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#बैंगन खाने के फायदे
prinsliworld · 1 year
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Brinjal : सर्दियों की शाक-सब्जियों का राजा बैंगन, जानिए इसे खाने के फायदे
Brinjal : सर्दियों की शाक-सब्जियों का राजा बैंगन, जानिए इसे खाने के फायदे
Brinjal Health Benefits and Side भारत में प्राचीन काल से ही बैंगन (Brinjal or Baingan) लगभग सब जगह उगाया और खाया जाता रहा है. बैंगन की सब्जी या भुर्ता लगभग सब लोग खाते हैं. वैसे तो बैंगन बहुत आम सी दिखने वाली सब्जी है, लेकिन इसमें काफी गुण हैं. बैंगन का स्वाद जितना अच्छा है, उतना ही यह सेहत के लिए भी अच्छा है. बैंगन की लोकप्रियता, स्वाद और गुण सर्दियों के मौसम तक ही सीमित रहती है, इसलिए बैंगन को…
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sabkuchgyan · 3 years
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सिर्फ 15 दिन में वजन कम करेगी ये सब्जी, आज ही करे यह चीज़
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बैंगन का भरता, बैंगन की सब्जी काफी लोगों को खाना पसंद होगा। लेकिन क्या आपने कभी इसके फायदों के बारे में नहीं सोचा होगा। यह सिर्फ सब्जी ही नहीं है बल्कि आपका मोटापा कम करने में मददगार है। आईए जानते हैं बैंगन के क्या-क्या फायदे हैं। ये हैं बैंगन खाने के फायदे और तरीके बैंगन का नियमित सेवन कैंसर को दूर करने में मदद करता है। बैंगन से वजन नियंत्रित रहता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से वजन भी कम…
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gethealthy18-blog · 5 years
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बैंगन के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Brinjal(Eggplant) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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बैंगन के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Brinjal(Eggplant) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Ankit Rastogi Hyderabd040-395603080 August 30, 2019
बैंगन आप सभी के घर में बनता होगा, लेकिन घर के कुछ सदस्य ऐसे होते हैं, जिन्हें बैंगन बिल्कुल भी पसंद नहीं होते। भले ही कुछ लोगों को बैंगन स्वाद में अच्छा न लगता हो, लेकिन आपको बता दें कि बैंगन बे-गुण नहीं है। बैंगन के औषधीय गुण इतने अधिक हैं कि जिन्हें जानने के बाद आप इसे देखकर मुंह नहीं बना पाएंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको बैंगन खाने के फायदे और इससे जुड़ी इतनी रोचक जानकारियां देने वाले हैं कि इसे न पसंद करने वाले भी इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
लेख में हम बैंगन के फायदे और गुणों के बारे में तो जानेंगे ही, लेकिन उससे पहले बेहतर होगा कि इसके प्रकार के बारे में पता कर लिया जाए।
विषय सूची
बैंगन के प्रकार – Types of Brinjal (Eggplant) in Hindi
बैंगन के प्रकार की बात करें, तो मुख्य रूप से ये सात प्रकार के होते हैं। आइए, इनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।
जापानी बैंगन- बैंगन का यह प्रकार मुख्य रूप से जापान में पैदा होता है। यह आकार में लंबा और पतला होता है। इसका रंग लगभग काला होता है और यह ऊपर से दिखने में चमकदार होता है। पकाए जाने के बाद यह मुंह में घुल जाता है और खाने में यह कुछ मलाई के समान महसूस होता है।
चाइनीज बैंगन – बैंगन का यह प्रकार जापानी बैंगन के समान ही दिखता है, लेकिन यह जापानी बैंगन के मुकाबले ज्यादा लंबा, हल्का और कम मीठा होता है। इसमें बीज काफी कम होते हैं और रसदार गूदा होता है। बैंगन के इस प्रकार को खासतौर पर भूनकर खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
ग्राफिटी बैंगन– बैंगन के इस प्रकार का नाम इसके रंग-रूप के कारण ही पड़ा है। दरअसल, इसकी बाहरी सतह पर धारीदार और बिखरे हुए निशान पाए जाते हैं। इसका छिलका पतला और बीज छोटे होते हैं। सामान्य रूप से यह हर आकर में पाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसे हर प्रकार से पका कर खाया जा सकता है। इसी कारण बैंगन का यह प्रकार दुनियाभर में मशहूर है। इसे कई उपनामों से पुकारा जाता है जैसे:- पर्पल रेन (Purple Rain), पेंडोरा स्ट्राइप्ड रोज (Pandora Striped Rose), शूटिंग स्टार्स (Shooting Stars), फेयरीटेल (Fairytale) और लिस्टडा डी गांडिया (Listada De Gandia)।
बियांका बैंगन– यह बैंगन की इटालियन किस्म है। यह बड़ा और गोल आकार का होता है। इसका रंग सफेद होता है। इसका गूदा मलाईदार और स्वाद मीठा होता है। इस कारण यह भरवां और रसदार दोनों प्रकार से बनाकर खाया जा सकता है।
टैंगो बैंगन– बैंगन का यह प्रकार रंग में सफेद और आकार में अंडे के समान होता है। इसकी बाहरी त्वचा मोटी और गूदा अधिक व मलाईदार होता है। इसकी खासियत यह है कि कटाई के बाद इसका रंग सफेद से पीला होने लगता है। वहीं, समय बीतने के साथ-साथ इसका गूदा सख्त होता जाता है।
सैंटाना बैंगन- यह बैंगन की इटालियन किस्म का एक खास प्रकार है। यह साइज में बड़ा होता है, लेकिन दिखने में पानी की एक बूंद जैसा होता है। यह गहरे बैंगनी रंग का होता है। बैंगन के इस प्रकार को मुख्य रूप से भून कर पकाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। बैंगन का यह प्रकार खासतौर पर टर्किश डिश घनौश बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
थाई बैंगन– बैंगन का यह प्रकार आकार में गोल्फ बॉल के समान दिखाई देता है। इसका रंग हल्का हरा होता है। इसकी बाहरी त्वचा पर सफेद और पीली धारियां पाई जाती हैं। स्वाद में यह कड़वा होता है। वहीं, पकाने से पहले इसके बीज निकालने की जरूरत पड़ती है।
नोट– बैंगन टमाटर की तरह बेल पर उगने वाला एक फल है। पकाने के लिए इसे सब्जी की तरह ही इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन अधिकांश लोग इसे सब्जी ही मानते हैं।
बैंगन के प्रकार जानने के बाद अब हम बैंगन के गुण के बारे में बात करेंगे।
बैंगन के फायदे – Benefits of Brinjal in Hindi
बैंगन में विटामिन, फेनोलिक्स (कार्बोलिक एसिड) और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इन खास तत्वों की मौजूदगी के कारण बैंगन स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (1)।
यह तो हुई सामान्य बात, अब हम इसके सेहत, त्वचा और बालों से संबंधित फायदों को थोड़ा विस्तार से जानेंगे।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए बैंगन के फायदे – Health Benefits of Brinjal(Eggplant) in Hindi
1. डायबिटीज में लाभकारी
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डायबिटीज की समस्या में बैंगन का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है। कारण यह है कि इसमें पाए जाने वाले फेनोलिक्स (कार्बोलिक एसिड) टाइप-2 डायबिटीज की समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर फेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर हाइपरग्लाइसीमिया (हाई ब्लड शुगर) के प्रभाव को कम करने में सहायक माने जाते हैं। इस कारण यह कहा जा सकत��� है कि बैंगन खाने के फायदे में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना भी शामिल है (2)।
2. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंगन में विटामिन-ए, विटामिन-सी के साथ बी-कैरोटीन और पॉलीफेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी के कारण बैंगन में शक्तिशाली कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है। इसलिए, इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए एक उत्तम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है (3)।
3. याददाश्त बढ़ाने में सहायक
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बैंगन का उपयोग याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक साबित हो सकता है। कारण यह है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए आयरन, जिंक, फोलेट और विटामिन ए, बी व सी उपयोगी माना जाते हैं, जो बैंगन में भी उपलब्ध होते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता हैं कि बैंगन का सेवन इंसान में खुशी की भावना को जगाने का काम करता है। साथ ही यह दिमाग की कार्य क्षमता तो बढ़ाने में भी मददगार माना जाता है (4) (5)। इंसान की याददाश्त दिमागी कार्य क्षमता पर निर्भर करती है, इस कारण बैंगन के गुण याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक माने जा सकते हैं।
4. धूम्रपान छोड़ने में करता है मदद
बैंगन के गुण में एक यह भी है कि अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो यह आपकी सहायता कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में शोध इतने कम हुए हैं कि पुख्ता तौर पर कहना मुश्किल है कि यह कितना कारगर साबित हो सकता है। बता दें कि 100 ग्राम बैंगम में करीब 0.01 मिलीग्राम निकोटीन मौजूद होता है। हालांकि, सिगरेट पीने वालों के लिए निकोटिन की यह मात्रा काफी कम है, लेकिन अगर आप सिगरेट छोड़ने का मन बना चुके हैं, तो यह आपको इस काम में थोड़ी मदद तो कर ही सकता है (6)।
5. पाचन में करता है सुधार
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पाचन तंत्र को सुधारने में बैंगन खाने के फायदे काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इस संबंध में कई खाद्य पदार्थों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि स्टीम कुकिंग से बना बैंगन पाचक रसों को प्रेरित करने का काम करता है। पाचक रस भोजन को पचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग पाचन प्रक्रिया को सुधारने में सहायक साबित हो सकता है (7)।
6. वजन घटाने में मददगार
अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं और वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो बैंगन आपके बड़े काम आने वाला है। वजह यह है कि 100 ग्राम बैंगन में 92 ग्राम पानी पाया जाता है। वहीं, फैट की मात्रा काफी कम होती है (5)। इस कारण यह पेट भरने के साथ-साथ मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए कम फैट वाला एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर बैंगन पर किए गए शोध में सीधे तौर पर पाया गया है कि इसका सेवन कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के साथ-साथ वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है (8)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बैंगन के गुण वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।
7. कैंसर से करता है बचाव
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कैंसर की समस्या में भी बैंगन खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। वजह यह है कि इसमें एक खास तत्व एंथोसायनिन पाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एंथोसायनिन कैंसर कोशिकाओं के प्रभाव को कम करने का काम कर सकता है (9)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग कैंसर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है।
8. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
बैंगन कई गंभीर समस्याओं के उपचार के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है। दरअसल, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन (ए, सी, डी, ई, बी-2, बी-6, बी-12), फोलिक एसिड आयरन, सेलेनियम और जिंक अहम भूमिका निभाते हैं (10)। वहीं, बैंगन में विटामिन ए, सी, ई, बी-2, बी-6 के साथ-साथ आयरन और जिंक मौजूद होते हैं (5), जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। इस कारण बैंगन का उपयोग शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करने में सहायक माना जा सकता है।
9. एनीमिया से करता है बचाव
एनीमिया की समस्या मुख्य रूप से आयरन और फोलेट के साथ-साथ विटामिन बी-12 की कमी के कारण भी हो सकती है (11)। वहीं, बैंगन में फोलेट और आयरन दोनों पाए जाते हैं (5)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि बैंगन के औषधीय गुण एनीमिया के जोखिमों को कम करने में भी सहायक साबित हो सकते हैं।
10. कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है
बैंगन का उपयोग वजन घटाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल को घटाने में भी फायदेमंद हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक शोध में पाया गया है कि बैंगन का जूस कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने का काम कर सकता है (8)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बैंगन कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है।
11. तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है
बैंगन के औषधीय गुण में तुरंत ऊर्जा प्रदान करना भी शामिल है। दरअसल, यह कम वसा वाला ऊर्जा का स्रोत है (5)। इस कारण इसके सेवन से ऊर्जा हासिल की जा सकती है और वसा न होने के कारण यह हमारी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है।
12. हड्डियों को करता है मजबूत
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माना जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस समस्या के हल के लिए फल और सब्जियों को लेकर एक शोध किया गया। इस शोध में पाया गया कि बैंगन सीधे तौर पर ‘बोन मिनरल डेंसिटी’ (हड्डियों की मजबूती) को बढ़ाने में सहायक माना जाता है (12)। इसलिए, बैंगन का उपयोग हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में भी लाभकारी माना जा सकता है।
13. अनिद्रा की समस्या को करे दूर
विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंगन में ऐसेटाइलकोलिन और डोपामाइन नाम के डाइटरी न्यूरोट्रांसमीटर (रसायन जो मानसिक संदेशों के संचार में सहायक होते हैं) पाए जाते हैं। यह दिमागी विकास के साथ चिंता और अनिद्रा की समस्या को हल करने में सहायक माने जाते हैं (13)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि बैंगन के औषधीय गुण अनिद्रा की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी फायदों को जानने के बाद हम अब बैंगन के त्वचा संबंधी फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
त्वचा के लिए बैंगन के फायदे – Skin Benefits of Brinjal in Hindi
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1. बेदाग और चमकदार त्वचा के लिए
बैंगन में विटामिन-सी, विटामिन-ई और विटामिन-ए के साथ-साथ फैटी एसिड भी पाए जाते हैं (5), जिन्हें त्वचा संबंधी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इन तत्वों की मौजूदगी त्वचा से दाग धब्बों, झाइयों और मुंहासे जैसी समस्या को दूर करने के साथ स्किन को अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी बचाती है (14)। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग त्वचा को बेदाग और चमकदार बनाने में सहायक साबित हो सकता है। इसके बेहतर फायदे पाने के लिए आप इसके सेवन के साथ इसका फेसपैक बनाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
2. त्वचा को बनाए मुलायम और कोमल
पानी की कमी के कारण त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। इस कारण उसकी प्राकृतिक कोमलता खो जाती है (15)। वहीं बैंगन में 92 प्रतिशत तक पानी मौजूद होता है (5)। इस कारण यह त्वचा की नमी को संतुलित कर उसे कोमल और मुलायम बनाए रखने में मदद कर सकता है।
नीचे जानिए त्वचा को मुलायम और बेदाग बनाने के लिए कैसे करें बैंगन का इस्तेमाल।
सामग्री :
आधा कप कटा हुआ बैंगन
एक चम्मच एलोवेरा जेल
एक चम्मच प्राकृतिक शहद
इस्तेमाल का तरीका :
सबसे पहले बैंगन के टुकड़ों को अच्छे से मैश कर लें।
अब इसमें एक चम्मच एलोवेरा जेल और शहद डालकर अच्छे से मिलाएं।
अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
समय पूरा होने पर गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
3. बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोके
जैसे कि आपको लेख में बताया जा चुका है कि बैंगन में विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन ए के साथ फैटी एसिड भी पाए जाते हैं (5)। ये सभी तत्व मिश्रित रूप से एंटी-एजिंग प्रभाव के साथ त्वचा को स्वस्थ और कोमल बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। साथ ही इन तत्वों की मौजूदगी त्वचा से दाग-धब्बों और झाइयों जैसी समस्या को दूर करने के साथ अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी बचाती है (14)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि बैंगन का उपयोग बढ़ती उम्र के प्रभाव को दूर करने में सहायक साबित होता है।
सामग्री :
एक बैंगन का जूस
विच हेजल की कुछ बूंदें
इस्तेमाल का तरीका :
सामग्रियों को एक साथ मिलाएं और एक साफ बोतल में रख लें।
फिर इसे ताजा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर में स्टोर कर लें।
मेकअप से पहले इस मिश्रण को टोनर की तरह इस्तेमाल करें।
त्वचा संबंधी फायदे जानने के बाद बात आती है बालों के लिए बैंगन के लाभ जानने की।
बालों के लिए बैंगन के फायदे – Hair Benefits of Brinjal in Hindi
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1. लंबे और मजबूत बालों के लिए
लंबे और मजबूत बालों के लिए बैंगन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सेवन करने से बालों के स्वास्थ्य को फायदा होता ही है। वहीं, इसका हेयर मास्क बनाकर उपयोग करना भी काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। दरअसल, बैंगन में विटामिन ए, ई, फोलेट और नियासिन के साथ आयरन और जिंक मौजूद होता है (5)। ये सभी तत्व झड़ते बालों की समस्या को खत्म करने में सहायक माने जाते हैं। साथ ही बालों के विकास में भी मददगार साबित होते हैं (16)।
2. स्कैल्प स्वास्थ्य के लिए बैंगन
विटामिन ए और ई के साथ जिंक में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाए जाते हैं, जो बालों के झड़ने की समस्या को रोकने के साथ स्कैल्प के स्वास्थ्य को भी बरकरार रखने की क्षमता रखते हैं (16)। विटामिन ए और ई के साथ जिंक भी बैंगन में मौजूद होता है (5), इस कारण यह माना जा सकता है कि इसका उपयोग स्कैल्प स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सामग्री :
एक कप कटा हुआ बैंगन
एक खीरा कटा हुआ
आधा एवाकाडो
1/3 कप खट्टी क्रीम
इस्तेमाल का तरीका :
पहले बैंगन और खीरे के टुकड़ों को ब्लेंडर में डालें।
अब इसमें एवाकाडो और खट्टी क्रीम डालें।
इसके बाद सभी को ब्लेंडर की मदद से अच्छे से मिक्स कर लें।
अब तैयार पेस्ट को अपने बालों पर लगाकर 30 से 40 मिनट के लिए छोड़ दें।
समय पूरा होने पर शैम्पू से बाल धो डालें।
3. बालों के टेक्सचर को ठीक करता है
विशेषज्ञों के मुताबिक, जिंक की कमी बालों के टेक्सचर में आने वाली समस्या का मुख्य कारण मानी जाती है (16)। वहीं, बैंगन में मौजूद पोषक तत्वों में जिंक भी शामिल है (5)। इसलिए, यह बालों के टेक्सचर को ठीक करने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
कैसे इस्तेमाल करें :
बालों के टेक्सचर को ठीक करने के लिए आप बैंगन के जूस को उन्हें धोने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। इससे आपके बालों में काफी सुधार नजर आएगा। आप बैंगन का जूस इस तरह से बना सकते हैं :
बैंगन के टुकड़े करके मिक्सर में डाल दें।
फिर उसमें एक गिलास पानी डालें और अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें।
तैयार हुए जूस को बालों को धोने के लिए इस्तेमाल में लाएं।
लेख के आगे के भाग में हम बैंगन के पौष्टिक तत्वों से संबंधित जानकारी हासिल करेंगे।
बैंगन के पौष्टिक तत्व – Brinjal Nutritional Value in Hindi
बैंगन के पोषक तत्वों के बारे में जानने के लिए आप नीचे दिए गए आहार चार्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं (5)।
पोषक तत्व यूनिट मात्राप्रति 100 ग्राम पानी g 92.30 एनर्जी Kcal 25 प्रोटीन g 0.98 टोटल लिपिड (फैट) g 0.18 कार्बोहाइड्रेट g 5.88 फाइबर (टोटल डाइटरी) g 3.0 शुगर g 3.53 मिनरल्स कैल्शियम mg 9 आयरन mg 0.23 मैग्नीशियम mg 14 फास्फोरस mg 24 पोटैशियम mg 229 सोडियम mg 2 जिंक mg 0.16 विटामिन्स विटामिन सी mg 2.2 थायमिन mg 0.039 राइबोफ्लेविन mg 0.037 नियासिन mg 0.649 विटामिन बी-6 mg 0.084 फोलेट (डीएफई) µg 22 विटामिन ए (आरएई) µg 1 विटामिन ए (आईयू) IU 23 विटामिन ई mg 0.30 विटामिन के µg 3.5 लिपिड फैटी एसिड (सैचुरेटेड) g 0.034 फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड) g 0.016 फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) g 0.076
अब बारी है बैंगन के उपयोग संबंधी जानकारी हासिल करने की।
बैंगन का उपयोग – How to Use Brinjal in Hindi
खाने के लिए बैंगन के उपयोग की बात करें, तो इसके इस्तेमाल ��ो निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है :
कैसे खाएं :
आप इसे रसेदार या सूखी सब्जी बनाकर इस्तेमाल में ला सकते हैं।
वहीं, इसे ग्रील करके भी खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
आप चाहें तो इसका भरता बनाकर भी इसे उपयोग कर सकते हैं।
कब खाएं :
इसकी सूखी सब्जी दोपहर में लंच के तौर पर पराठे या रोटी के साथ उपयोग की जा सकती है।
वहीं, रात को खाने के वक्त इसकी रसेदार सब्जी का प्रयोग रोटी या चावल के साथ किया जा सकता है।
मात्रा– बता दें एक दिन में आधा कप बैंगन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपयोग के तरीके जानने के बाद अब हम आपको बैंगन के नुकसान से संबंधित जानकारी देंगे।
बैंगन के नुकसान – Side Effects of Brinjal(Eggplant) in Hindi
आइए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से बैंगन के नुकसान के बारे में जानकारी हासिल करते हैं :
कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। ऐसा होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और इसका सेवन तुरंत बंद कर दें (17)।
हालांकि, यह पाचन क्रिया में सुधार के लिए जाना जाता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन पेट में जलन की समस्या पैदा कर सकता है। यह पाचक रस की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जिस कारण पेट में जलन होती है (6)।
लो बल्ड प्रेशर की समस्या में इसका नियमित उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें। वजह यह है कि बैंगन ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है (3)।
यह ब्लड शुगर को कम करने में सहायक मान जाता है, इसलिए लो बल्ड शुगर के रोगी को इसके नियमित से सेवन से बचना चाहिए (2)।
अब तो आप अच्छे से जान चुके होंगे कि बैंगन क्या है और इसका उपयोग आपके लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, लेख में सेहत, त्वचा और बाल संबंधी बैंगन के सभी फायदों को भी बताया जा चुका है। साथ ही हमने आपको बैंगन कब नहीं खाना चाहिए और इसकी नियमित मात्रा क्या है, इस बारे में भी पूरी जानकारी दे दी है। ऐसे में अगर आप भी इसके चमत्कारिक गुणों को जानकर हैरान हैं और इसे अपनी डाइट में शामिल करने का मन बना रहे है, तो पहले एक बार लेख को अच्छे से पढ़ लें। उम्मीद है कि आपकी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में यह लेख आपकी मदद करेगा। इस संबंध में अगर आपके पास कोई नई जानकारी या सुझाव हो, तो आप हमारे साथ नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
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Ankit Rastogi
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सिद्ध आयुर्वेदिक हार्ट ब्लॉकइज है तो कायाकल्प चुर्ण है कारगर रोजाना 50 ग्राम अर्जुन छाल का काढ़ा बनाएं । ★कैसे बनाएं काढ़ा★ 1 लीटर पानी मे 50 ग्राम अर्जुन छाल डाल कर तब तक पकाएं, जब तक 500 ग्राम न रह जाए। रोजाना ऐसा काढ़ा बनाना है। 500 ग्राम काढ़े की 3 खुराक बनाकर एक एक चम्मच कायाकल्प चुर्ण दिन में 3 बार ले। सुबह -दुहपर-शाम को 3 बार ले। 50 दिन बाद टेस्ट कराए आप को 70 %फायदा होगा। पूरे 100 दिन प्रयोग करे। जाने क्या है सदैव युवा रखने वाला, शरीर का पूरा कायाकल्प करने वाला सदाबहार चूर्ण ★★★ कायाकल्प चुर्ण वात पित्त कफ़ को संतुलित करता है। *ह्रदय की हर कमजोरी और रोग को ठीक करता है।* क्या है कायाकल्प चूर्ण (What is Kayakalpa churan) कायाकल्प चुर्ण आयुर्वेद की एक पुरानी तकनीक है जिसका प्रयोग दक्षिण भारत के संतो द्वारा जीवन में शक्तियों को बढ़ाने के लिए किया जाता था। कायाकल्प चुर्ण के तीन मुख्य लक्ष्य (Three main Objective of Kayakalpa churan) कायाकल्प चुर्ण के वैसे तो कई फायदे हैं लेकिन इसके तीन मुख्य लक्ष्य हैं- *नशों की कमजोरी को दूर करता ���ै। • व्यक्ति की सुंदरता एंव स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबे समय तक उन्हें जवानी को बरकरार बनाए रखना। • नेचुरल एजिंग प्रोसेस को धीमा करना • आयु बढ़ाना • शरीर में कहीं भी गाँठ हो तो यह 15 से 50 दिन 90% लाभ होगा। ●● क्या है काया कल्प चूर्ण में आए जाने -::: *त्रिफला -250 ग्रा *इंद्राण से बनी हुई अजमायन-200 ग्राम *गिलोय चूर्ण-100 ग्राम बेल 200 ग्राम *अर्जुन छाल चूर्ण -100 ग्राम * ब्रह्मा बूटी चूर्ण- 100 ग्राम *शंखपुष्पी चूर्ण-100 ग्राम *कलौंजी -100 ग्राम *आवला चूर्ण-100 ग्राम *नसांदर -100 ग्राम *अपामर्ग -50 ग्राम * जटामांसी -50 ग्राम * सत्यनाशी -50 ग्राम * काला नमक -50 ग्राम *सेंधानमक -50 ग्राम *ऐलोवैरा रस -500 ग्राम सभी चूर्ण को एलोवेरा रस में मिलाकर सांय मे सुखाय । जब सुख जाए तब आप का काया कल्प चूर्ण बनकर तैयार हो गया है । सेवन विधि - अगर आप बिमार ★★ हार्ट ब्लॉकइज के बारे जाने हार्ट ब्लॉकेज होने पर व्यक्ति की धड़कने अर्थात Pulses सुचारु तरीके से काम करना बंद कर देती है । इस प्रकार हार्ट ब्लॉकेज पर व्यक्ति की धड़कने रुक रुक कर चलती है| धड़कनो के रुक रूककर चलने को ही हार्ट ब्लॉकेज कहते है। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या कुछ लोगो में जन्मजात होती है, लेकिन कुछ लोगो में हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्म के बाद बड़े होने पर विकसित हो जाती है। जन्मजात हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को कोनगेनिटल हार्ट ब्लॉकेज कहते है। और बड़े होने के होने वाली हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज कहते है। बड़े होने के बाद हार्ट ब्लॉकेज की समस्या खाने पीने की गलत आदतों और खराब जीवन शैली के चलते बढ़ती जा रही है। ★★ हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण (Heart Blockage Symptoms in Hindi) हार्ट ब्लॉकेज की तीन डिग्री होती है और इन डिग्री के आधार पैर ही हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान की जाती है। हार्ट ब्लॉकेज की पहली डिग्री में किसी प्रकार का कोई लक्षण नजर नहीं आता। हार्ट ब्लॉकेज की दूसरी डिग्री में दिल की धड़कने सामान्य से थोड़ी कम हो जाती है। हार्ट ब्लॉकेज की तीसरी डिग्री में दिल की धड़कने रुक रूककर धड़कना शुरू कर देती है। हार्ट ब्लॉकेज के अन्य लक्षण निम्न है – बार बार चक्कर आना बार बार सिरदर्द होना छाती में दर्द होना सांस फूलना थकान अधिक होना बेहोश होना ★★ हार्ट ब्लॉकइज में परहेज तेल में बने खाद्य पदार्थ कोल्ड ड्रिंक डेयरी उत्पाद धूम्रपान मक्खन शराब घी ★★★ ★साथ साथ घरेलू नुस्खे जरूर★ ★खाने में या सलाद में अलसी के बीजों का इस्तेमाल करें। ★खाने में सामान्य चावल की जगह लाल यीस्ट चावल का इस्तेमाल करें। ◆प्रतिदिन सुबह में 3 से 4 किलोमीटर की सैर करें। ★सुबह को लहसुन की एक कली लेने से कोलेस्‍ट्राल कम होता है। ★खाने में बैंगन का प्रयोग करने से कोलेस्‍ट्राल की मात्रा में कमी आती है। ★प्याज अथवा प्याज के रस का सेवन करने से हृदय गति नियंत्रित होती है। ★हृदय रोगी को हरी साग-सब्‍जी जैसे लौकी, पालक, बथुआ और मेथी जैसी कम कैलोरी वाली सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। ★घी, मक्खन, मलाईदार दूध और तली हुई चीजों के सेवन से परहेज करें। ★अदरक अथवा अदरक का रस भी खून का थक्का बनने से रोकने में सहायक होता है। ★शराब के सेवन और धूम्रपान से बचना चाहिए। ★एक कप दूध में लहसुन की तीन से चार कली डालकर उबालें। इस दूध को रोज पीएं। ★एक गिलास दूध में हल्दी डालकर उबालें और गुनगुना रहने पर शहद डालकर पीएं। ★एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस, काली मिर्च और शहद डालकर पीएं। ★दो से तीन कप अदरक की चाय रोजाना पीएं। इसके लिए पानी में अदरक डालकर उबालें और शहद मिलाकर पीएं। ★मेथी दाने को रात भर पानी में भिगाकर, सुबह मेथी चबाकर खायें और बचा हुआ पानी पी जाएं। *ऑनलाइन मंगवाए* पूरी जानकारी के लिए संपर्क करे स्वामी वीत दास Whats 94178 62263 Call 78890 53063 https://ayurvedasidh.blogspot.com/2018/07/blog-post_12.html
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bisaria · 6 years
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सनस्‍क्रीन, धूप में बाहर निकलने, हैट पहनने और सनग्‍लास लगाकर आंखों और त्‍वचा को धूप के हानिकारक प्रभाव से बचाया जा सकता है। लेकिन इसके अलावा सही आहार लेकर भी आप यूवी किरणों से बच सकते हैं। खाने और पोषण से त्‍वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से लड़ने में मदद मिलती है इसलिए आपको ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जो सूर्य से त्‍वचा की रक्षा करे और हमारे शरीर को फायदा पहुंचाए।
धूप में बाहर निकलने से शरीर को विटामिन डी मिलता है जोकि मेटाबोलिक क्रिया और नाखूनों एवं हड्डी के लिए बहुत जरूरी होता है। हालांकि, धूप में बिना किसी सुरक्षा के निकलने की वजह से त्‍वचा का कैंसर, एजिंग और कई तरह के त्‍वचा विकारों का खतरा रहता है।
सनस्‍क्रीन के साथ-साथ अपने आहार में कुछ ऐसी चीज़ों को भी शामिल करें जो आपको धूप और सूर्य की हानिकारक किरणों से बचा सके। तो चलिए जानते हैं उन चीज़ों के बारे में जो आपकी त्‍वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचा सकती हैं।
बीटा कैरोटीन फूड
नारंगी और पीले रंग की सब्जियां और फल इस कैटिगरी में आते हैं। इनमें बीटा कैरोटीन और एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिंस प्रचुर मात्रा में होते हैं जोकि आंखों और त्‍वचा को सूर्य से बचाते हैं। बीटा कैरोटीन युक्‍त फूड जैसे आम, खरबूजा और शकरकंद आदि से सूर्य की किरणों से सुरक्षा पाई जा सकती है। अपनी पसंदीदा प्रोटीन और वैजीज़ में खरबूजे और आम के कुछ स्‍लाइस डालकर खा सकते हैं।
टमाटर
टमाटर में लाइकोपीन और फ्लेवेनॉल्‍स प्रचुर मात्रा में होते हैं और इस वजह से टमाटर सूर्य से सुरक्षा प्रदान करता है। बैंगन, ब्‍लैक बींस और टमाटर फ्लेवेनॉल्‍स से युक्‍त होते हैं जोकि सूर्य से त्‍वचा को बचाने में मदद करते हैं। आप टमाटर का रस या इसे सैंडविच या सलाद में लगाकर अपनी त्‍वचा को सुरक्षित और खूबसूरत रख सकते हैं।
ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल में कई तरह के हैल्‍दी फैट होते हैं जो त्‍वचा को क्षतिग्रस्‍त होने और जलन से बचाते हैं। इसमें हैल्‍दी ओमेगा 3 भी होता है और विटामिन ई से युक्‍त ऑलिव ऑयल त्‍वचा को सुरक्षित रखता है। ऑलिव ऑयल में साबुत अनाज और व्‍हीट ब्रेड को डिप करके खाएं। होलव्‍हीट में विटामिन ई की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है। होलव्‍हीट और ऑलिव ऑयल में 100 प्रतिशत विटामिन ई होता है जिसका संबंध सूर्य से त्‍वचा की रक्षा से होता है। आप ताजी ऑलिव भी खा सकते हैं, इससे भी एक समान ही लाभ मिलता है।
सोया
सोया उत्‍पादों जैसे टोफू, एदामेम, सोया मिल्‍क और टेंपेह आदि में आइसोफ्लेवोंस होते हैं जोकि त्‍वचा में कोलाजन के उत्‍पादन को बढ़ाते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं और त्‍वचा कैंसर से बचने में मदद करते हैं। सोया से प्रचुर उत्‍पादों को खाने पर कैंसर और अन्‍य रोगों का खतरा कम हो जाता है जोकि त्‍वचा कैंसर से बचाने और कोशिकाओं को स्‍वस्‍थ रखने में फायदेमंद रहता है।
चॉकलेट
डार्क चॉकलेट ना केवल त्‍वचा को सूर्य की किरणों से बचाती है बल्कि ये एंटीऑक्‍सीडेंट्स से युक्‍त होती है जो दिमाग की शक्‍ति को बढ़ाकर तनाव को कम करने में मदद करती है। चॉकलेट में फ्लेवेनॉएड्स जैसे एपिकाटेचिन, कैटेचिन, प्रोसियांदिंस होते हैं। ये फ्लेवेनॉएड्स एंटीऑक्‍सीडेंट की तरह काम करते हैं और सूर्य से त्‍वचा की रक्षा करने में मददगार साबित होते हैं।
हरी सब्जियां
हरी सब्जियां जैसे पालक, केल और स्विस चार्ड में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो सूर्य से रक्षा करते हैं। सब्‍जी का रंग जितना ज्‍यादा गहरा हरा होगा उसका फायदा आपको उतना ही ज्‍यादा मिलेगा क्‍योंकि इनमें फ्री रेडिकल एंटीऑक्‍सीडेंट उतने ही ज्‍यादा होंगें। गर्मी के मौसम में आप हरी सब्जियों का सलाद बनाकर उस पर नीबू निचोड़कर कर और ऑलिव ऑयल की ड्रेसिंग कर अपनी त्‍वचा को खूबसूरत और चमकदार बना सकते हैं। साथ ही इससे सूर्य की हानिकारक किरणों से बचने में भी मदद मिलती है।
उच्‍च विटामिन सी युक्‍त आहार
स्‍टडी में खुलासा हुआ है कि विटामिन सी शरीर में बनने वाली कैंसर कोशिकाओं को रोकता है और त्‍वचा में कोलाजन के उत्‍पादन को बढ़ाता है। इससे एजिंग के लक्षण भी कम हो जाते हैं। स्‍ट्रॉबेरी, संतरा और कीवी में विटामिन सी सबसे ज्‍यादा होता है। एक आउंस कीवी में किसी भी अन्‍य फल के मुकाबले सबसे ज्‍यादा विटामिन सी होता है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी और ब्‍लैक टी में उच्‍च मात्रा में पॉलीफेनॉल्‍स होते हैं जो यूवी रेडिएशन से त्‍वचा की रक्षा करते हैं। एक कप ग्रीन टी या सिट्रस और फलों के साथ आईस टी पीने से कैंसर से लड़ने में मददगार एंटीऑक्‍सीडेंट्स पाए जा सकते हैं और ये त्‍वचा को एजिंग से भी बचाते हैं और उसे स्‍वस्‍थ और खूबसूरत बनाए रखने में मदद करते हैं। रोजाना दो या इससे ज्‍यादा कप ग्रीन टी पीने से त्‍वचा कैंसर का खतरा 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
ब्रोकली
ब्रोकली और इसके जैसी अन्‍य सब्जियों जैसे बंदगोभी, ब्रूसेल्‍स स्‍प्राउट्स, फूलगोभी और गोक चोय आदि में सल्‍फोरोफेन मौजूद होता है और ये बात सामने आई है कि ये सभी चीज़ें कैंसर से बचाने में मददगार साबित होती हैं और त्‍वचा की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल बनाती हैं और सूर्य से होने वाली क्षति से सुरक्षा प्रदान करती हैं। नाश्‍ते में मछली या ऑमलेट के साथ ब्रोकली खा सकते हैं।
ओमेगा 3 युक्‍त आहार
त्‍वचा को ओमेगा 3 फैटी एसिड के बहुत फायदे होते हैं। ये त्‍वचा में कसाव लाने के साथ-साथ उसे चमकदार और एक्‍ने मुक्‍त बनाता है। साथ ही ये सूर्य से भी त्‍वचा की रक्षा करता है। स्‍टडी में सामने आया है कि ओमेगा 3 का सेवन करने से खासतौर पर फिश ऑयल सप्‍लीमेंट के रूप में इसे लेने से त्‍वचा कैंसर का खतरा कम होता है और त्‍वचा सूर्य से सुरक्षित रहती है। साल्‍मन, अखरोट, हेंप, फ्लैक्‍स और चिया के बीजों में ओमेगा 3 प्रचुर मात्रा में होता है।
लाल सेब
रोज़ एक सेब खाने से त्‍वचा को स्‍वस्‍थ और सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाकर रखा जा सकता है। हालांकि, आपको सेब छिलके के साथ खाना होगा। रिसर्च में सामने आया है कि सेब में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो त्‍वचा में कैंसर कोशिकाओं को ब्‍लॉक कर देते हैं और इस बीमारी को बढ़ने से रोकते हैं। लाल साबुत सेब खा सकते हैं या फिर इसे स्‍मूदी भी में भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।
तरबूज
गर्मी में तरबूज ना केवल शरीर में पानी की कमी को दूर करता है बल्कि ये विटामिन सी और ए से भी युक्‍त होता है और इसमें लाइकोपिन भी होता है। तरबूज का सेवन करने से यूवी रेडिएशन से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। एक कप तरबूज खाने से आपको प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और विटामिन ए मिलता है। इसके अलावा तरबूज में लाइकोपिन नामक एंटीऑक्‍सीडेंट भी होता है जोकि कोशिकाओं को क्षतिग्रस्‍त होने से बचाता है।
बादाम
नट्स और बीजों जैसे बादाम, सूरजमुखी के बीज और पिस्‍ता आदि में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है जोकि सूर्य की किरणों से कोशिकाओं को बचाता है और त्‍वचा को मुलायम, साफ बनाता है और दाग-धब्‍बों से दूर रखता है। बादाम में हैल्‍दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी पाया जाता है जोकि त्‍वचा में जलन नहीं होने देता और त्‍वचा पर पड़ने वाली बारीक रेखाओं और झुर्रियों को दूर करता है। मुट्ठीभर बादाम खाने से एजिंग की प्रक्रिया को काफी हद तक धीमा किया जा सकता है।
ऐसा नहीं है कि आप इन चीज़ों को अपने आहार में शामिल करने के बाद बाहर धूप में निकलने से पहले सनस्‍क्रीन ना लगाएं। इन खाद्य पदार्थों से त्‍वचा सुंदर दिखती है और कोशिकाएं स्‍वस्‍थ और मजबूत रहती हैं। त्‍वचा को सूर्य से होने वाली क्षति को कम कर त्‍वचा कैंसर से भी बचा जा सकता है।
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sabkuchgyan · 4 years
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आखिर लड़कियां क्यों पसंद करती हैं बैंगन? बड़ा खुलासा आप भी जानें
आखिर लड़कियां क्यों पसंद करती हैं बैंगन? बड़ा खुलासा आप भी जानें #health #food #girls #good #lifestyle
डॉक्टर्स ने किया बड़ा खुलासा: आखिर लड़कियां क्यों पसंद करती हैं बैंगन, जानिए पूरा सच आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपनी सेहत का विशेष ध्यान नही रखते और
गलत खान पान के कारण तथा अनियमित जीवनशैली के चलते बहुत सारी छोटी- छोटी बीमारियों की चपेट में आ जाते है।
सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-
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gethealthy18-blog · 5 years
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वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट – Weight Gain Diet Chart in Hindi
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वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट – Weight Gain Diet Chart in Hindi
Anuj Joshi April 18, 2019
स्वस्थ व आकर्षक दिखने के लिए न तो अधिक वजन ठीक है और न ही कम। जिन लोगों का वजन उनकी आयु व कद के अनुसार संतुलित होता है, वो स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं। इसलिए, जितना जरूरी मोटापा कम करना है, उतना ही महत्व वजन बढ़ाने का भी है। अक्सर लोग मोटापा कम करने की सलाह तो देते हैं, लेकिन कम वजन को बढ़ाने की बात कोई नहीं करता। कम वजन के लोग न सिर्फ कमजोर दिखते हैं, बल्कि उनका व्यक्तित्व भी आकर्षक नजर नहीं आता।
स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम इसी बारे में बात करेंगे। हम दुबले-पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाने का डाइट चार्ट लेकर आए हैं, जिसे फॉलो करने से उन्हें अपना वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हम कुछ अन्य टिप्स भी देंगे।
पहले बात वजन बढ़ाने वाले डाइट चार्ट की, जो दुबले लोगों के लिए बेहद काम का है।
विषय सूची
वजन बढ़ाने के लिए वेट गेन डाइट चार्ट – Diet Chart for Weight Gain in Hindi
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भोजन समय क्या खाएं (शाकाहारी/मांसाहारी) नाश्ते से पहले
7am-8am
चीनी के साथ फुल फैट वाले दूध की चाय
नाश्ता
8am-9am
कम फैट वाले मक्खन के साथ मल्टीग्रेन ब्रेड के दो पीस और ऑम्लेट खाएं।
इसकी जगह आप एक बाउल ऑटमील, कॉर्न फ्लैक्स या फिर दलिया खा सकते हैं।
आप विभिन्न सब्जियां डालकर पोहा, उपमा व खिचड़ी भी खा सकते हैं।
सब्जी के साथ दो चपाती या फिर दो पराठे खाना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
आप ऊपर बताए गए विभिन्न विकल्पों में किसी एक को चुनकर उसके साथ फल या फिर उनका जूस जरूर पिएं।
ब्रंच
10am-11am
एक गिलास फुल फैट वाले दूध का सेवन करें या फिर प्रोटीन शेक ले सकते हैं।
दोपहर का खाना
12:30pm-1:30pm
एक कटोरी सब्जी व दाल के साथ दो चपाती और एक बाउल चावल
नॉनवेज खाने वाले चपाती व चावल के साथ चिकन के दो पीस/एक मछली/अंडा/पनीर ले सकते हैं।
दोपहर को खाने के साथ खीरा, गाजर, ककड़ी व बंदगोभी की सलाद जरूर लें।
साथ ही एक कटोरी दही भी ले सकते हैं।
शाम का नाश्ता
5:30pm-6:30pm
मक्खन के साथ वेज/नॉनवेज सूप
पनीर या मेयोनिज वाला सैंडविच भी खा सकते हैं।
रात का खाना
8:30pm-9:30pm
जो डाइट आपने दोपहर के खाने में ली, उसी तरह से आप रात को भी खा सकते हैं, लेकिन रात को चावल न खाएं।
सोने से पहले
10:30pm-11pm
एक गिलास दूध पिएं।
वजन बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट के बाद हम कुछ अन्य टिप्�� दे रहे हैं।
वजन बढ़ाने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Weight Gain in Hindi
1. कैलोरी
शरीर का वजन काफी हद तक कैलोरी पर निर्भर करता है। जहां वजन कम करने के लिए कम कैलोरी की जरूरत होती है, वहीं वजन बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में कैलोरी लेनी चाहिए। अगर आप कम वजन से परेशान हैं, तो नियमित रूप से 250 कैलोरी ले सकते हैं।
क्या करें :
आप अपनी डाइट में ब्रोकली, बंदगोभी, गाजर, पालक, कद्दू व बैंगन को शामिल करें।
रेड मीट को भी भोजन में शामिल करने से फायदा हो सकता है। ध्यान रहे कि इसे जरूरत से ज्यादा न खाएं, वरना आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है।
आप जो भी सलाद खाएं उस पर थोड़ा-सा जैतून का तेल जरूर डालें।
प्रतिदिन डेयरी उत्पादों का सेवन करने से भी आपको पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिल सकती है। आप हमेशा वसा युक्त दूध व दही का सेवन करें।
कैसे है फायदेमंद :
कैलोरी का मतलब ऊर्जा से होता है। जब आप कैलोरी युक्त भोजन का सेवन करते हैं, तो शरीर पहले से ज्यादा सक्रिया हो जाता है तंत्रिका तंत्र भी मजबूत होता है (1)।
नोट : भोजन में कैलोरी बढ़ाने के नाम पर फास्ट फूड न खाएं। इससे फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है।
2. भोजन की मात्रा बढ़ाएं
अगर आप संतुलित मात्रा में अपनी खुराक बढ़ाते हैं, तो अपना वजन बढ़ा सकते हैं। आप दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तीन की जगह छह बार भोजन करें और हर बार कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। एक बार में ही अधिक खाने से आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है और वजन बढ़ने की जगह आप अन्य बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाने से भोजन हजम भी होगा और उसका असर शरीर पर नजर भी आएगा।
क्या करें :
आप नाश्ते में एक बाउल फल और बटर लगे ब्रेड खा सकते हैं। अगर आपको सामान्य बटर पसंद नहीं, तो आप उसकी जगह पीनट बटर या फिर पनीर ले सकते हैं।
स्नैक्स में सूखे मेवे, उबली सब्जियां या फिर पनीर सैंडविच खा सकते हैं।
अगर आपको इनके अलावा कुछ और भी पसंद है, तो उसका सेवन भी कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे है कि वह हेल्दी होना चाहिए।
कैसे है फायदेमंद :
थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इससे आप हर समय एक्टिव रहते हैं और अपना काम पूरी क्षमता के साथ कर सकते हैं (2)।
3. अधिक प्रोटीन
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वजन बढ़ाने के लिए कैलोरी के साथ-साथ प्रोटीन की भी जरूरत होती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा, मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, क्योंकि कमजोर मांसपेशियां अधिक वजन को सहने में सक्षम नहीं होती हैं।
क्या करें :
अंडे, मछली, चिकन, दाल, स्प्राउट्स व डेयरी उत्पादों को प्रोटीन का प्रमुख स्रोत माना गया है।
टूना व मैकेरल जैसी मछलियों में अत्यधिक तेल पाया जाता है और इसके सेवन से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।
कैसे है फायदेमंद :
प्रोटीन में एमिनो एसिड पाया जाता है, जिससे ��ांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसलिए, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ मांसपेशियों व वजन बढ़ाने के लिए जरूरी है (3) (4)।
4. स्वस्थ वसा
अगर आप यह सोच रहे हैं कि वजन बढ़ाने के लिए वसा की क्या जरूरत है, तो आप गलत हैं। शरीर के लिए सीमित मात्रा में वसा का सेवन करना भी जरूरी है। मांसपेशियों के विकास और टेस्टोस्टेरॉन जैसे हार्मोंस के लिए स्वस्थ वसा की जरूरत होती है। यह मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे शरीर को खराब वसा को बाहर निकालने और अच्छे वसा को बनाए रखने में मदद मिलती है। पोलीअनसैचुरेट और मोनोअनसैचुरेट फैट को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इस तरह का फैट आपको मेवों, हरी पत्तेदार सब्जियों, अलसी के तेल, एवोकाडो तेल व अन्य बीजों के तेल से मिल सकता है। साथ ही आपको बता दें कि अच्छी सेहत के लिए ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड की भी जरूरत होती है। इस लिहाज से अगर आप वजन बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं, तो अच्छे वसा की अनदेखी न करें (5)।
5. वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स
कुछ लोग जरूरत से ज्यादा कमजोर होते हैं। ऐसे लोगों को पौष्टिक खाद्य पदार्थों व नियमित व्यायाम करने के साथ-साथ वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स लेने भी जरूरी होते हैं। ये सप्लीमेंट्स आप अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लें। डॉक्टर ही आपको बेहतर बता सकते हैं कि आपके स्वास्थ्य के अनुसार किस तरह के सप्लीमेंट्स फायदेमंद रहेंगे।
क्या करें :
बाजार में कई तरह के प्रोटीन शेक व सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं। आप इनका सेवन दूध या फिर स्मूदी में डालकर कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद :
अपनी दिनचर्या में सप्लीमेंट्स को शामिल करने से बॉडी मास इंडेक्स में वृद्धि होती है। साथ ही मांसपेशियों का विकास भी होता है (6)।
6. क्या खाएं
फुल वसा युक्त दूध
बीन्स, दाल व प्रोटीन युक्त अन्य पदार्थ
फल व सब्जियां
स्वस्थ फैट व ऑयल
अनाज
अच्छा व हेल्दी मीठा
7. योग
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कई समस्याओं का एकमात्र इलाज योग है। योग वजन कम करने के साथ-साथ वजन बढ़ाने में भी मददगार है। अगर आप वेट गेन के लिए डाइट चार्ट के साथ-साथ योग भी करते हैं, तो आपको अधिक लाभ हो सकता है। योग न सिर्फ तनाव को कम करता है, बल्कि आपके शरीर में ऊर्जा के स्तर को भी बेहतर करता है। इसके अलावा, योग से पाचन तंत्र भी बेहतर होता है, जिससे आपको भूख अच्छी लगती है। यहां हम कुछ योगासन बता रहे हैं, जिन्हें करने से वजन बढ़ सकता है।
सर्वांगासन : यह योगासन आपकी उम्र व कद के अनुसार आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
पवनमुक्तासन : इसे करने से पाचन तंत्र अच्छा होता है, मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और गैस, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इन सभी समस्याओं के खत्म होने से आपको भूख अच्छी लगती है।
वज्रासन : इस योगासन से भी पाचन तंत्र बेहतर होता है। आप जो कुछ भी खाते-पीते हैं, उसे हजम करना आसान हो जाता है। साथ ही पूरे शरीर खासकर पैर व कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
8. वजन बढ़ाने के लिए व्यायाम
यहां बताए जा रह�� व्यायाम को करने से मांसपेशियों का विकास अच्छी तरह होता है। ध्यान रहे कि आप ये सभी एक्सरसाइज योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।
ट्विस्टेड क्रंच
लेग प्रेस
लेग एक्सटेंशन
लेग कर्ल्स
आर्म कर्ल्स
शॉल्डर श्रग
सीटेड डंबल प्रेस
ट्राइसेप्स पुश डाउन
बारबेल स्क्वाट
पुल अप
एबी रोलर
इनक्लाइन डंबल प्रेस
साइड लेटरल रेस
डंबल लंग्स
वेट क्रंचेस
कैसे है फायदेमंद :
ये व्यायाम स्वस्थ मांसपेशियों के लिए जरूरी हैं। साथ ही इनसे बॉडी मास इंडेक्स बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इससे आपका वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है (7)।
9. खाने-पीने का रखें रिकॉर्ड
जिस तरह से वजन कम करने वाले एक नोटबुक में लिखकर रखते हैं कि उन्हें दिनभर में क्या खाना है और कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी है। उसी प्रकार वजन बढ़ाने वालों को भी करना चाहिए। आप रोज नोटबुक में लिखें कि आपने दिनभर में क्या खाया और हफ्ते के अंत में नोट करें कि आपके वजन में कितना अंतर आया है। इससे आपको अंदाजा रहेगा कि क्या-क्या खाने से आपके वजन पर असर पड़ रहा है। इस नोटबुक को देखने से आपको वजन बढ़ाने की प्रेरणा मिलती रहेगी।
10. तनाव से छुटकारा
आधे से ज्यादा समस्याओं की जड़ तनाव होता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो वजन कम या ज्यादा हो सकता है। साथ ही अन्य प्रकार की शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप वजन बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले तनाव से बाहर निकलने का प्रयास करें। तनाव को दूर करने के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं, डांस कर सकते हैं या फिर अपनी पसंद का कोई म्यूजिक सुन सकते हैं।
11. पर्याप्त नींद
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बेशक, स्वस्थ व संतुलित भोजन करने, नियमित व्यायाम व योग करने और जरूरी सप्लीमेंट्स लेने से फायदा होता है, लेकिन शरीर को पूरा आराम देने के लिए पर्याप्त सोना भी जरूरी है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि चुस्त व तंदुरुस्त रहने के लिए प्रतिदिन सात-आठ घंटे सोना जरूरी है। इससे दिनभर की थकावट दूर हो जाती है और आपका शरीर अगले दिन पूरी ऊर्जा के साथ काम करने लिए तैयार हो जाता है।
12. स्वयं को प्रेरित करें
इसमें कोई शक नहीं कि वजन कम करने से मुश्किल वजन बढ़ाना है। इसलिए, अपनी डाइट को उतना ही बढ़ाएं और एक्सरसाइज करें, जितना कि आपका शरीर सह सके। अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा कुछ करते हैं, तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। साथ ही आपके लिए धैर्य रखना भी जरूरी है, क्योंकि वजन धीरे-धीरे बढ़े तभी अच्छा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप वजन बढ़ाने वाले डाइट चार्ट को 30 दिन तक लगातार लेते हैं, तो प्रति माह करीब डेढ़ किलो वजन बढ़ सकता है। अगर आपका वजन एक माह में इससे ज्यादा बढ़ता है, तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ध्यान रहे कि हर व्यक्ति का शरीर और उसकी जरूरतें अलग-अलग होती हैं। इसलिए, आप अपने स्वास्थ्य के अनुसार ही अपना लक्ष्य निर्धारित करें। महिलाओं के लिए वेट गेन करने के लिए डाइट चार्ट व नियम कुछ अलग हो सकते हैं।
आगे हम बात रहे कि आखिर वजन कम क्यों होता है।
जानिए वजन कम होने के कारण – Reasons for Being Underweight in Hindi
महिला व पुरुष दोनों का सामान्य वजन वैज्ञानिक तौर पर उनकी उम्र व कद के अनुसार निर्धारित है। अगर वजन सामान्य से 15-20 प्रतिशत कम है, तो आपको अंडरवेट माना जाता है। इसे हम उदाहरण के साथ समझते हैं। मान लीजिए किसी महिला कि उम्र 26-30 के बीच है और कद 148-151 सेमी की बीच है, तो वजन करीब 47 किलो होना चाहिए। अगर वजन 40 किलो (15%) या फिर 37 किलो (20%) रह जाता है, तो उसे कम वजनी कहा जाएगा। 47 वर्षीय महिला का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 20.6 किलो/स्कवेयर मीटर होना चाहिए। जब वजन कम होता है, तो बीएमआई भी घटने लगता है।
वहीं, अगर किसी पुरुष की उम्र 25-50 के बीच है और कद करीब 176 सेमी है, तो सामान्य वजन करीब 70 किलो होना चाहिए। अगर वजन 60 किलो (15%) और 57 किलो (20%) है, तो उसे अंडरवेट माना जाएगा (8)।
आइए, अब हम जान लेते हैं कि किन कारणों के चलते वजन कम होता है।
हाइपरथायरायडिज्म : गले में तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड कहते हैं। इससे निकलने वाले हार्मोंस शरीर के अंगों को ठीक प्रकार से संचालित करते हैं। हाइपरथायरायडिज्म में जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म स्तर खराब होने लगता है, ह्रदय ठीक से काम नहीं कर पाता और वजन भी कम होने लगता है (9)।
कैंसर : कैंसर होने पर भी वजन कम होने लगता है। साथ ही थकावट, भूख में कमी व मतली जैसी समस्याएं हो सकती है (10)।
टीबी : इस बीमारी की गिरफ्त में आने पर भी वजन तेजी से कम होता है (11)। साथ ही खांसी, अधिक थकावट व रात को पसीना आना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर टीबी के कारण आपका वजन लगातार कम हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए। डॉक्टर उसी के अनुसार आपका इलाज करेंगे।
एचआईवी एड्स : जो लोग एचआईवी एड्स से ग्रस्त होते हैं, उनका वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगता है (12)। इसलिए, एक बार इसकी पुष्टि होने पर आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय-समय पर दवाइयां खानी चाहिए। साथ अपनी जीवनशैली में जरूरी परिवर्तन करना चाहिए, ताकि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे।
किडनी की बीमारी : जब बार-बार लगे कि आपको यूरिन आ रहा है, लेकिन रेस्टरूम से आने के बाद भी आपको यूरिन आने का अहसास हो, तो किडनी में खराबी का संकेत हो सकता है। इससे आपको यूरिन को रोके रखने की क्षमता में कमी, मतली, उल्टी, थकावट, मुंह में अजीब-से स्वाद का अहसास, त्वचा पर रैशेज व खुजली और सांस में अमोनिया की गंध आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, आपकी भूख भी कम हो सकती है, जिससे वजन कम होने लगता है (13) (14)।
दवाइयां : कुछ एंटीबायोटीक दवाइयां ऐसी होती हैं, जो आपकी भूख को कम करने का काम करती हैं (15)। भूख कम लगने पर आप ठीक से भोजन नहीं कर पाते, जिससे आपको जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इसलिए, कोई भी दवा खाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
भोजन में असंतुलन : जब आप निश्चित समय पर और पौष्टिक तत्व���ं से भरपूर भोजन नहीं करते हैं, तो एनोरेक्सिया नर्वोसा व बुलिमिया नर्वोसा जैसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ये दोनों भोजन संबंधी विकार हैं। इससे ग्रस्त मरीज को वजन कम या ज्यादा होने का डर सताता रहता है। ऐसे लोग हमेशा अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं और शरीर का आकार बिगड़ने के बारे में सोचते रहते हैं। एक प्रकार से कह सकते हैं कि यह मानसिक विकार से जुड़ी बीमारी भी है (16) (17)।
एंजाइम में कमी : पाचन तंत्र व पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए डाइजेस्टिव एंजाइम बेहद जरूरी हैं। इनकी मदद से ही शारीरिक विकास होता है। जब पेट की आंतरिक दीवारें डाइजेस्टिव एंजाइम को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं, तो उससे वजन कम होने की आशंका बढ़ जाती है (18)।
आनुवंशिक : कुछ हद तक पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कम वजन का कारण हो सकती है। अगर आपके परिजनों का वजन कम रहा है, तो ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपको भी इस समस्या से दो-चार होना पड़े।
खराब लिवर : लिवर खराब होने पर शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इस कारण से भी वजन कम होने लगता है।
लेख के अंतिम भाग में हम बता रहे हैं कि वजन कम होने पर क्या-क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
वजन कम होने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं – Health Problems Caused By Being Underweight in Hindi
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता : वजन कम होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। प्रतिरोधक क्षमता के ठीक से काम न करने पर आप जल्द ही अन्य बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। मौसम में थोड़ा-सा बदलाव होते ही स्वास्थ्य पर असर नजर आने लगता है। इसके अलावा, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां होने का भी अंदेशा रहता है।
एनीमिया : कम वजन वाले व्यक्ति को अक्सर थकावट महसूस होती है। वह ठीक से भोजन नहीं कर पाता, जिस कारण उसे पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते और शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है। परिणामस्वरूप, शरीर में रक्त की मात्रा भी कम होने लगती है और एनीमिया जैसी बीमारी शरीर में घर कर लेती है।
प्रजनन संबंधी समस्या : महिलाओं में कम वजन का असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। इससे मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है और महिला के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। अगर गर्भधारण कर भी ले, तो गर्भपात की आशंका रहती है। वहीं, कम वजन वाले पुरुषों को यौन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। संभोग के समय उन्हें दर्द हो सकता है, शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो सकती है व इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्या हो सकती है।
कमजोर हड्डियां : कम वजन वाली महिलाओं व पुरुषों दोनों को ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें फ्रैक्चर होने का अंदेशा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा हार्मोंस में बदलाव और विटामिन-डी व कैल्शियम में कमी के कारण होता है।
दुबले-पतले लोगों के लिए वजन बढ़ाना कोई मुश्किल भरा काम नहीं है। बस जरूरत है, तो अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने के लिए धैर्य रखने की। आप संतुलित व पौष्टिक भोजन का सेवन करें और अपने डॉक्टर की सलाह पर जरूरी सप्लीमेंट्स लेते रहें। इससे न सिर्फ आपका वजन बढ़ेगा, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम भी जरूर करें। आप इस संबंध में कुछ कहना या पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।
स्वस्थ रहें, खुश रहें।
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Anuj Joshi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-badhane-ke-liye-diet-chart-in-hindi/
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sabkuchgyan · 5 years
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