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#फेसबुक गोपनीयता नियम
lok-shakti · 3 years
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व्हाट्सएप, फेसबुक कानूनी रूप से दावा करने के हकदार नहीं हैं कि वे गोपनीयता की रक्षा करते हैं: केंद्र ने दिल्ली एचसी को बताया
व्हाट्सएप, फेसबुक कानूनी रूप से दावा करने के हकदार नहीं हैं कि वे गोपनीयता की रक्षा करते हैं: केंद्र ने दिल्ली एचसी को बताया
केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि व्हाट्सएप और फेसबुक “जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए “उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी का मुद्रीकरण करते हैं” कानूनी रूप से यह दावा करने के हकदार नहीं हैं कि वे गोपनीयता की रक्षा करते हैं और इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को एक गैरकानूनी जानकारी की पहचान करने के लिए एक तंत्र बनाने की आवश्यकता है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से समझौता किए बिना मूल और…
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फ़्रांस ने Google, फ़ेसबुक पर €210 मिलियन का जुर्माना लगाया है, जो ट्रैकिंग कुकीज़ का उल्लंघन करता है
फ़्रांस ने Google, फ़ेसबुक पर €210 मिलियन का जुर्माना लगाया है, जो ट्रैकिंग कुकीज़ का उल्लंघन करता है
फ्रांस के डेटा संरक्षण प्रहरी, आयोग नेशनेल डी ल’इनफॉर्मेटिक एट डेस लिबर्टेस (सीएनआईएल) ने यूरोपीय संघ का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक (अब मेटा प्लेटफॉर्म) और Google को €150 मिलियन ($170 मिलियन) और €60 मिलियन ($68 मिलियन) का जुर्माना लगाया है। उपयोगकर्ताओं को कुकी ट्रैकिंग तकनीक को अस्वीकार करने का एक आसान विकल्प प्रदान करने में विफल होने के कारण गोपनीयता नियम। “वेबसाइट facebook.com, google.fr और…
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abhay121996-blog · 3 years
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बड़े सोशल मीडिया मंचों के स्पष्ट रूप से ‘दोहरे मानदंड’ हैं : मोहनदास पई Divya Sandesh
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बड़े सोशल मीडिया मंचों के स्पष्ट रूप से ‘दोहरे मानदंड’ हैं : मोहनदास पई
बेंगलुरु, 26 मई (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की दिग्गज शख्सियत टी वी मोहनदास पई ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार और देश के कानूनों को नागरिकों की गोपनीयता को परिभाषित और संरक्षित करना चाहिए और साथ ही उन्होंने व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ का आरोप लगाया। सरकार के नए डिजिटल नियमों पर व्हाट्सएप द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील करने के बारे में पूछने पर पई ने कहा, ‘‘अदालत को फैसला करने दीजिए, व्हाट्सएप को नहीं।’’ इंफोसिस लिमिटेड के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ने भविष्यवाणी की, ‘‘यह मामला उच्चतम न्यायालय में जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि बड़ा मुद्दा यह है कि क्या एक निजी सोशल मीडिया मंच को एकतरफा अनुबंध के माध्यम से ऐसे मामलों का फैसला करना चाहिए या इसके लिए नियम बनाना चाहिए। पई ने कहा, ‘‘ये मंच अब सार्वजनिक उपयोगिता बन गए हैं क्योंकि करोड़ों लोग इनका इस्तेमाल करते हैं। हमारा डेटा सुरक्षित नहीं है। वे अमेरिकी कानून के अधीन हैं और उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास हमारे डेटा तक पूर्ण पहुंच है। तो गोपनीयता कहां है?’’ उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से उनके (व्हाट्सएप) दोहरे मानदंड हैं। हमारी सरकार और हमारे कानून को हमारी गोपनीयता को परिभाषित और संरक्षित करना चाहिए, न कि इन मंचों को।’’ नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है।
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col-life23 · 3 years
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व्हाट्सएप नए नियमों और गोपनीयता नीति की समीक्षा करने और स्वीकार करने के लिए एक बैनर प्रदर्शित करेगा
व्हाट्सएप नए नियमों और गोपनीयता नीति की समीक्षा करने और स्वीकार करने के लिए एक बैनर प्रदर्शित करेगा
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) आगामी गोपनीयता नीति को लेकर काफी विवादों में रहा है। कई उपयोगकर्ताओं का मानना ​​है कि यह उनके व्यक्तिगत डेटा को फेसबुक के साथ साझा करेगा। विवाद बढ़ने पर नई नीति को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। WABetaInfo के अनुसार, नए व्हाट्सएप नियम 15 मई से लागू होंगे। इसी समय, व्हाट्सएप के ब्लॉगपोस्ट ने खुलासा किया है कि व्हाट्सएप ने उपयोगकर्ताओं को नीति समझाने…
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confectioneryvixen · 4 years
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यूरोपीय मोबाइल ऑपरेटर्स कोरोनोवायरस फाइट के लिए शेयर डेटा
मोबाइल वाहक इटली, जर्मनी और ऑस्ट्रिया में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ डेटा साझा कर रहे हैं, यह निगरानी करके कोरोनोवायरस से लड़ने में मदद करते हैं कि क्या लोग यूरोप के गोपनीयता कानूनों का सम्मान करते हुए आंदोलन पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
डेटा, जो गुमनाम और एकत्रित होते हैं, जहां ‘हॉट जोन’ में ग्राहकों की सांद्रता और आंदोलनों को मैप करना संभव बनाता है COVID -19 पकड़ लिया है।
यह चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों द्वारा उठाए गए दृष्टिकोण से कम आक्रामक है, जो उन लोगों के संपर्कों का पता लगाने के लिए स्मार्टफोन स्थान रीडिंग का उपयोग करते हैं जिन्होंने सकारात्मक परीक्षण किया है या संगरोध आदेश लागू करने के लिए।
जर्मनी में, जहां स्कूल और रेस्तरां बंद हो रहे हैं और लोगों से कहा गया है कि वे घर पर काम कर सकते हैं अगर वे कर सकते हैं, तो डॉयचे टेलीकॉम द्वारा दान किए गए डेटा में लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि क्या लोग इसका अनुपालन कर रहे हैं, स्वास्थ्य के जानकार लोथर वेलर ने कहा।
रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष विएलर ने बुधवार को कहा, “अगर लोग एक सप्ताह पहले तक मोबाइल रहते हैं, तो वायरस को रोकना मुश्किल होगा।”
जर्मनी महामारी के घातीय चरण में प्रवेश कर रहा है, विलर ने कहा, चेतावनी है कि व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्कों को कम करने में प्रगति के बिना, दो या तीन महीनों में 10 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं।
हालांकि, संकट के समय में भी, ग्राहक डेटा साझा करना उपयोगी है या आनुपातिक है, इस बारे में गोपनीयता अधिवक्ताओं को संदेह है। एक ने कहा कि, अगर लोगों को पता है कि उनके फोन को ट्रैक किया जा रहा है, तो वे उन्हें घर पर ही छोड़ देंगे।
“मैं दृढ़ता से इस तरह की ग्राहक जानकारी साझा करने के मूल्य पर संदेह करता हूं,” विपक्ष ग्रीन्स के कानून निर्माता टैबे रोसेनर ने कहा।
इटली, ऑस्ट्रिया इटली में, मोबाइल वाहक टेलीकॉम इटालिया, वोडाफोन, और विंडट्रे ने लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को एकीकृत डेटा की पेशकश की है।
लोम्बार्डी क्षेत्र डेटा का उपयोग करके यह देखने के लिए है कि कितने लोग सख्त लॉकडाउन देख रहे हैं। 21 फरवरी के बाद से 300-500 मीटर (गज) से अधिक की गति लगभग 60 प्रतिशत कम हो जाती है, जब पहला मामला कोडोग्नो क्षेत्र में खोजा गया था, डेटा शो।
“जहां भी तकनीकी रूप से संभव है, और कानूनी रूप से स्वीकार्य है, वोडाफोन बड़े, अनाम डेटासेट के आधार पर अंतर्दृष्टि विकसित करने में सरकारों की सहायता करने के लिए तैयार होगा,” सीईओ निक रीड ने कहा।
ऑस्ट्रिया ने टाइरोल में स्की पर्यटकों के बीच फैलने वाले कोरोनोवायरस के बाद एक क्षेत्रीय लॉकडाउन लगाया, जैसा कि वे घर में नेतृत्व कर रहे थे, मध्य और उत्तरी यूरोप में संक्रमण फैल गया।
ए 1 टेलीकॉम ऑस्ट्रिया समूह, देश की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी, इन्ग्रीनियम द्वारा विकसित एक गति विश्लेषण एप्लिकेशन से परिणाम साझा कर रही है, जो ग्राज़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी से स्पिन-ऑफ है जिसे उसने समर्थित किया है।
उपकरण यूरोपीय संघ के गोपनीयता नियम पुस्तिका के अनुरूप है सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन, जो अपने स्वामी की स्पष्ट सहमति के बिना संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण को प्रतिबंधित करता है।
इन्वेंनियम विश्लेषण करता है कि लोगों का प्रवाह ट्रैफ़िक भीड़ को कैसे प्रभावित करता है या एक पर्यटक स्थल कितना व्यस्त होगा, सह-संस्थापक माइकल सीक ने कहा, लेकिन इसकी तकनीक सामाजिक संपर्क या आंदोलन को कम करने के उपायों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए समान रूप से लागू होती है जिसमें एपिडिक शामिल हैं।
ऑस्ट्रियाई प्रचारक मैक्स श्रेम्स, जिन्होंने फेसबुक की गोपनीयता प्रथाओं पर कानूनी लड़ाई की एक श्रृंखला लड़ी है, उनके संदेह थे।
“जब तक डेटा का ठीक से पता नहीं लगाया जाता है तब तक यह स्पष्ट रूप से कानूनी है,” उन्होंने रॉयटर्स को बताया।
“लेकिन ईमानदार होने के लिए, ऑस्ट्रिया में आपको बस खिड़की से बाहर देखना होगा ताकि लोग घर में रहें।”
© थॉमसन रॉयटर्स 2020
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chaitanyabharatnews · 4 years
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फेसबुक-ट्वीटर-गूगल ने इमरान खान को चिट्ठी लिखकर दी पाकिस्तान छोड़ने धमकी, जानें वजह
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चैतन्य भारत न्यूज इस्लामाबाद. सोशल मीडिया के बड़े प्लैटफॉर्म्स फेसबुक, ट्वीटर और गूगल समेत कई बड़ी कंपनियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन कंपनियों ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में अपनी सेवाएं बंद कर देने की भी धमकी दी है। सरकारी न्यूज एजेंसी न्यूज इंटरनेशनल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में सोशल मीडिया के लिए लागू नए कानून के कारण इन्हें सर्विस को जारी रखना मुश्किल हो रहा है। इसी के चलते पाकिस्तान के डिजिटल सेंसरशिप कानून को लेकर इन कंपनियों ने पाकिस्तानी सरकार को चेतावनी दी है। एशिया इंटरनेट कोलिशन (AIC) द्वारा इमरान खान सरकार को चिट्ठी लिखकर इस कानून में बदलाव करने की अपील की गई है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो इन्होंने सेवा बंद करने की धमकी दी है। क्या है पाकिस्तान का डिजिटल सेंसरशिप कानून? जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में जो डिजिटल सेंसरशिप कानून बनाया गया है उसमें आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर कोई स्पष्ट पैमाना तय नहीं किया गया है। ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ अपील भी की जा सकती है। अपील करने के 24 घंटों के भीतर इन कंपनियों को ऐसा कंटेंट हटाना होगा। इमरजेंसी में यह समय सीमा सिर्फ 6 घंटे की होगी। इसके अलावा आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत जो भी करेगा, उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। 50 करोड़ जुर्माना लगेगा इसके अलावा नए कानून में यह भी प्रावधान है कि इन कंपनियों को इस्लामाबाद में अपना स्थायी ऑफिस खोलना होगा, पाकिस्तान में ही डेटा सेंटर भी बनाना होगा। इतना ही नहीं बल्कि कानून के तहत यदि कोई पाकिस्तानी नागरिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सरकार और इंस्टिट्युशन को टार्गेट करने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कंपनी को 15 दिनों के भीतर ऐसा कंटेंट अपने प्लेटफॉर्म से हटाना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी सेवा बंद की जा सकती है या सरकार उसपर 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाएगी। कंपनी को साझा करनी होगी यूजर की जानकारी पाकिस्तान अथॉरिटी को भी यह अधिकार होगा कि वह शक के आधार पर किसी भी अकाउंट का डाटा एक्सेस कर सकता है। इसके अलावा डिजिटल सेंसरशिप कानून के मुताबिक, आतंकवाद, अभद्र भाषा, मानहानि, फेक न्यूज, हिंसा के लिए उकसाने और राष्ट्रीय स���रक्षा के मुद्दों पर कंपनियों को नेशनल कॉर्डिनेटर के निर्देश भी मानने होंगे। साथ ही कंपनी को अपने सब्सक्राइबर, ट्रैफिक, कंटेंट और अकाउंट से जुड़ी जानकारी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करनी होगी। AIC ने दिया यह तर्क AIC ने इस कानून को लेकर कहा है कि, 'वह यूजर्स के डेटा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता है। यह उनकी प्राइवेसी और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के खिलाफ होगा।' साथ ही इन कंपनियों का कहना है कि, 'उन्हें रेग्युलेशन को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं है। ऑनलाइन कंटेट के लिए पाकिस्तान में पहले से ही कई कड़े रेग्युलेशन हैं, लेकिन अब तक सरकार ने प्राइवेसी से जुड़ी शिकायतों को लेकर सरकार की तरफ से कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं।' 7 करोड़ यूजर्स की गोपनीयता का उल्लंघन कंपनियों ने आगे यह भी लिखा है कि, 'ये नियम अस्पष्ट और मनमाने हैं। ये पाकिस्तान के 7 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। इन पर फिर से चर्चा नहीं हुई तो पाकिस्तान से कारोबार समेटने पर विचार करना पड़ेगा।' इन्हीं कारणों से कंपनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को चिट्ठी लिखी है। खैर अब अब देखना तो यह दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। ये भी पढ़े... गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान के पार्लियामेंट लॉज में खुलेगा ब्यूटी पार्लर, महिला सांसदों ने की मांग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली लड़की के पिता ने कहा- उसे जेल में सड़ाओ दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली पाकिस्तानी फिल्म बनी द डंकी किंग, इमरान खान से जोड़ी जा रही कहानी   Read the full article
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todaysmasala · 4 years
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गैजेट डेस्क. वॉट्सऐप के जरिये पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी का सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ के साथ भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने शुक्रवार को यह बात कही। गोपनीयता की शर्त पर सूत्र ने कहा कि मई में साइबर अटैक हुआ था, लेकिन उसके बाद सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में वॉट्सऐप ने इसका खुलासा नहीं किया। वॉट्सऐप के ग्लोबल हेड विल कैथकार्ट जुलाई में और फेसबुक के वाइस प्रेसीडेंट निक क्लैग सितंबर में अधिकारियों से मिले थे। सूत्र ने खुलासे की टाइमिंग पर सवाल उठाया है। सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने से जुड़े नियमों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन महीने में रिपोर्ट मांग रखी है। सूत्र ने आशंका जताई कि खुलासे के पीछे सरकार को जवाबदेही के नियम तैयार करने से रोकना तो नहीं है। सूत्र ने कहा कि सरकार वॉट्सऐप से मैसेज भेजने वालों को ट्रेस करने की सुविधा की मांग जारी रखेगा। वॉट्सऐप निजता का हवाला देकर इससे इनकार कर रहा है। जासूसी प्रकरण पर कंपनी का जवाब मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी। अभी यह साफ नहीं है कि एनएसओ ने भारत में अपना सॉफ्टवेयर किसे बेचा था। यह भी नहीं पता है कि पत्रकारों और एक्टिविस्ट को किसके कहने पर निशाना बनाया गया। वॉट्सऐप ने कहा- सख्त कदम उठाए हैं वॉट्सऐप ने कहा है कि उसने भारत सरकार की via bitly http://bit.ly/2r5YG62
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lok-shakti · 3 years
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संदेशों का पता लगाने से निजता का उल्लंघन होगा, बोलने की आजादी: WhatsApp
संदेशों का पता लगाने से निजता का उल्लंघन होगा, बोलने की आजादी: WhatsApp
सुप्रीम कोर्ट के गोपनीयता के अधिकार को लागू करते हुए, फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने नए आईटी नियम 2021 में ट्रैसेबिलिटी प्रावधान को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें कहा गया है कि “यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ता है … और अभेद्य रूप से उल्लंघन करता है। गोपनीयता और बोलने की स्वतंत्रता के उपयोगकर्ताओं के मौलिक अधिकारों पर”। नए नियमों का…
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supremenewstv-blog · 5 years
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फेसबुक ने तोड़े नियम, बनाए जाने चाहिए नियम: सांसदों
फेसबुक ने तोड़े नियम, बनाए जाने चाहिए नियम: सांसदों
लंदन : कानूनविदों ने कहा कि फेसबुक ने जानबूझकर डेटा गोपनीयता और प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन किया और अन्य बड़ी टेक कंपनियों के साथ मिलकर लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक नए नियामक के अधीन होना चाहिए।
संसद की डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल समिति ने कहा कि फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने जो कहा, उसके लिए एक लानतजनक रिपोर्ट में कहा गया है कि संसद की डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और…
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abhay121996-blog · 3 years
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व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया Divya Sandesh
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व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया
नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की। व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि कंपनी ने हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जबकि नए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस् थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है। व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता क��� अधिकार को कमजोर करेगा। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में लगातार नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन अनिवार्यताओं का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। इस बीच, हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।’’ नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है और इसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है। फेसबुक के पास फोटो साझा करने का मंच इंस्टाग्राम भी है। हालांकि, फेसबुक और गूगल दोनों ने मंगलवार तक अनुपालन के नए स्तर को पूरा करने के बारे में चीजें स्पष्ट नहीं की।
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abhay121996-blog · 3 years
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व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया: सूत्र Divya Sandesh
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व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया: सूत्र
नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) व्हाट्सऐप ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर सरकार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जबकि नए आईटी नियमों के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है। सूत्रों के अनुसार व्हाट्सऐप ने हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके तहत उसके ऐप के जरिए भेजे गए संदेश की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना जरूरी होगा। संपर्क करने पर व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में लगातार नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन अनिवार्यताओं का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। इस बीच, हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।’’ नये सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नये नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है और इसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है। फेसबुक के पास फोटो साझा करने का मंच इंस्टाग्राम भी है। हालांकि, फेसबुक और गूगल दोनों ने मंगलवार तक अनुपालन के नए स्तर को पूरा करने के बारे में चीजें स्पष्ट नहीं की।
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