*2.* सूखी खांसी
*3.* उच्च तापमान
*4.* सांस की तकलीफ
*5.* गंध की कमी…।
*गर्म पानी के साथ नींबू, फेफड़ों तक पहुंचने से पहले वायरस को खत्म कर देता है ...*
इस जानकारी को खुद तक न रखें। इसे अपने सभी परिवार और दोस��तों को प्रदान करें।
*हम आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते है!*🙏
*स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें।*
कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है..
रणजीत कुमार पाण्डेय
9472058429
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ragbuveer · 3 months
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (पंचमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🇬🇧 सादर नमस्कार,
न भारतीयो नव संवत्सरोयं
तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् ।
यतो धरित्री निखिलैव माता
तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।।
*यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नही है, तथापि सबके लिये कल्याणप्रद हो; क्योंकि सम्पूर्ण धरती सबकी माता ही है !!!!!*
आपको एवम आपके परिवार को *कैलेंडर वर्ष 2024* में पदार्पण की मंगलकामनायें !! यह वर्ष आपके लिये आनन्द, आरोग्य, उत्साह, ऐश्वर्यप्रदायक हो !! 🕉🕉🚩🚩🇮🇳🇮🇳 हमारा भारतीय नव संवत्सर *चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदानुसार 9 अप्रैल 2024 को प्रारम्भ होगा* जो कि संवत्सर 2081 है।🕉🕉🚩🚩
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-01-जनवरी-2024
वार:-------सोमवार
तिथी:----05पंचमी:-14:29
माह:------पौषमास
पक्ष:------कृष्णपक्ष
नक्षत्र:----मघा:-08:36
योग :-----आयुष्मान:-28:36
करण:-----तैतिल:-14:29
चन्द्रमा:------सिंह
सूर्योदय:-----07:29
सूर्यास्त:------17:53
दिशा शूल-------पूर्व
निवारण उपाय:---दर्पण देखकर यात्रा करें
ऋतु:--------शिशिर ऋतु
गुलिक काल:---13:51से 15:11
राहू काल:----08:30से 09:50
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
.युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
🌞चोघङिया दिन🌞
अमृत:-07:29से08:47तक
शुभ:-10:05से11:23तक
चंचल:-13:53से15:13तक
लाभ:-15:13से16:33तक
अमृत:-16:33से17:53तक
🌗चोघङिया रात🌓
चंचल:-17:53से19:34तक
लाभ:-22:53से00:33तक
शुभ:-02:23से04:05तक
अमृत:-04:05से05:47तक
चंचल:-05:47से07:29तक
आज के विशेष योग
वर्ष का284वा दिन, ईस्वी सन् 2024 प्रारंभ, कुमारयोग 07:26 से 08:36 तक,
👉वास्तु टिप्स👈 मलमास में पिले रगं के वस्त्र दान करे।
*सुविचार*
इन्सान कर्म करने में तो अपनी मनमानी कर सकता है मगर फल भोगने में नही..👍🏻 राधे राधे...
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*दमा रोग के आसान उपचार :*
1. 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्‍थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम भोजन के बाद लेने से अस्‍थमा नष्ट हो जाता है। अस्‍थमा से बचाव के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें। इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।
3. शहद को अस्‍थमा में काफी लाभदायक माना जाता है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्‍थमा की परेशानी पैदा करता है। अस्‍थमा का अटैक आने पर शहद को सूंघने से भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से अस्‍थमा में निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
4. शरीर की भीतरी एलर्जी को दुरुस्‍त करने में मेथी काफी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम सेवन करें। आपको निश्‍चित लाभ होगा। अस्‍थमा के मरीज मेथी का यूं भी सेवन कर सकते हैं।
5. अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है उतना ही लाभदायक भी होता है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है। और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। विरोधी स��्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ भय रहेगा। धनार्जन होगा। कष्ट संभव है।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। धनलाभ होगा। विवाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
फालतू खर्च होगा। शत्रु परास्त होंगे। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम न लें। सत्संग का लाभ मिलेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
संतान की चिंता रहेगी। बकाया वसूली होगी। बेचैनी रहेगी। यात्रा से लाभ होगा। उन्नति होगी। जल्दबाजी न करें। घर में शुभ कार्य का आयोजन होगा।
👩🏻‍🏫 *राशि फलादेश कन्या :-*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्य नरम रहेगा। शत्रु भय रहेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। धनार्जन होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। यात्रा से लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
मकान व भूमि संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। रोग व चोट से बचें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। श‍त्रु परास्त होंगे। लाभ होगा। मान-सम्मान मिलेगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद न करें। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे
खाँसी एक बहुत ही साधारण स्वास्थ्य समस्या है | परंतु यदि सही समय पर इसका इलाज न किया गया तो यह समस्या बड़ी बीमारी जैसे- तपेदिक (Tuberculosis), कैंसर आदि का रूप धारण कर लेती है |
खाँसी के कारण (Causes of Cough or Khasi)
खाँसी की कई कारण होते हैं | सर्दी के दिनों में अकसर लोगों को खाँसी का शिकार होना पड़ता है | बदलते मौसम की वजह से भी प्रायः सर्दी और खाँसी जकड़ लेता है | कुछ लोगों को धूल की वजह से भी खाँसी आने लगता है | जिसे Dust Allergy भी कहते हैं |
खाँसी संक्रामक (communicable) भी होता है | ऐसा देखा जाता है कि परिवार में एक व्यक्ति को यह समस्या होने पर अन्य सदस्यों को भी प्रभावित करता है | ऐसा भी माना जाता है कि आपके नियमित कार्यक्रम (Daily routine) में यदि अनियमितता आ जाए तो उसकी वजह से भी खाँसी पकड़ लेता है |
खाँसी या ज़ुकाम में कफ़ सिरप पीने से बहुत नींद आती है | इसलिए इसके लिए घरेलू उपाय हमेशा लाभदायक होते हैं | हमारे रसोईघर में कई ऐसी वस्तुएँ उपलब्ध होती हैं जिनका प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है और ये वस्तुएँ हमें आसानी से मिल जाती है | जरूरत है जानने की कि इनका प्रयोग किस तरीके से किया जा सकता है |
कमर दर्द का घरेलू उपाय | kamar dard ke gharelu upay
खाँसी के प्रकार (types of khasi)
खाँसी कई प्रकार के होते हैं जैसे : पित्त वाली खासी(wet cough), सूखी खाँसी(dry cough), बलगम की खाँसी आदि | खाँसी आने पर सीने में दर्द होता है, बहुत अधिक होने पर गले और पेट में भी दर्द होने लगता है | तो आइए इस खाँसी से बचने के कुछ घरेलू उपचार और नुस्खे के बारे में जानते हैं |
खाँसी के 10 घरेलू उपचार एवं नुस्खे – Remedies for Cough in Hindi
1. गुनगुना पानी
खाँसी आने पर गुनगुना पानी पीना चाहिए, यह कफ़ को पिघलाकर बाहर निकालता है | सेंधा नमक को गुनगुने पानी में डालकर कुल्ला (Gargle) करने से गले के दर्द से छुटकारा दिलाता है |
2. काढ़ा का सेवन
अधिक खाँसी आने पर अदरक,कालीमिर्च,तुलसी पत्ता का काढ़ा बनाकर पिए दिन में दो-तीन बार इसे लेने से खाँसी जल्द अच्छा हो जाता है | तुलसी का पत्ता प्रतिदिन सुबह खाली पेट चबाने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है | आयुर्वेद में तुलसी को जीवनदायिनी माना जाता है |
3. काली मिर्च और गुड़ के लड्डू (Black Pepper and jaggery)
काली मिर्च और गुड़ जो हर घर में आसानी से उपलब्ध होता है, इसके छोटे-छोटे लड्डू बना लें और सुबह खाली पेट इसे खाने से बहुत जल्द राहत मिल जाती है |
4. कच्ची हल्दी (Turmeric)
कच्ची हल्दी को पीसकर दूध या गरम पानी के साथ लेने पर खाँसी से राहत मिलती है | हल्दी और आजवाइन को पानी में खौलाकर उसके भाप को लेने से भी बंद नाक खुल जाते है और ज़ुकाम को ठीक करने में सहायक होता है |
5. आजवाइन और लहसुन ( Carom seeds and Garlic)
ये दोनों ही गर्म तासीरवाले हैं इसलिए सर्दी,ज़ुकाम या खाँसी आने पर सरसों तेल में डालकर अच्छी तरह जला ले, फिर उस तेल को छानकर रख लें और बच्चों के सीने पर और हथेली एवं पैरों के तालु में मालिश करें | दो या तीन दिन में ही यह अपना असर दिखाने लगता है और खाँसी-सर्दी से आराम मिलता है |
6. लौंग (clove)
कभी-कभी सूखी खाँसी रात में सोते समय बहुत तकलीफ देता है और लगातार खाँसने की वजह से आप परेशान भी हो जाते हैं | ऐसे में लौंग को अपने मुँह में डालकर चिभाते (chew) रहने से खाँसी कम हो जाती है|
7. मुलेठी (Liquorice)
मुलेठी खाँसी के लिए रामबाण इलाज माना जाता है | प्रतिदिन सुबह खाली पेट मुलेठी को चिभाए या पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें | कितनी भी पुरानी या जिद्दी खाँसी हो, बहुत जल्द राहत मिल जाती है |
8. दालचीनी (Cinnmon)
दालचीनी का पाउडर बनाकर शहद के साथ लेने से सूखी खाँसी के कारण गले में होने वाली खरास से आराम मिलता है और साथ ही सर्दी भी ठीक हो जाता है |
9. काला जीरा (Black Cumin Seed)
काला जीरा जिसे मँगरैल, कलौंजी आदि नामों से जाना जाता है और हर रसोई में बड़ी आसानी से उपलब्ध रहता है| यह खाँसी-ज़ुकाम के लिए बहुत ही लाभकारी होता है | इसे एक पतले कपड़े में बाँधकर उसे हथेली पर रगड़ कर सूँघने से सर्दी से जल्द छुटकारा मिल जाता है |
10. त्रिकुटा (Mixture of Peepal, Black Pepper and Dry ginger)
सोंठ, पीपल और काली मिर्च का मिश्रण जो त्रिकुटा के नाम से जाना जाता है, शहद या गरम पानी के साथ लेने से खाँसी से राहत दिलाता है|
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saharherbal · 3 years
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ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं
ये चीजें खाएं, स्वप्नदोष से छुटकारा पाएं |
1. बादाम- 1-2 बादाम की गिरी, थोड़ा-सा मक्खन और 3-3 ग्राम गिलोय को बराबर मात्रा लेकर पीस लें. इसमें 7-8 ग्राम शहद डालकर बढ़िया से मिला लें. इस मिश्रण को एक हफ्ते तक सुबह-शाम खाने से नाइटफॉल में कमी आती है.
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2. आंवला- स्वप्नदोष के रोग को दूर करने के लिए 6 ग्राम आंवले के चूर्ण में समान मात्रा में शहद मिला लें. इसे 8-10 दिन तक खाएं और ऊपर से मिश्री चबा लें.
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3. इलायची- आधा ग्राम छोटी इलायची पा पाउडर, 3 ग्राम सूखे धनिये का पाउडर और 2 ग्राम मिश्री को पीस लें. इस चूर्ण को बराबर मात्रा में बांटकर पुड़िया बना लें. रोजाना सुबह ताजे पानी के साथ इसे खाएं. स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाएगा.
4. गुलाब के फूल- ताजे गुलाब के फूल की 7-8 पंखुड़ियों को 3 ग्राम मिश्री के साथ चबाकर खा लें. इसके ऊपर 1 गिलास गाय का दूध पी ल��ं. इस नुस्खे का रोजाना सेवन करने से स्वप्नदोष का रोग समाप्त हो जाता है.
5. अजवाइन- अजवाइन की पत्तियां स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन दवा है. इसकी पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ खा लें. अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है.
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6. भिंडी- नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबाकर खानी चाहिए. स्वप्नदोष की समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है.
7. कच्चा प्याज- कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है. खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाए तो इस समस्या में लाभ पहुंचता है. साथ ही, अगर इसे कच्चा खाया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं.
8. शहद और त्रिफला- शहद में त्रिफला का चूर्ण मिलाकर खाने से स्वप्नदोष जैसे रोग खत्म हो जाते हैं, लेकिन जिन लोगों का स्वभाव अधिक गर्म रहता हो उन लोगों को शहद की जगह पर मिश्री का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर इसके अलावा चीनी मिला हुआ रस दे दिया जाए तो अधिक लाभ प्राप्त होगा.
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9. केला- पके केले में 3-4 बूंदें शहद डालकर सुबह सूर्योदय से पहले खाने से स्वप्नदोष के साथ अनेक वीर्य संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं और वीर्य भी अधिक मात्रा में गाढ़ा बन जाता है. इस मिश्रण का इस्तेमाल विस्तारपूर्वक करना चाहिए.
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 10. गाय का दूध- आधा किलो गाय के दूध में 3 छुहारे लेकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर इसे अच्छी तरह से पका लें, जब दूध केवल आधा रह जाए तो छुहारे की गुठली ��िकालकर छुहारे को खा लें और दूध को पी लें. स्वप्नदोष से मुक्ति पाने का यह अचूक नुस्खा है.
11. इमली- दूध में इमली के बीजों को भिगोकर इमली की निकाली हुई गिरियों में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से कूट-पीसकर मटर के दाने की तरह गोलियां बनाकर अपने पास रख लें. इसके बाद समान मात्रा में 1-1 गोली कुछ दिनों तक प्रयोग करते रहने से स्वप्नदोष जैसी समस्या समाप्त हो जाती है.
12. त्रिफला- हरड़, बहेड़ा, आंवला और जौ को रात में भिगोकर रख लें. इसके बाद अगले दिन सुबह इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर पी लें. इससे स्वप्नदोष के रोग दूर हो जाते हैं.
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13. लहसुन- एक कली लहसुन रात को सोते समय चबाते हुए ताजा पानी के साथ निगल जाएं. इसके तुरंत बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए. कुछ दिनों में ही स्वप्नदोष की समस्या समाप्त हो जाएगी.
14. धनिया और मिश्री- धनिया और मिश्री को बराबर मात्रा पीस लें. इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में लेकर ताजा ठंडे पानी के साथ एक सप्ताह तक रोजाना लें. स्वप्नदोष में लाभ होगा.
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15. नीम के पत्ते- हर रोज 2 पत्ते नीम के चबा-चबाकर खाने से कभी स्वप्न दोष नहीं होगा.
रसायन कल्प पाऊडर को बनाने में अश्वगंधा, बिदारी कंाड, त्रिफला, कौंच बीज, गौखरु, आंवला, लौहभस्म, विजया भस्म, तालमखाना, ढाक का गोंद जैसी बहूमुल्य जडी-बूटियों और कीमती भस्मों का उपयोग किया जाता है।
रसायन कल्प पाउडर – स्वप्न दोष और धातु रोग जड़ से खत्म
रसायन कल्प पाऊडर बहुत ही बेहतरीन पाऊडर है।  इसके इस्तेमाल से आपको किसी भी तरह की समस्या जैसे पेशाब की जलन, धातु का पतला होना या सोचने मात्र ये ही लिंग से चिपचिपा पानी निकलने या पेशाब का बूँद बूँद आने की समस्या को जड से खत्म कर देता है। पेशाब व धातु से जुडी जितनी भी समस्याऐं है उनको जड से खत्म करने में बेहतर उत्पाद है |
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hempstreet · 2 years
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पाचन विकार 101: लक्षण और उपचार
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पाचन विकार ऐसी स्थितियां हैं जो पाचन तंत्र में होती हैं, जिसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) पथ भी कहा जाता है। दुर्भाग्य से, इस तरह के विकार आज आम हैं और इसके विभिन्न कारण और लक्षण हैं। ये या तो गलत खान-पान की वजह से हो सकते हैं या फिर किसी दूसरी बीमारी के साइड इफेक्ट के रूप में।
आयुर्वेद चिकित्सक ऐसे विकारों के इलाज के लिए एक समग्र आयुर्वेदिक दृष्टिकोण की सलाह देते हैं। यहाँ कुछ सामान्य प���चन विकार और उनके इलाज के आयुर्वेदिक तरीके दिए गए हैं:
गैस्ट्रोएसोफेगल प्रतिवाह रोग (जीईआरडी)
जीईआरडी (GERD) तब होता है जब पेट का एसिड वापस भोजन नली में चला जाता है। यह सीने में जलन का कारण बनता है। अनुपचारित छोड़ दिया तो यह भोजन नली को खराब कर देता है, जिससे रक्तस्राव और सीने में तेज दर्द होता है।
लक्षण
जीईआरडी के सामान्य लक्षण हैं:
सीने में जलन (सीने में जलन)
मुंह में भोजन या खट्टा तरल आना
निगलने में कठिनाई
पुरानी खांसी
अनिद्रा
कारण
गैस्ट्रोएसोफेगल प्रतिवाह रोग का मुख्य कारण एसिड रिफ्लक्स है। जब आप भोजन को निगलते हैं, तो भोजन नली के अंत में पेशी इसे पेट में जाने देती है और फिर से बंद हो जाती है। यदि यह कमजोर है या अनुचित तरीके से कार्य करता है, तो पेट से एसिड वापस पाइप में प्रवाहित हो सकता है और जलन पैदा कर सकता है। अधिक खाना, मोटापा, धूम्रपान, कैफीनयुक्त पेय पीना आदि इसे खराब कर सकते हैं।
इलाज
आयुर्वेद के डॉक्टर जीईआरडी के इलाज में मदद के लिए कुछ आहार परिवर्तन की सलाह देते हैं, जैसे:
कैफीनयुक्त, मादक और कार्बोनेटेड पेय से बचें।
दही, अदरक, लहसुन, सिरका, टमाटर, प्याज आदि जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचें।
मसालेदार भोजन से बचें।
पाचन में सहायता के लिए धीरे-धीरे पाचक मसाले जैसे लौंग, तुलसी, सौंफ आदि चबाएं।
छाछ पीने से जलन कम होती है और पेट शांत होता है।
अच्छी तरह से रखा हुआ भोजन, सही मात्रा में करें।
इसके अलावा, आयुर्वेदिक औषधीय उत्पादों के साथ आयुर्वेदिक पंचकर्म डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रियाएं जीईआरडी के साथ बहुत मदद करती हैं।
डायरिया या अतिसार
अतिसार का वर्णन ढीले, पानी से भरे मल और अधिक बार मल त्याग करने से होता है। यह आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है। लेकिन अगर यह एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो यह आईबीएस और आईबीडी जैसी अन्य स्थितियों का कारण भी बन सकता है।
लक्षण
अतिसार/दस्त के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
पेट दर्द या ऐंठन
मल में रक्त और/या बलगम
बुखार
मतली
उल्टी करना
कारण
दस्त विभिन्न कारकों के कारण हो सकते हैं, जैसे:
वायरस या बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण
खराब खाना खाना
दवा/एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट
डेयरी उत्पादों, चीनी आदि का खराब पाचन।
इलाज
डायरिया के लिए आयुर्वेद के डॉक्टर निम्नलिखित सलाह देते हैं:
निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं
मीठे फल जैसे सेब, जामुन, चेरी, खजूर, नीबू, आम, खरबूजे, किशमिश आदि का सेवन करें।
खट्टे फलों जैसे इमली, हरे अंगूर, नींबू, आड़ू आदि से परहेज करें।
सब्जियों जैसे लहसुन, प्याज, मूली, हरी मिर्च आदि को गर्म करने से बचें।
सूखे अनाज जैसे अनाज, जौ, जई, गेहूं आदि दस्त के रोगियों के लिए पौष्टिक होते हैं।
घी, बिना नमक का पनीर और मक्खन, घर का बना दही आदि भी मदद करते हैं।
विबंधा
विबंधा वाले लोगों में मल त्याग कम होता है, आमतौर पर सप्ताह में 3 से कम। उनका मल कठोर और कठिन होता है। गंभीर मामलों में, यह पुराना हो जाता है, उनके दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप करता है, और जीवन की गुणवत्ता को बाधित करता है।
लक्षण
कब्ज निम्नलिखित लक्षण दिखाता है:
सख्त या ढेलेदार मल होना
कम मल त्याग होना
पीछे के मार्ग (मलाशय) में रुकावट महसूस होना
कारण
आंतों में रुकावट
सूजन के कारण आंत में ऊतक का निर्माण
पेट का कैंसर
मलाशय का कैंसर
इलाज
विबंधा/कब्ज के लिए सबसे अच्छे आयुर्वेदिक औषधीय उत्पादों में से एक त्रिफला है। यह सूखे भारतीय आंवले (अमलकी), हरितकी (हरिताकी), और बेड्डा नट्स (बिभीतकी) का मिश्रण है। पंचकर्म प्रक्रियाओं के तहत आयुर्वेदिक हर्बल एनीमा भी कब्ज के लिए प्रभावी हैं।
इसके अलावा:
कच्चे और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां जैसे नाशपाती, गाजर, पालक, दाल, बीन्स आदि का सेवन करें।
पर्याप्त पानी पिएं।
नियमित रूप से व्यायाम करें
पारंपरिक दवाओं जैसे ओपिओइड, एंटीहिस्टामाइन, एंटासिड आदि से बचें।
आपके लिए आवश्यक सही दवा और खुराक जानने के लिए सही ऑनलाइन आयुर्वेदिक परामर्श प्राप्त करें।
सूजन आंत्र रोग (आईबीडी)
आंत में सूजन के कारण आईबीडी होता है। इसके दो प्रमुख प्रकार हैं:
अल्सरेटिव कोलाइटिस: मलाशय और बड़ी आंत की परत के साथ घाव (अल्सर) और सूजन।
क्रोहन रोग: पाचन तंत्र की परत में सूजन।
लक्षण
दोनों, अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग एक जैसे लक्षण दिखाते हैं:
पेट में ऐंठन और दर्द
मलाशय से रक्तस्राव
दस्त
वजन घटना
भूख में कमी
थकान
कारण
आईबीडी का सटीक कारण अज्ञात है। एक संभावित कारण प्रतिरक्षा प्रणाली में खराबी है, जहां यह गलती से अपनी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है। इसके अलावा, आईबीडी उन लोगों में आम है जिनके पास इस स्थिति का पारिवारिक इतिहास है।
तनाव, अवसाद, धूम्रपान और दवा के दुष्प्रभाव जैसे अन्य कारक भी लोगों में आईबीडी का कारण बन सकते हैं।
इलाज
आईबीडी को कम करने के लिए, आयुर्वेद यह सलाह देता है:
मसालेदार, नमकीन और खट्टे खाद्य पदार्थों से परहेज करें
किण्वित, मांसाहारी और जंक फूड से भी परहेज करें
गर्म जलवायु के संपर्क में न आएं
इसके अलावा, आयुर्वेदिक औषधीय उत्पाद और जड़ी-बूटियाँ जैसे मुलेठी, रक्त चंदन, दूर्वा, कमल आदि बृहदान्त्र को ठंडा करने और स्थिति को कम करने में मदद करते हैं।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस/ग्रहणी रोग)
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम/ ग्रहणी एक पाचन विकार है जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। यह एक साथ होने वाले लक्षणों के समूह को दर्शाता है जो किसी के जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
लक्षण
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम रोगियों में पेट में दर्द और असहजता के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे:
पेट दर्द या ऐंठन
सूजन
कब्ज
दस्त
गैस
मल त्याग में बदलाव
कारण
आईबीएस के विकास में भूमिका निभाने वाले कारक हैं:
आंतों में बहुत मजबूत या कमजोर मांसपेशी संकुचन
पाचन तंत्र में मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के बीच खराब समन्वय
बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण
अत्यधिक तनाव
इलाज
आईबीएस को आयुर्वेदिक आहार और जीवनशैली में बदलाव के साथ आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। लेकिन गंभीर लक्षणों के लिए सही दवा और खुराक जानने के लिए सही आयुर्वेदिक परामर्श की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद जंक फूड से बचने और आसानी से पचने योग्य खाद्य पदार्थों का पक्ष लेने की सलाह देता है। यह आईबीएस का कारण बनने वाले तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और प्राणायाम को भी प्रोत्साहित करता है। अन्य घरेलू उपचार भी मदद करते हैं, जैसे:
अदरक और जीरा मिलाकर पीने का पानी
छाछ पीना
छोटे, संतुलित और अच्छी तरह से भोजन करना
पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम
आयुर्वेद के साथ ऐसे पाचन विकारों के इलाज के बारे में अधिक जानने के लिए, हेमस्ट्रीट से संपर्क करें और सर्वोत्तम ऑनलाइन आयुर्वेदिक परामर्श प्राप्त करें।
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kayawell123 · 2 years
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अफीम के फायदे और नुकसान
अफीम के फल, पुष्पों के झड़ने के तुरंत बाद ही लग जाते हैं, जो एक इंच व्यास के अनार के समान होते हैं। ये डोडा कहलाते हैं। बाद में ये अपने आप फट जाते हैं। फल का छिलका पोश्त कहलाता है। सफेद रंग के सूक्ष्म, गोल, मधुर स्निग्ध दाने बीज के रूप में डोडे के अंदर होते हैं, जो आमतौर पर खसखस के नाम से जाने जाते हैं।
अफीम के आयुर्वेदिक फायदे :- भुनी हुई लहसुन की कली में 60 मिलीग्राम अफीम मिलाकर खाने से आमातिसार में तुरंत राहत मिलती है।   आम की गिरी का चूर्ण दो चम्मच, अफीम 180 मिलीग्राम मिलाकर एक चौथाई चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन कराएं।  एक चम्मच पोस्त के दानों को (खसखस), इतनी ही मात्रा में मिसरी के साथ पीसकर एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें।   अजवायन और अफीम के डोंडे समान मात्रा में पानी में उबालें और फिर छाने हुए पानी से गरारे करें। 50 मिलीग्राम अफीम को मुनक्के में रखकर निगल लें। खांसी का दौरा शांत होकर नींद आ जाएगी। आधा ग्राम अफीम और एक ग्राम जायफल को दूध में मिलाकर, तैयार लेप को कपाल पर लगाएं या फिर आधा ग्राम अफीम को दो लौंगों के चूर्ण के साथ हलका गर्म करके कपाल पर लेप लगाने से सर्दी और बादी से उत्पन्न सिर दर्द दूर होगा।
अफीम के नुकसान :- अफीम की आदत पड़ जाने के बाद जो व्यक्ति इसका नियमित सेवन करने लगते हैं, उनमें दुष्परिणाम स्वरूप नेत्र की पुतलियों का संकोचन, अधिक नींद आना, श्वास की गति धीमी होना, अवसाद, अधिक पसीना आना, नाड़ी की गति मंद होना, अचेतनता, कमजोरी, मद, विषम श्वास, देह शीतलता, सांस लेने में तकलीफ होना, त्वचा में संकोचन, हाथ-पैर व मुख की त्वचा काली पड़ना आदि रोग होते हैं और अंत में मृत्यु भी हो जाती है।
Source :- https://bit.ly/3xjgRmV
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vinayrai · 3 years
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कुछ बढ़िया खाने का करे दिल तो बनाए Malai Paneer Korma
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रोज़ रोज़ हल्का फुल्का खाना किसी को अ���्छा नहीं लगता है। ऐसे में Malai Paneer Korma आपके डिनर टेबल का ज़ायका बढ़ा देगा। Paneer Korma एक लाजवाब मुगलई रेसिपी है, जिसे दही और काजू के पेस्ट की ग्रेवी से तैयार किया जाता है। यह रेसिपी खाने में बेहद स्वादिष्ट और बनाने में बहुत आसान होती है। पनीर के शौकीन लोग इस डिश को काफी पसंद करते हैं।
सामग्री
Paneer क्यूब्स में कटा हुआ – 250 ग्राम
घी -2 1/2 टेबल स्पून
लहसुन – 6 लौंग
अदरक -1 इंच
काली मिर्च – 4
नमक – आवश्यकता अनुसार
दूध -1 कप
पुदीना पत्ते – आवश्यकता अनुसार कुचले हुए
पानी – आवश्यकता अनुसार
प्याज – 4 छोटे कटे
काजू का पेस्ट – 1/2 कप
हरी मिर्च – 3 कटी हुई
काली इलायची – 1
दही – 1 कप
हरी इलायची – 3
जायफल पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच
पुदीना पत्ते – 1
इस तरह बनाएं Malai Paneer Korma
Malai Paneer Korma बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में तेल डालें और तेल गर्म होने पर उसमें प्याज, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, काली इलायची, हरी इलायची और काली मिर्च डालें।
इन्हें मध्यम आंच पर प्याज के गलने तक पकाएं।
कुछ देर के लिए प्याज को ठंडा होने दें। इसके बाद, एक ग्राइंडर लें, दही के साथ प्याज का मिक्सचर डालें और एक चिकना पेस्ट पाने के लिए अच्छी तरह इन्हें मिलाएं।
एक पैन में घी गर्म करें और फिर उसमें प्याज-दही का पेस्ट डालें। उसके बाद, काजू का पेस्ट डालें और इन्हें अच्छी तरह से मिलाएं।
एक चुटकी नमक डालें, मिलाएं और ढक्कन को ढक दें।
इसे 8-10 मिनट तक ऐसे ही पकने दें। एक बार boil हो जाने के बाद, थोड़ा पानी डालें और फिर दूध डालें।
सब कुछ अच्छी तरह से मिला लें। आखिर में जायफल पाउडर और कटे हुए Paneer के टुकड़े डालें। इसे अच्छे से हिलाएं।
आप चाहें तो इलायची पाउडर भी डाल सकते हैं। इसे 8-10 मिनट तक पकाएं।
Malai Paneer Korma परोसने के लिए तैयार है। इसे थोड़े से पुदीने के पाउडर और पुदीने की पत्ती से गार्निश करें। आप चाहें तो उबले मटर भी इसमें डाल सकते हैं।
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