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#युवा माँ
helpukiranagarwal · 5 months
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माँ भारती की स्वतंत्रता के लिए 18 वर्ष की अल्पायु में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने वाले महान युवा क्रांतिकारी तथा भारत माँ के वीर पुत्र अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर शत-शत नमन ।
खुदीराम बोस जी का साहस और क्रांतिकारी जीवन हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा ।
#KhudiRamBose
#KiranAgarwal
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
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helputrust · 5 months
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माँ भारती की स्वतंत्रता के लिए 18 वर्ष की अल्पायु में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने वाले महान युवा क्रांतिकारी तथा भारत माँ के वीर पुत्र अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर शत-शत नमन ।
खुदीराम बोस जी का साहस और क्रांतिकारी जीवन हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा ।
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अगर हम आज के समय की बात करें तो युवाओं में नशे की लत बहोत तेजी से बढ़ती जा रही है। कुछ सालों पहले तक जहाँ एक अमूमन युवाओं में नशे की उम्र 18 से 22 साल हुआ करती थी पर अभी हम अधिकतर पाते हैं कि 12 से 14 साल के बच्चे अधिक नशे कि गिरफ्त में आते जा रहे हैं और ऐसा होने कि कई वजह हैं जैसे अशिक्षा, बेरोजगारी, मूवीज और गानों में नशे के उपयोग का प्रदर्शन और नशे का गुणगान, युवाओं की शारीरिक गतिविधियों में भागीदारी ख़तम होती जा रही है। आज कल के युवा और बच्चे टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी उम्र से पहले ही हाई प्रोफाइल जीवन शैली और नशे से प्रभावित होने लगते हैं और ये एक मुख्य वजह है जिसकी वजह से आज के डिजिटल युग में बच्चे अपने माँ-बाप और परिवार की अपेक्षा अकेले रहना और मोबाइल की रंगीन दुनिया में रहना ज्यादा पसंद करते हैं नतीजतन बच्चे कम उम्र में ही नशे और अपराध के गलत रस्ते की तरफ चले जाते हैं। शिक्षा का आभाव और बेरोजगारी भी नशे को बढ़ावा देने में अहम् कारण है। अगर हम ये कहें की “नशा-घरेलु हिंसा-अपराध” ये एक दूसरे का पर्याय बन चके हैं तो ये गलत नहीं होगा। समाजिक न्याय विभाग और aiims द्वारा किये गए हालिया सर्वे के अनुसार भारत में आज 28 करोड़ लोग नशे से प्रभावित हैं जो कि हमारे देश कि जनसँख्या का लगभग 20 प्रतिशत है और ये आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। - नशे को रोकने के लिए सबसे जरुरी कदम भी वही हैं कि हम उन कारणों पर कम करें जिनकी वजह से नशा बढ़ रहा है। - शिक्षा और रोजगार की नशे को रोकने में सबसे अहम् भूमिका है जितना ज्यादा रोजगार और शिक्षा का स्तर बढ़ेगा नशे के बढ़ते मायाजाल को रोकने की कोशिश उतनी अधिक कारगर होगी । -नशे के अवैध व्यापर को रोकने के लिए प्रॉपर लॉ इंफोर्स्मेंट का होना भी जरुरी है । हमारे देश में शराब के अलावा सभी नशों को अवैध तो बताया गया है पर ये नशे बड़ी ही सहजता है उपलब्ध हो जाते हैं और इसका मुख्य कारण है NDPS Act को किसी तस्कर पे लागू करने की कठिन और लम्बी प्रक्रिया। -नशे से होने वाले दुष्प्रभाव को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए जिससे कि बच्चे और युवा इतना जागरूक बन पाएं कि वे समझें कि नशा करना कोई मजेदार चीज नहीं बल्कि इसके घातक परिणाम होते हैं। (at Shri GKS Nasha Mukti Kendra Bhopal) https://www.instagram.com/p/Ck5P-Z1vX7y/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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gkbfact · 2 months
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बिल्लियों को दूध क्यों नहीं देना चाहिए?
Thank you foryour support
अधिकांश बिल्लियाँ, कई वयस्क स्तनधारियों की तरह, लैक्टोज असहिष्णु होती हैं। आम धारणा के विपरीत, बिल्ली के बच्चों को भी गाय का दूध नहीं पिलाना चाहिए। वे लैक्टोज को पचाने में सक्षम होते हैं, लेकिन गाय के दूध में लैक्टोज की मात्रा मां बिल्ली के दूध में लैक्टोज की मात्रा से लगभग तीन गुना होती है। यदि युवा बिल्ली के बच्चे अपनी माँ के बिना बड़े हो रहे हैं, तो उन्हें गाय का दूध पिलाना एक बुरा विचार है।…
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Raju met Best Sexologist in Patna Clinic with his maternal uncle- Dr. Sunil Dubey
नमस्कार दोस्तों!
आपसे मिलकर एक बार फिर से अच्छा लगा...
कृपया, यह चित्रण एक रात्रि स्खलन यौन रोगी की वास्तविक घटना पर आधारित है। अधिकांश युवाओं में यह एक आम यौन विकार है। यह कहानी दुबे क्लिनिक जो कि बिहार का पहला आयुर्वेदिक व सेक्सोलॉजी क्लिनिक है के माध्यम प्रकाशित किया जा रहा है जिससे युवा यौन रोगियों की समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सके।
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रात्रि डिस्चार्ज यौन रोगी की एक लघु कहानी:
राजू 20 साल का जवान लड़का था।  वह अपने परिवार के साथ बिहार राज्य में रहता था। वह एक कॉलेज का छात्र था जिसकी उम्र तक़रीबन 20 हो रही होगी।  दरअसल, वह एक अच्छा इंसान भी था जो लोगो कि मदद करने में विश्वास रखता था साथ ही उसके व्यवहार से कोई भी प्रभावित आसानी से हो सकता था। इधर कुछ कुछ दिनों से वह रात में होने वाले उत्सर्जन से पीड़ित था, जिसे गीले सपने भी कहा जाता है। वह नींद के दौरान ही स्खलित हो जाता है। पहले तो उसने समझा कि यह सामान्य बात है और उसने इस घटना पर ध्यान नहीं दिया।
रात्रि उत्सर्जन यौन रोग के शुरुआती चरण में उसे यह समस्या महीने में दो या तीन बार होती थी। दरअसल, यह युवाओं के बीच में यह आम बात है। महीने में रात्रिकालीन उत्सर्जन की संख्या एक या दो बार हो जाना सामान्य बात है। उसके जीवन में इधर कुछ दिनों से रात्रिकालीन उत्सर्जन की यह संख्या सप्ताह में दो से तीन बार होने लगी। अब इस रात डिस्चार्ज होने के बाद वह उदास रहने लगा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे और न करे।
उसने अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं की। रात में अत्यधिक उत्सर्जन के कारण उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी। संयोग से, एक दिन उसके मामा उसके घर आये। सभी खुश थे लेकिन राजू खुश नहीं था क्योंकि जगह कम होने के कारण उन दोनों को एक ही कमरे में सोना पड़ता। गेस्ट रूम ही राजू का कमरा था। उसे डर था कि कहीं उसकी गुप्त समस्या का पता उनको न चल जाये। वह मन ही मन डरा हुआ था।
रात हुई और सभी लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में जूट गए। राजू और उसके मामा भी सोने की तयारी में थे। राजू मन ही मन डरा-सा प्रतीत दिख रहा था। वह किसी भी तरह आज रात नहीं सोना चाहता था। उसे नींद कब आ गयी पता भी नहीं चला।
जिस बात का उसे डर था वही हुआ, उस रात भी उसे नाइट डिस्चार्ज हो गया। दरअसल, यह यौन समस्या यौन रोगी को या तो सुबह जल्दी या देर रात को होती है। उनके साथ यह घटना सुबह-सुबह घटी जब उनके मामा उनके पास बैठे हुए थे।
 उसने देखा कि उसके मामा जगे हुए है और पास में ही बैठे हुए है। उसकी पैंट स्वप्नदोष के कारण भीग गई थी और उसे उसी स्थिति में मामा ने देख लिया था। चूकि गर्मी के दिन थे, अतः रजाई का कोई मतलब ही नहीं था।
उसे सब समझ आ गया की मामा ने सबकुछ देख लिया, लेकिन वह उनसे कुछ बोल नहीं  पाया। राजू अपनी हरकत से डर गया और वह भागकर वॉशरूम गया और अपनी ड्रेस बदली।  उसके मामा ने उसे बुलाया और एक कप चाय लाने को कहा। उन्होंने उनके आदेश का पालन किया और चाय लाकर दी।  इसके बाद वह कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगा।
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कॉलेज से लौटकर घर आया तो उसके लगा कि मामा चले गए होंगे, लेकिन वो आज भी रुके हुए थे। उसे लगा कि मामा ने माँ को सब कुछ बता दिया होगा, लेकिन सब कुछ सामान्य था। उसके मामा ने किसी से कुछ भी बात शेयर नहीं की थी। रात हुयी और कल की भांति सभी लोग सोने चले गए।
यह दूसरी रात थी जब वह अपने चाचा के साथ सो रहा था। कल वाली घटना उसके साथ पुनः घटी और यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण था जब उसके मामा ने पुनः उसकी इस अवस्था को नोटिस किया। आज उसने अपने मामा से इस घटना के बारे में सब कुछ कहने का निश्चय किया।  उसने पहले तो चाय दी फिर वह अपना एक-एक प्वाइंट उन्हें बता दिया। उन्होंने उसे समझाया कि उसे नाइट डिस्चार्ज की समस्या है और उसे सेक्सुअल मेडिसिन काउंसलर से मिलना चाहिए। राजू ने उसे बताया कि पिछले कुछ महीनों से इस स्थिति का सामना कर रहा है।
भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे से एक मुलाकात:
राजू के मामा को पटना के सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे के बारे में पता था। उन्होंने उसे कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमलोग दुबे क्लिनिक आज चलेंगे और तुम्हारा इलाज करवाएंगे। उन्होंने खुद इस क्लिनिक से फोन पर अपॉइंटमेंट लिए और समय पर दोनों लोग क्लिनिक पहुंच गए।
आधे घंटे का यौन रोग पर परामर्श के बाद, डॉ. सुनील दुबे ने राजू का मेडिकल चेकअप व मनोवैज्ञानिक जाँच करने के बाद दवा दिया। वह भारत के सबसे सफल आयुर्वेदाचार्य है जिन्होंने तक़रीबन चार लाख मरीजों को सफल इलाज किया है। उन्होंने उन दोनों को गुप्त रोग एवं स्वप्नदोष के बारे में विस्तार से बताया। इसके क्या लक्षण और कारण है इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने राजू को यह भी समझाया कि किसी भी प्रकार का रोग चाहे व गुप्त रोग हो या अन्य कोई भी, हमेशा अपने से बड़ो से इस पर विचार - विमर्श करे। आज के समय में एक मिलियन लोग प्रतिदिन गुप्त रोग का शिकार हो रहे है। यौन शिक्षा के आभाव में, केवल कुछ ही लोग अपने इस यौन रोग का इलाज समय पर करवाते है।
राजू के डॉ सुनील सर की बातो को गंभीरता से सुना एवं उनके सभी सुझाव को फॉलो करने का विश्वास दिलाया। उनसे नियमानुसार दवा का सेवन किया और कुछ समय के बाद उसे यह गुप्त रोग हमेशा के लिए दूर हो गया।
शुभकामना सहित:
दुबे क्लिनिक
भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | पीएच.डी. आयुर्वेद में (यूएसए)
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
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venkteshwara · 2 months
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🎉 राष्ट्रीय शिक्षा समागम-2024 में वेंक्टेश्वरा का जलवा! 🎉
🙏 शिक्षा, संस्कार, रोजगार और नवाचार से भारत बनेगा फिर से विश्व गुरु! 🙏
🎤 मुख्य अतिथि आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश
🇮🇳 डिजिटल क्रांति, ए.आई., शिक्षा में रिसर्च से भारत बनेगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति! 🇮🇳
🎤 महामहिम राज्यपाल आदरणीय आनन्दीबेन पटेल, मुख्य अतिथि समापन सत्र
🗣️ जिस राष्ट्र का युवा शिक्षित एवं सशक्त होगा उसको विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता! 🗣️
✨ डाॅ. सुधीर गिरि, चेयरमैन, वेंक्टेश्वरा समूह
📚 वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय: नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला निजी विश्वविद्यालय! 📚
‘‘नेशनल समिट ऑफ इंस्टीट्यूशनल लीडर्स-2024‘‘ में वेंक्टेश्वरा की धूम।
शिक्षा को संस्कार, रोजगार एवं नवाचार (तीनों) से जोड़कर भारत बनेगा फिर से विश्व गुरू - मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी, मुख्य अतिथि उद्घाटन सत्र।
डिजीटल क्रान्ति, ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स), शिक्षा में रिसर्च से आने वाले वर्षों में भारत बनेगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति - महामहिम राज्यपाल आदरणीय आनन्दीबेन पटेल मुख्य अतिथि समापन सत्र।
जिस राष्ट्र का युवा शिक्षित एवं सशक्त होगा उसको विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता - डाॅ. सुधीर गिरि, चेयरमैन, वेंक्टेश्वरा समूह।
विद्याभारती व शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, एवं उच्च शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ. सुधीर गिरि के निर्देश पर डीन मास कम्यूनिकेशन डाॅ. दिव्या गिरधर ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं तकनीक के बल पर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में शिक्षण संस्थानों की भूमिका को सर्वोच्य बताया। उन्होने बताया कि श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने वाला देश का पहला निजी विश्वविद्यालय/ संस्थान है।
लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा 15 फरवरी तक ‘‘नेशनल समिट ऑफ इंस्टीट्यूशनल लीडर्स-2024‘‘ में श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय की धूम रही। देशभर से आये हजारों शिक्षाविदों, कुलपतियों, वैज्ञानिकों, शिक्षा अधिकारियों एवं राजनयिकों की उपस्थिति में वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय की डीन मास कम्यूनिकेशन डाॅ. दिव्या गिरधर ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व रखते हुए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उच्च टेक्नोलाॅजी के दम पर आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत संकल्प@2047 में शिक्षण संस्थानों की भूमिका को सर्वोच्य बताया।
लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय (15-17 फरवरी 2024) ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा समागम-2024‘‘ का शुभारम्भ मुख्य अतिथि, मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश आदरणीय योगी जी, केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री भारत सरकार राजकुमार रंजन सिंह, यू.पी. के उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी, विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा कि आज पूरे विश्व में उच्च शैक्षणिक मापदण्डों के चलते भारत का रूतबा शिखर पर है। हमें शिक्षा को संस्कार, नवाचार एवं रोजगार (तीनों) से जोड़कर भारत को फिर से विश्वगुरू बनाना है।
वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिभाग करते हुए डीन मास कम्यूनिकेशन डाॅ. दिव्या गिरधर ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सम्पूर्ण रूप में लागू करने वाला वेंक्टेश्वरा देश का सबसे पहला निजी विश्वविद्यालय है। नयी शिक्षा नीति को तकनीक से जोड़कर भारत को विकसित बनाने में शिक्षण संस्थानों की भूमिका सर्वोच्य होगी।
तीन दिवसीय ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा समागम-2024‘‘ को यू.जी. चेयरमैन एम. जगदीश कुमार, एन.डी.टी.एफ. के चेयरमैन डाॅ. अनिल सहस्त्रबुद्धे, इग्नू के कुलपति नागेश्वर राव, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह आदि ने सम्बोधित किया।
इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम में वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय का शानदार प्रभावी प्रतिनिधित्व करने पर डाॅ. दिव्या गिरधर को विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं प्रशासन की ओर से प्रधान सलाहकार प्रो. वी.पी.एस. अरोड़ा, प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी, सी.ई.ओ. अजय श्रीवास्तव, सलाहकार आर.एस. शर्मा, कुलपति प्रो. ऐ.के. शुक्ला, प्रतिकुलपति डाॅ. राकेश यादव, कुलसचिव डाॅ. पीयूष पाण्डे, संयुक्त सचिव डाॅ. राजेश सिंह एवं मेरठ परिसर से निर्देशक डाॅ. प्रताप, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोगों ने शुभकामनाऐं प्रेषित की हैं।
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newsplus21 · 2 months
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Swift Stories: Latest Scoops on Newsplus21
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Horoscope: यहां पढ़े राशिफल, जानें क्या कुछ है आज आपके लिए खास
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियों का वर्णन किया गया है। हर राशि का स्वामी ग्रह होता है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकंलन किया जाता है। आज बुधवार है और आज का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है।
CG News: महतारी वंदन योजना के हितग्राही जान सकेंगे अपने आवेदन की स्थिति, बस करना होगा ये काम
रायपुर: महतारी वंदन योजना के हितग्राही अब अपने आवेदन की स्थिति और उस पर की गई कार्यवाही के बारे में जान सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा हितग्राहियों के लिए महतारी वंदन योजना के ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन पत्र की स्थिति ज्ञात करने की सुविधा प्रदान की गई है।
CG NEWS: संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले कराते प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की कु.स्नेहा बंजारे और देवाशीष यादव लेंगे हिस्सा
CG NEWS: रायपुर: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा से आज छत्तीसगढ़ कराते फेडरेशन के महासचिव खेत्रो महानंद ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान महानंद ने मंत्री वर्मा को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ कराते फेडरेशन एवं बिलासपुर के 2 कराते खिलाडियों का चयन अंतराष्ट्रीय कराते प्रतियोगिता में हुआ है।
राजस्थाान से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने सोनिया गांधी जयपुर रवाना, राहुल गांधी, प्रियंका और खरगे भी रहेंगे साथ
नई दिल्ली/जयपुर। Sonia Gandhi Rajya Sabha nomination: राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Polls) के लिए आज सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) नई दिल्ली से जयपुर रवाना हो गई हैं। वे राजस्थान से नामांकन दाखिल करेंगी।
Basant Panchami: बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती को चढ़ाएं उनके ये मन पसंद भोग, विद्या की देवी धन, सुख-समृद्धि का देंगी आशीष
Basant Panchami: प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना का काफी मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि, विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था. आज के दिन माता सरस्वती की पूजा का महत्त्व है. इससे मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और धन, सुख-समृद्धि का आशीष देती हैं.
https://newsplus21.com/basant-panchami-on-the-occasion-of-basant-panchami/
CG news: तेज रफ्तार कार और ट्रक में भिड़ंत,एक की मौत चार की हालत गंभीर… ट्रक से टकराने के बाद गहरे खाई में गिरी कार…
CG news बलरामपुर: बलरामपुर में हुए भीषण सड़क हादसे में एक की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई,जबकि चार की हालत गंभीर बताई जा रही है, बताया जा रहा है कि यहां तेज रफ्तार कार और ट्रक में जोरदार भिडंत हो गई,इस हादसे में कार सवार एक की मौत हो गई जबकि चार लोगों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां सभी का इलाज जारी है।
सुपारी की खेती कर अंधाधुंध पैसे कमा सकते हो आप, सिर्फ करना होगा ये काम
सुपारी की खेती कर अंधाधुंध पैसे कमा सकते हो आप,बस करे ये काम,सुपारी की खेती कर लाखो और करोड़ो रुपयों के मालिक बन सकते हो आप आइये बताये आपको सुपारी की पैदावार कैसे होती हैं तो बने रहिये अंत तक-
Rajya Sabha elections: बीजेपी के राजा देवेंद्र प्रताप सिंह ने पर्चे खरीदे, कल दाखिल करेंगे, सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की
रायपुर। Rajya Sabha elections: छत्तीसगढ़ भाजपा से राज्यसभा के प्रत्याशी कुमार देवेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को नामांकन पर्चा खरीदा। उन्होने तीन सेट पर्चे खरीदे। वे कल गुरुवार 15 फरवरी को विधानसभा पहुंच पर्चा दाखिल करेंगे।
https://newsplus21.com/rajya-sabha-elections-bjps-raja-devendra-pratap/
Upcoming SUV Cars: 2024 में लॉन्च होने वाली है ये टॉप 5 एसयूवी कार, जो मिलेगी सिर्फ 10 लाख में…
Upcoming SUV Cars: टाटा की नेक्सॉन और हैरियर एसयूवी कारों के फेसलिफ्टेड मॉडल और होंडा एलिवेट के रूप में एक नई एसयूवी कार के लॉन्च के साथ वर्ष 2023 भारतीय ऑटो उद्योग के लिए बहुत व्यस्त वर्ष था। अब 2024 में महिंद्रा, टाटा, मारुति और हुंडई की पेट्रोल/डीजल और इलेक्ट्रिक SUV’s लॉन्च होंगी।
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mahashankh · 3 months
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75वां गणतंत्र दिवस । Global Celebrations Mark India's 75th Republic Day
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भारत का गणतंत्र दिवस, हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, एक खुशी का अवसर होता है जो उस दिन को चिह्नित करता है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ, जिसने राष्ट्र को एक अधिराज्य से एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया। इस साल, राष्ट्र अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा होगा, जो इसे वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर बनाता है। गणतंत्र दिवस का महत्व: गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान को अपनाने का स्मरण करता है, एक ऐसा दस्तावेज जिसने आधुनिक, लोकतांत्रिक भारत की नींव रखी। इसने अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं को enshrined किया, एक धर्मनिरपेक्ष और संसदीय प्रणाली स्थापित की, और सभी के लिए न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी दी। यह दिन लोकतंत्र की जीत और लोगों के खुद पर शासन करने की शक्ति का प्रतीक है। Top 10 inspirational quotes to commemorate Republic Day गौरवशाली विरासत: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस एकता का प्रतीक: गणतंत्र दिवस पर भारत का जीवंत चित्रपट भारत का तकनीकी उत्कर्ष: गणतंत्र दिवस पर नवाचार का जश्न युवा शक्ति और शिक्षा: गणतंत्र दिवस 2024 का विषय पर्यावरण के संरक्षक: एक सतत गणतंत्र दिवस रंगारंग सांस्कृतिक महामहोत्सव: गणतंत्र दिवस पर भारत की विविधता का उत्सव वैश्विक साझेदारी: गणतंत्र दिवस पर भारत का उदय पूरे राष्ट्र में समारोह: गणतंत्र दिवस पूरे भारत में बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है। सबसे भव्य समारोह राजधानी दिल्ली में होते हैं, जहां एक शानदार परेड, देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करती है, ऐतिहासिक कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) के साथ मार्च करती है। 2024 गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य आकर्षण: - 2024 की परेड का विषय "भारत - लोकतंत्र की माँ (जननी)" है, जो देश की जीवंत और स्थायी लोकतांत्रिक परंपराओं को उजागर करता है। - भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों की एक विशेष टुकड़ी को पहली बार प्रदर्शित किया जाएगा, जो सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। - विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां उनकी अनूठी संस्कृतियों, परंपराओं और उपलब्धियों को चित्रित करेंगी, परेड में चमक और विविधता का स्पर्श जोड़ेंगी। - परेड में भारत के तकनीकी विकास की एक झलक भी दिखाई देगी, जिसमें स्वदेशी हथियार प्रणालियों और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन शामिल हैं। परेड के अलावा: हालांकि परेड उत्सवों का केंद्रबिंदु है, गणतंत्र दिवस समारोह नई दिल्ली तक ही सीमित नहीं हैं। पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय झंडारोहण समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं। लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, मिठाई बांटते हैं और जुलूसों और रैलियों में भाग लेते हैं, अपने राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रदर्शन करते हैं। चिंतन का दिन: गणतंत्र दिवस सिर्फ जश्न का दिन ही नहीं, बल्कि चिंतन का भी दिन है। यह हमें उन संघर्षों और बलिदानों को याद करने का अवसर है जो भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़े थे और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का अवसर है। यह उस प्रगति का जश्न मनाने का दिन है जो भारत ने एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में किया है और भविष्य के लिए काम करने का संकल्प लेने का दिन है जो और भी अधिक समृद्ध, न्यायसंगत और न्यायपूर्ण है।
Top 10 inspirational quotes to commemorate Republic Day
- "A nation's culture resides in the hearts and in the soul of its people." - Mahatma Gandhi - "We are Indians, firstly and lastly." - B. R. Ambedkar - "The Republic is open and tolerant but also knows how and when to be firm and make its values respected." - Jean-Paul Sartre - "Let new India arise out of peasants' cottage, grasping the plough, out of huts, cobbler and sweeper." - Swami Vivekananda - "Our nation is like a tree of which the original trunk is swarajya and the branches are swadeshi and boycott." - Bal Gangadhar Tilak - "A country's greatness lies in its undying ideals of love and sacrifice that inspire the mothers of the race." - Sarojini Naidu - "Freedom is not worth having if it does not connote freedom to err." - Mahatma Gandhi - "Republics are created by the virtue, public spirit, and intelligence of the citizens." - Aristotle - "A day that speaks aloud of the sacrifice, courage, and conviction of the men and women who brought us this far. Happy Republic Day!" - "Our nation is a melody composed by the countless voices of its citizens, resonating with the spirit of democracy and unity. Happy Republic Day!"
गौरवशाली विरासत: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस
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गौरवशाली विरासत: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 2024 को भारत का 75वां गणतंत्र दिवस सिर्फ एक स्मरणोत्सव नहीं है; यह उस समृद्ध विरासत और इतिहास को श्रद्धांजलि है जिसने राष्ट्र को आकार दिया है। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष से लेकर एक संप्रभु गणराज्य की स्थापना तक, भारत की यात्रा बलिदानों, दृढ़ संकल्प और स्वतंत्रता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से चिह्नित रही है। यह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो प्रगति की है उसका जश्न मनाने का दिन है और भविष्य के लिए काम करने का संकल्प लेने का दिन है जो और भी अधिक समृद्ध, न्यायसंगत और न्यायपूर्ण हो। नम्र शुरुआत से एक शक्तिशाली गणराज्य तक: हमारी यात्रा स्वतंत्रता की तीव्र इच्छा के साथ शुरू हुई, एक ऐसी लालसा जो अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों में अंकित है, जिन्होंने एक स्वशासित राष्ट्र का सपना देखने का साहस किया। 1857 के बहादुरी भरे विद्रोह से लेकर महात्मा गांधी के नेतृत्व में अथक अहिंसक आंदोलन तक, इतिहास उनके अटूट प्रतिबद्धता का गवाह है। उनकी कहानियां, पत्थर और स्मृति में अंकित, पीढ़ियों से गूंजती रहती हैं, हमें हमारी पोषित स्वतंत्रता के लिए चुकाई गई कीमत की याद दिलाती हैं। एक संप्रभु राष्ट्र का उदय: इन अथक प्रयासों की परिणति 1950 में उस महत्वपूर्ण दिन पर हुई - भारत के संविधान को अपनाया गया। यह सावधानीपूर्वक तैयार किया गया दस्तावेज़, स्वतंत्रता संग्राम की आग में बनाया गया, हमारे लोकतंत्र की आधारशिला बन गया, जिसने प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रताओं को सुनिश्चित किया। इसने एक नवजात राष्ट्र को एक संप्रभु गणराज्य में बदल दिया, न्यायपूर्ण और समान समाज के लिए तरस रहे लाखों लोगों के लिए आशा का एक दीपक। 75 वर्षों की प्रगति और समृद्धि: पिछले 75 वर्ष भारतीय लोगों के लचीलेपन और क्षमता का प्रमाण रहे हैं। हमने विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर कला और संस्कृति तक विविध क्षेत्रों में अकल्पनीय ऊंचाइयों को छुआ है। हम लोकतंत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं, विविध भाषाओं, धर्मों और परंपराओं से बुना हुआ एक जीवंत टेपेस्ट्री। फिर भी, यात्रा अभी बाकी है। आशावाद के साथ भविष्य को गले लगाना: जैसा कि हम इस 75वें गणतंत्र दिवस को मना रहे हैं, आइए हम अपनी गौरवशाली विरासत की मशाल को आगे बढ़ाएं। आइए हम किए गए बलिदानों, सीखे गए पाठों और हमें बांधने वाले मूल्यों को याद रखें। आइए हम अपने लोकतांत्रिक आदर्शों के संरक्षक बनें, एक ऐसा राष्ट्र बनाने का प्रयास करें जहां हर आवाज सुनी जाए, हर सपने को पोषित किया जाए और हर व्यक्ति फलता-फूलता हो। 75वां गणतंत्र दिवस एक कदम उठाने का आह्वान है - आशावाद और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य को गले लगाने का आह्वान। यह हमारे पूर्वजों द्वारा रखी गई नींव पर निर्माण करने, हमारे राष्ट्र की कहानी में नए अध्याय लिखने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान है कि स्वतंत्रता की ज्वाला आने वाली पीढ़ियों के लिए चमकती रहे।
एकता का प्रतीक: गणतंत्र दिवस पर भारत का जीवंत चित्रपट
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एकता का प्रतीक: गणतंत्र दिवस पर भारत का जीवंत चित्रपट 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारत का गणतंत्र दिवस केवल उस दिन का स्मरणोत्सव नहीं है जब संविधान लागू हुआ था, बल्कि यह राष्ट्र की विविधता में एकता का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह विशाल भूमि, जो 1.3 बिलियन से अधिक लोगों का घर है, भाषाओं, संस्कृतियों, परंपराओं और धर्मों का एक बहुरूपी दर्शन प्रस्तुत करती है। फिर भी, तिरंगे झंडे के नीचे भारत एकजुट खड़ा है, यह दिखाते हुए कि मतभेदों को अपनाकर और समावेशिता की भावना को बढ़ावा देकर शक्ति प्राप्त होती है। भाषाओं और संस्कृतियों का एक ताना-बाना: भारत एक भाषाई वंडरलैंड है, जिसमें पूरे देश में 22 से अधिक आधिकारिक भाषाएँ और सैकड़ों बोलियाँ बोली जाती हैं। दक्षिण में तमिल की लयबद्ध लय से लेकर उत्तर में कश्मीरी की ऊँची धुनों तक, प्रत्येक भाषा राष्ट्र के जीवंत चित्रपट में एक अद्वितीय सूत्र जोड़ती है। इसी तरह, भारत का सांस्कृतिक परिदृश्य परंपराओं, रीति-रिवाजों और त्योहारों का खजाना है। राजस्थान में जीवंत होली समारोह से लेकर केरल में शांत ओणम तक, देश का हर कोना अपनी अनूठी लय के साथ स्पंदित होता है। विविधता में एकता: इस अविश्वसनीय विविधता के बावजूद, भारत का दिल एक है। गणतंत्र दिवस पर गर्व के साथ फहराया गया तिरंगा झंडा इस एकता का एक शक्तिशाली प्रतीक है। इसका केसरिया पट्टी साहस और त्याग का प्रतीक है, सफेद शुद्धता और शांति का प्रतिनिधित्व करता है, और हरा समृद्धि और विकास का प्रतीक है। ये रंग, एक साथ बुने हुए, राष्ट्र के कपड़े को बनाने वाले विविध धागों का प्रतिनिधित्व करते हैं, हमें याद दिलाते हैं कि हमारे मतभेद विभाजन नहीं हैं, बल्कि हमारी ताकत का स्रोत हैं। समावेशिता और सौहार्द: समावेशिता की भावना भारतीय लोकाचार में गहराई से समाविष्ट है। संविधान सभी को जाति, धर्म या लिंग की परवाह किए बिना समान अधिकार और अवसरों की गारंटी देता है। समावेशिता के प्रति यह प्रतिबद्धता सौहार्द और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग शांति से रह सकते हैं और अपनी अनूठी पहचान का जश्न मना सकते हैं। गणतंत्र दिवस: एकता का उत्सव: गणतंत्र दिवस इस एकता का एक जीवंत उत्सव है। नई दिल्ली में भव्य परेड राष्ट्र की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक समृद्धि और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन करती है। विभिन्न राज्यों की झांकियां उनकी अनूठी परंपराओं और उपलब्धियों को चित्रित करती हैं, जबकि देश भर से लोक नृत्य और प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। यह दिन याद दिलाता है कि भारत की ताकत समानता में नहीं, बल्कि उसकी विविध संस्कृतियों और परंपराओं के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण में है। जैसा कि भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, आइए हमें उस एकता और समावेशिता की भावना को याद करें जो हमें बांधती है। आइए हम अपने संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखने और एक ऐसा राष्ट्र बनाने का संकल्प लें जहां हर आवाज सुनी जा सके, हर संस्कृति का जश्न मनाया जा सके और हर व्यक्ति फलता-फूलता हो।
भारत का तकनीकी उत्कर्ष: गणतंत्र दिवस पर नवाचार का जश्न
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भारत का तकनीकी उत्कर्ष: गणतंत्र दिवस पर नवाचार का जश्न 26 जनवरी सिर्फ भारत का गणतंत्र दिवस नहीं है, बल्कि यह देश के उल्लेखनीय तकनीकी विजय का भी उत्सव है। 21वीं सदी में, भारत वैश्विक स्तर पर एक तकनीकी महाशक्ति के रूप में उभरा है, जो नवाचार और विकास के इंजन के रूप में गतिशील है। इस साल का गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्र के तकनीकी कौशल का एक शानदार प्रदर्शन होगा, अंतरिक्ष अन्वेषण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सतत विकास में उपलब्धियों को उजागर करेगा, और प्रगति के प्रति भारत की अ unwavering प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा। अंतरिक्ष अन्वेषण में विशाल छलांग: भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व स्तर पर प्रशंसा का पात्र है। मंगलयान मिशन के साथ मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला एशिया का पहला देश बनने से लेकर चंद्रयान-2 के सफल लैंडिंग तक, भारत ने अंतरिक्ष अन्वेशन में बड़ी छलांग लगाई है। गणतंत्र दिवस परेड में इन अभियानों से जुड़े उपकरणों और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन, भारत की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अन्वेषण योजनाओं की एक झलक पेश करेगा, जिसमें 2024 में गगनयान मिशन के साथ मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान शामिल है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उदय: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आज के समय की प्रमुख तकनीकों में से एक है और भारत इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति शुरू की है और देश भर में कई AI स्टार्ट-अप और अनुसंधान केंद्र स्थापित किए गए हैं। गणतंत्र दिवस परेड में AI-संचालित रोबोट और मशीनें नवाचार की इस नई लहर का प्रतिनिधित्व करेंगी और यह प्रदर्शित करेंगी कि कैसे AI भारत के भविष्य को आकार देने में मदद कर रहा है। सतत विकास का मार्ग: सतत विकास भारत के तकनीकी प्रयासों का एक प्रमुख फोकस है। देश नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, इलेक्ट्रिक वाहनों और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाकर पर्यावरण की रक्षा और अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने का प्रयास कर रहा है। गणतंत्र दिवस परेड में सौर-चालित वाहनों, स्मार्ट सिटी समाधानों और अन्य पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का प्रदर्शन इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा और भारत के एक स्थायी भविष्य के निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित करेगा। नवाचार को प्रेरित करना: गणतंत्र दिवस परेड सिर्फ तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। युवा भारतीयों को यह देखने का अवसर मिलेगा कि कैसे उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत देश को नवाचार के शीर्ष पर ले जा सकती है। यह उन्हें अपने तकनीकी कौशल का विकास करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। 2024 का गणतंत्र दिवस भारत के तकनीकी उत्कर्ष का एक शानदार उत्सव होने का वादा करता है। यह न केवल राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा, बल्कि एक ऐसे भविष्य की झलक भी पेश करेगा जहां भारत तकनीकी रूप से उन्नत, आत्मनिर्भर और वैश्विक नेता के रूप में चमकता रहेगा।
युवा शक्ति और शिक्षा: गणतंत्र दिवस 2024 का विषय
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युवा शक्ति और शिक्षा: गणतंत्र दिवस 2024 का विषय 26 जनवरी, 2024 को भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस वर्ष का उत्सव विशेष रूप से युवा शक्ति पर केंद्रित है। यह मानते हुए कि देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है, इस बार के समारोह में शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने वाली पहलों पर जोर दिया जाएगा। भारत के युवा न केवल कल के नेता हैं, बल्कि एक नए, प्रगतिशील भारत के शिल्पकार भी हैं। उनके जीवंत विचार, असीमित ऊर्जा और तकनीकी कौशल राष्ट्र की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी रखते हैं। शिक्षा: सशक्तिकरण की आधारशिला युवाओं को सशक्त बनाने में शिक्षा की आधारभूत भूमिका है। प्राथमिक से लेकर व्यावसायिक और उच्च शिक्षा तक सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार लाने पर भारतीय सरकार का ध्यान युवाओं को 21वीं सदी में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने में महत्वपूर्ण है। स्किल इंडिया मिशन और डिजिटल इंडिया अभियान जैसी पहल एक कुशल और तकनीक-प्रेमी कार्यबल का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। कौशल विकास: उद्यमशीलता की भावना को जगाना पारंपरिक शैक्षणिक शिक्षा से परे, भारत के भविष्य के लिए उद्यमशीलता कौशल का पोषण महत्वपूर्ण है। युवाओं को नवाचार अपनाने, जोखिम लेने और अपने स्वयं के उद्यमों का पीछा करने के लिए प्रोत्साहित करना आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। स्टार्टअप इनक्यूबेटर, मेंटरशिप कार्यक्रम और फंडिंग तक पहुंच एक जीवंत उद्यमशीलता पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने में आवश्यक हैं। उपलब्धियों का जश्न: अगली पीढ़ी को प्रेरित करना गणतंत्र दिवस 2024 विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर सामाजिक उद्यमिता और कला तक विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाने वाले युवा भारतीयों की उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक मंच होगा। सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करना नई पीढ़ी को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। यहां भारत में युवा सशक्तिकरण पर केंद्रित कुछ प्रमुख पहल और कार्यक्रम दिए गए हैं: - राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC): विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है। - अटल इनोवेशन मिशन (AIM): छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देता है। - स्टार्टअप इंडिया: युवा उद्यमियों को वित्तीय और मार्गदर्शन सहायता प्रदान करता है। - युवा शक्ति: कौशल विकास और नेतृत्व प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक सरकारी पहल। - खेलो इंडिया: जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखता है। युवाओं को सशक्त बनाने का मतलब सिर्फ उन्हें कौशल और अवसरों से लैस करना ही नहीं है; यह भागीदारी, समावेशिता और आलोचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में है। उनकी प्रतिभाओं का पोषण करके और उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करके, भारत अपने युवाओं की शक्ति का उपयोग सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए कर सकता है।
पर्यावरण के संरक्षक: एक सतत गणतंत्र दिवस
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dgnews · 3 months
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खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रत्येक सुझाव और प्रस्ताव मान्य होगा - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
खेल प्रशिक्षकों को भी सामान्य शिक्षकों की तरह मिलेगी पदोन्नति युवा दिवस पर सम्मानित हुए युवा उद्यमी और पदक प्राप्त खिलाड़ी माँ तुझे प्रणाम योजना में युवाओं के दल हुए रवाना भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के युवा खिलाड़ियों की एशियाड और ओलम्पिक खेलों में अर्जित उपलब्धिय���ं सराहनीय हैं। खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रबंधन को बेहतर बनाते हुए राज्य सरकार प्राप्त सुझावों एवं…
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deshbandhu · 3 months
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राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर यादव ने सामूहिक सूर्य नमस्कार में की शिरकत
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के अवसर पर आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार में सैंकड़ों विद्यार्थियों के साथ सूर्य नमस्कार समेत योगाभ्यास किया। डॉ यादव ने यहां स्थित शासकीय सुभाष उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट महाविद्यालय में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में माँ सरस्वती एवं भारतीय अध्यात्म और संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
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drrupal-helputrust · 5 months
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माँ भारती की स्वतंत्रता के लिए 18 वर्ष की अल्पायु में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने वाले महान युवा क्रांतिकारी तथा भारत माँ के वीर पुत्र अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर शत-शत नमन ।
खुदीराम बोस जी का साहस और क्रांतिकारी जीवन हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा ।
#KhudiRamBose
#DrRupalAgarwal
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helputrust-drrupal · 5 months
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माँ भारती की स्वतंत्रता के लिए 18 वर्ष की अल्पायु में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने वाले महान युवा क्रांतिकारी तथा भारत माँ के वीर पुत्र अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर शत-शत नमन ।
खुदीराम बोस जी का साहस और क्रांतिकारी जीवन हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा ।
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helputrust · 2 years
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आप जो पसंद करते हैं वह करना आपकी स्वतंत्रता है, परन्तु आपकी पसंद से बुजुर्ग को खुशी प्राप्त हो I लखनऊ 15.06.2022 | वृद्धाश्रमों में अकेलेपन और अवसाद से जूझते बुजुर्ग हमारे सभ्य व शिक्षित समाज का वह आइ‌ना है जिसमें उन्हें अपने बच्चों को दी गयी परवरिश की धुंधली तस्वीर दिखायी देती है। एक ऐसा देश भारत जहाँ माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है, उसी देश में वृद्धाश्रमों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी आज की युवा पीढ़ी की सोच पर सवालिया निशान लगाती है व कहीं न कहीं भारतीय संस्कृति की 'वसुधैव कुटुम्बकम' की छवि को धूमिल करती है।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने "विश्व बुजुर्ग दुर्व्यव्हार जागरूकता दिवस" के अवसर पर युवा पीढ़ी से अपने बड़े-बुजुर्गों का आदर करने की अपील करने हेतु "बड़े बुजुर्गो का कर्ज चुकायें" विषयक ऑनलाइन उद्‌बोधन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विद्वान वक्तागणों के रूप में श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल (शिक्षाविद्), श्रीमती (डॉ०) सोनाली सिंह (शिक्षाविद्) तथा संयोजक स्क्वाड्रन लीडर राखी अग्रवाल (समाज सेविका) ने अपने- अपने विचार व्यक्त किये। ऑनलाइन उद्बोधन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण फेसबुक लिंक: https://www.facebook.com/HelpUEducationalAndCharitableTrust पर किया गया।
जानी मानी शिक्षाविद् श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल ने वृद्धाश्रम में अपना जीवन बिताने को मजबूर बुजुर्गों की व्यथा बताते हुये कहा कि, शिक्षा से जुड़ी होने के कारण मैं कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ी हूँ जिनके द्वारा बहुत से सेवा कार्य होते हैं इसी सिलसिले में कई बार लखनऊ में चलाए जा रहे वृद्ध आश्रम जाने का अवसर प्राप्त होता रहता है । वहाँ मैंने कई बुजुर्गों से वृद्ध आश्रम में रहने का कारण पूछा उसमें से दो-चार लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपने दिल की व्यथा बतायी। अधिकांश लोगों की समस्या लगभग एक जैसी ही थी कोई भी बुजुर्ग अपनी ख़ुशी से वहाँ नहीं रह रहा था अधिकतर बुजुर्गों ने अपने बच्चों की उपेक्षा या अकेलेपन के कारण तथा बुढ़ापे में होने वाली कठिनाइयों से मजबूरी में वृद्ध आश्रम में रहने का निर्णय लिया था । एक अच्छी बात यह है कि वहाँ उनको देखभाल के अलावा हम उम्र के लोगों के साथ सुख दुख बाँटने का अवसर मिलता है । यह सभी बुजुर्ग या तो अपने बच्चों के अलग या विदेश में रहने के कारण ख़ुद को घर में असुरक्षित महसूस कर रहे थे या अपने ही बच्चों के दुर्व्यवहार के कारण तिनका तिनका जोड़कर बनाए गए अपने ही घर से निकाल दिए जाने के कारण वृद्ध आश्रम में रहने के लिए मजबूर हुए । जबकि जीवन की प्राकृतिक सच्चाई में एक दिन बच्चों को भी बुजुर्ग होना ही है तब उन्हें अपने बच्चों का दुर्व्यवहार सहन करना होगा यदि आज के बच्चों में अपने माता पिता के प्रति सम्मान और ज़िम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया I इसलिए मेरा आज के बच्चों को स्पष्ट सन्देश है कि अपने माता पिता के प्रति ऐसा व्यवहार करें जैसा भविष्य में वह अपने बच्चों से अपेच्छित करें I आप जो पसंद करते हैं वह करना आपकी स्वतंत्रता है, परन्तु आपकी पसंद से बुजुर्ग को खुशी प्राप्त हो I
श्रीमती सोनाली सिंह (शिक्षाविद्) ने अपने अभिभाषण / उद्बोधन में समाज में बुजुर्गों की दशा पर चिंता व्यक्त की व कहा कि, सर्वप्रथम हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करना चाहती हूँ कि अपने अनेकों सराहनीय कार्यों में से आज World Elder Abuse Awareness Day पर, मुझे मेरे विचार रखने का मौका दिया है I आज के दिन का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में वृद्धजनों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारो को बढ़ावा देना है I बुजुर्गो के लिए एक अच्छा वातावरण सुनिश्चित करना, उनके सम्मान की रक्षा करना और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत करवाना हम सभी का दायित्व हैI हमारे संविधान तक में बुजुर्गों के साथ किसी भी रूप में किया गया दुर्व्यवहार अपराध की श्रेणी में आता है।
अगर हम मोटे तौर पर ये समझना चाहे कि बुजुर्गो के साथ किस प्रकार के दुर्व्यवहार किए जा रहे है तो तीन चीजों पर चर्चा कर सकते है -1. शारीरिक दुर्व्यवहार (physical Abuse), 2. मौखिक दुर्व्यवहार (Verbal Abuse), 3. मानसिक दुर्व्यवहार (Emotional Abuse) I क्या हम कभी ये सोंच या समझ पाते है कि हमारे माँ-बाप ने हमारे लिए क्या-क्या किया है? शायद तब तक नही जब तक हम खुद माँ-बाप नहीं बन जाते I अपने बच्चे के लिए हम निःस्वार्थ भावना से हर काम करते है कि उसे दुनिया भर की सारी खुशियाँ मिले पर हम ये भूल जाते है कि हमारे बुजुर्गों ने भी यही सब किया है हमारे लिए। हम सब अपने बड़े बुजुर्गो के द्वारा किए गये कार्यों का कभी भी कर्ज चुका नही पायेंगे पर क्या आज हम ये शपथ नहीं ले सकते कि हम अपने परिवार के बुजुर्गों का और अपने आस पास हर उस बुजुर्ग का उतना ही ख्याल रखेंगे जितना कि हम अपने बुड्ढे होने पर खुद का ख्याल रखा जाना पसंद करेंगे I
कार्यक्रम की संयोजिका स्क्वाड्रन लीडर राखी अग्रवाल ने सभी वक्तागणों का स्वागत किया व कहा कि, “आज के विषय के संदर्भ में शास्त्रों में वर्णित एक श्लोक का उल्लेख बहुत ही सटीक है:
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोंसेविन: ! चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम!!
अर्थात जो सदा नम्र सुशील विद्वान् बुज़ुर्गों और वृद्धों की सेवा करते हैं उनकी आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीज़ें सदा बढ़ती रहती हैं ! पर खेद इस बात का है कि यह सभी चीजें सभी को चाहिए लेकिन वृद्ध जनों बुजुर्गों अनुभवी सम्मानित लोगों की सेवा कोई नहीं करना चाहता है । बुजुर्गों की देखभाल करते हुए उनके साथ समय व्यतीत करने का  अवसर आज की पीढ़ी खो रही है। इससे बड़ी दुख की बात है कि हमारे घर परिवार स्कूल समाज से भी इन बातों का धीरे धीरे क्षय होता जा रहा है और कोई भी भावी पीढ़ी को यह बताना नहीं चाहता है कि ये संस्कार उनके जीवन में इतना आवश्यक है ।
“वो तिनका-तिनका जोड़ के, स्वप्न महल बनाएँ, तन मन ज्यों बूढ़े हुए, अपने दें बिसराएँ I
भारत में बुजुर्गों की संख्या दिनों दिन बढ़ती चली जा रही हैI एक अनुमान के अनुसार 2026 में केवल भारतवर्ष में बुजुर्गों की संख्या 17.9 करोड़ हो जाएगी !
भारतीय संस्कृति में माता-पिता का दर्जा तो भगवान से भी ऊंचा होता है उनकी सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है। बस एक बार उनके बिना अपनी ज़िंदगी की कल्पना करिए और यक़ीन मानिए आपको एहसास हो जाएगा कि उनका आपकी ज़िंदगी में होना आपके लिए कितना आवश्यक है उनके न होने से आपके जीवन में जो कमी होगी उसे कोई भी किसी भी क़ीमत पर कभी भी नहीं भर पाएगा ।
ध्यान रखें कि आप तभी सुखी और संबद्ध रहेंगे जब आपके माँ बाप खुश रहेंगे तृप्त रहेंगे ।
आज ये इस अवस्था में है कल हम होगें और फिर जो हम आज बोएंगें वही कल काटेगे ।
ढलते जीवन में होती बच्चों से ही आस, अपने अपनों के लिए नहीं दो पल उनके पास I
एक बार स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि - जिस व्यक्ति ने अपने माता पिता को वृद्धाश्रम में भेज दिया है उसे तो जीवन भर का सूतक लग गया है वह मंदिर जाने लायक और शुभ कार्य करने लायक ही नहीं है । शायद इस बात को समझ कर ही लोग आज से अब से और अभी से अपने माँ बाप के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को समझें और उन्हें ख़ुश रखने का एक भी पल न गंवाएं । वरिष्ठ जनों को समर्पित इस विशेष दिवस पर यही सबसे अच्छा प्रण हो सकता है। इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री महेंद्र भीष्म तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही I
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helputrust-harsh · 5 months
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माँ भारती की स्वतंत्रता के लिए 18 वर्ष की अल्पायु में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज चुकाने वाले महान युवा क्रांतिकारी तथा भारत माँ के वीर पुत्र अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर शत-शत नमन ।
खुदीराम बोस जी का साहस और क्रांतिकारी जीवन हमें सदैव देश सेवा के लिए प्रेरणा देता रहेगा ।
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jairohanijbp · 6 months
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नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
सिन्धी युवा संस्था,लाल स्कूल गलगला में माँ दुर्गा एवं माँ काली की अद्भुत प्रतिमा स्थापित की गई
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abhinews1 · 8 months
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मिशन मोदी अगेन पीएम के राष्टीय अध्यक्ष रामगोपाल काका ने मथुरा संगठन की समीक्षा बैठक की
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मिशन मोदी अगेन पीएम के राष्टीय अध्यक्ष रामगोपाल काका ने मथुरा संगठन की समीक्षा बैठक की
मिशन मोदी अगेन पीएम ,महानगर की बैठक स्थानीय होटल मे हुई बैठक का शुभारंभ माँ भारती के छाया चित्र पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राम गोपाल काका एवं महानगर अध्यक्ष विनोद देशवाल जी ने माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित कर किया जिसमे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारीयों की समीक्षा की और जिसमे महानगर पदाधिकारी सभी मोर्चा अध्यक्ष प्रकोष्ठ संयोजक एवं सभी मंडल अध्यक्ष ,वार्ड अध्यक्ष,वूथ अध्यक्ष से तैयारी की जानकारी ली और सभी को हर समय सभी को चुनाव हेतु तैयार रहने के निदेश दिये विनोद देशवाल महानगर अध्यक्ष द्वारा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा देश की एक अरब चालीस करोड देवतुल्य जनता के लिए किये गये विकास एवं की योजनाओं और देश मे वह रही विकास रूपी गंगा और सब प्रदेशों की चारो दिशाओं मे बेमिसाल हो रहे कार्य को लेकर जनता के बीच मे घर घर जाकर केन्द्र की आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार एवं प्रदेश के मुखिया यशस्वी योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री की राज्य सरकार द्वारा लोक हित एवं देश एवं प्रदेश हित मे किये गये विकास कार्य को जन जन के द्वार पर पहुँच कर आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी को तृतीय बार देश का प्रधानमंत्री बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए बैठक मे उपस्थिति सभी पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ता गण को प्रति दिन एक घंटा मोदी जी जैसा बनकर देश व मानव सेवा कार्य मोदी जी जैसा हर घर मे देश सेवक बनाने हेतु मिशन मोदी अगेन पीएम मथुरा महानगर के सभी पदाधिकारी गण से आह्रवान कर 2024 लोकसभा चुनाव जीतने का संकल्प दिलाया और लगभग सौ लोगो को आज संगठन मे जोडकर नई जिम्मेदारीया दी बैठक का संचालन डा0.सुनीता अवस्थी, महानगर अध्यक्ष महिला मोर्चा के द्वारा किया गया जिसमे महेश वर्मा महानगर उपाध्यक्ष, अनिल कुमार वर्मा महानगर महामंत्री लक्षमन दास , महानगर उपाध्यक्ष संदीप बघेल, महानगर मंत्री सोनू कुमार, डाँ0 विधासागर, अनूप चतुवेदी ,मनीपाल सिंह, त्रिलोकीनाथ अग्रवाल महानगर कोषाध्यक्ष डा0 सुनीता शर्मा राजकुमार राना मंडल अध्यक्ष मगोर्ररा माधव सिंह मंडल अध्यक्ष राधाकुंड बंसी बघेल मंडल अध्यक्ष वृन्लदावन योगेश कुंतल मंडल अध्यक्ष गोवर्धन लखन सिंह, राज सागर शीलेन्द्र चौधरी ,चन्द्र प्रकाश सिंघल महानगर महामंत्री उमाशंकर तौमर महानगर मंत्री घनश्याम निमेश महामंत्री युवा मोर्चा वार्ड अध्यक्ष एवं सभी मंडल और वार्ड के अध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।
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