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#मधुबाला
rudrjobdesk · 2 years
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Dilip Kumar Death Anniversary : दिलीप कुमार पर जान छिड़कती थीं मधुबाला, कहा था- हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी
Dilip Kumar Death Anniversary : दिलीप कुमार पर जान छिड़कती थीं मधुबाला, कहा था- हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी
दिलीप कुमार की आज यानी कि 7 जुलाई को पहली डेथ एनिवर्सरी है। दिलीप कुमार ने 1966 में सायरा बानो से शादी की थी और अपने आखिरी समय तक वह उनके साथ ही थे। दिलीप कुमार और सायरा बानो की लव स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग रही थी। दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ और उनका प्यार शादी में भी बदला, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिलीप कुमार, सायरा से पहले भी किसी से बेइंतहां प्यार करते थे। दोनों ही एक-दूसरे से शादी भी करना…
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rajasthanilyrics · 1 year
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रथड़ो धीरे धीरे हाको भजन लिरिक्स | Rathdo Dhire Dhire Hako Bhajan lyrics
रथड़ो धीरे धीरे हाको भजन लिरिक्स, Rathdo Dhire Dhire Hako Bhajan lyrics ।। दोहा ।। नवल पल्लव श्रृंगार के, तोरण आज सुहाए। दर्शन हो जब श्याम के, मन ना खुशी समाए।। ~ रथड़ो धीरे धीरे हाको ~ रथड़ो धीरे धीरे हाको , सांवरा वृन्दावन ले चाल। वृन्दावन ले चाल सांवरा, वृन्दावन ले चाल। रथडो म्हारो रंग रंगीलो, पहिया चकरी दार। बैठण आली राधिका जी, हांके नंद जी रो लाल। रथड़ो धीरे धीरे हाको , सांवरा वृन्दावन ले…
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helpukiranagarwal · 3 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
अपनी कालजयी कविताओं एवं रचनाओं के माध्‍यम से आम जनमानस के जीवन में उत्‍साह और ऊर्जा का संचार करने वाले हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के महान कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक तथा पद्मभूषण से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि ।
मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, सतरंगीनी, एकांत संगीत जैसी आपकी कालजयी रचनाएँ सदैव हिंदी साहित्य का मानवर्धन करती रहेंगी ।
#HarivanshRaiBachchan
#KiranAgarwal
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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helputrust · 3 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
अपनी कालजयी कविताओं एवं रचनाओं के माध्‍यम से आम जनमानस के जीवन में उत्‍साह और ऊर्जा का संचार करने वाले हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के महान कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक तथा पद्मभूषण से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि ।
मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, सतरंगीनी, एकांत संगीत जैसी आपकी कालजयी रचनाएँ सदैव हिंदी साहित्य का मानवर्धन करती रहेंगी ।
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drrupal-helputrust · 5 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
अपनी कालजयी कविताओं एवं रचनाओं के माध्‍यम से आम जनमानस के जीवन में उत्‍साह और ऊर्जा का संचार करने वाले हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के महान कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक तथा पद्म भूषण से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन I
#मधुशाला #मधुबाला #मधुकलश #सतरंगिनी #एकांत_संगीत जैसी आपकी #कालजयी रचनाएँ सदैव हिंदी साहित्य का मानवर्धन करती रहेंगी ।
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helputrust-drrupal · 5 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
अपनी कालजयी कविताओं एवं रचनाओं के माध्‍यम से आम जनमानस के जीवन में उत्‍साह और ऊर्जा का संचार करने वाले हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के महान कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक तथा पद्म भूषण से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन I
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helputrust-harsh · 5 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
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"काटों को मुरझाने का खौफ नहीं होता"
"Kaaton ko murjhane ka khauf nahi hota"
- मधुबाला (Madhubala) from Mughal-e-azam
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n7india · 1 month
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मधुबाला के लुक को पर्दे पर दोबारा जीवंत करेंगी शहनाज गिल
Mumbai: बॉलीवुड एक्ट्रेस शहनाज गिल ने बताया कि वह क्यों बीते जमाने की मशहूर एक्ट्रेस मधुबाला के लुक को एक बार फिर पर्दे पर जीवंत करना चाहती हैं। एफडीसीआई के साथ भागीदारी में लैक्मे फैशन वीक के मौके पर शहनाज ने आईएएनएस को बताया, ��मुझे बीते जमाने की एक्ट्रेसेस बहुत पसंद हैं। वह बहुत आकर्षक थीं और उनकी सुंदरता बेहद नैसर्गिक थी। मधुबाला को दोबारा पर्दे पर जीवंत करना बेस्ट है।” शहनाज ने रियल लाइफ…
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igamravatirange · 10 months
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"जिस तरह फूल की ख़ुशबू या महक का कोई रंग नहीं होता, वह महज़ ख़ुशबू होती है। जिस तरह बहते हुए पानी के झरने या ठंडी हवाओं का, कोई मसकन या घर-गाँव या वतन नहीं होता। जिस तरह उभरते हुए सूरज की किरणों का या किसी मासूम बच्चे की मुस्कुराहट का कोई मज़हब नहीं होता। वैसे ही लता मंगेशकर की आवाज़ कुदरत की तख्लीक़ का एक करिश्मा है।" (लता दीदी का गौरव करते समय दिलीप कुमार के उद्गार)
७०- ८० के दशक में सारा भारत सिनेमा घर इस सर्व धर्म प्रार्थना-स्थल पर जैसे समय मिले और जैसी हैसियत हो, परिवार के साथ माथा टेकने जाता था। घर आते समय मनोरंजन के साथ जीवन का दर्शन, राष्ट्रीय एकात्मता व सर्व धर्म समभाव साथ ले आता था। घर में पूजा अर्चना हो या न हो, लेकिन रेडियो पर फ़िल्मी गीतों की उपासना बराबर चलती थी। फ़िल्में मनोरंजन के साथ-साथ, अन्य विधाओं का भी मंच हुआ करती थीं। विभिन्न भागों से आए कलाकार मानो अपने साथ लाई मिट्टी, पानी, प्रकाश और हवा को घोलकर फ़िल्मों में डालते थे।
राजेंद्रकृष्ण जी ‘सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई’ भजन लिखेँ, जिसे मोहम्मद रफ़ी गाएँ और दिलीप कुमार मंदिर में सादर करें। लता दीदी का ‘मोहे पनघट पे नंदलाल छेड़ गयो रे’ को शकील बदायूंनी लिखें, उसे जनाब नौशाद अली के संगीत निर्देशन में, जन्माष्टमी पर मुगल दरबार में स्वर्गसुंदरी मधुबाला पेश करें। साहिर लुधियानवी की अलौकिक रचना ‘अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम’ सबके दिलों को छू जाए। सनातन धर्म, परंपराओं के दायरे से निकालकर ‘इंसान की औलाद’ को इंसान बनाने वाले प्रसंग सहजता से चित्रित होते थे। सब कुछ जादुई! जैसे ‘जयोस्तुते’ में वीर सावरकर जी ने लिखा: ‘जे जे उत्तम, उदात्त, उन्नत, महन्मधुर ते ते...’ महान कलाकृति बनाने के लिए फ़िल्मों में शामिल किया जाता था। प्रेम, गीत, संगीत, कथा, नाट्य, विनोद, रहस्य और जीवन-दर्शन, मानो सिंगल विंडो सिस्टम!
वैसे तो, सिनेमा सभी भावनाओं को स्पर्श करता था लेकिन, मुझे प्रेम और देशभक्ति, अविष्कारों के बारे में हमेशा जिज्ञासा रही है। प्रेम का एहसास, केवल जो प्यार के बंधन में बंधे हों - उनको ही नहीं बल्कि जो उम्मीदवार होते थे, उनको भी होता था। रोम-रोम में रोमांच भर देने वाला गुलशन बावरा का गीत ‘मेरे देश की धरती’, आँखों की कोरों को नम कर देने वाला कैफ़ी आज़मी का ‘कर चलें हम फिदा जानों तन साथियों’ और ऑल टाइम ग्रेट, सी. रामचंद्र-प्रदीप का ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ - इन गानों के त्रिकूट ने हम सभी के मन में देश-प्रेम का सूत्रपात कर दिया था। सत्य शेर की तरह होता है, अपना बचाव करने के लिए उसे किसी और की ज़रूरत नहीं पड़ती। उसे बस स्वतंत्र छोड़ देना, अपनी हिफ़ाज़त ख़ुद कर लेता है। देश-प्रेम का भी कुछ ऐसा ही है। फ़िल्मी गीत जीवन की हर अनुभूति को शब्द दे देते थे। कुछ भी कर रहा होता तो मन के पटल पर अदृश्य डीजे ने सिने-संगीत बजाना, पुणे में शुरु हुआ।
-Jayant Naiknavare,IPS
Feedback: 📞WA 7387452575
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betulabtak · 11 months
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( दीपक कनाठे) आमला नगर की विभिन्न सामाजिक स्वयंसेवी एवं जागृत महिला संगठनों जिनमें आमला विकास समिति की विमल मदान, क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मधुबाला धोटे…
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rudrjobdesk · 2 years
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जब दिलीप कुमार के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाई थीं मधुबाला, ‘हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी’
जब दिलीप कुमार के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाई थीं मधुबाला, ‘हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी’
Madhubala Tragic Life: दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और मधुबाला (Madhubala) का नाम इंडस्ट्री के चर्चित स्टार्स में शुमार होता है. इन दोनों ही स्टार्स से जुड़े ढ़ेरों किस्से कहानियां आज भी सुने और सुनाए जाते हैं. आपको बता दें कि मधुबाला और दिलीप कुमार एक समय बेहद सीरियस रिलेशन में थे और शादी तक करना चाहते थे. हालांकि, एक वाकये के चलते इनका ब्रेकअप हो गया था. असल में मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान उन्हें…
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drmurarigaur · 11 months
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helpukiranagarwal · 5 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुड़ेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढ़ाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
अपनी कालजयी कविताओं एवं रचनाओं के माध्‍यम से आम जनमानस के जीवन में उत्‍साह और ऊर्जा का संचार करने वाले हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के महान कवि, प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक तथा पद्म भूषण से सम्मानित हरिवंश राय बच्चन जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन I
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helputrust · 5 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
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drrupal-helputrust · 3 months
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जग के पथ पर जो न रुकेगा,
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