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#भारतीय महिलाएं
trendingwatch · 2 years
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वायु सेना महिलाओं को हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल करने के लिए
वायु सेना महिलाओं को हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल करने के लिए
प्रचंड विमान को हाल ही में 3 अक्टूबर को सेवा में शामिल किया गया था। (फाइल) नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना में महिला अधिकारियों की बढ़ती ताकत के बीच, बल अब महिला पायलटों को हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल करने की योजना बना रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षा मंत्री द्वारा कुछ पायलट प्रचंड नाम के हेलिकॉप्टरों को उड़ा रहे हैं, वायुसेना के अधिकारियों ने कहा, “बेड़े में हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर…
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kv1nsbvizag · 2 years
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झूलन खेल में क्या लाती है, कोई और नहीं कर सकता: हरमनप्रीत
झूलन खेल में क्या लाती है, कोई और नहीं कर सकता: हरमनप्रीत
झूलन गोस्वामी का लंबा, शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर अगले महीने के अंत में समाप्त होने वाला है। भारतीय महिला इंग्लैंड दौरे की पूर्व संध्या पर, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 352 अंतरराष्ट्रीय विकेटों के साथ सीमर को शानदार श्रद्धांजलि दी। कप्तान ने मंगलवार को कहा, “खेल के प्रति झूलन के रवैये को कोई नहीं हरा सकता।” “जब मैं भारतीय टीम में शामिल हुआ, तो वह टीम की अगुवाई कर रही थी और मैंने उससे बहुत कुछ सीखा…
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crickettr · 2 years
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हरमनप्रीत कौर ने अनुभवी झूलन गोस्वामी की प्रशंसा की
हरमनप्रीत कौर ने अनुभवी झूलन गोस्वामी की प्रशंसा की
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का कहना है कि अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने देश में कई महिला क्रिकेटरों को प्रेरित किया है। भारतीय क्रिकेट की दिग्गज गोस्वामी के अगले महीने से शुरू होने वाले इंग्लैंड दौरे के दौरान विदाई एकदिवसीय मैच खेलने की उम्मीद है। लॉर्ड्स में खेले जाने वाले दौरे का तीसरा और अंतिम वनडे कथित तौर पर गोस्वामी के अंतरराष्ट्रीय करियर का फाइनल होगा। टूर से…
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parichaytimes · 2 years
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ये नेपाली महिलाएं इस भारतीय आध्यात्मिक गुरु के साथ क्यों मजाक कर रही हैं | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
ये नेपाली महिलाएं इस भारतीय आध्यात्मिक गुरु के साथ क्यों मजाक कर रही हैं | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
मई 08, 2022, 10:25 PM ISTस्रोत: TOI.in जनकपुर में नेपाली महिलाओं के एक समूह को जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के साथ मस्ती भरे मजाक में गाना गाते देखा गया। आध्यात्मिक गुरु चित्रकूट से बाहर हैं और एक कुशल शिक्षक, संस्कृत विद्वान, कवि, लेखक, दार्शनिक, संगीतकार, गायक, नाटककार और कथा कलाकार भी हैं। नेपाली महिलाएं इस चंचल मजाक के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। मूल रूप से, जनकपुर भगवान राम की…
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helputrust · 11 days
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लखनऊ, 05.04.2024 l म��ननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 39 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका निवेदन, शिक्षक/ शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका निवेदन ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “आज महिलाएं इस विकासशील भारत को विकसित बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं परंतु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है । आज हमारा समाज कई मायनों में पुरानी रूढ़िवादी सोच से बाहर आ चुका है लेकिन फिर भी अगर हम समाज में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा की बात करें तो हमें मायूसी ही हाथ लगती है | आए दिन हम अखबारों में कभी किसी लड़की कभी किसी महिला और तो और बुजुर्ग महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ या बलात्कार के विषय में पढ़ते रहते हैं | यह हमारे लिए कितने शर्म की बात है कि सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने हेतु इतनी सारी योजनाएं चलाने के बावजूद भी आज महिलाओं को उनकी सुरक्षा तक के लिए लड़ना पड़ रहा है | चाहे घर पर हो या सड़क पर हर महिला के साथ मनचले और शोहदे कुछ ना कुछ ऐसी हरकत कर देते है जो उन्हें पसंद नहीं होती लेकिन समाज के डर से उन्हें चुप रहना पड़ता है | मेरे विचार से यह हर महिला का अधिकार है कि वह अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठाए तथा अपने साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करे | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समय-समय पर हमारे कॉलेज में महिला जागरूकता हेतु कार्यक्रम कराता रहता है जिससे हमारी छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है | आज की इस कार्यशाला में आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख कर अपने जीवन में आने वाली परेशानियों का डटकर मुकाबला करने हेतु तैयार हो पाएंगी ऐसा मेरा विश्वास है |”
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका निवेदन एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं डॉ. संदीप बाजपेयी, डॉ. नीतू सक्सेना, डॉ. छवि निगम, डॉ. प्रियंका सिंह, सुश्री पलक सिंह, सुश्री श्वेता विश्वकर्मा, सुश्री नजमा शकील, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l  
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bhaktibharat · 8 months
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🪷 वरलक्ष्मी पूजा - Varalakshmi Pooja
❀ वरलक्ष्मी देवी वह है जो वर (वरदान) देती है।
❀ वरलक्ष्मी व्रत, श्रावण माह के अंतिम शुक्रवार के दिन रखा जाता है।
❀ वरलक्ष्मी व्रत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में बहुत अधिक लोकप्रिय है।
❀ विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के सदस्यों के कल्याण, धन, संपत्ति और वैभव के लिए यह व्रत करती हैं।
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/varalakshmi-pooja
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🪷 वरलक्ष्मी व्रत कथा - Varalakshmi Vrat Katha)
📲 https://www.bhaktibharat.com/katha/varalakshmi-vrat-katha
🪷 भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा: - Bhagyada Lakshmi Baaramma
📲 https://www.bhaktibharat.com/mantra/bhagyada-lakshmi-baaramma
🪷 श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम - Ashtalakshmi Stothram
📲 https://www.bhaktibharat.com/mantra/ashtalakshmi-stothram
🪷 श्री महालक्ष्मी अष्टक - Shri Mahalakshmi Ashtakam
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🪷 लक्ष्मीजी आरती - Laxmi Mata Aarti
📲 https://www.bhaktibharat.com/aarti/shri-laxmi-mata
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imranjalna · 3 days
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भारतीय महिलाओं में जाति की दीवारों को पार करने की क्षमता - सारिका उबाले Indian women have the ability to cross the walls of caste - Sarika Ubale
जालना-पुरुषों की तरह, भारतीय महिलाएं भी जाति-जाति में विभाजित हैं, फिर भी जाति की दीवारों को पार करने की क्षमता महिलाओं में होती है, धर्म, परंपरा, श्रद्धा – अंधश्रद्धा को नकारकर संविधान का पालन किया जाए तो महिलाओं का जीवन अधिक सहज हो जाएगा, ऐसा प्रतिपादन अमरावती की प्रसिद्ध साहित्यिक सारिका उबाले ने किया.  जालना शहर में  गुरुवार को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर व्याख्यानमाला का चौथा पुष्प पिरोते हुए…
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prakhar-pravakta · 5 days
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शिव पार्वती जी की पूजन कर मनाया गणगौर उत्सव
सतना, आज गणगौर उत्सव पूरे देश में भारतीय उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है इसी कड़ी में चौक बाजार में भटनवारा वाले अग्रवाल परिवार की महिलाओं ने व्रत रख कर भगवान शंकर एवं माता पार्वती जी की श्रद्धा पूर्वक पूजन कर उत्सव मनाया. गणगौर का व्रत एवं पूजन सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत एवं पूजन करके अपने सुहाग एवं परिवार की रक्षा की कामना…
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abhinews1 · 28 days
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महिलाएं चुनौतियों से निपटते हुए उठाएं अवसरों का लाभ
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महिलाएं चुनौतियों से निपटते हुए उठाएं अवसरों का लाभ
मथुरा। सशक्त समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका किसी से कम नहीं है। आज देश की आर्थिन उन्नति में आधे भारत की पूरी भागीदारी है, महिलाओं के लिए अपने कार्यस्थल को चुनना और परिवार तथा कार्यक्षेत्र में सामंजस्य बिठाकर रखना कभी भी सुलभ नहीं रहा बावजूद तमाम बाधाओं को दरकिनार कर महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना परचम फहराया है। जीएल बजाज ग्रुप आफ इन्स्टीट्यूशन्स, मथुरा के वूमेन सेल तथा आईईईई महिला इंजीनियरिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रेजीलिएन्ट्स वूमेन इन कैरियर्स परिचर्चा में अतिथि वक्ताओं ने यह विचार व्यक्त किए। परिचर्चा का शुभारम्भ माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर क��या गया। परिचर्चा शुरू होने से पहले जीएल बजाज की वूमेन सेल की गतिविधियों का परिचय रिचा मिश्रा ने दिया। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि इस परिचर्चा का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त और उन्हें उच्चता प्रदान करना है। साथ ही आगे बढ़ने और सफलता के लिए समर्थनशील तथा समावेशी वातावरण को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं से उच्च शिक्षा प्राप्त कर स्वावलम्बी बनने का आह्वान किया। परिचर्चा में शामिल एडिशनल एसपी वंदना मिश्रा ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर महिलाओं के कर्तव्य और अधिकारों की विवेचना की। उन्होंने कहा कि आज के परिष्कृत दौर में पुरुष और महिलाएं दोनों लचीले शेड्यूल की इच्छा रखते हैं। जब पुरुष और महिला दोनों काम में लचीलेपन की तलाश करते हैं, तो यह मिथक दूर हो जाता है कि केवल महिलाओं को ही इसकी आवश्यकता होती है क्योंकि वे काम और पारिवारिक जीवन की मांगों को संतुलित करने के लिए बेचैन रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय शेफ और फैशन आइकॉन कोमिला सुनेजा धर ने बताया किस तरह महिलाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ तलाश करके उसे तराशना चाहिए। उन्होंने कहा कि 65 फीसदी से अधिक कामकाजी महिलाएं अपने पेशेवर जीवन में लचीलापन महसूस करत��� हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले कुछ साल कामकाजी महिलाओं के लिए काफी कठिन रहे हैं। कार्यस्थल की संस्कृति या लचीलेपन की कमी भारतीय कामकाजी महिलाओं को दुखी बना रही है। लचीलेपन की कमी के कारण न केवल कामकाजी महिलाओं का पलायन हो रहा है बल्कि काम करने वाली महिलाओं को बहिष्कार का डर भी सता रहा है। आराधना त्रिपाठी शाखा प्रबंधक एसबीआई मथुरा ने महिलाओं से अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में सामंजस्य बिठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। हमें कार्यक्षेत्र में सशक्तीकरण और सहनशीलता की सार्थकता को संग्रहीत करते हुए न केवल आगे बढ़ना है बल्कि सशक्त महिलाओं का समर्थन भी करना है। परिचर्चा में अतिथि वक्ताओं ने अपने कैरियर की प्रेरणादायक कहानियां और मूल्यवान दृष्टिकोण साझा करते हुए छात्राओं से चुनौतियों से निपटने तथा अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। इनका मानना है कि एकजुटता, मेंटरशिप तथा समुदाय समर्थन से सहजता से सफलता की सीढ़ियां चढ़ी जा सकती हैं। परिचर्चा में डॉ. तनुश्री गुप्ता, डॉ. शताक्षी मिश्रा, डॉ. शम्भवी कात्यायन, स्तुति गौतम, नंदनी शर्मा, सोनिका, डॉ. मंधीर वर्मा, डॉ. भोले सिंह, डॉ. शशी शेखर आदि उपस्थित रहे। अंत में वूमेन सेल की चेयरपर्सन डॉ. शिखा गोविल ने सभी का आभार माना।
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sharpbharat · 2 months
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jamshedpur pension scheme : जमशेदपुर पूर्वी में भाजमो ने लगाया महिलाओं के लिए विशेष कैंप, पेंशन के प्रति जागरूक दिखीं महिलाएं
जमशेदपुर : 21 से 22 फरवरी तक चले 50 वर्ष से 59 वर्ष की महिलाओं के पेंशन के लिए भारतीय जनतंत्र मोर्चा (भाजमो) द्वारा जमशेदपुर पूर्वी के सभी मंडलों में कैंप लगाया गया. जहां महिलाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. कार्यकर्ताओं ने उनका भरपूर सहयोग किया. सभी केंद्रों में पेंशन फॉर्म भरे गए है. सभी फॉर्म को संकलित कर अंचलाधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिया जाएगा. दूसरे दिन कल्याण नगर, सी ब्लॉक, जोन नंबर 7…
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trendingwatch · 2 years
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टेक्सास में 4 भारतीय-अमेरिकी महिलाओं का नस्लीय दुर्व्यवहार दक्षिण एशियाई समुदाय में सदमे की लहरें भेजता है
टेक्सास में 4 भारतीय-अमेरिकी महिलाओं का नस्लीय दुर्व्यवहार दक्षिण एशियाई समुदाय में सदमे की लहरें भेजता है
द्वारा पीटीआई ह्यूस्टन: संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण एशियाई समुदाय ने टेक्सास में एक मैक्सिकन-अमेरिकी महिला द्वारा चार भारतीय-अमेरिकी महिलाओं के नस्लीय दुर्व्यवहार की घटना की कड़ी निंदा की है। यह घटना बुधवार रात टेक्सास के डलास में एक पार्किंग स्थल पर हुई। एस्मेराल्डा अप्टन के रूप में पहचानी गई महिला, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है, वीडियो में खुद को मैक्सिकन-अमेरिकी के रूप में पहचानते हुए…
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dgnews · 2 months
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विज्ञान-तकनीक और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ें, शासन व समाज उनके साथ है - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भारतीय संस्कृति में मातृ शक्ति सदैव सम्मानित रही हैमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, वर्चुअल रियालिटी, इंडस्ट्रियल सेफ्टी, सहित कई तकनीकी पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण सत्रों का किया शुभारंभमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीखो कमाओ योजना के 8 हजार प्रशिक्षणार्थियों को 6 करोड़ 60 लाख रूपए स्टाइपेंड सिंगल क्लिक से वितरित किएमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महिलाओं की विज्ञान में…
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dainiksamachar · 2 months
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चुनाव से पहले कोई लोक लुभावन घोषणा नहीं, इतना कॉन्फिडेंस कहां से लाए पीएम मोदी?
नई दिल्ली: कल के बजट में एक बाद कॉमन थी। बजट सत्र से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी। दूसरी तरफ बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि जब जुलाई हमारी सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो विकासित भारत का विस्तृत रोडमै�� पेश किया जाएगा। यही नहीं, अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने कोई लोकलुभावन घोषणा भी नहीं की। तो बड़ा सवाल है कि आखिर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जिसे कुछ ही दिनों में आम चुनाव में जाना है, इतना भरोसे में कैसे है? दरअसल, इस भरोसा के पीछे तमाम वजहें हैं लेकिन एक जो सबसे अहम है वो है बिखरा विपक्ष। इसके अलावा सरकार के तमाम वो सुधार जिससे उसे भरोसा है कि देश की जनता लगातार तीसरी बार उसे ही चुनेगी। मोदी के कॉन्फिडेंस का राज क्या? पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों ही 2024 के चुनाव के लिए मजबूत दावे कर रहे हैं। इसके पीछे जो सबसे कारण है वो है राम मंदिर का निर्माण। भगवा दल का सबसे अहम चुनावी मुद्दा 22 जनवरी को अयोध्या में पूरा हो चुका है। खुद पीएम मोदी मुख्य यजमान बनकर राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा कर चुके हैं। राम के लहर पर बीजेपी उत्तर भारत में विपक्ष पर बड़ी बढ़त की तैयारी में है। पार्टी इसके लिए कोशिश भी शुरू कर चुकी है। कई राज्यों से आम लोगों को राम मंदिर के दर्शन के लिए लाया जा रहा है। विपक्ष भी दबी जुबान में ये मान रहा है कि भगवा दल को इसका फायदा हो सकता है। बिखरे विपक्ष भी कर रहा है काम आसान पीएम मोदी का सामना करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया था। लेकिन चुनाव आते-आते इसके मुख्य कर्ता-धर्ता ही बीजेपी में शामिल हो गए। बिहार में नीतीश के बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य में भगवा दल को बढ़त हासिल हो गई है। दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस का हाथ बंगाल में छोड़ दिया है। यानी एक वक्त जो लग रहा था कि इसबार पीएम मोदी को तगड़ी टक्कर मिल सकती है। उसकी सूरत फिलहाल तो नजर नहीं आ रही है। यही नहीं, विपक्ष तो अभी कई राज्यों में सीट शेयरिंग पर भी अटका है। दूसरी तरफ बीजेपी को कुछ राज्यों में छोड़ दें ज्यादातर जगहों पर अकेले ही लड़ना है। ऐसे में कमजोर और बिखरे विपक्ष के कारण उसे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। राम लगाएंगे बेड़ा पार इसके अलावा बीजेपी को राम मंदिर निर्माण का बड़ा फायदा मिलने वाला है। पार्टी के घोषणापत्र में हर बार राम मंदिर का मुद्दा रहता था। विपक्ष तो बीजेपी एक समय तंज कसता था कि मंदिर वही बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। अब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी काफी जोश में है। पार्टी को इसका फायदा पूरे उत्तर भारत में मिलने की उम्मीद है। पार्टी इसके अलावा आर्टिकल 370 का भी जमकर जिक्र करती है। यानी राम के जरिए भगवा दल को जीत की आस दिख गई है। शायद इसीलिए बजट में को लोकलुभावन योजना भी नहीं दिखी। लाभार्थी योजना का बीजेपी उठाएगी लाभ पीएम नरेंद्र मोदी अपने लगभग हर कार्यक्रम और सभा में इसका जिक्र जरूर करते हैं। कोरोना के काल से 80 करोड़ों लोगों को केंद्र सरकार मुफ्त अनाज मुहैया करा रही है। यही लाभार्थी हैं जो बीजेपी के कोर वोटर भी बन गए हैं। इसी की बदौलत बीजेपी ने कई राज्यों में चुनावी बिसात बिछाई और उसे कामयाबी भी मिली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण में इसका जिक्र किया था। बीजेपी ऐसे लाभार्थियों के जरिए मजबूती के साथ आगे बढ़ने का तरीका ढूंढ चुकी है। गर्वनेंस मॉडल से मिलेगी जीत पीएम मोदी सरकारी योजनाओं को लागू करने में बिचौलियों के नहीं रहने की बात अक्सर करते हैं। यानी सरकारी लाभ सीधे जरूरतमंदों के खाते में जाता है। बिचौलिया गायब। चाहे किसान सम्मान निधि की बात हो या अन्य मदों में डायरेक्ट ट्रांसफर। सरकार अपने बेहतर गर्वनेंस मॉडल के जरिए भ्रष्टाचार रोकने का दावा करती है। इसके अलावा बीजेपी भाई-भतीजावाद से खुद को दूर रखने का वादा करती है। पार्टी सामाजिक न्याय के जरिए जीत का रास्ता सुनिश्चित करने के लिए जोर लगा रही है। निर्मला ने अपने बजट भाषण में कहा कि हमारे शासन में पारदर्शिता है, इस बात का भरोसा है कि पात्र लोगों तक फायदे पहुंचाए जा रहे हैं। संसाधनों का उचित वितरण होता है। समाज में चाहे किसी का भी दर्जा हो, सभी को अवसर मिलते हैं। हम व्यवस्थागत असमानताओं को दूर कर रहे हैं... हम केवल खर्च पर ध्यान नहीं देते, बल्कि परिणामों पर जोर देते हैं, ताकि सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सके। पीएम मोदी के वो चार स्तंभ पीएम मोदी ने ओबीसी जाति जनगणना की काट ढूंढने के लिए चार जातियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था गरीब, महिलाएं, युवा और किसान उनके चार जातियां हैं। इस बार के बजट में भी इन चारों जातियों के लिए निर्मला ने कुछ न कुछ जरूर दिया है। यानी बीजेपी ने 2024 के लिए अपने वोटर वाला… http://dlvr.it/T2CCVS
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icnnetwork · 3 months
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#UP-बस्ती की सरिता ने कोरोना महामारी से किया सँघर्ष, बेकरी का व्यवसाय कर बनी आत्मनिर्भर
#AtmanirbharBharat #WomenEmpowerment #Corona #BastiBakery #SaritaSavlani
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helputrust · 2 years
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लखनऊ, 26.08.2022 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट एवं भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में महिला समानता दिवस-2022 के अवसर पर उद्बोधन कार्यक्रम विषयक: "महिला समानता: वास्तविक या काल्पनिक" का आयोजन भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ में किया में किया गया । कार्यक्रम में मुख्य वक्तागणों के रूप में डॉ० अलका निवेदन, प्राचार्या, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ और डॉ० छवि निगम, प्रोग्राम ऑफिसर (NSS), भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ, ने समाज में महिला समानता के आधार पर प्रदान किये गए अधिकार वास्तविक है या काल्पनिक, के विषय में अवगत कराया ।
डॉ० अलका निवेदन, प्राचार्या तथा असिस्टेंट प्रोफेसर बॉटनी विभाग, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, ने अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि, "आज बहुत ही विशेष दिवस है महिला समानता दिवस पर यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि आज हमें इस दिन को सेलिब्रेट या आयोजन करके मनाना पड़ रहा है, दुर्भाग्यवश अभी भी बहुत स्त्री व पुरुष में असमानता है I वैश्विक स्तर पर विकसित देशों में तो फिर भी एक समानता है, भारत जैसे विकासशील देशों में अभी भी असमानता पाई जा रही है और यह जो खाई है, इसको भरने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी I आज से अगर 10-15 साल पीछे जाकर हम देखते हैं तो एक महिला को यह भी अधिकार नहीं था कि वह शादी के बाद अपना नाम जो चाहे रख सके उसे अपने पिता का नाम, पिता के यहां छोड़ कर आना होता था, और अपने पति का सरनेम लगाना पड़ता था, यह छोटा सी वास्तविकता है, 18 साल पुरानी बात है मुझे अपने सरनेम से बहुत प्यार था, शादी से पहले मैं अपना नाम अलका मिश्रा लिखती थी और मेरी शादी जहां हुई वह पाण्डेय लिखते थे, मेरी इच्छा नहीं थी कि मैं पाण्डेय सरनेम लगाऊं, मैंने इस बात का विरोध किया तब मेरी ससुराल में यह कहा गया कि, यह नहीं चलेगा, आप अपने पिता का नाम इस घर में नहीं लगा सकती I उस वक्त एक पुरुष ने, मेरे ससुर ने जो कि अब इस दुनिया में नहीं है, उन्होंने कहा कि, उनकी भी बात रह जाएगी और तुम्हारी भी बात रह जाएगी, तुम ना मिश्रा लगाओगी, तुम ना पाण्डेय लगाओगी, तुम्हारी जो इच्छा हो वह तुम लगाओ, तुम चाहो तो सिर्फ अलका लिख सकती हो I मैंने अपने पति का नाम पीछे लगाया, मुझे बड़ा अच्छा लगा I तो उस वक्त भी आज से लगभग 20 साल पुरानी बात है, पुरुष को आगे आना पड़ा था I तो आज भी अगर स्त्री पुरुष समानता की बात करते हैं तो महिलाएं ही महिलाओं को पीछे खींच रही हैं, क्योंकि वह अभी भी पुरानी परंपराओं से घिरी हुई हैं, जिसमें लड़कियों को बाहर अकेले नहीं जाने दिया जाता था I जब भी लड़कियों को बाहर जाना होता है, तो किसी ना किसी को साथ लेकर ही जाना पड़ता है, वजह है समाज में डर, छेड़छाड़ का डर, बलात्कार का डर, छोटे कपड़े नहीं पहनने दिए जाते, अगर एक पुरुष मॉर्निंग वॉक पर बरमूडा पहन कर जाता है, तो हम क्यों नहीं, हमें लोगों की बातों को इग्नोर करना चाहिए I ऐसा नहीं है कि कल से हम भी छोटे कपड़े पहनना शुरू कर दें, लेकिन हर एक को स्वतंत्रता होनी चाहिए, समानता की बात होनी चाहिए, तो सबसे पहले महिलाएं महिलाओं का साथ दें I
डॉ० छवि निगम ने कहा कि, "अगर हमारी बेटियों बहनों को समानता का अधिकार दिलाना है, तो कहीं ना कहीं पुरुषों को आगे आना होगा I अगर समाज में 2 लोग चलते हैं, स्त्री और पुरुष, तो दोनों को बराबर की भागीदारी होनी चाहिए I अगर पुरुषों से कहा जाता है कि सिलेंडर भरवाने जाओ, बैंक के काम के लिए जाओ, तो महिलाओं से क्यों नहीं कहा जाता, तुम बैंक जाओ या सिलेंडर की लाइन में लगो, लड़कियां गाड़ी चलाती हैं, उनसे क्यों नहीं कहा जाता कि गाड़ी बनाने, पहिया बदलने, बैंक के काम करें I यहां तक कि कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनके एटीएम कार्ड बने हैं, और वह अपने कार्ड की पिन नंबर तक नहीं जानती I क्योंकि उनके एटीएम से उनका भाई, उनका बेटा, या कोई और पैसे निकालता है I लोगों को अपनी बच्चियों को मजबूत करना है I जिससे वह स्वयं बाहर के काम कर सकें, लोग लड़कियों को शिक्षित करने के साथ-साथ, अपने बेटों को सिखाएं, उनमें अच्छे संस्कार दें I पति पत्नी दोनों अगर सर्विस करते हैं, एक समय पर घर वापस आते हैं, तो घर आने के बाद चाय की जिम्मेदारी दोनों की होनी चाहिए, ना कि सिर्फ पत्नी की, आज का आयोजन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से बहुत ही अच्छा है I यहां महिलाएं भी हैं, पुरुष भी हैं, इस समय हमारी सरकार भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं, जैसे: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इत्यादि चला रही है I सेंट्रल गवर्नमेंट भी कई योजनाएं महिलाओं के लिए चला रही है I समानता के लिए समय-समय पर कई योजनाएं आती रहती हैं I भ्रूण हत्या पर भी सख्त कानून बना है, और उससे असमानता कम हुई है, और इसी तरह इस समय हमारी सरकार इस पर बहुत काम कर रही है I
उद्बोधन कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के शिक्षकों, छात्राओं व हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवको की उपस्थिति रही।
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ajkanews · 4 months
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