Bada Business Community App से बढ़ाएं Business Skills
आज के समय में हर कोई अपना खुद का बिज़नेस करना चाहता है। इसी का परिणाम है कि आज के समय में ज़्यातातर स्टार्टअप शुरू हो रहे है। कई लोग तो सिर्फ देखा-देखी या किसी से प्रेरित हो कर स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। लेकिन ऐसा भी देखा जा रहा है कि अधिकतर स्टार्टअप कुछ ही समय बाद बंद हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है बिज़नेस स्किल्स का ना होना और ऐसा हो भी क्यों ना आमतौर पर हमारे आस-पास का माहौल भी ऐसा ही होता है कि सिर्फ नाम के लिए पढ़ाई कर के डिग्री ले ली जाती है। डिग्री की बदौलत ही नौकरी मिल जाती है। इस तरह ना हम कभी बिज़नेस स्किल्स सीखने की कोशिश करते हैं ना ही हमें कभी सिखाया जाता है। लेकिन आज के इस आधुनिक युग में कुछ भी मुमकिन है। Business Networking App के ज़रिये आप अपनी बिज़नेस स्किल्स को बढ़ा सकते हैं। बिज़नेस स्किल सीख कर आप अपने बिज़नेस को तेजी से ग्रोथ दिला सकते हैं।
क्या है Bada Business Community App?
बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी ऐप एक इंटरेक्टिव प्लेटफॉर्म है जहां बिज़नेस ओनर, स्टार्टअप ओनर और स्टूडेंट अपनी बात रखते हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंकडिन जैसा ही यूज़र फ्रेंडली है लेकिन इस ऐप की खास बात यह है कि यह ऐप सिर्फ बिज़नेसमैन, स्टार्टअप ओनर और स्टूडेंट के लिए ही है जहां आप हर पोस्ट से कुछ ना कुछ जरूर सीखते हैं। यहां कई बिलेनियर प्रोफेसर हैं जो अपना सालों का एक्सपीरियंस शेयर करते हैं जिससे entrepreneurial skills सीख कर आप अपने बिज़नेस में लागू कर सकते हैं और अपने बिज़नेस को ग्रोथ दे सकते हैं। इस ऐप के ज़रिये आप अपने बिज़नेस आइडिया को शेयर कर सकते हैं साथ ही दूसरों के आइडिया पर अमल भी कर सकते हैं।
कैसे बढ़ती है बिज़नेस स्किल?
बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी ऐप पर बिज़नेस इंडस्ट्री के बिलेनियर्स मास्टर क्लास देते हैं। इस मास्टर क्लास में बिज़नेस के गुर सीखने को मिलता हैं जिसे आप अपने बिज़नेस में इम्लीमेंट कर के अपने बिज़नेस को आगे ले जा सकते हैं। यदि आपको बिज़नेस (Business) रिलेटिड कोई समस्या है तो आप इन एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं। यहां छोटे व्यापारी बिज़नेस की बारीकियां सीखकर अपने बिज़नेस को बड़ा कर सकते हैं। यहां अलग अलग फ्रेमवर्क से तैयार की गई रणनीतियां बिज़नेसमैन को अपने बिज़नेस को बड़ा करने में मदद करती है। यही नहीं बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी ऐप से जुड़ने पर आपको फ्री मास्टर क्लास से जुड़ने का भी मौका मिलता है जहां अपने-अपने फील्ड के विशेषज्ञ अपने जीवन के अनुभव साझा करते हैं। बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी एक्सपर्ट्स अपने-अपने फील्ड के विशेषज्ञ हैं जिनके साथ आप बिज़नेस जगत की गतिशीलता को सीख सकते हैं। यहां आप वीडियो एडिटिंग से लेकर डेटा मैनेजमेंट, सेल्स तकनीक, डिजिटल मार्केटिंग, स्टार्टअप बिज़नेस आइडिया (startup business ideas) इत्यादि जैसी कई चीज़े आसानी से सीख सकते हैं। साथ ही साथ यहां मौजूद लोगों की समस्याओं और अनुभवों से आप बड़ी सीख ले सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
कई बार आंत्रप्रेन्योर्स बिज़नेस से जुड़ी जानकारी पाने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स और एप्लीकेशन्स का सहारा लेते हैं। अधिकांश प्लेटफॉर्म उन्हें सिर्फ बिज़नेस रिलेटेड कंटेंट नहीं दे पाते है लेकिन बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी ऐप आंत्रप्रेन्योर्स के उन सभी सवालों का समाधान उपलब्ध कराती है जिसकी मदद से बिज़नेसमैन अपने बिज़नेस को सही दिशा दे सकते हैं। बड़ा बिज़नेस कम्युनिटी ऐप आपके बिज़नेस की ग्रोथ के लिए बहुत ज्यादा ज़रूरी है। यह ऐप बिज़नेस कम्युनिटी की सबसे शानदार ऐप है। अगर आप बिज़नेस करते हैं या बिज़नेस करना चाहते हैं तो यह ऐप आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है। इस ऐप के अनगिनत फायदे पाने के लिए आज ही Bada Business Community App डाउनलोड करें।
Download the app now: https://tinyurl.com/nhav2kp6
Source: https://hindi.badabusiness.com/business-motivation/increase-business-skills-with-bada-business-community-app-10496.html
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WhatsApp, Facebook, Telegram And Signal, Know Where Your Data Is Saved?
WhatsApp, Facebook, Telegram And Signal, Know Where Your Data Is Saved?
आजकल ज्यादातर लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में आपका बहुत सारा डेटा इन साइट्स पर मौजूद रहता है. अब व्हाट्सऐप यूजर्स के लिए नई पॉलिसी है जिसमें अगर आप व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं तो व्हाट्सऐप पर आपका डेटा कंपनी स्टोर करेगी और उसे अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर करेगी. अगर आप व्हाट्सऐप की इस शर्त से एग्री नहीं करेंगे तो आपका व्हाट्सऐप अकाउंट बंद कर दिया…
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सिग्नल एप और वाट्सऐप प्राइवेसी -
सिग्नल एप का नाम इस समय बहुत चल रहा है या आप सुन रहे होंगे |इसलिए हमने सोचा की आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे |ये भी बताये क्या कारण है की ये इस समय इतना प्रसिद्ध हो रहा है |हुआ यूँ की वाट्सऐप ने अपने प्राइवेसी पॉलिसी में कुछ बदलाव किया है जो 8 फरवरी से पुरे देश में लागु होने वाली है | जिससे लोगों को लग रहा है की वाट्सऐप उनके प्राइवेसी को मेन्टेन नहीं कर सकता है |क्योंकि वाट्सऐप ने अपना डेटा फेसबुक के साथ साझा करने की बात कही है|इसलिए लोग सिग्नल एप की ओर आकर्षित हो रहे है | उन्हें लगता है की ये एप उनके डाटा की सुरक्षा करेगा और किसी से शेयर भी नहीं करेगा |आये पहले जानते सिग्नल एप का पूरा लेखा -जोखा |
सिग्नल एप क्या है ?
सिग्नल एप एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा है जिसे सिग्नल फाउंडेशन और सिग्नल मैसेंजर द्वारा विकसित किया गया है। यह एक-से-एक और समूह संदेश भेजने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता है, जिसमें फ़ाइलें, वॉइस नोट्स, चित्र और वीडियो शामिल हो सकते हैं।इस सिगनल एप को दुनिया का सबसे सुरक्षित डाटा सिक्योर प्रोटेक्शन सूची में रखा गया है |ये एप आप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है और इसे आप वाट्सऐप की तरह प्रयोग में भी ला सकते है |ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर पर सिग्नल ऐप को एक करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं|
सिग्नल एप कितना सुरक्षित -
सिग्नल एप को सबसे सुरक्षित एप में से एक माना जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर डाटा चोरी का खतरा नहीं है
1 - यह एप यूजर्स से निजी जानकारी नहीं मांगता, व्हाट्सएप के साथ भी फिलहाल ऐसा ही है|
2 - यह एप यूजर्स का चैट बैकअप क्लाउड स्टोरेज पर नहीं भेजता, सारा डेटा आपके फोन में ही सेव रहता है|
3 - इस एप का एक और खास फीचर यह है कि यहां पुराने मैसेसेज खुद ही गायब हो जाते हैं|
4 - इसमें ऐसे फीचर भी हैं, जिससे चैट का स्क्रीनशॉट भी नहीं लिया जा सकता है।
5 - व्हाट्सएप की तरह यहां ग्रुप बनाकर कोई भी मर्जी के बिना आपको जोड़ नहीं सकता, इसमें पहले अनुरोध भेजना होता है|
सिगनल एप का मालिक कौन ?
सिगनल मैसेज़िंग अप्लीकेशन एक अमेरिकन कंपनी सिगनल मसैंजर ल ल सी दवरा संचालित है |वाट्सऐप के को-फाउंडर ब्रायन ऐक्टन ने वाट्सऐप को छोड़ने के बाद सिग्नल मेसेजिंग एप में 2017 में करीब 50 मिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया था|इससे पहले ब्रायन ऐक्टन ने 2014 में सिग्नल फ़ाउंडेशन की स्थापना की जो कि एक नॉन -प्रॉफिट कंपनी है| ब्रायन एक्टन एक अमेरिकी कंप्यूटर प्रोग्रामर और इंटरनेट उद्यमी है। वह वाट्सऐप के के सह-संस्थापक है, जोकि एक मोबाइल संदेश अनुप्रयोग है जिसे फेसबुक ने फ़रवरी 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीद लिया था। पूर्व में वह याहू! में काम करते थे।
एलन मस्क के ट्वीट और सिगनल एप का डाउनलोड -
टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्वीट करके अपने फॉलोअर्स को Signal App यूज करने की सलाह दी. मस्क के इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है. 2.7 लाख से ज्यादा लोग इस ट्वीट को लाइक कर चुके हैं और 32 हजार से ज्यादा रीट्वीट हो चुके हैं|अगर आप भी वाट्सऐप को त्याग करके सिगनल को डाउनलोड करना चाहते है तो सबसे पहले ये एप आपके फ़ोन में एंड्राइड के प्लेस्टोरे में मौजूद है |इसे आप मुफ्त में इसे डाउनलोड कर सकते है |
सिगनल एप में अकाउंट कैसे बनाये -
सब लोग जानना चाह रहे होंगे की आखिर सिगनल एप में कैसे अकाउंट बनाये | सिगनल एप पर आईडी बनाने के लिए कुछ स्टेप फॉलो करने पड़ते है |
1 - सबसे पहले आपको गूगल प्लेस्टोरे से सिगनल एप डाउनलोड करना पड़ेगा |
2 - दूसरा स्टेप में आपको टी एंड सी पॉलिसी एक्सेप्ट करना होगा |
3 - तीसरे स्टेप में आपको बॉक्स में मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और ओ टी पी वेरिफाइड करना होगा |
4 - चौथे स्टेप में आपको अपना नाम दर्ज करके प्रोफाइल इमेज चयन करना होगा |
5 - पाचवे स्टेप में आपको चार अंको का नंबर पिन दर्ज करके कन्फर्म करना होगा |
6 - इस स्टेप में अब आपका अकाउंट बनके तैयार होगा और अब आप इसे प्रयोग में ला सकते है |
सिग्नल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है कि पिछले दो दिन से भारी संख्या में यूजर्स के ऐप डाउनलोडिंग के चलते वेरिफिकेशन कोड देरी से आ रहे हैं। सिग्नल ने अपने मैसेज प्लेटफार्म से जुड़ने के लिए एक गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें यूजर्स को दूसरे मैसेंजर एप से सिग्नल पर आने के आसान तरीके बताए गए हैं। कंपनी ने यह भी कहा है कि भारत में उसके यूजर्स की संख्या सबसे अधिक तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, हांगकांग, स्विट्जरलैंड में भी सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए ऐप में यह अव्वल रहा।
भारत देश में निजता और सुरक्षा के मायने -
भारत में हमेशा निजता को लेकर आवाज उठती रहती है |क्योकि अगर देखा जाये तो जो भी ये मैसेजिंग जो भी एप भारतीय न होकर विदेशी है | और भारत को हमेशा एक बाजार के तौर पे देखती है | और वो लोगों के डाटा को अपने फायदे के लिए प्रयोग में लाना चाहती है |भारत जैसे देश के लिए ये विवाद बड़ा सबक है कि कैसे विदेशी कंपनियां सोशल मीडिया सेवाएं शुरू करने के बाद लोगों के साथ खिलवाड़ करती हैं। भारत में मजबूत आईटी कानून का न होना इसके पीछे की बड़ी वजह है। अगर अभी भी सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाती तो लोगों की निजता के साथ दिक्कत बरकरार रहेगी।
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गूगल मैप में कोच्चि के पास अरब सागर में दिखा यह कैसा 'गोला' है, शुरू हुई पड़ताल Divya Sandesh
#Divyasandesh
गूगल मैप में कोच्चि के पास अरब सागर में दिखा यह कैसा 'गोला' है, शुरू हुई पड़ताल
कोच्चि
केरल में कोच्चि के समुद्री तट के पास अरब सागर में एक विचित्र द्वीप पाया गया है। इस अंडरवॉटर आइलैंड के बारे में ने जानकारी दी है। आइलैंड की सूचना गूगल मैप्स को सैटलाइट इमेजरी के जरिए मिली है। विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि ऐसा कोई द्वीप समुद्र के नीचे मौजूद हो सकता है। इस संबंध में अब केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज ऐंड ओशन स्टडीज (KUFOS) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हाल ही में चेल्लानम कार्शिका टूरिज्म डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से KUFOS को चिट्ठी लिखकर इशकी जानकारी दी गई थी। इस संगठन के अध्यक्ष केएक्स जुलप्पन ने कुछ दिन पहले अरब सागर में एक रहस्यमय द्वीप के होने की बात कहते हुए फेसबुक पर गूगल मैप्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे।
कोच्चि से करीब 7 किलोमीटर दूर होने का दावा
जिस द्वीप के बारे में ये पूरी कहानी कही जा रही है, उसके कोच्चि के समुद्री तट से करीब 7 किलोमीटर पश्चिम में होने का दावा किया गया है। KUFOS के अधिकारी अरब सागर की समुद्री स्थितियों और इस द्वीप के कारण तटीय हिस्सों में प्रभाव पड़ने की संभावना पर भी अध्ययन करने वाले हैं।
जांच के बाद ही सामने आएगी अन्य जानकारी
केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज ऐंड ओशन स्टडीज (KUFOS) के वीसी रिजी जॉन का कहना है कि फिलहाल इस द्वीप के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी जा सकती है। इससे संबंधित सारे तथ्य इलाज के बाद स्पष्ट होंगे। ये स्ट्रक्चर किसी अंडरवॉटर बेट जैसा है। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये मिट्टी का बना है या फिर रेत का। इसके लिए जांच की जरूरत है और तमाम डेटा के मिलने के बाद एक्सपर्ट्स सारी स्थितियों का आकलन करेंगे।
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जर्मनी ने बैन की वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी, भारत उठाएगा ऐसा कदम?
जर्मनी ने बैन की वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी, भारत उठाएगा ऐसा कदम?
मैसेजिंग के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय वॉट्सऐप के लिए उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मुश्किलें बढ़ रही हैं. जर्मनी की हैम्बर्ग डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी ने वॉट्सऐप की मालिक फेसबुक पर नई पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप से यूजर्स के किसी भी अतिरिक्त डेटा की प्रोसेसिंग करने पर रोक लगा दी है. इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कई देशोंऔर यूजर्स ने नाराजगी जताई है. इसका कारण वॉट्सऐप का फेसबुक के साथ अतिरिक्त डेटा शेयर…
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WhatsApp को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने लॉन्च किया संदेश (Sandes) ऐप, जानिए फीचर्स
WhatsApp को टक्कर देने के लिए भारत सरकार ने लॉन्च किया संदेश (Sandes) ऐप, जानिए फीचर्स
व्हाट्सप्प ने हाल ही में अपने डेटा प्राइवेसी नियमों को बदल दिया था. जिसके बाद यूजर्स के डेटा को फेसबुक के साथ शेयर किया जाना था. परंतु तमाम विरोधों के बाद कंपनी ने इस अपडेट को कुछ समय के लिए रोक दिया है. लेकिन भारत में डेटा प्रोटेक्शन को लेकर अभी तक कोई भी उचित कानून नहीं है.
इस बैंक में आपका अकाउंट है तो 6 महीने तक नहीं निकाल पाएंगे पैसा, RBI ने लगाई रोक, जानिए ख़बर
हालांकि अब सरकार ने इसकी काट…
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मार्क जकरबर्ग ने कहा - अपडेट से नहीं बदलेगी WhatsApp की प्राइवेसी, बिजनेस अकाउंट का डेटा होगा शेयर
मार्क जकरबर्ग ने कहा – अपडेट से नहीं बदलेगी WhatsApp की प्राइवेसी, बिजनेस अकाउंट का डेटा होगा शेयर
बिजनेस डेस्क। इंस्टेंट सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप (WhatsApp) की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच फेसबुक (Facebook) के सीईओ मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने इसका बचाव किया है। जकरबर्ग ने कहा है कि पॉलिसी अपडेट से प्राइवेसी को कोई खतरा नहीं है। मार्क जकरबर्क की फेसबुक वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी है। बता दें कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा के बाद इसका काफी विरोध हो रहा…
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सरकार के रडार पर वाट्सएप की नई प्राइवेट पॉलिसी
नई दिल्ली : वाट्सएप के नई प्राइवेट पॉलिसी पर उठे विवाद के बाद भारत सरकार ने मामले में दखल दे दिया है। सरकार ने इस नई प्राइवेट पॉलिसी के उन अपडेट्स (नियमों एवं प्रावधानों) की ‘जांच’ करना शुरू कर दिया है जिसे कंपनी ने अपने यूजर्स से आठ फरवरी तक अपनी सहमति देने के लिए कहा है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ‘सरकार इस बारे में ब्योरे एकत्र कर रही है।’ आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि सरकार वाट्सएप की इस नई प्राइवेट पॉलिसी पर जताई गई चिंताओं पर नजर रखना शुरू कर दिया है।
लोगों की तरफ से आशंका जताई जा रही है कि प्राइवेट पॉलिसी के नए अपडेट्स को स्वीकार किए जाने के बाद उनकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। वाट्सएप के नए अपडेट में यूजर्स से जुड़े बिजेनस/लेनदेन का डेटा फेसबुक के साथ साझा करने का प्रावधान है। बता दें कि वाट्सएप दुनिया की सबसे बड़े मैंसेजिंग प्लेटफॉर्म है और यह फेसबुक की कंपनी है।
नई प्राइवेट पॉलिसी पर सहमति मिल जाने के बाद वाट्सएप को अपने यूजर्स का लोकेशन, फोन नंबर, कंटैक्ट लिस्ट और यूजर पैटर्न सहित अन्य डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं मैसेंजर के साथ शेयर करने का अधिकार मिल जाएगा। वाट्सएप की इस नई प्राइवेट पॉलिसी के खिलाफ भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में आवाज उठनी शुरू हो गई है। टेस्ला के फाउंडर एलन मस्क, कुछ सरकारी एजेंसियां और निजता की सुरक्षा की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने इस नई पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। इन लोगों का कहना है कि डाटा हैंडलिंग को लेकर फेसबुक का रिकॉर्ड पाक-साफ नहीं रहा है।
सूत्रों का कहना है कि देश में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर अभी कोई कानून नहीं है। ऐसे में ‘नियामकीय शून्यता’ सहित वाट्सएप की नई पॉलिसी से जुड़े कई पहलुओं को देख रही है। डाटा प्रोटेक्शन पर एक बिल अभी संसद में है और इसे कानून बनाने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘वाट्सअप ने यूरोपीय यूनियन के यूजर एग्रीमेंट में जो पॉलिसी अपडेट पेश किया है वह वैसा नहीं है जैसा कि भारत में पेश किया गया है। भारत में इसका दायरा काफी बड़ा है। इसमें यूजर पॉलिसी को नुकसान पहुंचाने वाले प्रावधान हो सकते हैं।’ सूत्रों का कहना है कि वाट्सएप को एक विस्तृत प्रश्नावली भेजी गई है लेकिन इस पर अभी कोई जवाब नहीं मिला है।
अपनी नई पॉलिसी पर विवाद खड़ा होने के बाद वाट्सएप ने बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया है। वाट्सएप का कहना है कि यूजर्स उसके दो वैकल्पिक फीचर्स का यदि इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उनकी निजता प्रभावित नहीं होगी। वाट्सएप का कहना है कि इन नई प्राइवेट पॉलिसी से यूजर्स का अपने दोस्तों एवं परिवार के साथ संदेशों पर जो निजता है उसका उल्लंघन नहीं होगा। इस नए अपडेट्स से वाट्सएप पर भेजे गए बिजनेस से जुड़े अकाउंट्स ही केवल प्रभावित होंगे और यह प्रावधान वैकल्पिक है।
https://kisansatta.com/whatsapps-new-private-policy-on-the-governments-radar/ #WhatsAppSNewPrivatePolicyOnTheGovernmentSRadar WhatsApp's new private policy on the government's radar TECHNOLOGY #TECHNOLOGY KISAN SATTA - सच का संकल्प
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सिग्नल एप और वाट्सऐप प्राइवेसी -
सिग्नल एप का नाम इस समय बहुत चल रहा है या आप सुन रहे होंगे |इसलिए हमने सोचा की आपको इसके बारे में पूरी जानकारी दे |ये भी बताये क्या कारण है की ये इस समय इतना प्रसिद्ध हो रहा है |हुआ यूँ की वाट्सऐप ने अपने प्राइवेसी पॉलिसी में कुछ बदलाव किया है जो 8 फरवरी से पुरे देश में लागु होने वाली है | जिससे लोगों को लग रहा है की वाट्सऐप उनके प्राइवेसी को मेन्टेन नहीं कर सकता है |क्योंकि वाट्सऐप ने अपना डेटा फेसबुक के साथ साझा करने की बात कही है|इसलिए लोग सिग्नल एप की ओर आकर्षित हो रहे है | उन्हें लगता है की ये एप उनके डाटा की सुरक्षा करेगा और किसी से शेयर भी नहीं करेगा |आये पहले जानते सिग्नल एप का पूरा लेखा -जोखा |
सिग्नल एप क्या है ?
सिग्नल एप एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा है जिसे सिग्नल फाउंडेशन और सिग्नल मैसेंजर द्वारा विकसित किया गया है। यह एक-से-एक और समूह संदेश भेजने के लिए इंटरनेट का उपयोग करता है, जिसमें फ़ाइलें, वॉइस नोट्स, चित्र और वीडियो शामिल हो सकते हैं।इस सिगनल एप को दुनिया का सबसे सुरक्षित डाटा सिक्योर प्रोटेक्शन सूची में रखा गया है |ये एप आप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है और इसे आप वाट्सऐप की तरह प्रयोग में भी ला सकते है |ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर पर सिग्नल ऐप को एक करोड़ से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं|
सिग्नल एप कितना सुरक्षित -
सिग्नल एप को सबसे सुरक्षित एप में से एक माना जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर डाटा चोरी का खतरा नहीं है
1 - यह एप यूजर्स से निजी जानकारी नहीं मांगता, व्हाट्सएप के साथ भी फिलहाल ऐसा ही है|
2 - यह एप यूजर्स का चैट बैकअप क्लाउड स्टोरेज पर नहीं भेजता, सारा डेटा आपके फोन में ही सेव रहता है|
3 - इस एप का एक और खास फीचर यह है कि यहां पुराने मैसेसेज खुद ही गायब हो जाते हैं|
4 - इसमें ऐसे फीचर भी हैं, जिससे चैट का स्क्रीनशॉट भी नहीं लिया जा सकता है।
5 - व्हाट्सएप की तरह यहां ग्रुप बनाकर कोई भी मर्जी के बिना आपको जोड़ नहीं सकता, इसमें पहले अनुरोध भेजना होता है|
सिगनल एप का मालिक कौन ?
सिगनल मैसेज़िंग अप्लीकेशन एक अमेरिकन कंपनी सिगनल मसैंजर ल ल सी दवरा संचालित है |वाट्सऐप के को-फाउंडर ब्रायन ऐक्टन ने वाट्सऐप को छोड़ने के बाद सिग्नल मेसेजिंग एप में 2017 में करीब 50 मिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया था|इससे पहले ब्रायन ऐक्टन ने 2014 में सिग्नल फ़ाउंडेशन की स्थापना की जो कि एक नॉन -प्रॉफिट कंपनी है| ब्रायन एक्टन एक अमेरिकी कंप्यूटर प्रोग्रामर और इंटरनेट उद्यमी है। वह वाट्सऐप के के सह-संस्थापक है, जोकि एक मोबाइल संदेश अनुप्रयोग है जिसे फेसबुक ने फ़रवरी 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीद लिया था। पूर्व में वह याहू! में काम करते थे।
एलन मस्क के ट्वीट और सिगनल एप का डाउनलोड -
टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्वीट करके अपने फॉलोअर्स को Signal App यूज करने की सलाह दी. मस्क के इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है. 2.7 लाख से ज्यादा लोग इस ट्वीट को लाइक कर चुके हैं और 32 हजार से ज्यादा रीट्वीट हो चुके हैं|अगर आप भी वाट्सऐप को त्याग करके सिगनल को डाउनलोड करना चाहते है तो सबसे पहले ये एप आपके फ़ोन में एंड्राइड के प्लेस्टोरे में मौजूद है |इसे आप मुफ्त में इसे डाउनलोड कर सकते है |
सिगनल एप में अकाउंट कैसे बनाये -
सब लोग जानना चाह रहे होंगे की आखिर सिगनल एप में कैसे अकाउंट बनाये | सिगनल एप पर आईडी बनाने के लिए कुछ स्टेप फॉलो करने पड़ते है |
1 - सबसे पहले आपको गूगल प्लेस्टोरे से सिगनल एप डाउनलोड करना पड़ेगा |
2 - दूसरा स्टेप में आपको टी एंड सी पॉलिसी एक्सेप्ट करना होगा |
3 - तीसरे स्टेप में आपको बॉक्स में मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और ओ टी पी वेरिफाइड करना होगा |
4 - चौथे स्टेप में आपको अपना नाम दर्ज करके प्रोफाइल इमेज चयन करना होगा |
5 - पाचवे स्टेप में आपको चार अंको का नंबर पिन दर्ज करके कन्फर्म करना होगा |
6 - इस स्टेप में अब आपका अकाउंट बनके तैयार होगा और अब आप इसे प्रयोग में ला सकते है |
सिग्नल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है कि पिछले दो दिन से भारी संख्या में यूजर्स के ऐप डाउनलोडिंग के चलते वेरिफिकेशन कोड देरी से आ रहे हैं। सिग्नल ने अपने मैसेज प्लेटफार्म से जुड़ने के लिए एक गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें यूजर्स को दूसरे मैसेंजर एप से सिग्नल पर आने के आसान तरीके बताए गए हैं। कंपनी ने यह भी कहा है कि भारत में उसके यूजर्स की संख्या सबसे अधिक तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, हांगकांग, स्विट्जरलैंड में भी सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए ऐप में यह अव्वल रहा।
भारत देश में निजता और सुरक्षा के मायने -
भारत में हमेशा निजता को लेकर आवाज उठती रहती है |क्योकि अगर देखा जाये तो जो भी ये मैसेजिंग जो भी एप भारतीय न होकर विदेशी है | और भारत को हमेशा एक बाजार के तौर पे देखती है | और वो लोगों के डाटा को अपने फायदे के लिए प्रयोग में लाना चा���ती है |भारत जैसे देश के लिए ये विवाद बड़ा सबक है कि कैसे विदेशी कंपनियां सोशल मीडिया सेवाएं शुरू करने के बाद लोगों के साथ खिलवाड़ करती हैं। भारत में मजबूत आईटी कानून का न होना इसके पीछे की बड़ी वजह है। अगर अभी भी सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाती तो लोगों की निजता के साथ दिक्कत बरकरार रहेगी।
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साइबर एक्सपर्ट्स का दावा: केंद्र की पहल से फेक न्यूज पर लगेगा लगाम Divya Sandesh
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साइबर एक्सपर्ट्स का दावा: केंद्र की पहल से फेक न्यूज पर लगेगा लगाम
कोलकाता। टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे सोशल साइट्स समेत अमेजॉन और अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लगाम के लिए केंद्र ने जिस तरह के दिशा निर्देश जारी किये हैं वे फर्जी खबरों और आपत्तिजनक सामग्रियों का फैलाव रोकने में काफी मददगार होंगे। साइबर विशेषज्ञों का दावा है कि केंद्र का यह फैसला देर से ही है लेकिन दुरुस्त है।
साइबर एक्सपर्ट संदीप सेन गुप्ता ने शुक्रवार को मीडिया से विशेष बातचीत में बताया कि हाल ही में व्हाट्सएप ने भारत के लिए अलग और यूरोपीय देशों के लिए अलग नीतियां बनाई थी। इसकी वजह थी कि यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों की डेटा सुरक्षा के लिए कानून बनाकर उसे लागू किया है जबकि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं था। इस वजह से सोशल मीडिया कंपनियां मनमाने तरीके से ऑपरेट कर रही थीं।
यह खबर भी पढ़ें: दुनिया के पांच ऐसे जानवर जो संभोग के दौरान अपने साथी को मार डालते हैं, जानें
उन्होंने बताया कि भारत में अभी भी नागरिकों के डाटा प्रोटेक्शन के लिए कोई कानून नहीं है लेकिन सोशल मीडिया साइट्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लगाम के लिए केंद्र ने जो नये प्रावधान किये हैं वह नागरिकों को थोड़ा बहुत राहत देने वाला होगा। संदीप ने बताया कि पहले छोटे-छोटे झगड़ों को दंगे बताकर फैला दिया जाता था। पुराने वीडियो को नए बताकर नफरत फैलाने की कोशिश होती थी। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने वाले कंटेंट बनाकर शेयर किए जाते थे लेकिन अब इन पर लगाम लग सकेगा।
केंद्र ने जो नया प्रावधान बनाया है उसमें इस तरह के कंटेंट साझा करने वाले पहले व्यक्ति के बारे में सोशल मीडिया कंपनियों को पूरा ट्रैक और रिकॉर्ड रखना पड़ेगा। किस आईपी एड्रेस से क्या शेयर किया गया, कितने लोगों ने शेयर किया आदि के बारे में सारी जानकारी कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों को देने के लिए सोशल मीडिया कंपनियां बाध्य होंगी। इससे फर्जी खबरें फैलाने वाले कानून की गिरफ्त में होंगे और इस तरह की फर्जी खबरों के फैलाव पर रोक लगेगी।
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व्हाट्सएप की नई नीति से आप भी नाराज हैं? इस तरह Msatating अपना डेटा
व्हाट्सएप की नई नीति से आप भी नाराज हैं? इस तरह Msatating अपना डेटा
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने अपनी गोपनीयता नीति को हाल ही में बदल दिया है। इस नई नीति के तहत यूजर्स का डेटा फेसबुक सहित थर्ड पार्टी ऐप्�� के साथ साझा किया जाएगा। इस नई नीति के ��िए यूजर्स की ऐप में इन-ऐप नोटिफिकेशन भेजी गई है, जिसे यूजर्स को स्वीकार या अस्वीकार करना है। यदि उपयोगकर्ता इस नीति को 8 फरवरी तक सहमति नहीं देते हैं तो उनका खाता हट कर दिया जाएगा। जो डेटा यूजर का शेयर किया जाएगा उसमें…
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अपडेटेड प्रिवेसी पॉलिसी पर WhatsApp का जवाब, यूजर्स के मेसेज और कॉल सुरक्षित
अपडेटेड प्रिवेसी पॉलिसी पर WhatsApp का जवाब, यूजर्स के मेसेज और कॉल सुरक्षित
नई दिल्लीWhatsApp की नई प्रिवेसी पॉलिसी को लेकर बवाल छिड़ा हुआ है और इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप लगातार सुर्खियों में है। 8 फरवरी से वॉट्सऐप की नई प्रिवेसी पॉलिसी लागू हो रही है। वॉट्सऐप की नई शर्तों में स्पष्ट किया है कि किस तरह यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा। इसके चलते यूजर्स वॉट्सऐप छोड़ रहे हैं और अब नए मेसेजिंग ऐप्स पर स्विच कर रहे हैं। अब वॉट्सऐप ने ट्वीट कर अपने यूजर्स को भरोसा…
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जब से वॉट्सऐप ने नई पॉलिसी लेकर आया है तब से लोग अपनी प्राइवेसी को लेकर परेशान हो गए है। और इसी के चलते लोग वॉट्सऐप की कड़ी आलोचना भी कर रहे है। इन सब क चलते वॉट्सऐप ने नई पॉलिसी से परेशान लोगो के मन से शंकाए दूर करने के लिए उनके कई सवासों के जवाब दिए और साथ ही उन्होने कहा कि आपका सेंसिटिव डेटा फेसबुक के साथ शेयर नहीं होता।
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